पटना हाइकोर्ट ने सीतामढी ज़िला के आर्थिक रूप से कमज़ोर और शारीरिक रूप से अपंग लड़कियों के ईलाज किए जाने के मामलें पर सुनवाई की। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने बताया कि एम्स,पटना में इनके ईलाज के लिए आवश्यक धनराशि निर्गत करने की कार्रवाई हो रही है।
एम्स,पटना के अधिवक्ता विनय कुमार पाण्डेय ने बताया कि अस्थि रोग से ग्रस्त लड़कियों का ईलाज पटना के एम्स अस्पताल में हो जाएगा।ईलाज हेतु राज्य सरकार द्वारा आवश्यक धनराशि निर्गत होने के बाद अगले सप्ताह से इन अस्थि रोग से ग्रस्त लड़कियों का अगले सप्ताह शुरू हो जाएगा।
उन्होंने बताया कि एक दृष्टिहीन लड़की के ईलाज की व्यवस्था एम्स,दिल्ली में करनी होगी।कोर्ट ने उनसे उस लड़की के आँखों के ईलाज की व्यवस्था दिल्ली के एम्स में किये जाने का निर्देश दिया।
साथ ही आर्थिक रूप से कमज़ोर,पर अच्छी छात्रा को सीतामढी के कस्तुरबा गांधी आवासीय विद्यालय में प्रवेश दिया गया है।उस लड़की के शिक्षा पर आने वाला खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
इस मामलें की सुनवाई चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने स्वयं संज्ञान लेते हुए इन दिव्यांग लड़कियों की अपंगता की जांच के लिए एम्स,पटना को भेजा था।
गौरतलब है कि सीतामढी के ज़िला व सत्र न्यायाधीश ने इनके सम्बन्ध में पटना हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पत्र लिखा था।इसमें ये बताया गया कि दो लड़कियों को हड्डी रोग की समस्या है,जबकि एक लड़की नेत्र की समस्या से ग्रस्त है।इनके आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण इनके माता पिता इनका ईलाज नही करवा पा रहे थे।
इनके ईलाज में अस्पताल और ईलाज का खर्च काफी होता है, जो कि इनके वश में नहीं था।कोर्ट ने इनके ईलाज के क्रम में जांच के लिए पटना के एम्स अस्पताल भेजा।एम्स के अधिवक्ता विनय कुमार पाण्डेय ने कोर्ट को बताया था कि एम्स अस्पताल में जांच का कार्य हो गया है।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने एम्स अस्पताल, पटना व राज्य सरकार समाज कल्याण विभाग को पार्टी बनाने का आदेश दिया था।
इस मामलें पर 16 फरवरी,2023 को फिर सुनवाई होगी।