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आए थे ससुराल, थाने में करने लगे चोरी, पुलिस ने किया गिरफ्तार

जहानाबाद जिले में थाना में दिनदहाड़े चोरी की घटना सुनने में तो थोड़ा अटपटा लगता है। लेकिन सच्चाई यही है, ज्ञात हो कि रूपेश कुमार जो बंधुगंज गांव के निवासी हैं उनका ट्रैक्टर लगभग 5 दिन पहले पुलिस द्वारा अवैध बालू खनन करने के आरोप में पकड़ लिया था गुरुवार को ट्रैक्टर को छुड़ाने के लिए थाने पहुंचे हुए थे। लेकिन जैसे ही अपने ट्रैक्टर के पास पहुंचे तो देखा कि दो चोर ट्रैक्टर बैटरी एवं बाजा चोरी कर रहे थे ।

जब ट्रैक्टर मालिक ने देखा तो अवाक रह गया दोनों को पकड़ कर पुलिस के हवाले किया गया ।पूछताछ के क्रम प्रकाश प्रकाश मांझी मखदुमपुर थाना क्षेत्र के कंसारा गांव निवासी बताया जाता है। वही दूसरा रामाकांत बिंद घोसी थाना क्षेत्र के सैदपुर गांव का निवासी बताया जाता है ।

लेकिन जिस तरह से दिनदहाड़े थाना में घुसकर चोरी करते हुए चोर पकड़ा गया है। इससे तो यही प्रतीत होता है कि पुलिस प्रशासन का भय चोरों के बीच नहीं है ।

आम जगह की बात तो छोड़िए जब थाना ही सुरक्षित नहीं है तो क्षेत्र की सुरक्षित की बात करना बेमानी साबित होगी । इस घटना पर पुलिस द्वारा कुछ भी बताने से इंकार कर रही है ।vलेकिन इस घटना से पुलिस विभाग पर से लोगों का विश्वास उठता जा रहा है ।

इस घटना की चर्चा पूरे इलाके में होने लगी है लोगों का कहना है । थाना सुरक्षित नहीं है। आम जनता सुरक्षित रहने की बात करना बेमानी साबित होगा ।जिस तरह से इस घटना को अंजाम चोरों द्वारा दिया जा रहा था। अगर इसके मालिक सजग नहीं होते तो ट्रैक्टर के कई सामान चोरों ने उड़ा लेते पुलिस हाथ पर हाथ धरे रह जाती।

जहानाबाद में बालू माफिया के खिलाफ छापेमारी अभियान, 2 दिनों ने 6 वाहन मालिक एवं चालक पर FIR दर्ज

जहानाबाद जिले में बालू नहीं रहने के कारण सरकार द्वारा नदियों का टेंडर बंद कर दिया गया है। लगभग 2 वर्षों से जहानाबाद जिले में बालू का टेंडर नहीं हो रहा है । लेकिन बालू माफिया के कारोबार काफी फल-फूल रहा हैं।

लगातार फल्गु नदी से अवैध बालू खनन का कारोबार चल रहा है। खनन पदाधिकारी द्वारा लगातार बालू माफिया के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। घोसी में खनन पदाधिकारी दीपा कुमारी के नेतृत्व में चुनुकपुर एवं शाहबाजपुर गांव में छापेमारी कर 6 ट्रैक्टर को जप्त किया है।

खनन पदाधिकारी ने बताया कि सभी के खिलाफ खनन अधिनियम के तहत वाहन चालक एवं इसके मालिक पर प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। लेकिन नदी किनारे की आसपास के लोग नाम न छापने की शर्त पर बताते हैं कि स्थानीय थाने की पुलिस की मिलीभगत से अवैध बालू खनन का कारोबार हो रहा है। अवैध बालू खनन कारोबारियों से पुलिस द्वारा मोटी रकम वसूली जा रही है। और इसी के कारण लगातार नदियों से अवैध बालू खनन किया जा रहा है।

लोगों का कहना है। कि फल्गु नदी से जो अवैध बालू खनन का कारोबार हो रहा है। इसमें स्थानीय थाने के पुलिस के खनन करने वालों को संरक्षण प्राप्त है। जबकि नए जिला पदाधिकारी के रूप में पदभार ग्रहण करते ही रिची पांडे ने सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि किसी भी हाल में अवैध बालू खनन नहीं होना चाहिए ।

दीपिका कुमारी, खनन पदाधिकारी

लेकिन अवैध बालू खनन करने वाले कारोबारी अपने कारनामों से बाज नहीं आ रहे हैं। लगातार अवैध बालू खनन का कारोबार चल रहा है।

भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार पवन सिंह अपनी दूसरी पत्नी ज्योति सिंह से तलाक लेने के लिए आज आरा के फैमिली कोर्ट पहुंचे

आरा । भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार पवन सिंह अपनी दूसरी पत्नी ज्योति सिंह से तलाक लेने के लिए आज आरा के फैमिली कोर्ट पहुंचे. दूसरी पत्नी से तलाक प्रकरण को लेकर पवन सिंह की आज यानि गुरुवार को पेशी हुई.

पवन सिंह आरा के फैमिली कोर्ट पहुंचे, वहीं, पत्नी ज्योति सिंह भी थोड़ी देर बाद वहां पहुंची. पवन सिंह और ज्योति सिंह ने आज न्यायाधीश के समक्ष अपनी-अपनी बात रखे.

सुपरस्टार पवन सिंह

इस दौरान पवन सिंह और ज्योति सिंह कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट परिसर में दिखे. कोर्ट में पेशी के दौरान जज ने दोनों को अपने चैंबर में थोड़ी देर बैठाकर काउंसिंग भी किए हैं. इसके बाद दोनों कोर्ट से रवाना हो गये।

मोतिहारी में अपराधियों का तांडव; ज्वेलरी शॉप में 2 करोड़ की डकैती

मोतिहारी। बुधवार की शाम एक ज्वेलरी शॉप में 2 करोड़ की डकैती हुई है इस दौरान अपराधियों ने ज्वेलरी शाँप पर बैठे दुकानदार को गोली मार दिया।अपराधियों ने इस वारदात को 2 मिनट में अंजाम दिया।

दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में पूरी वारदात कैद हुई है। इसमें साफ दिख रहे हैं कि शाम 5 बजकर 32 मिनट पर 8 बदमाश दुकान में दाखिल हुए। दुकान में घुसते ही वो फायरिंग करने लगे।

