बालिकागृह वैश्यावृति का अड्डा तो नहीं बन गया है ?
नीतीश कुमार के समाज सुधार अभियान के दौरान समस्तीपुर में सभा को संबोधित करते हुए राज्य के DGP एसके सिंघल ने कहा था ‘कई सारी हमारी बेटियां शादी करने के लिए घर से बिना मां-पिता की मर्जी के चली जाती हैं। इसके इतने दुखद परिणाम निकलते हैं कि कइयों की हत्या हो जाती है। कई सारी हमारी बेटियां वेश्यावृति तक में पहुंच जाती हैं। उनका कोई ठिकाना नहीं रहता है, जिंदगी में वो क्या कर पाएंगी, वो कुछ भी सही प्रकार से नहीं रह पाता है। उसका बहुत सारा दुख परिवार के सदस्यों और मां-पिताजी को उठाना होता है।’
डीजीपी के इस बयान के बाद बड़ा बवाल हुआ था और महिला संगठन डीजीपी के विचार को पुरुषवादी मानसिकता और प्यार का दुश्मन करार देते हुए जमकर खरी खोटी सुनायी थी ।
किन आंकड़ों और बिहार के थाने में दर्ज हो रहे मामले पर गौर करेंगे तो बिहार में लड़कियों की ट्रैफिकिंग का एक बड़ जरिया इस तरह का प्रेम विवाह है बच्चे परिवार के मर्जी के खिलाफ घर से तो बाहर निकल जाते हैं लेकिन जब रहने खाने की व्यवस्था का सवाल आता है तो अधिकांश मामले में लड़का कमजोर पड़ जाता है । और ऐसी स्थिति में हो यह रहा है कि लड़के लड़कियां गांव लौटती है वहां परिवार वाले रखने को तैयार नहीं होता है तो कोर्ट उसे बालिका गृह में भेज देती है जहां मानसिक रूप से बीमार और आपराधिक घटनाओं में बंद लड़कियों के साथ उसे रहना पड़ता है, जिस वजह से आये दिन एक अलग तरह की यातनाओं से उन्हें गुजरना पड़ता है कई तो जिंदगी के जद्दोजहद में देह व्यापार में शामिल होने को मजबूर हो जाती है। वही ऐसी खबरें भी आती रहती है कि इस तरह के लड़के लड़कियां जब घर से बाहर निकलती है तो स्टेशन ,बस स्टेंड में देह व्यापार कराने से जुड़े गैंग के सदस्य जो इस तरह के लड़के लड़कियों पर खास नजर रखता है उसका शिकार लड़कियां हो जाती है और वो कोटे पर पहुंच जाती है।
एक घटना आज भी मुझे याद है दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी की बेटी इसी तरह प्रेम के चक्कर में अपने मित्र के साथ घर से निकल गयी और इसी दौरान हरिद्वार में देह व्यपार का धंधा कराने वाले गैग की चक्कर में फस गयी ,उस गैग वाले ने पहले लड़के की हत्या कर दी और बाद में लड़की को बिहार के पूर्णिया के मुजरा पट्टी लाकर बेच दिया। संयोग से उसके पास जो ग्राहक आया उसके फोन से वो अपने घर वाले को फोन कर पूरा लोकेशन बता दी उस समय पूर्णिया की एसपी किम शर्मा थी उसने रातो रात पूरे पूर्णिया जिले के पुलिस बल के साथ मुजरा पट्टी की घेराबंदी कर सर्च अभियान शुरु की और पहले उस लड़की को बाहर निकाला गया और उसके बाद तब तक एक्शन चलता रहा जब तक मंडी पूरी तरह ध्वस्त नहीं हो गया। एसपी किम 80 से ज्यादा लड़की और इस तरह के धंधे में शामिल लड़के को जेल भेज दी इस दौरान जो लड़किया यहां से बरामद हुई थी उसमें कई ऐसी लड़की थी जो इसी तरह प्रेम के जाल में फस कर कोठे पर पहुंच गयी थी ।
सी तरह मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में भी जिन 45 लड़कियों को रेस्क्यू किया गया था उसमें अधिकांश मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर थी लेकिन चार पांच ऐसी लड़कियां थी जो इसी तरह प्रेम जाल में फस कर रिमांड होम में पहुंची और उसके बाद दिल्ली,यूपी,बंगाल होते हुए मुजफ्फरपुर पहुंची थी। ये दिल्ली .यूपी,बंगाल होते कैसे मुजफ्फरपुर पहुंची इसकी भी बड़ी कहानी है यह सब नेटवर्क के सहारे चलता है जहां जैसा ग्राहक वैसी लड़कियां भेजी जाती है इन्ही लड़कियों की गवाही मुजफ्फरपुर रिमांड होम मामले में ब्रजेश ठाकुर को महंगा पड़ गया था । आज बिहार में जितनी भी बालिका गृह है लड़कियां रह रही है उसमें 70 से 80 प्रतिशत लड़कियाँ इसी तरह भाग कर शादी करने से जुड़ी हुई है जिसका हाल आप कल्पना में भी नहीं सोच सकते हैं गायघाट रिमांड होम मामले में जो लड़की बयान दे रही है वो भी इसी तरह प्रेम जाल में फस कर यहां पहुंची थी ।
आज समाज और पुलिस,कोर्ट और सरकार के सामने ये एक बड़ी समस्या बन कर सामने आ रही है इस पर गंभीरता से सोचने कि जरूरत है क्योंकि व्यवस्था नहीं होने के कारण इस तरह की संस्था वेश्यावृत्ति का संस्थागत रुप धारण करता जा रहा है हालांकि बिहार सरकरा पिछले माह ही इस तरह के लड़कियों के लिए विशेष व्यवस्था करने का निर्णय लिया है जिसके तहत घर से भागी और मानव तस्करी से मुक्त कराई गई लड़कियों के लिए रक्षा गृह खुलेगा। महिला एवं बाल विकास निगम सभी जिलों में रक्षा गृह खोलेगा। इन रक्षा गृह में 50 लड़कियों को रखने की व्यवस्था होगी और इसमें रहने वाली लड़कियों के पढ़ने लिखने की व्यवस्था के साथ साथ लड़कियां आत्मनिर्भर बने इस पर फोकस होगा इस निर्णय के अमल में आने में कितना वक्त लगेगा कहना मुश्किल है लेकिन इस तरह के प्रेम प्रसंग मामले में सामाजिक और प्रशासनिक व्यवस्था को नये सिरे से सोचने कि जरूरत है सिर्फ अधिकार के सहारे इसका समाधान नहीं निकल सकता है।