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साइबर क्राइम को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, एफआईआर दर्ज नहीं करना कोर्ट का अवमानना माना जायेगा

पटना हाई कोर्ट ने साइबर क्राइम से जुड़े मामलों पर सुनवाई करते हुए साफ किया कि यदि थाना इन चार्ज इन मामलों में एफआईआर नहीं करेंगे,तो उनके विरूद्ध कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई होगी। जस्टिस संदीप कुमार ने याचिकाकर्ता शिव कुमार व अन्य के मामलों पर सुनवाई की।

कोर्ट ने 23 जुलाई, 2021 से 24 अगस्त, 2021 के बीच पंजाब नेशनल बैंक के बेउर स्थित अनीसाबाद ब्रांच से जुड़े मामले में किये गए साइबर क्राइम के संबंध में पुलिस अधीक्षक (पश्चिम) को अनुसंधान के संबंध में प्रगति रिपोर्ट दायर करने का आदेश दिया है। राज्य सरकार के अधिवक्ता अजय को इस संबंध में सूचना पुलिस अधीक्षक देने को कहा गया है।

रूपसपुर थाना अंतर्गत एक अधिवक्ता के एकाउंट से पैसे के कथित रूप से बेईमानी से निकाले जाने के मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं किये जाने के मामले में रूपसपुर थाना के ऑफिसर इंचार्ज को नोटिस जारी किया गया है। रूपसपुर थाना इंचार्ज से पूछा गया है कि पूर्व में ही रिपोर्ट किये जाने के बावजूद आखिर क्यों नहीं प्राथमिकी दर्ज की गई।

कोर्ट ने भारत सरकार के टेलिकॉम विभाग को भी सचिव के जरिये एक पार्टी बनाने का आदेश दिया है। अधिवक्ता राजेश रंजन ने एयर टेल व वोडाफ़ोन का पक्ष रखा।

अधिवक्ता रत्नाकर पांडेय रिलायंस जियो की ओर से उपस्थित हुए। टेलीकॉम कंपनियों के अधिवक्ताओं द्वारा बताया गया की फर्जी कागजात के आधार पर सिम कार्ड लेने वालों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करवाई जा रही है।

टेलीकॉम कंपनियों द्वारा यह भी बताया गया कि कुछ थानों में प्राथमिकी दर्ज करवाने में कठिनाई भी हो रही है। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि वैसे ऑफिसर इंचार्ज जो प्राथमिकी दर्ज नहीं करंगे, उनके विरुद्ध कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई की जाएगी।

PatnaHighCourt
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कोर्ट ने कहा है कि टेलीकॉम कंपनियों के अधिवक्ता ऐसे पुलिस स्टेशन और उनके ऑफिसर इंचार्ज का ब्योरा देने के लिए स्वतंत्र हैं, जो केस दर्ज नहीं करते हैं।

साथ ही कोर्ट ने जब टेलिकॉम कंपनियों से यह जानना चाहा कि प्राथमिकी दर्ज करने के संबंध में टेलिकम्युनिकेशन विभाग के आदेश का पालन पूरे देश में किया जा रहा है या नहीं। इस मामले में जवाब मिला कि इसको लेकर निर्देश लेना होगा।

पिछली सुनवाई में टेलिकॉम कंपनियों द्वारा बताया गया था कि वे लोग प्री एक्टिवेटेड सिम को बेचना बंद कर दिए। लेकिन कोर्ट को एमिकस क्यूरी ने इलाहाबाद में दर्ज की गई प्राथमिकी का हवाला देते हुए बताया कि इस मामले में तकरीबन 5 सौ प्री एक्टिवेटेड सिम की बरामदगी की गई थी।

इस मामलें पर अगली सुनवाई 11 मार्च,2022 को की जाएगी।

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