पटना हाईकोर्ट ने दनियावां थाना के पुलिसकर्मी संतोष कुमार व अनूप कुमार द्वारा अधिवक्ता विनोद कुमार के साथ किये गए मारपीट के मामलें पर सुनवाई की चीफ जस्टिस संजय करोल की डिवीजन बेंच इस मामलें सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने की गई कार्रवाई का ब्यौरा प्रस्तुत किया।
राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने कोर्ट को बताया कि इस मामलें सम्बंधित पुलिस अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है।साथ ही उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही प्रारम्भ की गई हैं।
उन्होंने कोर्ट को बताया कि पीड़ित अधिवक्ता विनोद कुमार की ईलाज की पूरी व्यवस्था की गई।उनका मेडिकल जांच किया गया।साथ ही उन्हें दवा भी दी गई।
एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश चंद्र वर्मा ने कोर्ट को बताया की इस तरह की घटनाएं अक्सर होते रहती हैं।ऐसी घटनाओं को सख्त तरीके से रोकने की जरूरत हैं।कोर्ट में आज पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक को पटना हाई कोर्ट के समक्ष उपस्थित थे। उन्होंने भी अपनी बात कोर्ट के समक्ष रखा।
कोर्ट के समक्ष पिछली सुनवाई में इस घटना के सम्बन्ध में सीनियर एडवोकेट पी के शाही ने पूरी घटना को रखा था। श्री शाही ने यह भी बताया कि उस रास्ते से राज्य के मुख्यमंत्री को जाना था।
उसके बाद कोर्ट ने इस मामले में दिए गए पत्र को आधार बनाते हुए जनहित याचिका के रूप में रजिस्टर्ड करने का आदेश दिया था।
कोर्ट को राज्य सरकार के महाधिवक्ता ललित किशोर ने पीड़ित अधिवक्ता की समुचित इलाज करवाने के लिए आश्वस्त किया था। सुनवाई के दौरान राज्य
इस घटना के बारे में पत्र में कहा गया है कि जब पीड़ित अधिवक्ता नालंदा जिला अंतर्गत अपने गांव चुलिहारी से पटना आ रहे थे ,तो दनियावां पुलिस द्वारा मारपीट की गई।
इसकी वजह से अधिवक्ता के दोनों कान बुरी तरह से घायल हो गए।पत्र में कहा गया है कि जब अधिवक्ता ने पटना के एसएसपी व दनियावां थाना के एसएचओ के समक्ष शिकायत करना चाहा,तो उन्होंने शिकायत लेने से इंकार कर दिया था।
इस मामलें पर कोर्ट आदेश पारित करेगा।