इंदिरा गांधी से प्रभावित नोबेल विजेता गेब्रियल गार्सिया मार्केज ने अपनी बेटी का नाम इंदिरा रखा था
यूके स्थित समाचार पत्र ‘द टाइम्स’ ने बुधवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया है कि कोलंबिया में जन्मे नोबेल पुरस्कार विजेता गेब्रियल गार्सिया मार्केज के 1990 के दशक में मैक्सिकन लेखक सुज़ाना काटो के साथ विवाहेतर संबंध थे और उनकी एक बेटी भी थी, जिसका नाम उन्होंने भारत के पूर्व भारतीय प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के नाम पर ‘इंदिरा’ रखा था.
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्केज़, जो ‘वन हंड्रेड इयर्स ऑफ सॉलिट्यूड’ और ‘लव इन द टाइम ऑफ कॉलरा’ जैसे सबसे ज्यादा बिकने वाले उपन्यासों के लिए जाने जाते हैं, इंदिरा गांधी के बड़े प्रशंसक थे और जब उन्हें 1982 में साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था तो प्रधानमंत्री गांधी उन्हें बधाई देने वाली पहली शख्स थीं.
उन्होंने सुज़ाना काटो, जो उनसे 33 साल छोटी थीं, के साथ दो फिल्मों की पटकथा (स्क्रिप्ट) पर काम किया था. उनकी बेटी इंदिरा काटो, जो अब 30 वर्ष की हो चुकी है, अपनी मां के उपनाम के साथ अपना जीवन जी रही है और वह मेक्सिको सिटी में एक वृत्तचित्र (डाक्यूमेंट्री) निर्माता है. उसने 2014 में मैक्सिको से गुजरने वाले प्रवासियों पर बनाई गई अपनी एक वृत्तचित्र के लिए कई पुरस्कार जीते हैं.
‘इंदिरा काटो’ का नाम रखे जाने के पीछे के आशय से जुडी ‘द टाइम्स’ की यह खबर इस दिवंगत लेखक के लंबे समय से गुप्त रहे व्यक्तिगत संबंध का खुलासा होने के दो दिन बाद आई है. कोलंबियाई समाचार पत्र ‘एल यूनिवर्सल’ रविवार को इस खबर को प्रकाशित करने वाला पहला समाचार पत्र था. इसके बाद अमेरिकी संवाद एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस ने मार्केज़ के दो रिश्तेदारों से बात कर इसकी पुष्टि की.
ये रहस्योदघाटन उनके निधन के तक़रीबन आठ साल बाद हुआ है.
‘द टाइम्स’ की रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘इंदिरा काटो’ के जन्म के समय गेब्रियल गार्सिया मार्केज़ अपनी पत्नी मर्सिडीज बरचा के साथ एक ‘खुशहाल’ शादी में रह रहे थे और पांच दशक से अधिक समय तक चले उनके विवाह से उन्हें दो बच्चे भी थे.
एपी की रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘एल यूनिवर्सल’ द्वारा उद्धृत मार्केज़ के परिवार के सदस्यों ने का कहना है कि इस लेखक के गुप्त संबंधों के बारे में पहले उन्होंने बरचा – जिनकी अगस्त 2020 में मृत्यु हो गई थी – के ‘सम्मान’ की वजह से कोई बात नहीं की थी.
एपी वाली रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि इस कोलंबियाई लेखक के भतीजों में से एक, गेब्रियल एलिगियो टोरेस गार्सिया, जो सोशल मीडिया के माध्यम से इंदिरा काटो के संपर्क में बने रहते हैं, ने कहा कि सुज़ाना भी अपनी बेटी की वंशावली (विरासत) के बारे में चुप रहती थी, ताकि उसे गैरजरूरी सुर्खियों से दूर रखा जा सके.