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Patna High Court : बिहार में दावा प्राधिकरण से तय हुए वाहन दुर्घटना के मुआवजे राशि का सौ फीसदी और त्वरित भुगतान हेतु आवश्यक नियमावली बनाने के लिए दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई की

जस्टिस राजन गुप्ता की खण्डपीठ ने आईसीआईसीआई लोंबार्ड इंश्योरेंस कम्पनी की लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए एमिकस क्यूरी मृगांक मौली को इस मामलें में सुझाव देने का निर्देश दिया।

याचिकाकर्ता कंपनी ने मद्रास व राजस्थान हाई कोर्ट के फैसलों का उदाहरण पेश करते हुए कोर्ट को बताया कि इन दोनों राज्यों में दावा प्राधिकरण से तय हुए मुआवजा राशि का त्वरित भुगतान , इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से करने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश जारी किया गया है ।

इसी तरह से बिहार में भी राशि का भुगतान आरटीजीएस व एनईएफटी माध्यम के जरिये भुगतान हेतु आवश्यक दिशा निर्देश जारी किया जा सकता है ।

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याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दुर्गेश कुमार सिंह ने कोर्ट को बताया कि मोटर वाहन अधिनियम के तहत कानूनी राशि जो कोर्ट में बीमा कम्पनी या भुगतानकर्ता को करनी होती है ,उसे भी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भुगतान करने का प्रावधान हो ।

दावा प्राधिकरण से तय हुए अवार्ड की राशि के भुगतान में 3 से 4 साल लग जाते हैं और बिचौलियों के कारण मुआवजे का बड़ा हिस्सा कट जाता है ।

इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भुगतान होने पर बिचौलियों की कोई समस्या अपने आप सुलझ जाएगी और राशि भी पीड़ित परिवार को त्वरित गति से मिल जाएगी । इस मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व हाईकोर्ट प्रशासन को अगली सुनवाई में जवाब दायर करने को कहा।इस मामलें पर आगे सुनवाई की जाएगी।

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