जस्टिस ए एम बदर की ने इन तीनों द्वारा दायर नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया।
हाई कोर्ट ने निगरानी कोर्ट को निर्देश दिया कि इन्हें कोर्ट द्वारा निर्धारित किये गए मुचलका लेने के बाद जेल से रिहा किया जाय।कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि इन लोगों पर लगे आरोप को देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि ये लोग केवल इस अपराध की साजिश में शामिल है।



लेकिन पैसे का जो भी लेनदेन हुआ है, वह कुलपति के निर्देश पर ही हुआ है .
गौरतलब है कि राज्य की निगरानी ब्यूरो ने कुलपतिऔर रजिस्ट्रार समेत अन्य के विरुद्ध आई पी सी की धारा 120 बी (अपराध करने के लिए रची गई आपराधिक साजिश) / 420(जालसाजी) व भ्रष्टाचार निवारण एक्ट की धाराओं में केस दर्ज किया गया है।इसमे इन लोगों का भी नाम शामिल है ।