पटना हाईकोर्ट ने राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सह विधायक तेज प्रताप यादव के निर्वाचन को चुनोती देने वाली चुनाव याचिका पर सुनवाई की।विजय कुमार यादव की चुनाव याचिका जस्टिस वीरेंद्र कुमार ने सुनवाई की।
तेज प्रताप यादव के
हसनपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचन को विजय कुमार यादव ने चुनाव याचिका दायर कर चुनौती दी। आज याचिकाकर्ता की गवाही हुई।
तेजप्रताप यादव के अधिवक्ता जगन्नाथ सिंह ने याचिकाकर्ता से जिरह किया। उसके बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता को उन्मुक्त कर दिया।
इसके पूर्व दोनों पक्षों की ओर से अदालत में पक्षकारों के बीच, जिन विवादित बिंदुओं पर भी अदालत अपना निर्णय दे सकता है, उसे दाखिल किया गया था।
तेज प्रताप यादव के अधिवक्ता जगन्नाथ सिंह ने आगे बताया कि याचिकाकर्ता ने जनप्रतिनिधि एक्ट, 1951 का हवाला देते हुए तेज प्रताप यादव के निर्वाचन को अमान्य करार देने के लिए चुनाव याचिका दायर किया है।
मामला वर्ष 2020 में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव से जुड़ा हुआ है। याचिका दायर करने का आधार श्री यादव द्वारा जानबूझकर अपनी संपत्ति के संबंध में नामांकन पत्र के साथ संपत्ति को लेकर हलफनामा में जानकारी छुपाना बताया गया है।
याचिकाकर्ता ने जनप्रतिनिधि क़ानून की धारा 123(2) के अनुसार इसे भ्रष्ट आचरण बताया है।
इस विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन 16 अक्टूबर, 2020 को दाखिल किया गया था।
3 नवंबर, 2020 को विधानसभा चुनाव संपन्न हुआ था। 10 नवंबर, 2020 को चुनाव परिणाम घोषित किया गया था, जिसमें तेज प्रताप यादव हसनपुर विधानसभा चुनाव क्षेत्र से विजयी हुए थे।
अब इस मामले में अगली सुनवाई 2 दिसंबर को होगी।