पटना हाईकोर्ट ने राज्य में नारको टेस्ट की व्यवस्था नहीं रहने पर नाराजगी जाहिर की।जस्टिस संजीव कुमार शर्मा ने एक आपराधिक मामलें पर सुनवाई करते हुए राज्य के मुख्य सचिव से जवाबतलब किया है।कोर्ट ने उनसे जानना चाहा है आखिर किस कारण से बिहार जैसे राज्य में यह व्यवस्था नहीं है।
कोर्ट ने इसके पहले एफएसएल को यह निर्देश दिया था कि इस मामले के अपराधी की नारको टेस्ट कर उसका रिपोर्ट कोर्ट को दिया जाए। एफएसएल के डायरेक्टर की ओर से कोर्ट को बताया गया कि बिहार में नारको टेस्ट करने की कोई व्यवस्था नहीं है।
उनके द्वारा यह भी बताया गया कि नारको टेस्ट करने के लिए अलग से जो व्यवस्था और पदाधिकारियों की नियुक्ति करनी हैं, उसके लिए राज्य के मुख्य सचिव और गृह विभाग को पहले ही उनके द्वारा लिखा जा चुका है।
लेकिन अभी तक इस मामले में न तो किसी पदाधिकारी की नियुक्ति की गई है और ना ही नारको टेस्ट करने की व्यवस्था ही बिहार में की गई है । इसी मामले पर नाराजगी जाहिर करते हुए पटना हाईकोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव से 2 सप्ताह में जवाब तलब किया है.
कोर्ट ने अपर लोक अभियोजक झारखंडी उपाध्याय को कहा कि वह इस आदेश की जानकारी राज्य के मुख्य सचिव को दें, ताकि उनके द्वारा इस मामले में 2 सप्ताह के अंदर कोर्ट में जवाब दाखिल किया जा सके । इस मामले पर 2 सप्ताह के बाद सुनवाई फिर की जाएगी।