अंदर आने के बाद दुकान में बैठे ग्राहकों को डराया। फिर दुकान मालिक के 2 बेटों को गोली मारी। और एक बोरी में करीब 2 करोड़ के गहने और कैश लेकर फरार हो गए। दोनों घायलों का इलाज जारी है। दुकान मालिक ने डकैतों से कहा कि आप को जो ले जाना है ले जाओ, लेकिन गोली मत मारना। इसके बाद हालात बिगड़ता देख दुकान मालिक ने जैसी ही अपनी पिस्टल निकाली। अपराधियों ने दोनों भाइयों को गोली मार दी।

स्थानीय लोगों के अनुसार करीब 2 करोड़ की लूट हुई है।इसके बावजूद अपराधियों गोली चला देते हैं। इसमें पवन सर्राफ और सुधीर सर्राफ घायल हो गए। इसके बाद सभी सहम जाते हैं। CCTV फुटेज में अपराधी बोरा में ज्वेलरी का डब्बा रखते हुए दिख रहे है। दुकान का गल्ला समेत दुकान के कई शो केस को मुश्किल से 2 मिनट में खाली कर बोरा में भर लिया और फायरिंग करते हुए 5:34 मिनट पर फरार हो गए।

दरभंगा – 15 साल की किशोरी को अगवा कर तीन लोगों ने किया गैंगरेप

दरभंगा । अशोक पेपर मिल थाना क्षेत्र में एक 15 साल की किशोरी को अगवा कर तीन लोगों ने किया गैंगरेप घटना 13 मई की रात में हुई। पीड़िता के परिजनों ने उसे 14 मई को गांव के ही एक घर से बरामद किया। साथ ही एक आरोपी को भी दबोच लिया।

मगर न तो अशोक पेपर मिल थाना ने FIR दर्ज की और न ही पीड़िता की मेडिकल जांच कराई गई। दोनों के अभिभावकों को बुलाकर कहा गया कि स्थानीय स्तर पर फैसला करा लें और आरोपी को थाने से छोड़ दिया।

आज का औरंगजेब कौन

कोई 1 वर्ष पहले मैंने अपने फेसबुक वॉल पर मोदी जी की तुलना औरंगजेब से की थी.

इस संदर्भ में कि शताब्दियों बाद भारत में औरंगजेब की तरह काम करने वाला कोई शासक फिर से आया है .
औरंगजेब में बहुत सारी खूबियां थीं , अच्छाइयां भी थी। परंतु लोगों को धार्मिक चश्मे से बांटकर देखने वाली बुराई ऐसी थी जो उसके तमाम गुणों पर भारी पड़ गई ।

यही बात मोदी जी के साथ भी है। उनमें कई गुण और अच्छाइयां मिल जाएंगी। परन्तु इन सब पर समाज को कई भागों में बांट कर देखने वाली उनकी नजर , इस कदर हावी है ,कि उनके प्रभाव से एक राष्ट्र के रुप में भारत की बुनियाद ही टूट और बिखर रही है।
वास्तव में सत्ता का नजरिया बहुत ही ताकतवर होता है। और होता है तो बहुत खतरनाक भी।

असल में समाज ही तो सत्ता का निर्माता है , आधार है। समाज ही टूट गया तो सत्ता का बिखर जाना तय है ।
दूसरे ही क्षण वह लोगों के सर को तोड़ती हुई गिरेगी, और अराजकता के धुंध में लोग लापता होने लगेंगे ।

आज हमारा संविधान उपेक्षित है हमारी संसद श्रीहिन हो चुकी है । सांसद महत्वहीन है । चुनाव आयोग ,आदेश पालक हो गया है । सीएजी अपनी सार्थकता बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है ।मानवाधिकार आयोगअपमानित है। दिशाहीन शिक्षा जगत अधोगति कीतरफ़ जा रहा है । सर्वोच्च न्यायालय पूरी तरह मुख्य न्यायाधीश के व्यक्तिगत चरित्र की दृढ़ता पर आधारित है।

लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए बनाई गई प्रत्येक संवैधानिक संस्था का मनोबल तोड़ दिया गया है। आखिर ये ही तो वे ईंटें हैं जिन्होंने हमारे राष्ट्र राज्य की बुनियाद को बनाया है।

इधर हमारे एक अनजान मित्र प्रियदर्शन ने नए औरंगजेबों की चर्चा की है। हजारों की संख्या में ये नए औरंगजेब पुराने औरंगजेब से बदला लेने निकल पड़े हैं। बहुत अच्छा आलेख है ।

मेरे लिए यह संदर्भ जयप्रकाश जी से जुड़ा हुआ है । जेपी ने कहा था कि भ्रष्टाचार की गंगोत्री ऊपर होती है ।
यानी सत्ता का शीर्ष जब भ्रष्ट होता है तो भ्रष्टाचार वहीं से नीचे उतरता हुआ समाज में फैल जाता है ।

यही बात समाज तोड़क नजरिये वाली सत्ता पर भी लागू है । नफरत का जहर सत्ता के शीर्ष से ही बहता हुआ नीचे आता है। हजारों औरंगजेब पैदा हो जाते हैं। हम नीचे रिहायशी समाज मे आपसी नफरत से भर जाते हैं । मारते हैं और मरते हैं ।

ऊपर की सत्ता शांति से नफरत की बंसी बजाती है ।
लेखक–कुमार शुभमर्ति

जातीय जनगणना को लेकर शिवानंद तिवारी ने ली चुटकी कहा नीतीश के सामने बीजेपी ने टेका घुटना

नीतीश कुमार ने अपना मक़सद पुरा कर लिया. देश में अमीर और गरीब, दो ही जातियाँ हैं, यह बोलने वाली भाजपा अब नीतीश जी के साथ जातियों की गिनती करायेगी.

यही तो नीतीश चाहते थे. ऐसा नहीं है कि भाजपा का हृदय परिवर्तन हो गया है इसलिए वह जातिय जनगणना के लिए तैयार हो गई है. दरअसल भाजपा के सामने 2024 का लोकसभा चुनाव है. उसके लिए अभी से उसकी गोलबंदी शुरू हो चुकी है.

नीतीश कुमार ने बहुत चतुराई से इसका लाभ उठाया. इफ़्तार पार्टी ने अनुकूल मौक़ा दे दिया. संदेश चला गया कि ग़लतफ़हमी में मत रहिए. मेरे पास बना बनाया विकल्प है . 2015 के विधानसभा चुनाव में भाजपा नीतीश और लालू के संयुक्त ताक़त का परिणाम देख चुकी है.

