लालू यादव पर अब बिमारी भारी पड़ने लगा है आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए तेजस्वी यादव के सरकारी आवास में आयोजित प्रशिक्षण शिविर को संबोधित कर रहे थे ।
इस दौरान लालू प्रसाद में वो बात नहीं दिखी जिसको लेकर लालू प्रसाद जाने जाते हैं 20 मिनट के संबोधन के दौरान उनकी वो अदा और संवाद को वो तरीका भी नहीं दिखा जिसके लिए लालू प्रसाद जाने जाते हलाकि नीतीश कुमार और बीजेपी को लेकर उसी अंदाज में दिखे लेकिन वो धार नहीं था ।
क्या खास रहा लालू प्रसाद के संबोधन में
1—जेल जाने के लिए तैयार रहो
जेल से डरो नहीं
उन्होंने कहा कि जयप्रकाश नारायण ने कहा था कि जेल से ही स्वराज मिला है। इसलिए मित्रों, जेल भरो। जेल से नहीं डरो, पर सत्याग्रह से लोग डरते हैं। प्रदर्शन में मुकदमा हो जाता है, तो सभी कहते हैं मुकदमा हो गया। चुनाव के समय 107 होने पर डर जाते हैं। यह तो शांति व्यवस्था के लिए लगाया जाता है। जगदानंद सिंह को इश्यू पर या समस्या पर जेल भरो अभियान लाना चाहिए। इससे पार्टी में और कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा ।
2—जाति जनगणना करा कर रहेंगे
लालू प्रसाद ने कहा कि जाति जनगणना नहीं होने से समाज के अंतिम पायदान के लोग पीछे छूट रहे हैं। हम लोग जाति जनगणना करा कर रहेंगे। देश का बजट इसी के हिसाब से बनेगा। गैर बराबरी की खाई इसी से खत्म होगी।
3—–तेजस्वी को सराहा
हमारी अनुपस्थिति में तेजस्वी के नेतृत्व में मामूली सीट नहीं आई है। हमारी सरकार तो जनता ने बना ही दी थी। अफसोस कि मैं जेल से बाहर नहीं था, नहीं तो बेईमानी को एक्सपोज करता। जो कम मार्जिन से हमारे लोग जीत रहे थे उनको हरवा दिया गया, लेकिन बिहार की जनता हमको फिर से राज देगी, इनके रोकने से नहीं रुकेगा। हमारी पार्टी लार्जेस्ट पार्टी है। डबल इंजन में दो अलग-अलग इंजन हैं, मालगाड़ी वाला और इलेक्ट्रिक। कब छितरा जाएगा, किसी को नहीं मालूम।
4–डां बाहर निकलने से मना कर रहे हैं —
अपनी बीमारी और बिहार आने पर लालू प्रसाद ने कहा कि डॉ राकेश यादव से हम आग्रह करते हैं कि हम बिहार जाएंगे, लेकिन ज्यादा पानी पीने पर रोक लगा दी गई है। एक लीटर पानी में ही जीना है। बिना पानी के हमको बर्दाश्त नहीं होता। कभी-कभी ज्यादा हो जाता है। इस बीच समय निकालकर हम बिहार आएंगे।
5–कुशेश्वरस्थान से चुनाव लड़ने को लेकर लालू ने खोला पत्ता
कुशेश्वरस्थान में मुसहरों का उदय हुआ है। गणेश भारती वहां से उम्मीदवार हैं। वहां यादव, बिंद, मुस्लिम, मल्लाह हैं, पर मुसहरों की संख्या सबसे ज्यादा है। मुसहरों को मुख्य धारा में लाने के लिए मैंने काफी काम किया। डोम, हलखोर सबको मुख्य धारा में लाया। भोला राम तूफानी को मंत्री बनाया था।
उनसे हमने एक दिन पूछा कि हेलीकाप्टर पर चढ़े हैं कि नहीं? बोले – नहीं चढ़े हैं, चढ़वा दीजिए। हमने हेलिकॉप्टर दिया कार्यक्रम में जाने के लिए। वहां जाकर चारों तरफ ऊपर से घूमने लगे और लौट कर आए तो हंस कर बताया कि ‘लोग कहता कि ललुआ तो मंत्री बनवाइए दिहलन, अब ऊपर से मूतवावता।।।’ समाज के हर तबका को हमने टिकट दिया।