Press "Enter" to skip to content

पटना हाईकोर्ट में लोकायुक्त व अन्य सदस्यों के रिक्त पड़े पदों को भरने के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई टल गयी

चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ वेटरन फोरम द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही हैं।

इस जनहित याचिका में यह कहा गया कि भारत में भ्रष्टाचार के बड़े बड़े मामलें में प्रभावशाली लोग लिप्त रहते हैं।इस प्रकार के मामलों को देखने के लिए लोकायुक्त के संस्था की स्थापना की गई है।

बिहार में फरवरी,2022 से लोकायुक्त व अन्य सदस्यों के पद रिक्त पड़े हैं।इसके पहले फरवरी,2017 में पटना हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस श्याम किशोर शर्मा बिहार के लोकायुक्त पद पर आसीन हुए।

फरवरी,2022 में लोकायुक्त श्याम किशोर शर्मा इस पद से सेवानिवृत हुए। उसके बाद से ये पद रिक्त पड़ा हैं।1973 में इसकी स्थापना सरल व त्वरित न्याय दिलाने के लिए की गई है।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि इस दौरान लगातार पीड़ित लोगों द्वारा मामलें दायर किये जा रहे हैं, लेकिन इन महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्तियां नहीं होने के कारण बड़े पैमाने पर मामलें बड़ी संख्या में सुनवाई के लिए लंबित पड़े हैं।

PatnaHighCourt
#PatnaHighCourt

उन्होंने बताया कि इससे वादों का निपटारा नहीं हो पा रहा हैं। इससे जहां लोगों की कठिनाइयां बढ़ी है,वहीं लोगों में असंतोष की भावना लगातार बढ़ रही हैं।

अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि लोकायुक्त कार्यालय में दो जज और एक सदस्य अन्य क्षेत्र से लिए जाते हैं।पटना हाईकोर्ट के पूर्व जज मिहिर कुमार झा और कीर्ति चन्द्र साहा 17मई,2021 को सेवा निवृत हो गए।

सरकार को लोकायुक्त समेत अन्य रिक्त पदों को शीघ्र भरे जाने की जरूरत हैं,ताकि इन मामलों का निपटारा हो सके और लोगों को न्याय मिल सके।

इस संस्था का दुरपयोग नहीं हो इसके लिए काफी सख्त कानून बनाए गए हैं।अगर कोई व्यक्ति किसी को भ्रष्टाचार के झूठे आरोप में फंसाने के लिए मामला दर्ज कराएगा,तो वह स्वयम फंस जाएगा।उसके विरुद्ध तीन वर्ष कैद की सजा और पाँच हज़ार रुपये तक आर्थिक दंड का भी प्रावधान है।

इस मामलें पर अगली सुनवाई 11अगस्त,2022 को की जाएगी।

More from खबर बिहार कीMore posts in खबर बिहार की »
More from पटना हाईकोर्ट न्यूजMore posts in पटना हाईकोर्ट न्यूज »