पटना हाइकोर्ट ने वैध प्रमाण पत्र नहीं होने के बावजूद बिहार स्टेट फार्मेसी कॉउन्सिल के सदस्य के लिए चुनाव हेतु वोटर लिस्ट में नाम शामिल किए जाने के मामलें पर सुनवाई की। इसकी जांच करवाने को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाई कोर्ट ने राज्य सरकार व फार्मेसी कॉउंसिल से जवाब तलब किया है।
चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुबोध कुमार की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश पारित किया। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सुरेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि कुछ मामले में तो फार्मासिस्ट के तौर पर निबंधन भी रद्द होता है।
इसकी वजह से फार्मेसी के हजारों विद्यार्थी वोट के अधिकार से वंचित रह जाते हैं।इस मामलें पर चार सप्ताह बाद सुनवाई की जाएगी।