जस्टिस अश्वनी कुमार सिंह तथा जस्टिस हरीश कुमार की खंडपीठ ने सभी पक्षों को सुनने के बाद ये आदेश को पारित किया।
पूर्व विधायक की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वकील संजीव सहगल ने बहस करते हुए कोर्ट को बताया था कि रेप की घटना के कई दिन बाद प्राथमिकी दर्ज की गई। उनका कहना था कि एक साजिश के तहत विधायक को इस केस में अभियुक्त बनाया गया।
वही जमानत अर्जी का विरोध करते हुए स्पेशल पीपी श्यामेश्वर दयाल ने कोर्ट को बताया था कि निचली अदालत ने सभी पहलू पर विचार कर अभियुक्त को दोषी करार दिया। उनका कहना था कि मेडिकल में रेप की पुष्टि हुई है। कई गवाह ने घटना के पक्ष में गवाही दी है।