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बिहार में भ्रष्टाचार चरम पर अधिकारियों के घर और लांकर में मिल रहे हैं अकूत सम्पत्ति

काफी दिनों बाद आज खबर की दुनिया में लौटे हैं सुबह से ही सोच रहे हैं कहां से शुरू करें और कैसे शुरू करें चलिए शुरुआत तेजस्वी की शादी से ही करते मुझे अब तक समझ में नहीं आया कि मीडिया तेजस्वी की शादी के बाद साधु यादव के पास क्या जानकारी हासिल करने गया था जबकि दोनों परिवार के बीच लम्बे समय से कोई रिश्ता नहीं रहा है ।जहां तक मुझे याद है मीसा भारती के बाद लालू प्रसाद के किसी भी बेटी और बेटे की शादी में साधु यादव की कोई बड़ी भूमिका नहीं रही है ऐसी स्थिति में तेजस्वी की शादी में मामा साधु की प्रतिक्रिया अभी भी मेरे समझ से पड़े हैं।हां ये जरुर है कि साधु की प्रतिक्रिया के बाद तेजस्वी की शादी को लेकर जो चर्चा होनी चाहिए थी वो नहीं हो सका ।     

बिहार के एक डीएसपी का अश्लील बातचीत करते हुए ऑडियो हुआ वायरल

दूसरी खबर बिहार के भ्रष्ट अधिकारियों के ठिकाने पर छापेमारी से जुड़ी है बालू माफिया से रिश्ते की वजह से औरंगाबाद अनुमंडल पदाधिकारी के पद से हटाये गये अनूप कुमार के यहां कल आर्थिक अपराध ईकाई की टीम ने छापामारी किया है पटना रांची में घर के अलावे करोड़ों की अवैध संपत्ति का खुलासा हुआ है इसी तरह वैशाली के  लेबर इंफोर्समेंट अधिकारी के ठिकाने से इतने पैसे बरामद हुए कि नोट गिनने वाली मशीन लानी पड़ी वही  सासाराम के भू अर्जन पदाधिकारी का लॉकर खुला तो जेवरात देख कर पूरा महकमा हैरान रह गया बिहार में यही कोई पांच छह अधिकारी करोड़पति है ऐसा नहीं है जांच हो जाये तो सौ दो सौ ईमानदार मिल जाये तो बड़ी बात होगी क्योंकि सरकार के स्तर पर जिस तरीके से तबादला और पोस्टिंग हो रही है भ्रष्टाचार वही से पैदा होता है कोई अधिकारी 40 लाख देकर आयेगा तो फिर फिल्ड में आकर वो करेगा क्या । 

वैशाली के जिस लेबर इंफोर्समेंट अधिकारी के घर से करोड़ों रुपया नगद पकड़ाया है उनकी पोस्टिंग लगातार सात वर्ष से मोहनिया चेक पोस्ट पर रहा है जबकि वो उस विभाग का अधिकारी भी नहीं है अगर सही में भ्रष्टाचार पर नकेल कसना है तो किस डीएम ने उसको मोहनिया चेक पोस्ट पर पोस्ट किया उससे भी पूछताछ होनी चाहिए लेकिन ऐसा तो हो नहीं रहा है ।           

इसी तरह औरंगाबाद के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अनुप कुमार की पोस्टिंग कैसे हुई जबकि इन पर पटना जिला बल में रहने के दौरान कई तरह के गम्भीर आरोप लग चुके हैं जबकि डीएसपी स्तर के अधिकारी का पोस्टिंग मुख्यमंत्री करते हैं इसी तरह डेहरी के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी जिसका एक ओडियो पूरे बिहार में बवाल मचाये हुए हैं जिसमें डीएसपी लड़कियों से अश्लील बातचीत कर रही है जबकि यह डीएसपी पहले से दागी की सूची में है और जांच चल रहा है ऐसे में उनकी पोस्टिंग कैसे हो गयी जबकि यहां पदस्थापित डीएसपी को बालू माफिया से सांठगांठ करने के आरोप में हटाया गया था ऐसी जगह से इस तरह के आरोप के घिरे अधिकारियों की पोस्टिंग कैसे हुई बड़ा सवाल है चर्चा तो इन दिनों सरेआम है कि बिहार में पुलिस की पोस्टिंग में बीबी और बिल्डर का खूब चल रहा है ।      

बात राजनीति की तो फिलहाल जब तक डीएम एसपी का ट्रांसफर पोस्टिंग नहीं हो जाता है तब तक बीजेपी और जदयू में विशेष राज्य और अफसरशाही को लेकर जो बयानबाजी चलता रहेगा खेला सब जिले में अपने मनपसंद के डीएम एसपी की तैनाती का ही है ।

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