राजधानी पटना समेत राज्य के कई अन्य शहरों में बने बड़ी और बहुमंजिली ईमारतों में आग बुझाने की पर्याप्त और प्रभावी व्यवस्था नहीं होने के मामलें में पटना हाईकोर्ट में दो सप्ताह बाद की जाएगी।अधिवक्ता मणिभूषण प्रताप सेंगर की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ सुनवाई कर रही है।
उन्होंने अपनी जनहित याचिका में बताया कि पटना समेत राज्य के कई शहरों में बड़ी ईमारतों में आग बुझाने की प्रभावी व्यवस्था न के बराबर है।उन्होंने बताया कि इन ईमारतों में बिजली के शॉर्ट सर्किट होने या किसी अन्य कारण से आग लगने पर आग बुझाने की सही व्यवस्था नहीं होने के कारण अक्सर जान माल की बड़े पैमाने पर क्षति होती है।
उन्होंने बताया कि शहरों में शहरों में नियमों का उल्लंघन करने के कारण आग बुझाने में काफी कठिनाई होती है।सड़कों व गलियों मे होने वाले अतिक्रमणों के कारण चौड़ाई कम होती जा रही है।इससे भी आग बुझाने वाले फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने ये भी जानकारी दी है कि पटना में 51 ईमारतों को आग बुझाने की व्यवस्था की जांच के बाद अस्थायाई अनापत्ति प्रमाणपत्र दिया गया है।जबकि 12 ईमारतों को उनके आग बुझाने की व्यवस्था की जांच कर स्थायी अनापत्ति प्रमाणपत्र दिया गया है ।
उन्होंने बताया कि पटना में हजार से अधिक ऐसी ईमारतें है, जिन्हें आग बुझाने की व्यवस्था का अनापत्ति प्रमाणपत्र नहीं दिया गया है ।इस मामलें पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद की जाएगी।