जस्टिस चंद्रशेखर झा ने अभियुक्तों की ज़मानत याचिका पर सुनवाई की।
गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने बिहार पुलिस के रवैये को निराशाजनक बताते हुए मामले की जाँच का ज़िम्मा सीआईडी को सौंपा था।कोर्ट ने कहा कि इस मामले की जांच एसपी स्तर के अधिकारी करेंगे। साथ ही इस मामले की निगरानी सीआईडी के एडीजी खुद करेंगे।
झंझारपुर के एडीजे ने अभियुक्तों के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई थी कि दिनांक 18.11.2021 को दोपहर के क़रीब 2 बजे उक्त दोनों पुलिस वाले उनके चेम्बर में ज़बरदस्ती घुस आए। उनके साथ मारपीट और बदसलूकी की और एएसआई अभिमन्यु शर्मा ने उन्हें लोडेड रिवॉल्वर दिखा कर जान से मारने की धमकी दी।
याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता वसंत कुमार चौधरी ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ताओं के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 341,323,506/34 ऐवं अर्म्स ऐक्ट की धारा 30 के तहत चार्जशीट दायर की गई है। इनमे सारी धाराएँ ज़मानती हैं और याचिकाकर्ता 10.12.2021 से हिरासत में हैं ।
उन्होंने कोर्ट को दर्शाया कि याचिकाकर्ताओं को जेल में बंद रखना संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन होगा । इस पर कोर्ट ने सीआईडी द्वारा दायर हलफनामे के आधार पर याचिकाकर्ताओं की ज़मानत याचिका को स्वीकृति दे दी।