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वेतन के लिए शिक्षक पिता अनशन पर , बेटी ने विद्यालय जांच के दौरान डीपीओ को दिखाया चप्पल, लापरवाही और गङबङी के कारण 65 महीने से बंद है वेतन

सुपौल में व्हाट्स एप के विभिन्न ग्रुपों में सुबह से ही एक वायरल वीडियों ने सबको चौंका दिया है .जिसमें एक लङकी स्कूल में जांच कर रहे शिक्षा विभाग के डीपीओ को चप्पल दिखाते हुए पहले वेतन देने फिर विद्यालय की जांच करने को कह रही है .

मामला छातापुर ते प्राथमिक विद्यालय कटही शर्मा टोला से जुङा है .जहां शिक्षा विभाग के डीपीओ राहुल चंद्र चौधरी विद्यालय में शिक्षक रमेश कुमार रमण के वेतन भुगतान करने को लेकर विभिन्न अभिलेख की जांच करने पहुँचे थे .इसी बीच एक लङकी विद्यालय में घुस कर वीडियो बनाते हुए उन्हे चप्पल दिखा कर पहले शिक्षक रमेश कुमार रमण को वेतन देने की मांग करने लगी .इस दौरान डीपीओ ने संयम का परिचय देते हुए किसी तरह वहां से निकले .

दरअसल जिस लङकी का वीडियो वायरल हो रहा है वो शिक्षक रमेश कुमार रमण की पुत्री बतायी जाती है .इधर शिक्षक रमेश कुमार रमण 65 माह से वेतन नही मिलने के कारण सुपौल बिजली विभाग कार्यालय के पास 4 दिनों से आमरण अनशन पर है . जिसमें उनके साथ नगर प्रारंभिक शिक्षक संध के अन्य शिक्षक भी 16 माह से वेतन नही मिलने के कारण उनके ही साथ अनशन पर बैठे है.

इधर आमरण अनशन से दवाब में आये शिक्षा विभाग ने वेतन प्रक्रिया के दौरान जब विद्यालय में अभिलेख की जांच करने पहुँचे तो डीपीओ स्थापना के साथ ये वाकया सामने आया है .इधर शिक्षा विभाग का कहना है कि 2017 में शिक्षक रमेश कुमार रमण कटही शर्मा टोला विद्यालय के प्रभारी एचएम थे .उस वक्त उनके द्वारा पोशाक एवं छात्रवृति राशि का वितरण नही करने पर ग्रामीणों ने सङक जाम कर प्रदर्शन किया था .जिसके बाद शिक्षा विभाग ने उनका डिप्टेशन दुसरे विद्यालय में कर दिया गया .

इस बीच जब 65 माह से वेतन नही मिलने पर शिक्षक अपने अन्य साथियों के साथ आमऱण अनशन पर बैठे तो शिक्षा विभाग ने 3 सदस्यीय टीम गठित कर मामलें की जांच शुरु की तो साल 2017-2018 का शिक्षक का उपस्थिति पंजी विभाग को मिला ही नही . इतना ही विद्यालय में अनशनकारी शिक्षक रमेश कुमार रमण के कार्यकाल के दौरान का रोकङ पंजी भी उपलब्ध नही था .

वही जिस जगह पर प्रतिनियोजन किया गया वहां भी उनकी उपस्थिति के कोई साक्ष्य शिक्षा विभाग की जांच टीम को नही मिला . इधर लङकी द्वारा चप्पल दिखाने के मामलें ने शिक्षक के वेतन भुगतान प्रक्रिया को और पेचिंदा बना दिया है .

UPSC 2021 का परिणाम हुआ जारी बिहार के छात्रों ने एक बार फिर लहराया परचम

संघ लोक सेवा आयोग #UPSC2021 का रिजल्ट जारी होने के साथ ही बिहार के अलग अलग हिस्सों से छात्रों के सफल होने की खबर भी आनी शुरु हो गयी है गया।

सबसे बेहतर परिणाम मोतिहारी के पताही प्रखंड स्थित नारायणपुर गांव निवासी शुभंकर प्रत्यूष पाठक का रहा है जिसका रैंक 11 है। उनके पिता आरके पाठक भारत सरकार में तकनीकी विकास बोर्ड में सचिव हैं। उन्‍होंने IIT धनबाद से बीटेक किया है। वहीं, मुंगेर की अंशु प्रिया यादव को 16वीं रैंक मिला है। उनके पिता शैलेंद्र कुमार यादव सरकारी शिक्षक हैं।

अंशु प्रिया यादव को 16वीं रैंक मिला

पहले ही प्रयास में आशीष ने हासिल किया 23वां रैंक पटना के बिस्कोमान कॉलोनी के रहने वाले आशीष ने 23वां स्थान हासिल किया है। उनका यह पहला अटेम्प्ट था। वह सिटी कॉर्पोरेशन की नौकरी छोड़ तैयारी में जुटे थे। उनके पिता हरेंद्र सिंह शेखपुरा के बरबीघा में ITI कॉलेज का संचालन करते हैं। उन्होंने बताया, ‘बेटा बचपन से ही मेधावी था। 10वीं और 12वीं बोर्ड में 99% से ज्यादा अंक प्राप्त मिले थे। 12वीं तक की पढ़ाई उसने सरस्वती विद्या मंदिर मरचा-मरची, पटना से की है। स्कूलिंग पूरा करने के बाद उसने IIT की तैयारी की और वो इसमें भी कामयाब रहा। IIT BHU से उसने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है।’

आशीष ने परीक्षा में 23वां स्थान प्राप्त किया

वहीं, कटिहार के अमन को 88वां मिला है। उनके पिता दुर्गा लाल अग्रवाल कटिहार के राज हाता के रहने वाले हैं। नवादा के आलोक रंजन को 346वां स्थान मिला है। वे रोह प्रखंड के गोरिहारी गांव के रहने वाले हैं।

रोहतास के लड़के ने भी मारी बाजी
वहीं, रोहतास के अमन आकाश ने 360वां रैंक प्राप्त किया है। अमन बिक्रमगंज शहर के शांति नगर मुहल्ला के निवासी हैं। इनकी प्रारंभिक शिक्षा बिक्रमगंज के गांधी इंटर स्कूल से हुई है। इसके बाद इंटरमीडिएट सैनिक स्कूल से किया। अमन ने MP में SBI के मैनेजर पद पर कार्यरत रहते हुए यह रैंक हासिल किया है।