आलाकमान का निर्देश आया और सर्वदलीय बैठक में शामिल होने का फ़ैसला हो गया. भाजपा ने एक कदम आगे और दो कदम पिछे नहीं बल्कि दो कदम आगे और एक कदम पिछे की रणनीति के तहत सर्वदलीय बैठक में शामिल होने का फ़ैसला किया. नीतीश जी को सिर्फ़ इसी से मतलब था. जातीय जनगणना के सवाल पर पिछले कुछ दिनों से चल रहे नाटक को देख कर जो लोग नई सरकार बनने की उम्मीद लगाए बैठे थे वे ज़रूर निराश हुए होंगे।

विधान परिषद के 7 सीटों के लिए अधिसूचना जारी

चुनाव आयोग ने जारी किया नोटिफिकेशन जिनके कार्यकाल पूरे हो रहे हैं उनके नाम इस प्रकार हैं

अर्जुन साहनी बीजेपी
मोहमद कामरान आलम जेडीयू
गुलाम रसूल बलियावी जेडीयू
रोजिना नाजिश जेडीयू
रणविजय कुमार सिंह जेडीयू
मुकेश साहनी वीआईपी
सीपी सिन्हा जेडीयू

की सीट हो रही है खाली

6 जुलाई से 21 जुलाई के बीच इनका कार्यकाल हो रहा है पूरा

बिहार से 7 सीटे हो रही है खाली

नामांकन करने की अंतिम तिथि 19 जून 2022 है ।
जबकि स्कूटनी की तारीख 10 जून 2022 तय की गई है

प्रत्याशी अपने नाम वापस 13 जून 2022 तक ले सकते हैं,

20 जून को मतदान होंगे मतदान
सुबह 9:00 बजे से लेकर शाम 4:00 बजे तक चलेगा मतदान

20 जून 2022 को होगा मतगणना

22 जून तक चुनावी प्रक्रिया को पूरी कर ली जाएगी

मगध विश्वविद्यालय के भ्रष्ट कुलपति को अविलंब बर्खास्त करें; उच्च शिक्षा की छवि ख़राब हो रही है -सुशील कुमार मोदी

बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सम्प्रति राज्य सभा सांसद श्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि मगध विश्वविद्यालय के कुलपति श्री राजेंद्र प्रसाद जिनके यहां निगरानी छापे में करोड़ों नगद मिले और जिन पर 30 करोड़ से ज्यादा के अनियमितता के आरोप हैं कि पटना उच्च न्यायालय द्वारा अग्रिम जमानत याचिका रद्द किए जाने के बाद अविलंब बर्खास्त कर देना चाहिए ।

श्री मोदी ने कहा कि श्री प्रसाद झूठी मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर पिछले 6 माह से छुट्टी पर चल रहे हैं। ऐसे भ्रष्ट कुलपति के पद पर बने रहने से शिक्षा जगत कलंकित हो रहा है ।

श्री मोदी ने कहा कि श्री राजेंद्र प्रसाद की मदद करने के लिए जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री रवि प्रकाश बबलू जिन पर निगरानी थाना कांड संख्या 15/2010 में भ्रष्टाचार के मामले में आरोप-पत्र समर्पित है को मगध विश्वविद्यालय के कुलसचिव का अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया है।

श्री मोदी ने कहा कि वहीं कुलपति के भ्रष्टाचार के मामले में मुख्य गवाह तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर भृगुनाथ प्रसाद जिन्होने कहा था, कि उन पर कुलपति के लोगों द्वारा दबाव बनाया जा रहा है का कल मुख्यालय गया से औरंगाबाद तबादला कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि कल ही हाईकोर्ट के आदेश में भृगुनाथ प्रसाद के आरोप का जिक्र था।

श्री मोदी ने कहा कि निगरानी ब्यूरो ने 26 नवंबर, 2021 को राज्यपाल को पत्र लिखकर उनके निजी सचिव विजय सिंह और लखनऊ के अतुल श्रीवास्तव सहित 27 लोगों पर भ्रष्टाचार से जुड़े आपराधिक मामले में अनुमति मांगी थी, परंतु आज तक वह अनुमति नहीं मिली है।

उपरोक्त घटनाओं से बिहार की उच्च शिक्षा की छवि खराब हो रही है। अतः सरकार हस्तक्षेप कर महामहिम राज्यपाल से मुलाकात कर अविलंब कार्रवाई करे।

सोनू के बाद सोनी का बयान सरकार के मुश्किले खड़ी कर सकती है

एक पैर से दिव्यांग सीमा के पढ़ाई के जज्बे को जमुई डीएम ने किया सलाम।

सोनू के बाद सोनी ने बिहार सरकार की शिक्षा व्यवस्था और समाज कल्याण से जुड़ी योजनाओं का पोल खोल कर रख दिया है । सोनू ने बिहार की शिक्षा और शराबबंदी पर सवाल क्या खड़ा किया राज्य सहित पूरे देश में हंगामा खड़ा हो गया और अब एक पैर से दिव्यांग सीमा के पढ़ाई कैसे घर से एक किलोमीटर जाती है यह खबर वायरल क्या हुआ एक बार फिर से देश में हंगमा खड़ा हो गया और आज डीएम उनके गांव पहुंच कर ट्राइ साईकिल दिये हैं और अभिनेता सानू सूद मुबंई का टिकट भेजा है ताकी इसका पैर लगाया जा सके।

कोई चार वर्ष पहले सड़क दुर्घटना में सीमा एक पैर से दिव्यांग हो गई है। फतेहपुर गांव की 10 वर्षीय सीमा कुमारी के पिता ख़िरन मांझी और माता बेबी देवी मेहनत मजदूरी कर किसी तरह घर चलाते हैं। दुर्घटना की शिकार होने से पढ़ाई छोड़ देने वाली सीमा फिर से एक सप्ताह पहले ही उत्क्रमित मध्य विद्यालय फतेहपुर के कक्षा चार में नामांकित हुई है। अपने घर से एक किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित विद्यालय में वह पैदल ही पढ़ने जाती है।

दिव्यांग सीमा के जज्बे को जमुई डीएम ने सलाम करते हुए दिया ट्रायसाइकिल और प्रोत्साहन राशि दिया है।
उत्क्रमित मध्य विद्यालय फतेहपुर में कार्यरत शिक्षक गौतम गुप्ता ने बताया एक पैर से दिव्यांग सीमा अपने जज्बे के दम पर प्रतिदिन विद्यालय में पढ़ाई के लिए आती है। डीएम साहब को जानकारी दिया हूं विद्यालय के लिए शीघ्र ही अतिरिक्त वर्ग कमरा निर्माण का भरोसा दिए हैं।

