पटना हाईकोर्ट ने राज्य में अवैध शराब को बरामद कर नष्ट करने से हो रहे प्रदूषण और पर्यावरण पर पड रहे विपरीत प्रभाव के मामलें पर राज्य सरकार से जवाबतलब किया। जस्टिस पूर्णेंदु सिंह ने अर्जुन कुमार की नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई की।
कोर्ट ने कहा कि ऐसी कार्रवाई संविधान के अनुच्छेद 47 में निहित निर्देशों के जनादेश के खिलाफ है।इस मामलें पर ध्यान नहीं दिया गया है। कोर्ट ने कहा कि उपरोक्त तथ्य को ध्यान में रखते हुए, बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सलाहकार निकाय होने के नाते, बोर्ड के अध्यक्ष से अपेक्षा की जाती है कि वे उन क्षेत्रों का वैज्ञानिक मूल्यांकन करने के लिए सबसे पहले गंभीर कदम उठाएँ ।
राज्य के अधिकारियों द्वारा शराब को नष्ट किया जा रहा है ,उस पर ध्यान देने की जरूरत है। भारत का संविधान राज्य की जनता की सुरक्षा हेतु सभी उपाय करने का आदेश देता है।
कोर्ट ने अवैध शराब नष्ट किए जाने से पर्यावरण पर इससे पड़ने वाले इसके दुष्प्रभाव , पारिस्थितिक असंतुलन और मानव जीवन के लिए ख़तरनाक होने के संबंध में बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष को 12 अप्रैल,2022 तक रिपोर्ट दायर करने के लिए कहा है ।
कोर्ट ने यह भी कहा कि राज्य में शराब की तस्करी प्रतिबंधित है। यह केवल आपराधिक कृत्य नहीं, बल्कि इसकी तस्करी करने वाले आर्थिक अपराध के लिए उत्तरदायी हैं। इस मामले पर अगली सुनवाई 12 अप्रैल,2022 को होगी ।