मजदूर के बेटे को भी मिली सफलता
मुजफ्फरपुर के मीनापुर प्रखंड के मुकसुदपुर के रहने वाले विशाल कुमार को 484वां रैंक मिला है। विशाल के मजदूर पिता बिकाऊ प्रसाद की मौत के बाद परिवार कर्ज में डूब गया था। मैट्रिक की परीक्षा में जिला टापर रहे, फिर पूर्व DGP अभयानंद के मार्गदर्शन में पढ़ाई की और IIT कानपुर में केमिकल इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद तैयारी कर रहे थे।

वहीं मुजफ्फरपुर के ही मीनापुर के टेंगराहां के अभिनव कुमार को 146 रैंक मिला है।

146 रैंक लाने वाले अभिनव कुमार

गोपालगंज के दिव्यांश शुक्ला उर्फ गौरव शुक्ला को 153 वा रैंक.मिला है थावे के मौजे वृंदावन के रहने वाले है दिव्यांश शुक्ला।

दिव्यांश शुक्ला उर्फ गौरव शुक्ला को मिला 153 वा रैंक

सिवान में बेखौफ अपराधियों का तांडव, दिनदहाड़े बैंक में की लूट

सिवान । सिवान में बेखौफ अपराधियों ने इंडियन बैंक में बड़ी लूट की घटना का अंजाम दिया है। हथियार से लैस करीब 6 की संख्या में नकाबपोश अपराधी बैंक में घुस करीब 20 लाख रुपए कि लूट की है।

घटना नगर थाना क्षेत्र के सीवान-छपरा मुख्य रोड स्थित राजेंद्र पथ की है जहां हथियार से लैस नकाबपोश अपराधी इंडियन बैंक में घूस कर्मियों को बंधक बना रुपए लूट फरार हो गए।सीवान में अपराधी कितना बेखौफ है इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि दिनदहाड़े अपराधियों द्वारा लूट की घटना का अंजाम दें आसानी से अपराधी फरार हो गए।घटना के बाद बैंक में SP और SDPO सहित कई थाने के पुलिस बैंक में पहुच सीसी फुटेज खंगालने में जुटी हुई है।

इस तरह दिनदहाड़े बैंक में बड़ी लूट की घटना पुलिस के लिए एक चुनौती है।सीवान एसपी ने बताया कि पांच की संख्या में अपराधी आए और कैशियर को बंधक बनाकर काउंटर पर रखे पैसा की लूट कर ली फिलहाल कितना रुपए है पता किया जा रहा है लेकिन करीब 20 लख रुपए बताई जा रही है। मामले की जानकारी ली जा रही है।

इस लूट के बाद बैंक की बड़ी लापरवाही सामने आई है उस बैंक में इतनी बड़ी रकम होने के बाद न गार्ड है और जो सीसीटीवी लगा हुआ है वह खराब पड़ा है।तो इस तरह बैंक में बड़ी लापरवाही सामने आई है।अब जब इस बैंक की सीसी टी खराब है तो अब जांच में और अपराधियों की गिरफ्तारी करने में या चिन्हित करने में पुलिस को कड़ी मशक्कत करना पड़ेगा।

इस लूट के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर गार्ड क्यों बैंक में तैनात था और सीसी क्यों नहीं काम कर रहा है।

पटना को जोड़ने वाली लाइफ लाइन गांधी सेतू का पूर्वी लेन शीघ्र होगा चालू

पटना । उत्तर बिहार के लोगों के लिए राहत की खबर पटना को जोड़ने वाली लाइफ लाइन गांधी सेतू का पूर्वी लेन शीघ्र होगा चालू।

गांधी सेतु का पूर्वी लेन बनकर तैयार हो चुका है. सात जून को इसके उद्घाटन की तैयारी चल रही है। 20 महीना में पूर्वी लेन का निर्माण पूरा हुआ है और इस पर लगभग 700 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।

एक अक्तूबर 2020 को इसका निर्माण शुरू हुआ जो पिचिंग और पेंटिंग पूरा होने के साथ ही शनिवार को सौ फीसदी पूरा हो गया और रविवार से उद्घाटन की तैयारी भी शुरू हो गयी है।

वट सावित्री पूजन सोमवार को श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया

पटना । सुहागन महिलाओं द्वारा अपने पति की स्वस्थ और दीर्घायु जीवन के लिए मनाया जाने वाला व्रत वट सावित्री पूजन सोमवार को श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया।

इस दौरान व्रती महिलाओं ने पारंपरिक रीति-रिवाज और विधि विधान के साथ वट वृक्ष की पूजा-अर्चना कर अपने अक्षत सुहाग की कामना की।

vatsavitripooja

आरसीपी सिंह ने इशारों इशारों में नीतीश को दे डाली नसीहत

क्या खास रहा आरसीपी सिंह के पीसी में

नीतीश को पीएम बनाने की सोच पर साधा निशाना
पार्टी संगठन में छेड़छाड़ पर उठाया सवाल
बीजेपी का साथ नहीं छोड़ने को दिया नसीहत
मंत्री पद से नहीं देगे इस्तीफा

आरसीपी सिंह ने कहा कि नीतीश बाबू के साथ मेरा 25वां साल है। उन्‍होंने कहा कि नीतीश बाबू ने हमेशा मेरे हित में ही फैसला लिया है। इस बार भी उन्‍होंने मेरे और पार्टी के हित में ही फैसला लिया होगा। उन्‍होंने कहा कि दल के लिए उन्‍होंने काफी काम किया है। उन्‍होंने बताया कि वे संसदीय राजनी‍ति में 12 साल से काम कर रहे हैं।

आरसीपी सिंह

इससे अधिक वक्‍त उन्‍होंने पार्टी के संगठन के लिए दिया है। आगे भी वे संगठन के लिए काम करते रहेंगे। उन्‍होंने कहा कि आज तक किसी को नाराज करने वाला काम मैंने नहीं किया है। अगर किसी के नाराज होने की बात सामने आती है, तो उससे मिलकर नाराजगी दूर करता हूं। नीतीश कुमार की मेरे प्रत‍ि नाराजगी की खबरों का कोई आधार नहीं है।

नीतीश कुमार का हर फैसला उन्हें मंजूर है। हमारे नेता ने जो किया, वह पार्टी और उनकी भलाई के लिए ही किया होगा। मंत्री पद से इस्तीफे के सवाल पर कहा कि अभी छह जुलाई तक हूं। दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री से मिलूंगा। जो कहा जाएगा, करूंगा। मैं पहले भी संगठन के लिए काम करता था।