दिव्यांग सीमा की मां बेबी देवी ने बताया 4 साल पहले मेरी बेटी की सड़क दुर्घटना में एक पैर गवां देने के कारण पढ़ाई छूट गई थी । फिर से पढ़ने की बात करने पर उसे एक सप्ताह पहले उत्क्रमित मध्य विद्यालय फतेहपुर में नाम दाखिल किया गया। मेरे पति बाहर मेरा कार मजदूरी का काम करते जिससे घर परिवार चलता है।

दिव्यांग सीमा से मिलने पहुंचे जमुई जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह ने कहा जानकारी मिलने के उपरांत सीमा से मिलने उसके घर पहुंचा हूं। सीमा को विद्यालय जाने में कठिनाई ना हो इसके लिए ट्रायसाइकिल और प्रोत्साहन राशि दिया गया है साथ ही सीमा के कच्चे घर को पक्का किया जाएगा एवं सीमा जिस विद्यालय में पढ़ रही है उस विद्यालय को और ब्यवस्थित किया जाएगा। दिव्यांग सीमा को आगे भी पठन-पाठन में कोई कठिनाई न हो इसके लिए जिला प्रशासन सदैव तत्पर रहेगी।

जदयू के पूर्व विधायक और प्रदेश महासचिव रणधीर सिंह चौहान ने दिया अपने पद से दिया इस्तीफा

पार्टी के अध्यक्ष को सौंपा इस्तीफा
शिवहर जिला के संगठन प्रभारी थे रणधीर सिंह चौहान

इस्तीफा

अभिनेता सोनू सूद ने किया सीमा की मदद का वादा; अब वह एक नहीं बल्कि दोनों पैरों से कूदकर स्कूल जाएगी

जिले के खैरा प्रखंड के फतेहपुर गांव की रहने वाली बच्ची सीमा की तस्वीर और वीडियो सोशल मीडिया छाई हुई है। दो साल पहले एक दुर्घटना में एक पैर गंवा चुकी सीमा रोज एक पैर पर चलकर स्कूल एक किलोमीटर स्कूल जाती है।

वीडियो वायरल हो गया। इस वीडियो को देखने के बाद अभिनेता सोनू सूद आगे आए हैं। उन्होंने सीमा के मदद करने का भरोसा देते हुए ट्वीट किया कि अब यह अपने एक नहीं दोनों पैरों पर कूद कर स्कूल जाएगी। टिकट भेज रहा हूं, चलिए दोनों पैरों पर चलने का समय आ गया।

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शिवानंद तिवारी और सुशील मोदी के बीच चुनावी जंग जारी

सुशील मोदी की राजनीति अभी तक बालिग नहीं हो पाई. संभवतः इसीलिए इनकी पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने बिहार की राजनीति से उनको अलग किया था।

जब दिल्ली ले जाए गए तो उनके भक्तों को उम्मीद थी कि बिहार में इतने लंबे समय तक वित्त विभाग को इन्होंने कुशलता से संभाला है. अब निर्मला सीतारमण की कुर्सी पर सुशील जी का बैठना तो पक्का ही है. लेकिन दिल्ली वालों ने तो इनके हल्केपन को पहचान कर ही बिहार को इनसे मुक्त कराया था. इसीलिए बिहार के मीडिया में बयान देने के लिए ही इनको छुट्टा छोड़ दिया है।

Modi-Tiwari

लालू जी के यहां छापेमारी के मामले में अपने को काबिल साबित करने की हड़बड़ी में सुशील जी अपनी दिल्ली सरकार को ही नाकाबिल साबित कर रहे हैं. उनका दावा है कि लालू जी के खिलाफ सीबीआई जाँच की माँग को मनमोहन सिंह ने दबा दिया था. लेकिन मनमोहन सिंह की सरकार तो 2014 में ही चली गई थी. उसके बाद से अब तक तो यानी आठ वर्षों से तो दिल्ली में बड़े मोदी जी की ही सरकार है. यह सरकार इतनी नाकाबिल है कि छह वर्षों दबे उस ज्ञापन को खोज निकालने में उसको आठ वर्ष लग गए. वह भी कब ! जब नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच दूरी घटती हुई नज़र आ रही है।

हमारा सवाल तो यही था. लालू यादव के यहाँ सीबीआई की छापेमारी कहीं नीतीश जी के लिए चेतावनी तो नहीं थी शिवानन्द

25 लाख के लालच में युवती ने गंवाए 70 हजार रुपये

जहानाबाद। शहर के रामनगर-विशुनगंज मोहल्ला की निवासी अंजली कुमारी नामक एक युवती एक जालसाज गिरोह का शिकार हो गई। 25 लाख रुपए पाने के लालच में उसने अपने घर-परिवार के 70 हजार रुपये गंवा दिए। रुपये नही मिलने पर जब उसे निराशा हुई और यह आभास हुआ कि वह किसी जालसाज की शिकार हो गयी है तो वह मां-भाई के डर से बचने के लिए 70 हजार रुपये की छिनतई किए जाने का ड्रामा किया लेकिन नगर थानाध्यक्ष निखिल कुमार ने त्वरित अनुसंधान कर मामले का खुलासा कर दिया। पूछताछ में पुलिस के समक्ष लड़की ने भी अपने साथ हुई जालसाजी को स्वीकार कर छिनतई की बात को नाटक बताया।

हुआ यह कि मंगलवार को अंजली कुमारी नामक लड़की शहर के अस्पताल मोड़ के समीप बाइक सवार उचक्कों के द्वारा 70 हजार रुपये की छिनतई किए जाने को लेकर सड़क पर रोने लगी। लोगों ने जब पूछताछ किया तो वह कहने लगी कि वह रुपए डाकघर में जमा करने जा रही थी। इसकी सूचना नगर थाने की पुलिस को मिली। उक्त दोनों पदाधिकारियों ने बारी-बारी से घटनास्थल अस्पताल मोड़ के समीप और उसके घर पहुंचकर लड़की के बारे में तहकीकात की। किसी ने भी घटनास्थल के पास छिनतई की कोई घटना होने के बारे में कुछ नहीं कहा। जब उक्त युवती से पुलिस ने गहराई से पूछताछ शुरू की तो वह हकीकत उगल दी।

खबर के अनुसार उक्त लड़की की फुआ के 20 हजार और उसके मां- भाई के 50 हजार रुपये घर में संग्रह कर रखे थे। भाई कड़ी मेहनत से कमाई कर रुपए संग्रह किए थे। घर में रुपए रहने की जानकारी अंजली को थी।

