लोकसभा में दरभंगा सांसद गोपाल जी ठाकुर ने शून्यकाल के दौरान “मखाना” का जीआई टैग “मिथिला मखाना” के नाम पर करने का मुद्दा उठाया*
आज लोकसभा में शून्यकाल के दौरान दरभंगा सांसद डॉ गोपाल जी ठाकुर ने मिथिला और मैथिल की पहचान “मखाना” का जीआई टैग “मिथिला मखाना” के नाम से करने के विषय को सदन के पटल जोरदार तरीके से रखा। उन्होंने कहा कि बीते बजट सत्र में अतारांकित प्रश्न के माध्यम से भी मखाना का जी.आई. टैग ‘मिथिला मखाना’ किये जाने हेतु प्रश्न किया था, जिसके उत्तर में विभागीय राज्यमंत्री सोम प्रकाश जी ने कहा कि बिहार मखाना के प्रस्ताव को आवेदक ने संशोधित कर मिथिला मखाना का प्रस्ताव जी आई टैग के लिए दिया है।
विदित हो कि मखान व मखाना का जियोग्राफिकल इंडिकेशंस(जी.आई.) टैग मिथिला मखाना के नाम से किये जाने हेतु सांसद श्री ठाकुर ने पूर्व में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल जी को दिनांक 24 अगस्त 2020 को पत्र लिखा एवं दिनांक 29 अगस्त 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग(वर्चुअल) के माध्यम से भी आग्रह किया था, जिस पर मंत्री ने सकारात्मक संदेश भी दिया था। इसके अलावा मखाना के जियोग्राफिकल इंडिकेशंस (जी.आई.) टैग को लेकर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के विभिन्न अधिकारियों से भी दूरभाष पर बात कर चुके है।
विदित हो कि सांसद गोपाल जी ठाकुर पहले भी इस विषय को लोकसभा में शून्य काल में उठा चुके है।
सांसद ने कहा कि मिथिला की पहचान व प्रमुख फसल मखाना की उपज मुख्य रूप से सिर्फ मिथिला क्षेत्र में ही होती है, पूरे देश के उत्पादन का लगभग 80 से 90 फीसद उपज मिथिला के इस विशाल क्षेत्र में होती है। उन्होंने कहा कि मुख्य रूप से मिथिला क्षेत्र में उपजने वाले मखाना का जीआई टैग मिथिला मखाना के नाम से ही होना उचित है।
सांसद गोपाल जी ठाकुर ने कहा कि मखाना की महत्ता को देखते हुए पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार द्वारा 28 फरवरी 2002 को मिथिला के केंद्र दरभंगा में राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र की स्थापना की गई थी, ताकि मखाना का विकास उच्च स्तर पर हो सके। उन्होंने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने मिथिला क्षेत्र के इस प्रमुख फसल मखाना के वैश्विक मांग को देखते हुए इसके व्यापार को अंतराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की बात भी कही है तथा देश को आत्मनिर्भर बनाने का मार्ग प्रशस्त करते हुए आर्थिक मजबूती प्रदान करने हेतु वोकल फॉर लोकल का आवाह्न किया ताकि स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिले।
श्री ठाकुर ने कहा कि मखाना मिथिला व 8 करोड़ मिथिलावासियों की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है, इसीलिए मखाना का जी.आई. टैग मिथिला मखाना के नाम से होने पर आठ करोड़ मिथिलावासी गौरवान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि मुख्य रूप से मिथिला क्षेत्र में उपजने वाले ‘मखाना’ का जी.आई. टैग ‘मिथिला मखाना’ के नाम से ही होना उचित है, ताकि मिथिला क्षेत्र की संस्कृति और पहचान बनीं रहे।