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वेतन के लिए शिक्षक पिता अनशन पर , बेटी ने विद्यालय जांच के दौरान डीपीओ को दिखाया चप्पल, लापरवाही और गङबङी के कारण 65 महीने से बंद है वेतन

सुपौल में व्हाट्स एप के विभिन्न ग्रुपों में सुबह से ही एक वायरल वीडियों ने सबको चौंका दिया है .जिसमें एक लङकी स्कूल में जांच कर रहे शिक्षा विभाग के डीपीओ को चप्पल दिखाते हुए पहले वेतन देने फिर विद्यालय की जांच करने को कह रही है .

मामला छातापुर ते प्राथमिक विद्यालय कटही शर्मा टोला से जुङा है .जहां शिक्षा विभाग के डीपीओ राहुल चंद्र चौधरी विद्यालय में शिक्षक रमेश कुमार रमण के वेतन भुगतान करने को लेकर विभिन्न अभिलेख की जांच करने पहुँचे थे .इसी बीच एक लङकी विद्यालय में घुस कर वीडियो बनाते हुए उन्हे चप्पल दिखा कर पहले शिक्षक रमेश कुमार रमण को वेतन देने की मांग करने लगी .इस दौरान डीपीओ ने संयम का परिचय देते हुए किसी तरह वहां से निकले .

दरअसल जिस लङकी का वीडियो वायरल हो रहा है वो शिक्षक रमेश कुमार रमण की पुत्री बतायी जाती है .इधर शिक्षक रमेश कुमार रमण 65 माह से वेतन नही मिलने के कारण सुपौल बिजली विभाग कार्यालय के पास 4 दिनों से आमरण अनशन पर है . जिसमें उनके साथ नगर प्रारंभिक शिक्षक संध के अन्य शिक्षक भी 16 माह से वेतन नही मिलने के कारण उनके ही साथ अनशन पर बैठे है.

इधर आमरण अनशन से दवाब में आये शिक्षा विभाग ने वेतन प्रक्रिया के दौरान जब विद्यालय में अभिलेख की जांच करने पहुँचे तो डीपीओ स्थापना के साथ ये वाकया सामने आया है .इधर शिक्षा विभाग का कहना है कि 2017 में शिक्षक रमेश कुमार रमण कटही शर्मा टोला विद्यालय के प्रभारी एचएम थे .उस वक्त उनके द्वारा पोशाक एवं छात्रवृति राशि का वितरण नही करने पर ग्रामीणों ने सङक जाम कर प्रदर्शन किया था .जिसके बाद शिक्षा विभाग ने उनका डिप्टेशन दुसरे विद्यालय में कर दिया गया .

इस बीच जब 65 माह से वेतन नही मिलने पर शिक्षक अपने अन्य साथियों के साथ आमऱण अनशन पर बैठे तो शिक्षा विभाग ने 3 सदस्यीय टीम गठित कर मामलें की जांच शुरु की तो साल 2017-2018 का शिक्षक का उपस्थिति पंजी विभाग को मिला ही नही . इतना ही विद्यालय में अनशनकारी शिक्षक रमेश कुमार रमण के कार्यकाल के दौरान का रोकङ पंजी भी उपलब्ध नही था .

वही जिस जगह पर प्रतिनियोजन किया गया वहां भी उनकी उपस्थिति के कोई साक्ष्य शिक्षा विभाग की जांच टीम को नही मिला . इधर लङकी द्वारा चप्पल दिखाने के मामलें ने शिक्षक के वेतन भुगतान प्रक्रिया को और पेचिंदा बना दिया है .

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