दरअसल, कुछ दिन पूर्व एक नंबर से लड़की के मोबाइल पर व्हाट्सएप कॉल आया जिसमें जालसाज ने झांसा देकर उन्हें कहा कि आप 25 लाख रुपए इनाम जीती हैं। इतनी बड़ी राशि का नाम सुनते ही लड़की की बांछें खिल गई और वह जालसाज के चक्कर में पड़ गई। कॉल करने वाले व्यक्ति ने एक अकाउंट नंबर दिया और उसपर 50 हजार रुपये जमा करने पर ही 25 लाख की राशि लड़की के खाते पर भेजे जाने का झांसा दिया। बिना कुछ सोचे समझे घर में रखे 50 हजार रुपये वह केनरा बैंक में जाकर उस खाते पर डाल दी जो जालसाज के द्वारा दिया गया था। जालसाज ने फिर से कॉल किया और 20 हजार रुपये और भेजने पर ही इनाम की राशि 25 लाख लड़की के खाते पर डालने की बात कही। युवती दोबारा उसके झांसे में पड़ गई और घर मे रखे 20 हजार रुपये और जालसाज के खाते में डाल दी। जब उसे पूरी तरह आभाष हो गया कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है तो घर परिवार का डर सताने लगा। भाई ,मां और फूआ के डर से एक नई साजिश रची और पोस्ट ऑफिस में रुपए जमा करने जाने के दौरान 70 हजार रुपये की छिनतई की घटना का रूप देने की नाकाम कोशिश की। पुलिस पदाधिकारियों ने अनुसंधान कर मामले को पूरी तरह साफ कर दिया।

नीतीश ने बीजेपी के सामने रखा शर्त

बिहार की राजनीति में पिछले एक सप्ताह से जारी उफान अब थमता हुआ प्रतीत हो रहा है ऐसा जदयू की और से दिखाने की कोशिश शुरु हो गयी है और इसके लिए जदयू कल से ही सहजता के साथ मीडिया के सवालों का जवाब देना भी शुरू कर दिया है और वही जो अक्सर होता है एक सप्ताह से जारी सियासी घमासान की खबर को फालतू करार कर जदयू के नेता मीडिया पर ही ठीकरा फोड़ने लगे हैं ।

लेकिन बड़ा सवाल यह है कि इस सहजता के पीछे की वजह क्या है नीतीश आरसीपी सिंह के राज्यसभा भेजने को लेकर ललन सिंह और उपेन्द्र कुशवाहा को मनाने में कामयाब हो गये या फिर नीतीश कुमार की बीजेपी से जो मांग रही है अमित शाह को बिहार की राजनीति से अलग करे, बिहार विधानसभा अध्यक्ष और राज्यपाल को हटाये क्या इनमें से कुछ बाते बीजेपी का केन्द्रीय नेतृत्व मान लिया है।

1— क्या आरसीपी सिंह राज्यसभा जा रहे हैं ?    हालांकि आरसीपी के दिल्ली रवाना होने के बाद आरसीपी के करीबी माने जाने वालों के सोशल पेज और व्यक्तिगत बातचीत में कल पहली बार उनके चेहरे पर हंसी देखने को मिला है।वैसे शाम होते होते यह भी खबर आयी कि आरसीपी सिंह अपने  ट्विटर अकाउंट से जदयू हटा दिया लेकिन जदयू के अंदर कुछ चेहरे ऐसे हैं जिनके चेहरे पर हंसी कुछ तो कहता है । 

लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आरसीपी सिंह को टिकट दिया जाये या नहीं दिया जाए इसके लिए पार्टी के विधायकों से अधिकार लेने कि जरूरत नीतीश कुमार को क्यों पड़ी या फिर एक सप्ताह तक आरसीपी सिंह के राज्यसभा में जाने को लेकर मीडिया द्वारा सवाल किये जाने पर खुल कर बोलने से नीतीश बचते क्यों दिखे।

नीतीश कुमार हरेन्द्र सिंह के बेटे की शादी में और रिसेप्शन में सार्वजनिक रूप से आरसीपी सिंह को नजरअंदाज क्यों करते रहे वही हाल के दिनों मे आरसीपी कई बार पटना आए हैं लेकिन उनकी नीतीश कुमार से मुलाकात नहीं हुई ।

नीतीश को ये सब करने कि जरूरत क्या है क्यों कि ऐसा भी नहीं है कि नीतीश आरसीपी सिंह को टिकट देने कि घोषणा कर देते तो पार्टी टूट जाती पार्टी से जुड़े एक नेता का कहना है कि नीतीश कुमार विधायकों की राय सार्वजनिक कर आरसीपी सिंह को औकात बता दिया कि उनके साथ पार्टी का विधायक की कौन कहे वार्ड सदस्य भी नहीं है ऐसे में आरसीपी माफी मांगे होगे तो नीतीश माफ कर सकते हैं क्यों कि आरसीपी से पहले भी गुस्सा रहे हैं और माफी भी देते रहे हैं।

2–क्या बीजेपी नीतीश कुमार के शर्त को मान लिया    नीतीश कुमार धर्मेन्द्र प्रधान के माध्यम से मोदी के सामने जो शर्त रखा था उसमें पहला था अमित शाह को बिहार के मामले से बाहर करे, दूसरा विधानसभा अध्यक्ष और राज्यपाल को हटाए और ऐसे लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल करे जिनकी छवि बेहतर हो वैसे राज्यसभा के उम्मीदवारों के चयन में पहली बार भूपेन्द्र यादव को केन्द्रीय नेतृत्व बाहर रखा है लेकिन लालू प्रसाद के परिवार पर छापेमारी से नीतीश फिर असहज हो गये हैं क्यों कि कहा यह जा रहा है कि यह सब नीतीश पर दबाव बनाने के लिए अमित शाह द्वारा किया गया है और यही वजह रही कि जिस सीबीआई के छापेमारी को लेकर महागठबंधन की सरकार गिर गयी थी और इस बार छापेमारी पर पार्टी का प्रवक्ता तक कुछ भी बोलने से बचते रहे वही कल जब ललन सिंह से रेड को लेकर सवाल किये तो कोई जबाव नहीं दिये ।

nitish kumar

3—विजय कृष्ण का रिहा होना और शिवानंद का लालू को लेकर बयान नीतीश के रणनीति का हिस्सा तो नहीं है    बिहार में जदयू और भाजपा रिश्ते को लेकर जारी अटकलों के बीच विजय कृष्ण का रिहा होने भले ही खबर नहीं बन पाया लेकिन हाईकोर्ट में बहस के दौरान सरकार के वकील की भूमिका रही है उससे बहुत कुछ समझा जा सकता है साथ ही सतेन्द्र सिंह का परिवार जिस तरीके से चुप है संकेत साफ है आने वाले समय में विजय कृष्ण को राजपूत की राजनीति के लिए आगे लाया जा सकता है क्यों आनंद मोहन को लेकर नीतीश सहज नहीं है।  वही शिवानंद तिवारी जिस तरीके से लालू प्रसाद से तेजस्वी के हाथों कमान सौंपने कि बात कही है यह सिर्फ तिवारी की ही बात नहीं है नीतीश और तेजस्वी के बीच बातचीत का आधार यह भी रहा है क्यों कि लालू प्रसाद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहने के कारण ही रेड हो रहा है आज हट जाये तो फिर बहुत चीजें बदल जायेंगी और यही वजह है कि अब सुशील मोदी लालू के बजाय लालू के बेटे और बेटी पर हमला करना शुरु कर दिये हैं नीतीश चाहते हैं कि तेजस्वी ऐसे लोगों के साथ सरकार में आये जिनकी छवि बेहतर हो शिवानंद तिवारी नीतीश के इसी अभियान को तेजस्वी के सहमति से शुरु किये हैं।