आगे भी करूंगा। नीतीश से उनका 25 वर्ष का रिश्ता है। जदयू का अहसान भी जताया। कहा कि उन्होंने पार्टी को बूथ स्तर तक कार्यकर्ता दिए। पार्टी ने उन्हें महासचिव बनाया, सदन में दल का नेता बनाया, राष्ट्रीय अध्यक्ष् बनाया और अभी नेतृत्व की सहमति से ही केंद्रीय मंत्री हूं। जो जिम्मेदारी दी गई, उसे निष्ठा से निभाया।

आरसीपी का टिकट कटना संदेश साफ है नीतीश के शर्तो पर चलेगी सरकार

आरसीपी सिंह का टिकट काटना बीजेपी की शिखंडी के सहारे राजनीति करने की शैली पर नीतीश कुमार का यह दूसरा बार हमला है और इस हमले के साथ यह तो तय हो गया है कि आने वाले समय में नीतीश बीजेपी को लेकर और भी कड़े फैसले ले सकते हैं ऐसे में राष्ट्रपति चुनाव की घोषणा तक बिहार की राजनीति में कोई बड़ा उलटफेर हो जाये तो कोई बड़ी बात नहीं होगी ।
1–नीतीश दुश्मनी भी बड़ी शिद्दत से करते हैं नीतीश कुमार जिस परिवेश से आते हैं या फिर जिस तरह की राजनीति करते हैं उसमें नीतीश की मजबूरी है कि उनकी छवि सख्त वाली रहे और यही वजह है कि जिसने भी आंख उठाया उसको नीतीश ने बड़ी शिद्दत से ठिकाने लगा दिया ।चाहे वो जार्ज हो ,शरद यादव हो ,दिग्विजय सिंह हो या फिर प्रभुनाथ सिंह ये सारे कभी जदयू के बड़े चेहरे रहे हैं। इसी तरह चिराग पासवान 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लिए शिखंडी की तरह नीतीश को पराजित करने के लिए उम्मीदवार को खड़े किये और उसका खासा नुकसान जदयू को हुआ लेकिन सरकार के गठन के कुछ महीने बाद ही नीतीश कुमार ने चिराग का ऐसा ऑपरेशन किया कि मंत्री पद की कौन कहे आवास तक खाली करना पड़ा और बीजेपी खामोशी के साथ वो सब कुछ करता रहा जो नीतीश कहते गये।

आरसीपी सिंह को भी वफादारी बदलने की ही सजा मिली है उन्हें लगा कि नीतीश कुमार के दिन अब लद गये हैं और वो अब चाह करके भी कुछ नहीं कर पायेंगे, केन्द्र में मंत्री हैं, नीतीश के स्वजातीय हैं ,नीतीश कुमार के राजदार रहे हैं उनके हर कर्म और कुकर्म के साझेदार रहे हैं ऐसे में वफादारी बदल भी लेंगे तो भी नीतीश कुमार इस स्थिति में नहीं है कि मेरा टिकट काट दे ।हलांकि राज्यसभा चुनाव की घोषणा के बाद नीतीश कुमार जिस तनाव से गुजर रहे थे उससे ये समझ में आ रहा था कि आरसीपी सिंह का टिकट काटने का फैसला लेना कितना मुश्किल था।

2—आरसीपी सिंह के बाद किसकी बारी
आरसीपी सिंह का टिकट काट कर नीतीश कुमार ने बीजेपी को सीधा संदेश दिया है कि पार्टी अभी भी नीतीश कुमार का है और जो नीतीश चाहेंगे वही होगा साथ ही नीतीश कुमार ने यह संदेश भी दे दिया है कि बिहार में बीजेपी के साथ गठबंधन नीतीश कुमार के शर्तों पर चलेगा ।

ऐसे में आने वाले दिनों में अमित शाह और बिहार की राजनीति में उनके साथ खड़े नेता के साथ साथ बिहार के राज्यपाल ,बिहार विधानसभा के अध्यक्ष और बीजेपी कोटे के कुछ मंत्रियों का पत्ता साफ हो जाये तो कोई बड़ी बात नहीं होगी क्यों कि बीजेपी के अंदर भी जिस तरीके से केंद्रीय नेतृत्व के फैसले पर सवाल उठने लगे हैं उससे संकेत साफ है कि बिहार आने वाले दिनों में जंग का मैदान बन सकता है ।

क्यों कि सुशील मोदी जिस तरीके से बोचहा उप चुनाव के परिणाम के सहारे पार्टी नेतृत्व को चुनौती दी है ,फिर राज्यपाल को हटाये जाने की मांग के साथ साथ जातीय जनगणना के समर्थन में बयान देकर अमित शाह को झुकने पर मजबूर कर दिया ऐसे में संकेत साफ है कि आने वाले दिनों में बिहार बीजेपी के अंदर से भी मोदी और शाह को चुनौती मिलनी शुरु हो जाये तो कोई बड़ी बात नहीं होगी। वैसे बीजेपी के अंदर से राज्यसभा टिकट वितरण को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं ऐसे में नीतीश कुमार जिस तरीके से आरसीपी सिंह का टिकट काटे हैं उससे बीजेपी के अंदर जो शाह विरोधी खेमा है उसको बल मिला है ।

पैतृक गांव पहुंचा सड़क हादसे में शहीद हुए जवान का शव, लोगों की आंखे नम।

लद्दाख में सड़क हादेश में शहीद हुए पटना जिले के पालीगंज अनुमंडल के परियो गांव निवासी शहीद लास नायक रामानुज कुमार का पार्थिव शरीर पहुंचा पैतृक गांव परियो अधिकारी एव गाँव के लोग दे रहे हैं श्रधांजलि, मौके पर पालीगंज एसडीम मुकेश कुमार, पालीगंज के एएसपी के अलावा अन्य कई अधिकारी जनप्रतिनिधि है मौजूद ।

प्रसूति महिला की मौत पर परिजनों का हंगामा

पटना। प्रसूति महिला की मौत पर परिजनों का हंगामा, एनएमसीएच के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में किया जमकर हंगामा।आक्रोशितों ने ने डॉक्टर की गाड़ी में की तोड़फोड़, डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही बरतने का लगाया आरोप।

पुलिस पहुंची मौके पर, आक्रोशित परिजनों को समझाने बुझाने में जुटी, मृतका विभा देवी आलमगंज के चैलीटाल मोहल्ले की थी निवासी, आज सुबह प्रसव को लेकर एनएमसीएच में कराई गई थी भर्ती।

मुख्यमंत्री ने करकटगढ़ जलप्रपात का किया भ्रमण, अधिकारियों को दिये आवश्यक दिशा-निर्देश

