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पटना हाईकोर्ट ने एक 26 वर्षीय कनाडा की महिला नागरिक के ग़लत तरीक़े से भारत की सीमा में प्रवेश कर जाने के मामले में उसे राहत देते हुए उसके ख़िलाफ़ दर्ज एफआईआर, संज्ञान लेने के आदेश और आरोप तय करने का आदेश रद्द कर दिया

जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने कनाडा की महिला विलियम्स रेबेका की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया ।

कनाडाई महिला पर आरोप लगाया गया था कि वह बग़ैर वीज़ा के नेपाल से लगी भारतीय सीमा में 31.03.2021 में प्रवेश कर गई थी। अप्रवास अधिकारी ने इस बात की सूचना रामगढ़वा पुलिस थाने को दी और महिला को गिरफ़्तार किया गया ।

उससे पूछ ताछ के क्रम में सामने आया कि उसके पास भारतीय वीज़ा नहीं है । उस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 447, विदेशी अधिनियम की धारा 14 बी, और आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 52 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई। उसे उसी दिन हिरासत में लिया गया था और हिरासत में 6 महीने बिताने के बाद उसे पटना हाईकोर्ट द्वारा 03.09.2021 जमानत पर रिहा कर दिया गया था।

याचिकाकर्ता द्वारा इस मामले में क्रिमिनल रिट याचिका दायर की गई थी ।

PatnaHighCourt
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याचिकाकर्ता की अधिवक्ता सृष्टि सिंह ऐवं प्रणव कुमार ने कोर्ट को बताया कि जांच एजेंसी द्वारा दायर प्राथमिकी के साथ-साथ निचली अदालत के संज्ञान लेने का आदेश एवं आरोप पत्र में त्रुटि है। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता कई गम्भीर मानसिक स्वास्थ्य समस्यायों के साथ साथ खाने के विकारों से पीड़ित है ।

इस पर हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के विरुद्ध कोई आपत्तिजनक साक्ष्य नहीं पाते हुए मामले में दर्ज एफआईआर, संज्ञान लेने के आदेश और आरोप तय करने का आदेश भी रद्द कर दिया। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार को कनाडा के दूतावास के परामर्श से याचिकाकर्ता को उसके अपने देश भेजने के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया है।

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