पटना हाईकोर्ट ने राज्य के पटना स्थित जय प्रकाश नारायण एयरपोर्ट,पटना समेत राज्य के अन्य एयरपोर्ट के मामले पर सुनवाई की।चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने गौरव कुमार सिंह व अन्य द्वारा दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को विभिन्न एयरपोर्ट के विस्तार,विकास व भूमि अधिग्रहण के सम्बन्ध में की जा रही कार्रवाई का ब्यौरा देने का निर्देश दिया।
कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी राज्य में एयरपोर्ट के लिए किये जा रहे सर्वे का पूरा ब्यौरा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
इससे पहले की सुनवाई में पटना के जयप्रकाश नारायण एयरपोर्ट के निर्देशक कोर्ट में उपस्थित हो कर पटना और राज्य के अन्य एयरपोर्ट की स्थिति के सम्बन्ध में ब्यौरा पेश किया था।
उन्होंने पटना एयरपोर्ट की समस्याओं को बताते हुए कहा कि हवाई जहाज लैंडिंग की काफी समस्या है।सामान्य रूप से रनवे की लम्बाई नौ हज़ार फीट होती हैं, जो कि पूर्णिया व दरभंगा में उपलब्ध है,जबकि पटना में रनवे की लम्बाई 68 सौ फीट हैं।
उन्होंने बताया कि एक ओर रेलवे लाइन है और दूसरी ओर सचिवालय हैं।उन्होंने कोर्ट को बताया था कि रन वे की लम्बाई बढ़ाने के लिए सर्वे शुरू होगा।कोर्ट ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता को यह जानकारी देने को कहा है कि बिहार के सटे राज्य झारखंड,बंगाल,उत्तर प्रदेश,ओडिशा,उत्तर पूर्व के राज्यों में कितने एयरपोर्ट हैं।
कोर्ट को राज्य के गया,पूर्णियां और अन्य एयरपोर्ट के विस्तार,विकास और भूमि अधिग्रहण से सम्बंधित समस्यायों के बारे में बताया गया
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य के एडवोकेट जनरल से कहा था कि गया एयरपोर्ट के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए 268 करोड़ रुपए कोर्ट में जमा करा दे।सुप्रीम कोर्ट के अंतिम निर्णय के बाद उसका निबटारा होगा।
एडवोकेट जनरल ने कोर्ट को बताया कि इसके लिए राज्य सरकार से निर्देश की आवश्यकता होगी।अधिवक्ता अर्चना शाही ने कोर्ट को बताया था कि सम्बंधित केंद्रीय मंत्री ने राज्य सभा में बताया कि पटना एयरपोर्ट के विस्तार और विकास के 1260 करोड़ रुपए की राशि निर्गत किया गया।
लेकिन अर्चना शाही ने बताया कि अब तक इस धनराशि का 32% खर्च किया गया है।
राज्य में पटना के जयप्रकाश नारायण अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के अलावा गया, मुजफ्फरपुर,दरभंगा,भागलपुर,फारबिसगंज , मुंगेर और रक्सौल एयरपोर्ट हैं।लेकिन इन एयरपोर्ट पर बहुत सारी आधुनिक सुविधाओं के अभाव व सुरक्षा की भी समस्या हैं।
इस मामलें पर कोर्ट में अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद की जाएगी।