पटना, 28 मई, 2022 : मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने कैमूर जिलान्तर्गत करकटगढ़ जलप्रपात का भ्रमण किया। इस दौरान वन विभाग के अधिकारियों ने करकटगढ़ जलप्रपात में की गई व्यवस्थाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि करकटगढ़ में एक तरफ जहाँ कलकल झरने की गुंज सुनाई देती है तो वहीं दूसरी तरफ जल पक्षियों का कलरव संगीत भी सुनाई देता है। यह मगरमच्छ के प्राकृतिक स्थल के रूप में अलग महत्व रखता है। यह जलप्रपात अपने स्व-संरक्षित जलाशय के कारण आसपास के गाँवों का सिंचाई का महत्वपूर्ण साधन है। करकटगढ़ जलप्रपात दृश्य के बारे में भी मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी गयी ।

मुख्यमंत्री के दौरान अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि करकटगढ़ रहता है और अद्भूत और मनोरम झरना है। यह एक रमणीक स्थल है। यहाँ हर समय पानी जलप्रपात एक अच्छा महसूस इसका फ्लो काफी तेज है। यहां बड़ी संख्या में लोग आते हैं और उन्हें यहां होता है। उन्होंने कहा कि करकटगढ़ को ईको टूरिज्म के रूप में विकसित करें पर्यटकों की सुविधा के लिये कँटिन की व्यवस्था हो । कँटिन चालू होने से पर्यटकों को सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि आने वाले पर्यटकों के लिये पार्किंग की सुविधा हो, इसके लिये क्षेत्र निश्चित कर पार्किंग की व्यवस्था की जाय। यहाँ गहन वृक्षारोपण की भी जरूरत है। जो वर्षापात होता है उसके लिये जल संचयन योजना को भी कार्यान्वित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि करकटगढ़ जलप्रपात की पब्लिसिटी हो जायेगी तो यहाँ बड़ी संख्या में पर्यटक आयेंगे। स्कूली बच्चों को भी इन सब जगहों को दिखाने की आवश्यकता है।

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भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री ने मडहाउस का भी अवलोकन किया। अधिकारियों ने बताया कि मडहाउस में स्थानीय महिलाओं की कला और पेंटिंग को डिसप्ले किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने क्रोकोडाइल डिसप्ले प्वाईंट का भी अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को यहाँ पर एक सुसज्जित फॉरेस्ट गेस्ट हाउस का भी निर्माण कराने का निर्देश दिया। इसके पूर्व मुख्यमंत्री के करकटगढ़ पहुँचने पर बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधियों एवं ने भव्य स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने सभी का अभिवादन स्वीकार किया।

जिलाधिकारी ने प्रतीक चिह्न भेंटकर मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया। भ्रमण के दौरान अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री श्री जमा खान, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, विधान पार्षद श्री संतोष कुमार सिंह, पूर्व विधायक श्री प्रमोद सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव श्री अरविंद कुमार चौधरी, प्रधान सचिव पर्यटन श्री संतोष कुमार मल्ल, प्रबंध निदेशक बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम श्री कंवल तनुज, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, पुलिस उप महानिरीक्षक शाहाबाद प्रक्षेत्र श्री उपेन्द्र शर्मा, जिलाधिकारी श्री नवदीप शुक्ला, पुलिस अधीक्षक श्री राकेश कुमार सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।

करकटगढ़ जलप्रपात का भ्रमण करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस जगह के बारे में जब जानकारी मिली थी तो मेरी इच्छी हुई कि इस जगह को आकर देखें। वर्ष 2019 के जनवरी माह में हम यहां आये थे। यह काफी खूबसूरत और बढ़िया जगह है। टूरिज्म को बढ़ावा देने को लेकर यहां काम कराया गया है। यहां की परिस्थिति काफी बदली है। ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए इसका और विकास किया जायेगा। पिछले 2 वर्ष से कोरोना को लेकर एक्टिविटी कम हो गयी थी। मेरे मन में इच्छा हुई कि एक बार फिर यहां आकर इसे देखें। करकटगढ़ जलप्रपात को और कैसे विकसित करना है इसको लेकर आज भी चर्चा हुई है। काफी संख्या में लोग यहां घूमने आते हैं, भविष्य में इनकी संख्या और बढ़ेगी। यह बहुत ही खास जगह है। गर्मी के दिनों में भी यहां जल की प्रचुरता दिखाई पड़ती है। यहां लोगों के रुकने, घूमने, बैठने और खाने-पीने के इंतजाम के साथ-साथ अन्य जरुरी सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेगी। स्कूली बच्चे भी यहां आकर घूमेंगे। यहां तक पहुंचने को लेकर आवागमन की सुविधा और बेहतर की जायेगी। रास्ता के निर्माण ठीक ढंग से होने से यहां दूरदराज से आने वाले लोगों को सहूलियत होगी। यहां घूमने में लोगों को बहुत आनंद आयेगा।

जहानाबाद के एक गांव के गली में मिला नवजात शिशु, बच्ची को लेने के लिए कई लोग आए आगे।

जहानाबाद जिले के घोसी थाना क्षेत्र के नारायणपुर गांव में एक गली से नवजात बच्ची बरामद हुआ है। वार्ड सदस्य देवेंद्र कुमार ने बताया कि मैं रात्रि को गली से अपने घर जा रहा था। तभी एक बच्चे की रोने की आवाज आई मैं जब पास जाकर देखा तो देखा कि गली में एक नवजात बच्ची पड़ी हुई है ।उसको उठाकर मैं अपने घर ले गया और इसकी सूचना घोसी पीएसी के प्रभारी को दिया प्रभारी द्वारा एंबुलेंस भेज कर बच्चे को घोसी पीएसी मंगाए और एन एम के देखरेख में उसे रखा गया है ।

देवेन्द्र, वार्ड मेंबर

जैसे ही इसकी सूचना आसपास के लोग को लगी कई लोग बच्ची को देखने के लिए इकट्ठे हो गए। इसके बाद बच्चों को लेने के लिए कई लोग दावेदार हो गए । घोसी पीएसी में पदस्थापित एन एम सोनी कुमारी का कहना है कि बच्ची को मैं रखना चाहता हूं ।और इसका लालन-पालन करना चाहता हूं मुझे एक बच्चा है और कई सालों से एक बच्ची की तलाश थी। इसीलिए इस बच्ची मिली है तो मैं इसको कानूनी प्रक्रिया अपनाते हुए । भरण पोषण करना चाहता हूं।

