पटना हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राज मार्ग 80 के निर्माण में हो रही देरी पर नाराजगी जाहिर की। चीफ जस्टिस संजय क़रोल की खंडपीठ ने इस मामलें पर सुनवाई करते हुए अधिकारियों के काम काज पर तीखी टिप्पणी की है।
कोर्ट ने कहा कि जो काम अधिकारी का हैं, वह काम कोर्ट को करना पड़ रहा है।मुंगेर से मिर्जाचौकी तक बनने वाली राष्ट्रीय राज मार्ग 80 के निर्माण में जमीन का अधिग्रहण नहीं किये जाने पर कोर्ट ने जिला भूअर्जन पदाधिकारी को जमीन अधिग्रहण का काम जल्द पूरा करने का आदेश दिया।
इस मामले पर सुनवाई के दौरान मुंगेर के डीएम तथा जिला भूअर्जन पदाधिकारी कोर्ट में उपस्थित थे।डीएम ने कोर्ट को बताया कि 2.5 किलोमीटर राज मार्ग के निर्माण के लिए करीब 80 पक्का मकान को ध्वस्त करना पड़ेगा।उनका कहना था कि अगर राज मार्ग के निर्माण के लिए थोड़ा सा एलाइमेन्ट में बदलाव किये जाने से काफी कम घरों को तोड़ना पड़ेगा।
उन्होंने कोर्ट को एक दूसरा प्रस्ताव भी दिया कि अगर पुराने राष्ट्रीय राज मार्ग को ही नये राष्ट्रीय राज मार्ग से जोड़ दिये जाने पर काफी कम घर को तोड़ना पड़ेगा।कोर्ट ने एनएचएआई के अधिकारियों के साथ बैठक कर समस्या का समाधान हल करने का निर्देश दिया।
वही अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार ने कोर्ट को बताया कि मुंगेर जिला में नियमित भूअर्जन पदाधिकारी के नहीं रहने से राष्ट्रीय राज मार्ग के निर्माण में बाधा उत्पन्न हो रही हैं।इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार को कार्रवाई करने का आदेश दिया।साथ ही मामलें पर अगली सुनवाई की तारीख 2 फरवरी,2023 निर्धारित की है।