चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ अधिवक्ता रमाकांत शर्मा की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही हैं।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के मुख्य सचिव से अपने स्तर से मामले पर कार्रवाई करने की उम्मीद जताई। साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस संदर्भ में अपना जवाब कोर्ट में दो सप्ताह के अंदर दायर करने का निर्देश दिया था ।
श्री शर्मा ने अपनी याचिका में कहा है कि राज्य की अदालतों में उपलब्ध बुनियादी सुविधाओं की स्थिति बहुत ही चिंताजनक है।
उन्होंने कोर्ट को बताया था कि राज्य में 1,20,000 से ज़्यादा अधिवक्ता विभिन्न अधिवक्ता संघों में रजिस्टर्ड हैं ,लेकिन उनके लिए बुनियादी सुविधाएँ जैसे टेबल, कुर्सी, पानी पीने की सुविधा जैसी आधारभूत संरचना नहीं है ।
इस पर खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि अधिवक्ताओं की बुनियादी सुविधाओं को नकारा नहीं जा सकता है। अधिवक्ताओं के लिए आधारभूत संरचना बनाने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार की भागीदारी 60:40 के अनुपात में है । इस विषय पर केंद्र सरकार को जवाब देने के लिए अतिरिक्त समय नहीं दिया जा सकता ।
पूर्व की सुनवाई में खंडपीठ ने इस मामले में राज्य के मुख्य सचिव को हालात का ब्यौरा लेकर कोर्ट में हलफ़नामा दायर करने का निर्देश दिया था।इस मामले पर अगली सुनवाई10मई,2022 को होगी।