सोनी देवी, एएनएम

इस बच्ची को रखने के लिए कई लोग मानवता का परिचय देते हुए अपने हाथ आगे बढ़ा रहे हैं। लेकिन हैरत की बात तो यह है जिस मां इस बच्ची को जन्म दी है उसने गली के बीच चौराहे पर फेंक कर अपनी मानवता को शर्मसार किया है। वही दूसरी ओर इस बच्ची को अपनाने के लिए कई लोग प्रयास कर रहे हैं इससे प्रतीत होता है कि कई लोग मानवता का परिचय दे रहे हैं। वार्ड सदस्य का कहना है कि इस बच्ची को बीच गली में फेंकने का कारण नाजायज औलाद है ।इसी के कारण इस बच्ची को लोगों ने गली में फेंक दिया इस घटना के बाद पूरे गांव में चर्चा का विषय बना हुआ है ।

इलाके में भी यह चर्चा हो रही है किस-ने यह कदम उठाया अपनी नन्ही सी बच्ची को गली में फेंक कर अपने को पिंड छुड़ा लिया ।अब देखना है कि प्रशासन द्वारा कानूनी प्रक्रिया अपनाकर इस बच्ची को भरण पोषण के लिए सौंपा जाता है

पुलिस के लिए परेशानी का सबब बना बभना गांव, शराब तस्कर खुलेआम दे रहे चुनौती।

जहानाबाद पुलिस के लिए वार्ड नंबर एक का बभना गांव सर दर्द साबित हो रहा है। पुलिस हर हफ्ते 2 हफ्ते पर इस गांव में छापेमारी करती है और धंधेबाज फिर से शराब बनाने के काम में जुट जाते हैं।

शनिवार को एक बार फिर से डीएसपी और उत्पाद अधीक्षक के नेतृत्व में टाउन थाने की पुलिस के साथ थी एंटी लिकर टास्क फोर्स ने संयुक्त कार्रवाई की। बभना महादलित टोले के समीप छापेमारी कर गैलन और बोतलों में बंद महुआ शराब जब्त किया। छापेमारी के क्रम में एक धंधेबाज को गिरफ्तार किया गया है। किसके ऊपर उत्पाद अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया।

अश्विनी कुमार, उत्पाद अधीक्षक, जहानाबाद

अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ने बताया कि गांव में शराब बनाने का काम लगातार जारी है। पुलिस कार्रवाई करती है और धंधेबाज फिर से उसी काम में जुड़ जाते हैं। एसडीपीओ ने यह भी बताया कि शराब तस्करों के ऊपर कार्रवाई लगातार जारी रहेगी जब तक कि यह पूरी तरह बंद ना हो जाए।

अशोक पांडेय, एसडीपीओ, जहानाबाद

67 #BPSC पेपर लीक कांड बड़ा खुलासा

अररिया से गिरफ्तार राजस्व पदाधिकारी राहुल कुमार खुद भी थे परीक्षार्थी । सिवान में उनका था परीक्षा का सेंटर। परीक्षा के 1 घंटे पहले उनके मोबाइल पर क्वेश्चन और आंसर शीट पहुंचा था मोबाइल से ।सॉल्वर गैंग के सरगना पिंटू यादव से लगातार थे संपर्क में ।

राजश्व पदाधिकारी ने कई और लोगों को भेजा था आपने मोबाइल से क्वेश्चन और आंसर शीट।राजस्व पदाधिकारी के पिता बिहार पुलिस विभाग में है दारोगा ।आर्थिक अपराध इकाई ने किया था दावा।

BPSC

पेपर लीक कांड में सरकारी कर्मियों की भूमिका का दावा जांच के दौरान दावे की हो रही पुष्टि सोमवार को इस मामले में कई और लोगों के खिलाफ वारंट लेगी आर्थिक अपराध इकाई की टीम इस मामले में कई और लोगों की होगी गिरफ्तारी–इओयू। bpsc पेपर लीक कांड के जांच का बढ़ा दायरा।

नेहरु का लोकतंत्र के प्रति लगाव सर्वस्पर्शी था।

हम गांधीवादी लोग नेहरू की कुछ बातों के कटु आलोचक रहे हैं। खासकर उनकी जो औद्योगिक आर्थिक नीति थी उसे हम गांधी विरोधी बताते थे और वह आलोचना ठीक ही थी।
लेकिन लोकतंत्र के प्रति उनका लगाव सर्वस्पर्शी था। जनता उन्हें जितना प्यार करती थी वह भारत की जनता को उससे ज्यादा प्यार करते थे।

उन्हें ठीक ही गांधी का राजनैतिक उत्तराधिकारी कहा जाता है। राज्य के प्रभाव की सीमाएं उनके सामने स्पष्ट थी। लोक शक्ति का महत्व वे समझते थे और इस शक्ति को सशक्त बनाने का काम कितना कठिन है यह भी जानते थे । इसलिए उनका पूरा सहयोग विनोबा और जयप्रकाश जी को मिला था।

कानून की संगठित हिंसा के बल पर चलने वाली राज्य सत्ता को कैसे अहिंसा की दिशा में ले जाएं उनकी यह एक खोज हमेशा रही। लोकतंत्र तो इसका एक बना बनाया रास्ता था ही ,परंतु इसे और चौड़ा बनाने के लिए उन्होंने अनेक जोखिम उठाए ।
कश्मीर की जनता को बिना मांगे अहिंसा और लोकतन्त्र की दृष्टि से जनमत संग्रह का वायदा करना, श्यामा प्रसाद मुखर्जी को हिंदूत्ववादी होने के बावजूद मंत्रिमंडल में शामिल करना आदि कुछ जोखिम भरे कदम तो थे ही लेकिन सबसे बड़ा जोखिम नेहरु जी ने चीन के संदर्भ में उठाया।

तिब्बत और चीन के ऐतिहासिक संबंधों को देखते हुए तिब्बत पर चीन के कब्जे को उन्होंने ज्यादा महत्व नहीं दिया। बौद्ध मठों का आम तिब्बतियों के प्रति मठवादी व्यवहार और माओ की जनवादी सर्वप्रिय नेता की छवि ने भी तिब्बत की समस्या के प्रति उनके मत को प्रभावित किया होगा ।

तिब्बत पर चीन के कब्जे के बाद चीन भारत के लिए भी एक खतरा बन सकता है यह स्पष्ट था । उप प्रधानमंत्री सरदार पटेल ने चेतावनी भी दी थी । चीन ने स्वयं भी इस ओर इशारा कर दिया था कि तिब्बत और भारत की सीमा चीन को मान्य नहीं है ।अब क्या करें ? क्या फौजी तैयारी ?

