जस्टिस अश्वनी कुमार सिंह की खंडपीठ ने नागरिक अधिकार मंच की जनहित याचिका पर सुनवाई की।इस जनहित याचिका पर निर्णय 28 जुलाई,2022 को दिया जाएगा।
आज राज्य सरकार की ओर से सीटी स्कैन और एम आर आई मशीन सभी मेडिकल कालेजों में लगाने के लिए पाँच महीने का समय माँगा जा रहा था।पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को बताने को कहा कि ये मशीन कब तक लग कर चालू होगा।
कोर्ट ने राज्य सरकार से जानना चाहा था कि आम जनता को सरकारी अस्पताल में इस तरह की जांच कम पैसे में होती है,जबकि निजी अस्पतालों में काफी पैसा खर्च करना होता हैं, तो अब तक सरकार ने इन्हें क्यों नहीं लगाया।
ये जनहित याचिका 2015 में दायर की गई थी।इन वर्षो में कोर्ट ने राज्य सरकार को सरकारी मेडिकल कालेजों में इन मशीनों को लगाने व चालू करने के कई आदेश दिया।लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।इसका नतीजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा हैं।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि कोर्ट के बार बार आदेश करने के बाद भी सीटी स्कैन और एम आर आई मशीन इन अस्पतालों में अब तक नही लगाया गया है।इससे आमलोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड रहा है।
उन्होंने बताया कि जहाँ सरकारी अस्पताल में इन जांचो में काफी कम खर्च होता हैं,वहीं निजी अस्पतालों में आमलोगों को काफी खर्च करना पडता हैं।इससे उन्हें काफी आर्थिक कठिनाई का सामना करना पड़ता हैं।
इस जनहित याचिका पर 28 जुलाई,2022 को कोर्ट निर्णय सुनाएगा।