4–नीतीश बीजेपी का साथ छोड़ेंगे यह मन बना चुके हैं    याद करिए 5 फरवरी 2017 को नीतीश कुमार प्रकाश पर्व के दौरान एक पेंटिंग में कमल के फूल में रंग भरा था,सवाल उठा तो इसी तरह मीडिया पर ठीकरा फोड़ा जाने लगा था लेकिन छह माह के अंदर 26 जुलाई को राजद का साथ छोड़ दिये ।2020 के चुनाव परिणाम के बाद नीतीश कुमार के बयान और बैचेनी से समझा जा सकता है कि वो एनडीए से बाहर निकलना चाहते हैं।हालांकि इस बार नीतीश कुमार 2017 की तरह आसानी से निर्णय नहीं ले सकते हैं क्यों कि बीजेपी इनकी कई तरह की घेराबंदी कर रखी हैं आरसीपी सिंह को राज्यसभा में नहीं भेजना उसी घेराबंदी को कमजोर करना है इसलिए 31 मई तक इंतजार करने कि जरूरत है अगर आरसीपी नहीं गये तो राष्ट्रपति चुनाव से पहले ही खेला हो जायेंगा यह तय है और आरसीपी सिंह राज्यसभा गये तो फिर कुछ समय तक टल सकता है लेकिन यह तय है कि नीतीश बीजेपी के साथ ज्यादा दिनों तक नहीं रह पायेंगे ।

पटना हाईकोर्ट से मगध विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर (वीसी) राजेन्द्र प्रसाद उर्फ डॉ राजेन्द्र प्रसाद को कोई राहत नहीं मिल सकी

जस्टिस आशुतोष कुमार ने प्राथमिकी रद्द करने और और अग्रिम जमानत देने हेतु याचिकाकर्ता द्वारा दायर याचिकाओं को निष्पादित करते हुए दोनों याचिकाओं को खारिज कर दिया।

हाई कोर्ट ने अग्रिम जमानत हेतु याचिका को खारिज करते हुए कहा है कि यदि याचिकाकर्ता विशेष कोर्ट के समक्ष सरेंडर करता है और जमानत का आग्रह करता है, तो अर्जी पर इस आदेश में की गई किसी भी टिप्पणी से बगैर पूर्वाग्रह के अपने योग्यता पर विचार किया जाएगा।

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याचिकाकर्ता ने स्पेशल विजिलेंस यूनिट पी एस केस नंबर – 02/ 2021 में दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए आपराधिक रिट याचिका और अग्रिम जमानत के लिए अलग से अर्जी दाखिल किया था।

इन पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए एक ही कॉमन आर्डर से आदेश पारित किया। राजेन्द्र प्रसाद के विरुद्ध आई पी सी की धारा 120 बी (अपराध करने के लिए रची गई आपराधिक साजिश) / 420(जालसाजी) व भ्रष्टाचार निवारण एक्ट की धाराओं में केस दर्ज किया गया था।

मोदी ने शिवानंद तिवारी को लिया आड़े हाथ, कहां दूम हिलाते है तिवारी

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सम्प्रति राज्य सभा सांसद श्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री शिवानंद तिवारी जी ने कम से कम यह स्वीकार तो किया कि श्री ललन सिंह जी के साथ मिलकर लालू जी के ‘नौकरी के बदले जमीन’ घोटाले का उन्होंने ही पर्दाफाश किया था और तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह से मिलकर सीबीआई जांच की मांग की थी। उन्होंने पहले यह भी स्वीकार किया था कि उनकी पीआईएल पर ही पटना हाईकोर्ट ने चारा घोटाले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था जिसके पांच मामलों में लालू जी को सजा हो चुकी है।

श्री मोदी ने कहा कि जहां तक 14 साल विलंब से कार्रवाई का सवाल है, तो उस समय राजद के समर्थन से मनमोहन सिंह जी की सरकार चल रही थी। प्रधानमंत्री की हिम्मत नहीं थी कि सहयोगी दल के नेता पर कार्यवाही करते। उन्होंने ज्ञापन को ठंडे बस्ते में ही नहीं डाला बल्कि लालू के लोगों ने ज्ञापन को ही फाइल से हटवा दिया।

श्री मोदी ने कहा कि शिवानंद जी भूल गए कि मामला भले ही 14 वर्ष पुराना हो परंतु 2017 में जब मैंने ‘नौकरी के बदले जमीन’ सहित दर्जनों लालू परिवार के भ्रष्टाचार को सबूतों के साथ उजागर किया था तो आप की सरकार चली गई थी। सीबीआई ने प्रारंभिक जांच (Preleminary Inquiry) का मामला तो सितंबर 2021 में ही दर्ज कर लिया था।

श्री मोदी ने कहा कि फिर पांच मामलों में सजायाफ्ता और जिसका पूरा परिवार भ्रष्टाचार के मामले में बेल पर है उससे यदि कोई दोस्ती करना चाहेगा तो यह छोटा मामला कभी बाधक नहीं बन सकता है? लेकिन गलतफहमी दूर कर ले अब कभी राजद-जदयू की दोस्ती नहीं हो सकती है?