आर्थिक रूप से बर्बाद होकर सदियों की गुलामी के बाद आजाद हुए देश का उस वक्त फौजी तैयारी में लगना क्या ठीक था ? ऐसा होता तो इसके दो ही अर्थ थे।
एक तो यह कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद फौजी ताकत की दृष्टि से, दो गुटों में बटी दुनिया के , किसी एक गुट में शामिल हो जाना और दूसरा यह कि शस्त्रों की दौड़ में कूद पड़ना। दोनों रास्ते मूलतः एक ही थे , और गांधी के राजनैतिक उत्तराधिकारी नेहरू को स्वीकार्य नहीं थे।

गांधी से ही सीखा था एक सपना देखना कि हिंसा से अलग जो शक्तियां हैं उनकी दुनिया में कैसे चले ।
यही सपना व्यावहारिक भी था । शस्त्रों की दौड़ न सिर्फ बहुत सारा पैसा खा जाती है , दिमाग़ ही बदल देती है। योजनाओं की प्राथमिकता बदल जाती है।

देश के वास्तविक विकास के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचों का बनना जरूरी था । देश की भूखी नंगी जनता की बुनियादी आवश्यकताओं का पूरा होना ज़रूरी था। आधुनिक ज़माने के नए तीर्थों का बनना ज़रूरी था।
नेहरू ने युद्ध नहीं संवाद की रणनीति अपनाई। चीन को इस में बांधना चाहा ।1955 के बांडुंग सम्मेलन में ” पंचशील करार” पर चीन समेत सभी प्रमुख एशियाई देशों के हस्ताक्षर हुए।

चीन भी सामूहिक रूप से वचनबद्ध हुआ, कि सीमा विवाद युद्ध से नहीं बल्कि वार्ता से ही सुलझाया जाएगा।.
दुनिया के सामने चीन ने दिए गए वायदे को तोड़ दिया . भारतीय फौज लगभग निशस्त्र थी । भारत युद्ध हार गया। नेहरू धोखा खा गए। कहते हैं इसी सदमे से उनकी मृत्यु हो गई ।

अधिकांश लोग इस प्रकरण का जिक्र आते ही चीन की फजीहत करने के बदले नेहरू की फजीहत करने में लग जाते हैं ।
लेकिन मेरे लिए यह नेहरू का अंतरराष्ट्रीय सत्ता और शस्त्रों की होड़ में अहिंसा को दाखिल करने का स्वर्णिम प्रयोग था। यह प्रयोग यदि सफल हो जाता तो आज दुनिया युद्ध से ही नहीं आतंकवाद से भी मुक्त हो गई होती।

हिना शहाब पर नीतीश खेल सकते हैं दाव

आरसीपी सिंह के राज्यसभा जाने को लेकर अभी भी संशय बरकरार है आज भी नीतीश कुमार पटना से बाहर रहेंगे वैसे नीतीश कुमार अक्सर शनिवार को ही बड़े फैसले लेते रहे हैं। इस बीच नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह के बीच हुए मुलाकात को लेकर एक सूचना ये आ रही है कि नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह से पुछा है कि आपने मीडिया में जो बयान दिया है कि नीतीश जी के सहमति से मंत्रिमंडल में शामिल हुए थे ये सही है क्या ऐसा क्यों बोल रहे हैं।        

ललन जी बताइए इनके मंत्री बनने को लेकर मैंने सहमति दिया था क्या जिस समय मंत्रिमंडल में शामिल होने की बात हो रही थी आप थे और वशिष्ठ भाई थे मैंने ऐसा कुछ कहा था क्या, आपको इस तरह से मीडिया में नहीं बोलना चाहिए था।  जानकार भी बता रहे हैं कि इसी नाराजगी की वजह नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से हटाया था ऐसा नहीं है पहले भी दो पद पर रहते हुए जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर नीतीश कुमार और शरद यादव रहे हैं।         

 1—नीतीश कुमार आरसीपी सिंह को लेकर असहज क्यों हैं   बिहार की राजनीति पर नजर रखने वाले विशेषज्ञ भी मानते हैं कि आरसीपी सिंह के मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद नीतीश और आरसीपी सिंह के बीच दूरी बढ़ी है ऐसा कई मौके पर देखने को मिला है वही जब से राज्यसभा सीट को लेकर चर्चा शुरू हुई है उसके बाद से नीतीश कुमार की जो गतिविधि रही है वो सारी गतिविधि आरसीपी सिंह के विरुद्ध रहा है ।        

 राज्यसभा सीट को लेकर उम्मीदवार के चयन का अधिकार खुद लेना फिर ऐसे विधायक जिनका आरसीपी सिंह से बहुत ही करीबी का रिश्ता रहा है उससे साफ साफ यह पूछना की आरपीसी सिंह को लेकर आपकी कोई राय तो नहीं है फिर किंग महेंद्र जिनका कार्यकाल बचा हुआ था उसके परिवार वाले चाह भी रहे थे जिस आधार पर  किंग महेंद्र को राज्यसभा भेजा जाता है वो पूरा करेगा फिर भी नीतीश नहीं माने और अनिल हेगड़े को राज्यसभा भेज दिये जबकि इस सीट के सहारे बिहार के भूमिहार राजनीति को साधा जा सकता है जो आज कल नीतीश से नाराज चल रहा है ।           

लेकिन नीतीश कुमार ने अनिल हेगड़े को टिकट देकर राजनीति में शुचिता का एक लकीर खींचने की कोशिश ,इसके अलावे इस बीच कई ऐसे मौके आये है जिस दौरान नीतीश आरसीपी सिंह से दूरी बना रहे हैं ऐसा देखने को मिला है ।चाहे वो नीतीश कुमार के पारिवारिक सदस्य हरेन्द्र कुमार के बेटे की शादी का मौका रहा हो चाहे बेटे हरेन्द्र सिंह के बेटे के रिसेप्शन का मौका रहा हो या फिर विजय चौधरी के बेटे की शादी का मौका रहा हो इसके अलावा भी कई ऐसी बात हुई हो जो दिखा रहा है कि नीतीश आरसीपी सिंह को लेकर सहज नहीं है।

