जस्टिस आशुतोष कुमार ने प्राथमिकी रद्द करने और और अग्रिम जमानत देने हेतु याचिकाकर्ता द्वारा दायर याचिकाओं को निष्पादित करते हुए दोनों याचिकाओं को खारिज कर दिया।
हाई कोर्ट ने अग्रिम जमानत हेतु याचिका को खारिज करते हुए कहा है कि यदि याचिकाकर्ता विशेष कोर्ट के समक्ष सरेंडर करता है और जमानत का आग्रह करता है, तो अर्जी पर इस आदेश में की गई किसी भी टिप्पणी से बगैर पूर्वाग्रह के अपने योग्यता पर विचार किया जाएगा।
याचिकाकर्ता ने स्पेशल विजिलेंस यूनिट पी एस केस नंबर – 02/ 2021 में दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए आपराधिक रिट याचिका और अग्रिम जमानत के लिए अलग से अर्जी दाखिल किया था।
इन पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए एक ही कॉमन आर्डर से आदेश पारित किया। राजेन्द्र प्रसाद के विरुद्ध आई पी सी की धारा 120 बी (अपराध करने के लिए रची गई आपराधिक साजिश) / 420(जालसाजी) व भ्रष्टाचार निवारण एक्ट की धाराओं में केस दर्ज किया गया था।