लखीमपुर खीरी घटना को नरसंघार मानते हुए भाकपा माओवादियों ने 17 अक्तूबर को बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में बंद का ऐलान किया है इसको देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने नक्सली प्रभावित 11 जिलों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है ।
बंदी को लेकर माओवादियों ने गया औरंगाबाद ,जमुई ,बांका जैसे जिलों में पोस्टर लगाया है जिसमें लिखा है कि आंदोलनरत किसानों पर वाहन दौड़ा देना नरसंहार की श्रेणी में आता है। इस नरसंहार में मारे गए किसानों के प्रति सरकार संवेदनहीन बनी हुई है। मुआवजे के अलावा सरकारी नौकरी देने की घोषणा की गई, पर अब तक नौकरी मुहैया नहीं कराई गई है।
माओवादी के बंद को देखते हु नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात अर्धसैनिक बल के जवानों को विशेष तौर पर बंदी से निपटने का निर्देश जारी किया गया है साथ ही जिन जिन जिलों में एएसपी अभियान की तैनाती है उन्हें आज से ही विशेष ऑपरेशन चलाने का निर्देश केंद्रीय गृह मंत्रालय दिया जारी किया गया है साथ ही बिहार पुलिस मुख्यालय ने आईजी ऑपरेशन को निर्देश दिया है कि एसटीएफ को नक्सल प्रभावित जिलों में मूवमेंट तेज कर दे वही दूसरी और पंचायत चुनाव के बहिष्कार को लेकर माओवादियों ने जो आदेश जारी किया है उसको देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग और पुलिस मुख्यालय के बीच जल्द ही बैठक होने वाली है जिसमें नक्सल प्रभावित जिलों में कैसे शांतिपूर्वक चुनाव सम्पन्न हो सके इस पर लाइन ऑफ एक्शन तैयार किया जायेगा ।
माओवादियों का मानना है- ‘पंचायत चुनाव से जात-पात, भाई-भतीजावाद, गोतिया व परिवार के बीच वैमनस्य और भी गहरा होता है और वह खूनी संघर्ष का रूप ले लेता है। साथ ही राजनीतिक हिंसा भी बढ़ती है।’