2—आरसीपी सिंह के विभीषण बनने पर क्या नुकसान हो सकता है उसके आकलन में लगे है नीतीश  एक ये भी चर्चा है कि नीतीश कुमार आरसीपी सिंह को हटाने का निर्णय लेते हैं तो क्या क्या नुकसान हो सकता है इसके मूल्यांकन की वजह से नीतीश राज्यसभा सीट पर उम्मीदवार कौन हो इसको लेकर वक्त ले रहे हैं हालांकि नीतीश कुमार उम्मीदवार चयन में जितना वक्त ले रहे हैं उसका असर यह हो रहा है कि आरसीपी सिंह के समर्थक भाषाई मर्यादा तक तोड़ दिया है ।              

सोशल मीडिया पर आरसीपी सिंह के करीबी ललन सिंह को निशाने पर ले रहे हैं, नीतीश पर भी हमला बोल रहा है, सीबीआई का डर दिखाया जा रहा है ऐसे में नीतीश अंतिम क्षण में आरसीपी सिंह को टिकट देते भी हैं तो पार्टी को एकजुट रखना नीतीश के लिए मुश्लिक हो जायेगा ।         

वही आरसीपी सिंह का टिकट काटना का फैसला भी नीतीश के लिए बहुत ही मुश्किल भरा निर्णय होगा क्यों कि आरसीपी सिंह नीतीश कुमार के राजदार रहे हैं उन्हें नीतीश कुमार की खासियत और कमजोरी सब पता है ऐसे में नीतीश के लिए आरसीपी सिंह को बाहर का रास्ता दिखाना इतना आसान नहीं होगा क्यों कि आरसीपी सिंह बाहर होते हैं जो बीजेपी के नीतीश कुमार के घर का दूसरा ऐसा विभीषण मिल जायेंगा जिसके पास नीतीश कुमार के हर राजनीतिक दांव और ताकत की जानकारी है इसलिए आरसीपी सिंह को राज्यसभा का टिकट काटना नीतीश के लिए बहुत आसान नहीं होगा ।

 वैसे आरसीपी सिंह गये तो यह तय है कि नीतीश 2024 से पहले बीजेपी के खिलाफ मैदान में उतर सकते हैं लेकिन यहां समस्या यह है कि नीतीश के इस फैसले के साथ ललन सिंह ,संजय झा और अशोक चौधरी जैसे मिडिल ऑर्डर के खिलाड़ी खड़े नहीं होंगे ये भी एक संकट है ऐसे में नीतीश कुमार के सामने विकल्प बहुत ही सीमित है लेकिन इतना तय है इस परिस्थिति में भी नीतीश अगर आरसीपी सिंह को टिकट से वंचित कर देते हैं तो यह तय है कि नीतीश कुमार 20-20 के अंदाज में राजनीतिक पारी खेल सकते हैं क्यों इनके पास खोने के लिए अब कुछ नहीं बचा है ।

अचानक सैलानी बनकर पहुंचे सीएम नीतीश कुमार, किए गए वादों की देखी प्रगति

सीएम नीतीश कुमार का शुक्रवार को अचानक नवादा जिला के दौरे पर पहुंचे।जहा बिहार का कश्मीर कहे जाने वाले ककोलत जलप्रपात का दौरा किया।

सीएम दौरा करने के लिए सड़क मार्ग से नवादा पहुँचे। एकतारा स्थित ककोलत जलप्रपात में मुख्यमंत्री अपने वरीय अधिकारियों के साथ पहुँचे थे। ककोलत सीढ़ी से चढ़ते हुए हुए वो मुख्य झरने तक पहुँचे। थोड़ी देर झरने के समीप समय बिताने के बाद उन्होंने अधिकारियों को जरूरी दिशानिर्देश दिया।

मीडिया से मुखातिब होने के दौरान उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में भी वो ककोलत जलप्रपात आये थे।उस वक़्त किये गए घोषणाओं पर कितना अमल हुआ, उसी कार्य का जायजा लेने के लिए आज वो ककोलत जलप्रपात पहुँचे।उन्होंने कहा कि 2018 में उनके द्वारा किये गए घोषणाओं के कार्य का प्रगति के कार्यों को देखना था इसलिए वो आज ककोलत आये है।

ककोलत में आने वाले सभी शैलानियों को सुविधा दी जाएगी।हर चीज का जगह निर्धारित होगा,खाना खाने के लिए जगह,ठहरना,चेंज रूम और साफ जल को नीचे संग्रह करने के लिए भी इंतजाम किए जाएंगे।लोगों को असुविधा न हो हर चीज नीचे ही ब्यवस्था की जाएगी।रोपवे से लेकर सीढ़ी तक कार्य किया जाएगा।हालांकि 2 साल कोरोना के कारण ककोलत का विकाश कार्य पूरी तरह रुक गया था।इसलिए अब इसका कार्य शुरू किया जाएगा और जल्द से जल्द शैलानियों को सुविधा मुहैया कराई जाएगी।सीढ़ी और रेलिंग का कार्य अच्छे तरह से किया गया है।ककोलत एक पवित्र जगह है लोग दूर दूर से यहां आते है।इसलिए लोगों को यहां जल्द से जल्द सुविधा दी जाएगी।

वही आरसीपी के भविष्य पर पूछे गए सवाल पर नीतीश कुमार ने कोई भी प्रतिकिर्या नही दी।ककोलत का भ्रमण कर वो हवाई मार्ग से पटना के लिए रवाना हो गए।

सीएम नीतीश कुमार ने ककोलत जलप्रपात का किया निरीक्षण

नवादा । सीएमनीतीश कुमार ने ककोलत जलप्रपात का किया निरीक्षण । 2018 में किये गए घोषणाओं के कार्यों का जायजा लेने पहुँचे आज ककोलत।

हर सुविधा दी जाएगी कोकलत में आये शैलानियों को, सीढ़ी से लेकर रोपवे के कार्यों का लिया जायजा।

कोरोना के कारण 2 सालों तक रुका रहा ककोलत का विकाश, ककोलत को बताया पवित्र स्थल,
हेलीकाप्टर से पटना हुए रवाना सीएम।

सुशील मोदी का लालू पर सीधा हमला, कहा परिवार की पार्टी है राजद

पटना । 27.05.2022 । बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सम्प्रति राज्य सभा सांसद श्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है राजद के लिए भ्रष्टाचार, परिवारवाद, नैतिकता तो कोई मुद्दा ही नहीं है। राजद परिवार से बाहर निकल ही नहीं सकता है। परिवार में ही किसी दूसरी बहन को देते, परन्तु भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप जिन पर हैं उन्हें पुनः राज्यसभा का उम्मीदवार बना दिया।

• ए टू जेड की बात करने वाले माई समीकरण से बाहर नहीं निकल सकते
• राजद के राज्यसभा में अब छह में से तीन जेल रिटर्न और एक बेल पर
• ऐसी पार्टी सत्ता में आ गई तो बिहार का क्या होगा?

