पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि उद्योगपति गौतम अडाणी के मामले में कांग्रेस दोहरा रवैया अपना रही है और संसद में चर्चा करने के बजाय सदन को बाधित कर रही है।
- अडाणी मुद्दे पर कांग्रेस, नीतीश और वामपंथियों का चरित्र दोहरा
- बिहार सरकार ने इंवेस्टर्स मीट में अडाणी के प्रतिनिधि को क्यों आमंत्रित किया ? क्या नीतीश कुमार बिहार को बेच रहे थे?
- राजस्थान में अशोक गहलोत ने अडाणी से सौर ऊर्जा क्षेत्र में 65000 करोड़ का निवेश कराने के लिए कौड़ियों के भाव जमीन दी।
- केरल सरकार आडानी द्वारा बनाए जा रहे विझिजाम अन्तरराष्ट्रीय बंदरगाह के पक्ष में खुटा ठोक कर कड़ी है।
- अडाणी मुद्दे पर सरकार संसद में चर्चा के लिए तैयार, इसमें न सरकार की कोई भूमिका, न कोई रियायत दी गई।
श्री मोदी ने कहा कि राहुल गांधी “भारत जोड़ो यात्रा” के दौरान अडाणी समूह पर अनर्गल आरोप लगाते रहे, जबकि कांग्रेस शासित राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अडाणी से सौर ऊर्जा क्षेत्र में 65000 करोड़ का निवेश कराने के लिए इसी अडाणी समूह को कौड़ियों के भाव जमीन देने की घोषणा करते हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ही नहीं, बिहार में नीतीश कुमार और केरल में वाम मोर्चा सरकार भी अपने यहाँ पूंजी निवेश के लिए तो अडाणी की आरती उतारते हैं, लेकिन जब इस समूह को भाजपा शासित राज्य में कोई काम दिया जाता है, तब “देश बेच दिया” का शोर मचाया जाता है।
श्री मोदी ने कहा कि अगर अडाणी समूह में पेशेवर ईमानदारी की कमी है, तो बिहार सरकार ने इंवेस्टर्स मीट में अडाणी के प्रतिनिधि को क्योंआमंत्रित किया था? नीतीश कुमार ने उनसे निवेश की अपील क्यों की थी? तब क्या नीतीश कुमार बिहार को बेच रहे थे ?
उन्होंने कहा कि अडाणी को लेकर विपक्षी पाषंड की पराकाष्ठा यह कि केरल की वाम मोर्चा सरकार विझिजाम में बन रहे अन्तरराष्ट्रीय बंदरगाह के पक्ष में खडी है, जबकि स्थानीय जनता आडानी द्वारा विझिजाम में बन रहे अन्तरराष्ट्रीय बंदरगाह का विरोध कर रही है।
राजस्थान और केरल के अलावा छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, झारखंड और आंध्र प्रदेश में राज्य सरकारों के सहयोग से आडानी समूह खरबों रुपए का निवेश कर रहा है।
श्री मोदी ने कहा कि अडाणी समूह के मुद्दे पर केंद्र सरकार नियमानुसार चर्चा के लिए तैयार है। राष्ट्रपति के अभिभाषण और बजट पर जो कुल 24 घंटे चर्चा के लिए तय हैं, उसमें विपक्ष कम से कम 6 घंटे अडाणी सहित किसी भी मुद्दे पर अपनी बात रख सकता है। लेकिन विपक्ष की मंशा चर्चा की नहीं, केवल हंगामा कर प्रचार पाने की है।
उन्होंने कहा कि अडाणी मामले में न सरकार की कोई भूमिका है और न इस समूह को कोई रियायत देने या पक्षपात करने का प्रमाण सामने आया है। विपक्ष का अभियान दुराग्रह और दोहरेपन से संचालित है।
श्री मोदी ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक ने साफ कर दिया है कि अडाणी समूह को जो भी कर्ज दिये गए हैं, उसके एवज में आर्थिक सुरक्षा की गारंटी सुनिश्चित की गई है।
उन्होंने कहा कि जब अडाणी के शेयर संबंधी मामलों की निगरानी सेबी और भारतीय रिजर्व बैंक कर रहे हैं, तब विपक्ष को छाती पीटने की जरूरत नहीं है। देश की अर्थव्यवथा ईमानदार और मजबूत हाथों में है।