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भागलपुर में मौत का आकड़ा 17 तक पहुँचा

शमशान घाट में लगता जा रहा लाशों का अंबार, जहरीली शराब ने कितनों की ले ली आंखों की रौशनी तो कितनों की गई जान, कई मोहल्लों में छाया मातम। शासन अलर्ट मोड में, कहां – बॉर्डर पर रहेगी नाकेबंदी, शराब तस्कर पर नकेल कसने के लिए प्रशासन पूर्णरूपेण है तैयार।

भागलपुर,होली के दौरान पिछले 48 घंटे में भागलपुर जिले के अलग-अलग जगहों में 17 लोगों की संदिग्ध हालत में मौत हो जाने से पूरा प्रशासनीक महकमा सवाल के घेरे में आ गई है । सवाल है आखिर बिहार में जहरीली शराब आ कैसे रही है।वही दुसरी ओर बांका में 12 और मधेपुरा में भी 3 लोगों की इसी तरह जान चली गई। सबों के मौत का सिस्टम एक ही, पहले पेट दर्द फिर उल्टी होना उसके बाद सांस लेने में परेशानी और सिर चकराने लगना उसके बाद मौत। कई परिजनों ने शराब पीने की बात भी बताई।

कोविड के दो साल बाद होली का रंग चढ़ा ही था की पूरे सूबे को फिर से किसी की नजर लग गई। उसका दाग भागलपुर के अलावे कई शहरों को दागदार बना दिया। एक साथ कई लोगों की संदिग्घ मौत प्रशासन के सिस्टम पर सीधे सवाल खड़ा कर रही है। पूरे सूबे में सरेआम चर्चा है कि जहरीली शराब के पीने से ही मौत हो रही है। फिलहाल जांच किया जा रहा है। डीएम सुब्रत सेन और एसएसपी बाबू राम पूरी घटना के बाद अलर्ट हैं। लेकिन एक बात है कि शराब पीने वाला शराब ही नहीं पीता, माँ की खुशी, पत्नी का सुकून, बच्चों के सपने और पिता की प्रतिष्ठा भी पी जाता है। भागलपुर के बरारी शमशान घाट पर जलती लाश जो बयां कर रहा है, वह कोविड काल की याद दिला रहा है।

अब सवाल यह उठता है कि जब पूरे बिहार में शराबबंदी है तो फिर बिहार के हर जिले में शराब आता कहां से है? पूरे बिहार में शराबबंदी के बाबजूद है लोग शराब पीते क्यों हैं?

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