पटना हाइकोर्ट में हर्ष फायरिंग को रोकने हेतु दायर जनहित याचिका की सुनवाई हुई। इस सम्बन्ध में हाईकोर्ट ने राज्य के 11 जिलों के डिस्ट्रिक्ट व सेशन जजों से उनके जिलों में हुए हर्ष फायरिंग की घटनाओं के सिलसिले में दर्ज प्राथमिकी के अनुसंधान और ट्रायल का रिपोर्ट तलब किया है।
चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने राजीव रंजन सिंह की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की।
कोर्ट ने इस मामलें पर सुनवाई करते हुए पटना सहित बिहार के 11 जिले के डिस्ट्रिक्ट और सेशन जज को आदेश दिया था कि वह अपने-अपने जिला में हुए हर्ष फायरिंग की घटनाओं पर दायर मामले की त्वरित अनुसंधान और उस मामले में मुकदमे की त्वरित सुनवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।साथ ही एक समय सीमा के अंदर कार्य योजना तैयार कर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
हाई कोर्ट ने पिछली सुनवाई में भी पटना, वैशाली ,सुपौल ,पूर्वी और पश्चिम चंपारण, मधेपुरा पूर्णिया ,जमुई ,लखीसराय सहित अन्य जिलों के डिस्ट्रिक्ट व सेशन जज को निर्देश दिया था कि वे अपने-अपने जिलों के डीएम और एसपी के साथ एक बैठक कर यह समयसीमा को सुनिश्चित करें।
उनके जिलों में हर्ष फायरिंग पर हुए एफ आई आर के अनुसंधान को एक समय सीमा के भीतर पूरा कर आरोपियों को ट्रायल हेतु भेजा जाए।
वही पब्लिक प्रॉसिक्यूटर के साथ सुनवाई करते हुए जिला अधिकारी को यह निर्देश दिया गया कि वे सुनिश्चित करें कि हर्ष फायरिंग के आरोपियों के खिलाफ चल रहे ट्रायल की हो सके ,तो रोज़ाना सुनवाई हो और गवाही में विलम्ब नही हो।
हाईकोर्ट के पूर्व आदेशों के तहत में इन सभी जिलों के डिस्ट्रिक्ट व सेशन जज ने बैठक में क्या क्या निर्णय लिए और इस बैठक कहां तक प्रभावकारी रहा, इस पर भी रिपोर्ट भी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया।
इस मामलें पर अगली सुनवाई,13फरवरी,2023 को होगी।