Press "Enter" to skip to content

पटना हाइकोर्ट में राज्य में पुलिस स्टेशनो की दयनीय अवस्था और बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध नहीं होने के मामलें पर सुनवाई 10 जुलाई,2023 को की जाएगी

पटना हाइकोर्ट में राज्य में पुलिस स्टेशनो की दयनीय अवस्था और बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध नहीं होने के मामलें पर सुनवाई 10 जुलाई,2023 को की जाएगी।चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ने इस मामलें पर सुनवाई की।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को पुलिस स्टेशन भवनों के निर्माण व सुधार के लिए उपलब्ध फंड के सम्बन्ध में पंद्रह दिनों में विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।

पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को मॉडल पुलिस थाने के निर्माण पर विचार करने के लिए राज्य के विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक कमिटी गठित करने का निर्देश दिया था। राज्य सरकार की ओर से बिहार व अन्य राज्यों के मॉडल पुलिस थाने के सम्बन्ध में जानकारी दी गई थी।

कोर्ट ने जानना चाहा था कि पुलिस स्टेशनों के निर्माण व सुधार के लिए उपलब्ध फंड के सम्बन्ध में कितने दिनों में जानकारी दी जा सकती है।राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया था कि पंद्रह दिनों में इस सम्बन्ध ब्यौरा प्रस्तुत कर दिया जाएगा।

कोर्ट द्वारा सहायता करने के लिए नियुक्त एमिकस क्यूरी सोनी श्रीवास्तव ने बताया कि पिछली सुनवाई में कोर्ट ने फंड की उपलब्धता के सम्बन्ध में ब्यौरा देने का निर्देश दिया था, लेकिन अब तक ये ब्यौरा कोर्ट में प्रस्तुत नहीं हुआ।

कोर्ट ने बिहार राज्य पुलिस भवन निर्माण निगम में काफी पद के रिक्त होने को काफी गम्भीरता से लिया था।उन्होंने राज्य सरकार को इन रिक्त पदों को शीघ्र भरने को कहा,ताकि पुलिस थाना भवनों का निर्माण कार्य तेजी से हो सके।

PatnaHighCourt
#PatnaHighCourt

एमिकस क्यूरी सोनी श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया था कि राज्य में 1263 थाना है,जिनमें 471 पुलिस स्टेशन के अपने भवन नहीं है।इन्हें किराये के भवन में काम करना पड़ रहा है।कोर्ट ने स्पष्ट किया कि राज्य में पुलिस स्टेशन भवनों का निर्माण और पुनर्निर्माण का कार्य समय सीमा के भीतर पूरा किया जाए।

जब तक दूसरे भवन में चल रहे पुलिस स्टेशन के लिए सरकारी भवन नहीं बन जाते,तब तक पुलिस अधिकारी कमल किशोर सिंह कॉर्डिनेटर के रूप में कॉर्डिनेट करेंगे।

इससे पहले भी पुलिस स्टेशन की दयनीय स्थिति और बुनियादी सुविधाओं का मामला कोर्ट में उठाया गया था।राज्य सरकार ने इन्हें सुधार लाने का वादा किया था,लेकिन ठोस परिणाम नहीं दिया था।

कोर्ट में सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी अधिवक्ता सोनी श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि जो थाने सरकारी भवन में चल रहे हैं, उनकी भी हालत अच्छी नहीं है।उनमें भी बुनियादी सुविधाओं की काफी कमी है।

उन्होंने बताया कि पुलिस स्टेशन में बिजली,पेय जल,शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएँ भी उपलब्ध नहीं है। लगभग आठ सौ थाने ऐसे है, सरकारी भवनों में चल रहे है,लेकिन उनकी भी स्थिति अच्छी नहीं है।

उन्होंने कोर्ट को बताया कि जो थाना सरकारी भवन में है,उनमें भी निर्माण और मरम्मती की आवश्यकता है।उन्होंने बताया कि कई पुलिस स्टेशन के भवन की स्थिति खराब है।

पुलिसकर्मियों को काफी कठिन परिस्थितियों में और कई सुविधाओं के अभाव में कार्य करना पड़ता है।इस मामलें पर अगली सुनवाई 10 जुलाई,2023 को होगी।

More from खबर बिहार कीMore posts in खबर बिहार की »
More from पटना हाईकोर्ट न्यूजMore posts in पटना हाईकोर्ट न्यूज »