मोदी ने कहा कि राजद लाख ए टू जेड की बात कर ले, परंतु न तो वह माई से बाहर निकल सकता है और ना ही परिवार
से। राज्यसभा में टिकट का मौका आया तो बाबा और जगता बाबू को दरकिनार कर परिवार और माई को ही तरजीह मिली।

मोदी ने कहा कि बाबा को नहीं बनाया तो समझ में आ सकता है क्योंकि लालू जी की दुर्दशा के लिए बाबा ही जिम्मेवार हैं। परंतु जगता बाबू जिन्होंने लालू जी के जेल जाने के बाद खडाऊं को ईमानदारी से संभाल कर रखा और जो पार्टी का अध्यक्ष के रूप में बेहतर काम कर रहे हैं उन को अपमानित कर राज्यसभा नहीं भेजा।

मोदी ने कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव में राजद ने 144 में 76 टिकट माई समीकरण को दिया। भूमिहार को एक और कुर्मी को भी मात्र एक टिकट दिया। वही माई के एम को 18 और वाई को 58 टिकट दिया।

मोदी ने कहा कि अब लालू परिवार के 4 सदस्य संसद और विधान मंडल में है। राज्यसभा के 6 में से तीन सदस्य जेल रिटर्न (प्रेमचंद गुप्ता, अशफाक करीम, अमरेंद्र धारी सिंह) है, एक चार्जशीटेड हैं और बेल पर हैं और 4 धन पशु हैं जिनकी योग्यता केवल धन है।

मोदी ने कहा कि ऐसी पार्टी 15 साल सत्ता में थी तो लोगों ने देखा है और यदि पुनः गलती से लौट आए तो बिहार का क्या होगा?

नीतीश के पजल गेम में उलझा बिहार आरसीपी सिंह के राज्यसभा जाने पर अभी भी संशय बरकरार

समझें तो जाने जी है इस समय बिहार जिस राजनीति के दौर से गुजर रहा है वो किसी पजल गेम से कम नहीं है ।
बिहार के सामने आरसीपी सिंह राज्यसभा जायेंगे या नहींं जायेंगे यही पजल गेम है। ऐसा पहली बार हो रहा है जब पजल गेम के एक से एक माहिर खिलड़ी भी दो राहे पर आकर खड़े हो जा रहे हैं और तय नहीं कर पा रहे हैं कि आरसीपी सिंह जायेंगे या नहीं जायेंगे मैं तो यह दावे के साथ कह सकता हूं कि आरसीपी सिंह जायेंगे या नहीं जायेंगे ये बात ललन सिंह और उपेन्द्र कुशवाहा को भी पता नहीं है ।

हां अटकल जरुर लगा सकते हैं पिछले 24 घंटे के दौरान इस पजल गेम को साँल्भ करने की दिशा में इस तीन तस्वीर की सहायता ली जा सकती है ।

1–पहली तस्वीर है आरसीपी सिंह और नीतीश कुमार के बीच मुलाकात की आरसीपी सिंह पीले रंग के फाइल के अंदर लिखी गयी मजमून को पढ़ रहे हैं और नीतीश कुमार सुन रहे हैं नीतीश के चेहरे के भाव से आप कयास लगाइए क्या पढ़ रहे थे आरसीपी सिंह

2–दूसरी तस्वीर है मंंत्री विजय चौधरी के बेटे के शादी समारोह का मुख्यमंत्री सहित जदयू के अधिकांश मंत्री जब चले गये तब आरसीपी सिंह पहुंचे थे और हाल यह था कि जदयू का कार्यकर्ता भी साथ चलने से कतरा रहे थे।

3–तीसरी तस्वीर पंडित जवाहरलाल नेहरू के पूण्यतिथि पर आयोजित राजकीय समारोह का है इस कार्यक्रम में मंत्री शीला मंडल मुख्यमत्री नीतीश कुमार के बगल में बैठी हैं ,शीला मंडल आरसीपी सिंह के खासे करीब हैं उन्हें के कहने पर टिकट दिया गया था और पहली बार विधायक बनने के बाद मंत्री भी आरसीपी सिंह के ही कोटे से बनी थी। शीला पहली बार किसी राजकीय कार्यक्रम में नीतीश के साथ मंच पर देखी गयी है इस का तस्वीर मतलब निकाले पजल गेम साँल्भ करो ।

इस पजल गेम को लेकर कुछ इनपुट भी है शायद आपको साँल्फ करने में मदद करे
1–इधर राज्य सरकार के सीनियर अधिकारियों का मानना है कि आरसीपी सिंह राज्यसभा जरुर जायेंगी ज्यादा उड़ने लगे थे हैसियत बता दिया गया ।

2–आज आरसीपी सिंह चुनाव आयोग के रिटायर उप निर्वाचन पदाधिकारी बैजनाथ कुमार मिलने पहुंचे हैं कहा जा रहा है कि नॉमिनेशन फॉर्म भरने आये हैं ।

हाहहाहहाहाहा मजा आ रहा है ना आरसीपी पजलगेम को साँल्भ करने में ।वैसे इस खेल में अब बचा कुछ नहीं है बस देखना यही है कि इस गेम के निर्माता के रीढ़ में ताकत बची है की नहीं ।

आरसीपी सिंह नीतीश कुमार से मिलने उनके आवास पहुंचे

आप खुद कयास लगाये आरसीपी सिंह नीतीश कुमार से मिलने उनके आवास पहुँचते हैं पहले से आरसीपी सिंह के ललन बाबू मौजूद थे। 45 मिनट की मुलाकात के बाद आरसीपी सिंह बाहर निकले उनके चेहरे का भाव देख कयास लगाये।

आरसीपी सिंह मीडिया को पत्र भेजे है आप पढ़ कर खुद कयास लगा ले:-

केंद्रीय मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह की तरफ से एक प्रेस रिलीज जारी हुआ है जिसमें यह कहा गया है कि हमने जदयू कार्यकर्ताओं के सम्मान के लिए जदयू में काम किया है ।
हमने जदयू में आरंभ से ही संगठन के विस्तार के लिए काम किया हर समय कार्यकर्ताओं के सम्मान के लिए प्रयास किए। पार्टी को कैसे बूथ स्तर तक पहुंचाया जाए इसको लेकर पूरी लगन से काम किया ।
अब पार्टी को फैसला करना है कि उन्होंने जदयू के लिए क्या किया है ।