जस्टिस पी बी बजनथरी की एकल पीठ ने कंचन कुमारी उर्फ कंचन देवी की ओर से दायर रिट याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया।
कोर्ट ने डीएम से जानना चाहा है कि किस अधिकारी ने निर्णय दिया कि आवेदिका का सर्टिफिकेट जाली है।क्या सर्टिफिकेट को जाली ठहराने के पूर्व आवेदिका को सुनवाई का अवसर प्रदान किया गया था?
आंगनवाड़ी सेविका की नियुक्ति के लिए आवेदिका कंचन कुमारी उर्फ कंचन देवी ने आवेदन किया था।लेकिन उसके सर्टिफिकेट को जाली बताकर उसके आवेदन को स्वीकार नहीं किया गया।
आवेदिका के वकील प्रमोद मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि उसे सुनवाई का अवसर दिए बिना ही मनमाने तरीके से सर्टिफिकेट को जाली बताकर उसकी उम्मीदवारी को अमान्य कर दिया गया जो नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत की अवहेलना है।
इस मामले पर 18 मई को फिर सुनवाई होगी।कोर्ट ने सरकारी वकील प्रशांत प्रताप को आदेश की प्रति डीएम को भेजने का निर्देश दिया है।