पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री बनने का सपना देखने वाले और विपक्षी एकता के बड़बोले दावे करने वाले नीतीश कुमार अपनी पार्टी (जदयू) को राष्ट्रीय दल का दर्जा भी भी नहीं दिला सके।
- नीतीश नहीं दिला सके पार्टी को राष्ट्रीय दर्जा, सपना पीएम बनने का
- लोजपा (रामविलास) का प्रदर्शन बेहतर, 8 फीसद वोट के साथ जीतीं दो सीटें
- टीएमसी, एनसीपी, बसपा और आप राष्ट्रीय दल, जदयू को कौन पूछेगा?
श्री मोदी ने कहा कि पिछले दिनों नीतीश कुमार नगालैंड गए थे और ललन सिंह ने विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत लगा थी, फिर भी जदयू मुश्किल से एक सीट जीत पाया और उसका वोट भी घट कर मात्र 3.25 फीसद रह गया।
उन्होंने कहा कि नगालैंड में जदयू से बेहतर प्रदर्शन लोजपा (रामविलास) का रहा। उसने दो सीटें जीतीं, 8.6 फीसद वोट हासिल किये और आठ सीटों पर यह पार्टी दूसरे स्थान पर रही। वहाँ राजद और कांग्रेस का खाता नहीं खुला। लोजपा (रामविलास) को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाएगा।
श्री मोदी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त है। ये दोनों नेता अपने बल पर मुख्यमंत्री बनते रहे।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार न कभी अपने बल पर मुख्यमंत्री बने, न इनकी पार्टी राष्ट्रीय दर्जा पा सकी।
श्री मोदी ने कहा कि बिहार-केंद्रित जदयू को किसी दूसरे हिंदीभाषी प्रदेश में नहीं, बल्कि अरुणाचल और मेघालय जैसे प्रदेश में राज्य पार्टी का दर्जा मिला है। इन उत्तर-पूर्वी राज्यों में बिहार के लोग नाम-मात्र के हैं।
उन्होंने कहा कि जब शरद पवार, ममता बनर्जी, मायावती और केजरीवाल की पार्टी को राष्ट्रीय दर्जा प्राप्त है, तब विपक्षी एकता के लिए नीतीश कुमार और उनकी राज्य-स्तरीय पार्टी को कोई क्यों महत्व देगा?
श्री मोदी ने कहा तीन उत्तर-पूर्वी राज्यों के चुनाव परिणामों ने जहाँ प्रधानमंत्री मोदी का करिश्मा कायम रखा, वहीं जदयू के महत्वाकांक्षी सपने तोड़ दिये।