श्री मोदी ने कहा कि आज अगर लालू जी की दुर्दशा है तो वही लोग जिम्मेवार है जिन्होंने पहले मुकदमा दायर किया, ज्ञापन दिया और अब राजनीतिक लाभ के लिए उनके सामने दुम हिला रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने गंगाजल आपूर्ति योजना का स्थलीय निरीक्षण किया

मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी गंगाजल आपूर्ति योजना का नवादा जिले के नारदीगंज प्रखंड के डोहड़ा पंचायत स्थित मोतनाजे ग्राम में स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने नवादा में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट एवं नालंदा जिले में राजगीर रिजरवायर का भी स्थलीय निरीक्षण किया। इस परियोजना के तहत नवादा जिले के मोतनाज़े में नवनिर्मित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, डिटेंशन टैंक पंप हाउस, क्लोरीन हाउस, फिल्टर बेड, यूटिलिटी बिल्डिंग, कैरली फ्लोक्कुलेटर, केमिकल हाउस, स्लैग बेल, वाश वाटर टैंक एवं नालंदा जिले के राजगीर रिजरवायर और इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम, आई०टी० सिटी पार्ट-1 एवं राजगीर फिल्म सिटी का स्थलीय निरीक्षण कर गंगाजल आपूर्ति योजना के विभिन्न कार्यों के संबंध में अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली। मुख्यमंत्री की उपस्थिति में मोकामा के हाथीदह गंगा घाट से गंगाजल को अपलिफ्ट कर मोतनाज़े वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में ट्रायल के तौर पर फ्लो कराया गया। मुख्यमंत्री सहित सभी उपस्थित लोगों ने गंगाजल आपूर्ति योजना के सफल ट्रायल पर ताली बजाकर प्रसन्नता जाहिर की। नवादा की धरती पर मां गंगा के आगमन पर मुख्यमंत्री ने हाथ जोड़कर नमन किया।

निरीक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि मोतनाज़े से ही गंगाजल की आपूर्ति राजगीर, नवादा, गया और बोधगया में जानी है। यह तो कॉमन प्लेस है। उन्होंने कहा कि नवादा शहर के पास गंगाजल को स्टोर कर प्यूरीफाई करने के बाद लोगों के घरों तक शुद्ध पेयजल की आपूर्ति करने का प्रबंध सुनिश्चित करें गंगाजल आपूर्ति योजना के माध्यम से नवादा, राजगीर गया एवं बोधगया के लोगों को सालो भर पेयजल आपूर्ति की जाएगी। इसके लिए बरसात के चार महीने तक गंगा नदी से वाटर अपलिफ्ट कर वर्ष के शेष आठ महीने जलापूर्ति हेतु पर्याप्त मात्रा में पानी को स्टोर किया जाएगा। नालंदा विश्वविद्यालय हेतु 70 एकड़ जमीन अधिग्रहित की गयी है, उसमें से 10 एकड़ भूमि गंगाजल आपूर्ति योजना हेतु इस्तेमाल की जाएगी।

गंगाजल आपूर्ति योजना2

राजगीर रिजरवायर का निरीक्षण करने के क्रम में मुख्यमंत्री ने प्रोटेक्शन के लिहाज से रिजरवायर के चारों तरफ फेसिंग (तार का घेरा) कराने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि रिजरवायर में संग्रहित जल को सुरक्षित रखने के लिए पहाड़ की तरफ से बांध रूपी चहारदीवारी अवश्य करायें ताकि जलस्तर मेनटेन रहे। उन्होंने कहा कि कुछ लोग गड़बड़ मानसिकता के होते हैं इसलिए इस खास क्षेत्र में लोगों के आवागमन पर पूर्णतः पाबंदी रखी जाय। संग्रहित जल की सतत् निगरानी हेतु यहां पुलिस चौकी का प्रबंध करें। इसके अलावा स्थायी रूप से लोगों को भी डिप्यूट करें ताकि कोई इंटरफेरेंस न कर सके। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि गंगाजल स्टोरेज का एरिया जो नवादा में पड़ता है, उसकी जिम्मेवारी नवादा को सौंपें और जो नालंदा में पड़ता है उसकी जिम्मेवारी नालंदा को सौपें सुरक्षा मद्देनजर जल संचित क्षेत्र में बेवजह किसी भी व्यक्ति की एंट्री नहीं होनी चाहिए।

निरीक्षण के पश्चात् पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सब लोगों तक गंगाजल पहुंचे इसके लिए हम लगातार इस प्रोजेक्ट की जानकारी ले रहे हैं। जब हमलोगों को काम करने का मौका मिला तो सबसे पहले हमने नवादा और गया की स्थिति की जानकारी ली। हमारी इच्छा शुरू से थी कि गंगाजल गया, बोधगया, नवादा और राजगीर पहुंचे। वर्ष 2019 में हमने जल जीवन हरियाली योजना की शुरुआत की थी। उसी समय हमने तय किया था कि गंगाजल यहां तक पहुंचाएंगे। हमने शुरू में ही बता दिया था कि गंगाजल को मोकामा से लाने में सुविधा होगी। हालांकि विभाग के लोगों ने भी अपने स्तर से कई जगहों पर जाकर इसका मुआयना किया कि कहां से गंगाजल ले जाने में सुविधा होगी और बाद में उनलोगों ने भी मोकामा का ही चयन किया हमने दो-तीन बार पूरे क्षेत्र का भ्रमण किया और इसकी जानकारी ली कि किस तरह से रूट बनना चाहिए और कहां से पानी लाया जाएगा. इसके लिए पूरे एलायनमेंट को समझा सड़क मार्ग से जो पाइपलाईन जा रही है, उसे भी देखा गया और बोधगया की भी जानकारी ली कि वहां कितना काम हुआ है। अधिकारियों ने बताया है कि वहां भी काम लगभग पूरा हो गया है। पाइपलाईन पहुंचने वाली है अभी ट्रायल चल रहा है। असल काम बरसात के महीने में होगा। इस काम के लिए चार महीने तय किए गए हैं। मोकामा से गंगाजल नवादा के बाद अन्य तीन जगहों पर जाएगा। वहां पानी को प्यूरीफाई किया जाएगा. उसके बाद लोगों को वितरित किया जाएगा। एक-एक चीज पहले से तय है। हम चाह रहे हैं कि इसी साल लोगों को गंगा का पानी मिल जाए। जिस एजेंसी को पानी डिस्ट्रीब्यूट करना है, उसकी भी जानकारी हमने ली है। गया में यह काम नगर विकास के जिम्मे है और नवादा में पी०एच०ई०डी० इस काम को करेगा। लोगों को पानी की आपूर्ति में कोई कठिनाई न हो इसलिए हम यहां व्यवस्था देखने आए हैं। अभी तो ये सिंबॉलिक है। जून-जुलाई में पानी आपूर्ति का काम शुरू होगा। लोगों के सहयोग से ही यह काम संभव हो पाया है। सबने सहयोग किया, जमीन दी, उनलोगों का मैं अभिनंदन करता हूं।

इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री श्री संजय कुमार झा, ग्रामीण विकास मंत्री श्री श्रवण कुमार, सांसद श्री कौशलेंद्र कुमार, विधायक श्री कौशल किशोर, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त परामर्शी श्री मनीष कुमार वर्मा, सचिव जल संसाधन श्री संजय कुमार अग्रवाल, सचिव लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग श्री जितेंद श्रीवास्तव, जिलाधिकारी नालंदा श्री शशांक शुभंकर, जिलाधिकारी नवादा श्रीमती उदिता सिंह, पुलिस अधीक्षक नालंदा श्री अशोक मिश्रा, पुलिस अधीक्षक नवादा श्री गौरव मंगला सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं वरीय अधिकारी उपस्थित थे।

शिवानंद तिवारी का बड़ा बयान लालू को तेजस्वी को गद्दी सौप देना चाहिए

जब लालू यादव ने अपने राजनीतिक वारिस के रूप में तेजस्वी यादव को चुना तो राष्ट्रीय जनता दल ने संपूर्ण हृदय से इसको स्वीकार किया. यह जरूरी भी था. इसलिए भी कि बिहार देश का सबसे युवा प्रदेश है. बिहार की पूरी आबादी में 58 फीसद आबादी 25 बरस से नीचे वालों की है. इस आबादी के सपनों और आकांक्षाओं को लालू यादव सहित हम पुरानी पीढ़ी के लोग नहीं समझते हैं, वक्त बदला है. यह आबादी गांवों के उन पुराने मुहावरों और कहावतों को नहीं समझती है जिसके महारथी लालू जी हैं. लेकिन इस युवा आबादी ने तेजस्वी यादव को स्वीकार किया है. इसका आकलन दो चुनाव के परिणामों से समझा जा सकता है. 2010 का विधानसभा चुनाव राजद ने लालू जी के नेतृत्व में लड़ा था. उस चुनाव में राजद के महज 22 विधायक जीत पाये थे.

उसके बाद विधानसभा का दूसरा चुनाव 2015 में हुआ. उस चुनाव में लालू ज़ी और नीतीश कुमार एक साथ हो गये थे. महागठबंधन की सरकार बन गई थी. उस चुनाव नतीजे से लालू यादव और नीतीश कुमार के संयुक्त ताकत का आकलन किया जा सकता है लेकिन स्वतंत्र रूप से राजद की ताकत का आकलन का वह नतीजा आधार नहीं हो सकता है। इसलिए उस चुनाव के परिणाम को यहां नजीर के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. लेकिन उसके बाद 2020 के चुनाव में गठबंधन बनाने से लेकर नेतृत्व तक शुद्ध रूप से तेजस्वी यादव ने किया था. उस चुनाव में राजद विधानसभा में न सिर्फ सबसे बड़े दल के रुप में उभरा बल्कि प्राप्त वोटों के प्रतिशत के हिसाब से भी सबसे बड़ा दल बना. वह चुनाव एक मामले में अनूठा था. देश के राजनीतिक क्षितिज पर नरेंद्र मोदी के उभार के बाद बिहार के विधानसभा का 2020 का चुनाव ऐसा पहला चुनाव था जिस के चुनाव अभियान में भाजपा सांप्रदायिकता को मुद्दा नहीं बना पाई. बल्कि तेजस्वी यादव ने रोजगार के सवाल को 2020 के चुनाव अभियान का प्रमुख मुद्दा बना दिया और नरेंद्र मोदी सहित तमाम पार्टियों को उसी मुद्दे पर चुनाव लड़ने के लिए बाद्धय किया. युवा तेजस्वी की यह बहुत बड़ी उपलब्धि थी. इस प्रकार वे देश की नजर में आ गये.

इसलिये उम्मीद की जा रही थी कि लालू जी तेजस्वी के हाथों में दल का संपूर्ण दायित्व सौंप देंगे. विधानपरिषद हो या राज्य सभा, इन सदनों में कौन जाएगा यह तय करने की छूट तेजस्वी को देंगे ताकि वे भविष्य के लिये अपनी टीम का निर्माण कर सकें लेकिन ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है.

इसलिए एक वरीय साथी होने के नाते मैं लालू जी को सलाह देना चाहूंगा के राज्यसभा के इसी चुनाव में वे तेजस्वी के हाथ में दल की संपूर्ण कमान सौंप दें. लालू जी को स्मरण होगा कि पूर्व में भी अनेक अवसरों पर एक से अधिक मर्तबा मैंने उनको सलाह दी होगी. लेकिन उन्होंने उनकी अनदेखी की. उसके फलस्वरूप उनका तो नुकसान हुआ ही, सामाजिक न्याय आंदोलन को भी नुकसान पहुंचा है. मैं उम्मीद करता हूं कि लालू जी मेरी सलाह का आदर करेंगे.

शिवानन्द
24 मई

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए आज का दिन है अहम, सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी पर आज सुनवाई होगी

सीएम हेमंत सोरेन के करीबियों द्वारा सेल कंपनियों में निवेश और माइनिंग लीज मामले में झारखंड हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी पर आज सुनवाई होगी।

मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना और न्यायाधीश हिमा कोहली की खंडपीठ के समक्ष झारखंड सरकार की ओर से एसएलपी दाखिल की गयी थी।

जिसमें वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी की ओर से कहा गया था कि ईडी पीड़ित पक्ष को बिना नोटिस जारी किये हाइकोर्ट में सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट दाखिल कर दी।

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को खनन लीज आवंटन और सेल कंपनियों में निवेश मामले में सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को आंशिक सुनवाई हुई थी।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस एसआर भट्ट और जस्टिस एस धुलिया की अदालत ने राज्य सरकार की अपील याचिका को अवकाशकालीन पीठ में भेजते हुए 24 मई को सुनवाई की तिथि निर्धारित कर दी थी।

Supreme Court

आज सुबह 11 बजे झारखंड हाई कोर्ट में भी इस मामले में सुनवाई होनी है।

राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में ईडी की ओर से पेश सीलबंद रिपोर्ट पेश किए जाने और याचिका की वैधता के खिलाफ अपील दायर की है।

राज्य सरकार का पक्ष रखते हुए अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि यह मामला राज्य के मुख्यमंत्री से जुड़ा है और ईडी इस तरह सीलबंद रिपोर्ट अदालत में पेश नहीं कर सकती है।

कपिल सिब्बल ने कहा सीलबंद रिपोर्ट सरकार को भी दिया जाना चाहिए। बिना दस्तावेज सरकार किस आधार पर जवाब दाखिल करेगी।

आज सुप्रीम कोर्ट में इसी मुद्दे पर सुनवाई होनी है।