चीफ जस्टिस संजय करोल व जस्टिस एस. कुमार की खण्डपीठ ने बिहार आदिवासी अधिकार फोरम की ओर से दायर लोकहित याचिका को सुनते हुए यह निर्देशदिया।
राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता प्रशांत प्रताप ने कोर्ट को बताया कि टीआरआई (ट्राइबल रिसर्च इंस्टीट्यूट)की स्थापना के संबंध में बिहार के मुख्य सचिव द्वारा गहन जांच की गई। टीआरआई की स्थापना के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने के लिए सहमति दे दी गई हैं।
उन्होंने बताया कि जल्द ही बिहार में टीआरआई स्थापित करने का प्रस्ताव भारत सरकार के समक्ष रखा जाएगा, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।
केंद्र सरकार की ओर से वरीय अधिवक्ता के एन सिंह ने कोर्ट को बताया कि यदि राज्य प्रस्ताव भेजेगा, तो केंद्र सरकार उस पर तेजी से कार्रवाई करेगी।जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने बताया कि आदिवासी संस्कृति की विशिष्टता को संरक्षित करने हेतु 19 राज्यों में टीआरआई क्रियाशील है ।
इस मामलें पर अगली सुनवाई 28 जून, 2022 को की जाएगी।