पटना । पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने के आदती और पूरी औपनिवेशिक अकड़ से काम करने वाले आइएएस केके पाठक ने अब तक दर्जनों मंत्रियों, विधायकों और अफसरों का अपमान किया, फिर भी मुख्यमंत्री उन्हें संरक्षण देकर कार्यपालिका का मनोबल गिरा रहे हैं।
- पत्रकार को पीटा, दर्जनों मंत्रियों को अपमानित किया, फिर भी सीएम के कृपापात्र रहे पाठक
- बिना निलम्बित किये प्रशासनिक जांच सिर्फ दिखावा
श्री मोदी ने कहा कि केके पाठक के डिप्टी कलक्टर स्तर के अधिकारी से गाली-गलौज की भाषा में बात करने का वीडियो वायरल होने के बाद उन्हें तुरंत निलम्बित किया जाना चाहिए। केवल खेद व्यक्त करना काफी नहीं है।
उन्होंने कहा कि पाठक ऐसे अफसर हैं, जिन्हें नियम-कानून से कोई मतलब नहीं। उनके शब्द ही कानून हैं । वे दर्जनों लोगों पर मानहानि का मुकदमा ठोक चुके हैं।
श्री मोदी ने कहा कि पाठक खुद को जनता का सेवक नहीं, बल्कि अंग्रेज़ों के जमाने का कठोर शासक समझते हुए काम करते हैं।
उन्होंने कहा कि जो अफसर एक पत्रकार को अपने चैम्बर में बुलाकर पीट चुका हो और जिसके उद्योग विभाग का वरिष्ठ अधिकारी रहते उद्योग संगठनों को सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करना पड़ा हो, उसके मानसिक स्वास्थ्य की जांच करायी जानी चाहिए।
श्री मोदी ने कहा कि केके पाठक को निलम्बित किये बिना उनके विरुद्ध कोई भी प्रशासनिक जांच निष्पक्ष नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति मुख्यमंत्री को प्रिय है और जो मुख्यसचिव की भी नहीं सुनता हो, उसके खिलाफ जांच कौन कर सकता है?