पटना हाईकोर्ट ने राज्य के पंचायती राज संस्थानों में कराए जा रहे पंचायत आम निर्वाचन 2021 के चुनाव कार्य मे बैंककर्मियों के साथ साथ केंद्रीय बोर्ड व निगम सहित पब्लिक सेक्टर में कार्यरत कर्मी को चुनाव ड्यूटी पर तैनात किए जाने के मामलें पर सुनवाई की।
चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने इस रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्रीय चुनाव आयोग के साथ साथ राज्य निर्वाचन आयोग और राज्य सरकार से जबाब तलब किया है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ऑफिसर्स एसोसिएशन द्वारा बैंक कर्मियों को चुनाव कार्य मे लगाए जाने संबंधी चुनाव आयोग के अधिसूचना की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया।
याचिकाकर्ता ने जिला निर्वाचन पदाधिकारी (पंचायत)- सह- जिला पदाधिकारी पटना के द्वारा दिनांक 12 अगस्त 2021 को चीफ मैनेजर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया मुख्य कार्यालय पटना को लिखे उस पत्र को चुनौती दी है।
इसके माध्यम से पटना में कार्यरत सभी पदाधिकारियों एवम कर्मियों को चुनाव कार्य मे लगाए जाने के लिये नाम पद एवं उनका मोबाइल नंबर माँगा था, ताकि चुनाव कार्य के लिये उनका डाटा बेस तैयार किया जा सके।
कोर्ट को याचिकाकर्ता द्वारा बताया गया कि इससे बैंक का कार्य प्रभावित होता है।
एसबीआई पटना सर्किल ( बिहार व झारखंड क्षेत्र ) के अफसरों के संघ के महासचिव व अन्य अधिकारियों की तरफ से दायर इस याचिका में बिहार पंचायती राज कानून की संशोधित धारा 125 की संवैधानिकता को चुनौती दी गयी है।
इस धारा के तहत चुनाव ड्यूटी पर तैनात करने हेतु बैंक कर्मियों को भी राज्य सरकार के कर्मियों के समतुल्य माना गया है।
इस मामले पर फिर अगली सुनवाई 22 दिसम्बर को फिर होगी।