पटना हाइकोर्ट ने लखीसराय के बालिका विद्यापीठ के पूर्व सचिव स्व. कुमार शरद चन्द्र के चर्चित हत्याकांड की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया है।जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने उषा शर्मा की याचिका पर सुनवाई करने के बाद आदेश दिया।
कोर्ट ने इससे पूर्व जांच कर रही जांच एजेंसी सीआईडी को आदेश के दो सप्ताह में सारे रिकॉर्ड और कागजात सीबीआई को उपलब्ध कराने का आदेश दिया।
कोर्ट ने सीबीआई के निर्देशक को ये निर्देश दिया कि वे शीघ्र एक योग्य अधिकारी के नेतृत्व में टीम गठित कर इस मामलें की निष्पक्ष और त्वरित जांच कराए।इसकी रिपोर्ट सम्बंधित निचली अदालत को सौंपने का निर्देश दिया।
कोर्ट ने कहा कि इस हत्याकांड की जांच में पहले आठ साल का विलम्ब हो गया है।इसलिए इस मामलें की जांच त्वरित गति से किये जाने की जरूरत है।
ये घटना 2अगस्त,2014 को घटी थी, जब दो लोग कुमार शरद चन्द्र के घर में घुस कर गोली मार कर हत्या कर दी थी।उनकी पत्नी उषा शर्मा घटना के समय घर में थी।उन्होंने गोली मारने वाले को पहचान भी लिया था।
इस सम्बन्ध में लखीसराय पुलिस थाने में कांड संख्या 443/ 2014/ दर्ज कराई गई।उनकी हत्या के पीछे बालिका विद्यापीठ के संपत्ति और भूमि का विवाद था।
इस मामलें शम्भू शरण सिंह, श्याम सुंदर प्रसाद और राजेंद्र सिंघानिया को निजी प्रतिवादी बनाया गया।कुछ दिनों की जांच के बाद इस मामलें की जांच का जिम्मा सीआईडी को 2014 में सौंप दिया गया।
लेकिन सीआईडी द्वारा मामलें की जांच में कोई तत्परता नहीं दिखाई गई।2016 से 2019 तक तो केस डायरी भी नहीं लिखी गई।2014 में ये हत्या हुई थी,लेकिन दिसंबर,2022 तक इस मामलें में कोई प्रगति नहीं हुई।चूंकि इस मामलें प्रभावशाली लोग शामिल थे,इसलिए जांच में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पायी।आठ सालों में इस हत्याकांड की जांच नहीं पूरी हुई।
हाईकोर्ट ने इस मामलें को गंभीरता से लेते हुए जांच का सीबीआई को सौंपते हुए सीआईडी को दो सप्ताह के भीतर सारे रिकॉर्ड और कागजात सीबीआई को उपलब्ध कराने को कहा।इसके साथ ही कोर्ट ने इस मामलें को निष्पादित कर दिया।