“जनता के दरबार में मुख्यमंत्री” कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री, 135 लोगों की सुनी फरियाद, अधिकारियों को दिये आवश्यक दिशा-निर्देश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज 4, देशरत्न मार्ग स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में आयोजित ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में शामिल हुए। ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे 135 लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए।
आज ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में सामान्य प्रशासन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, पंचायती राज विभाग, ऊर्जा विभाग, पथ निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, कृषि विभाग, सहकारिता विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, जल संसाधन विभाग, उद्योग विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, परिवहन विभाग, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, लघु जल संसाधन विभाग, योजना एवं विकास विभाग, पर्यटन विभाग, भवन निर्माण विभाग, वाणिज्य कर एवं विभाग, सूचना एवं जन-संपर्क विभाग, गन्ना (उद्योग) विभाग एवं विधि विभाग के मामलों पर सुनवाई हुयी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में शामिल होकर 135 लोगों की शिकायतें सुनीं। गोपालगंज से आए एक युवक ने बताया कि सर्किट हाउस की मरम्मती का काम 1998 में उनके पिता ने कराया था, जिसका भुगतान अब तक लंबित है। विभाग ने भुगतान लटका दिया तो मामला कोर्ट में गया और कोर्ट का निर्णय आने के बाद भी आज तक भुगतान नहीं हुआ। मुख्यमंत्री ने इस पर संज्ञान लेते हुए संबंधित विभाग को समस्या के समाधान करने का निर्देश दिया।
अरवल से आए एक व्यक्ति ने कहा कि करपी प्रखंड के अंतर्गत पुराण पैक्स में धान खरीद में अनियमितताएं हो रही हैं। वहीं लखीसराय से आए एक व्यक्ति ने सड़क निर्माण में उनके अधिग्रहीत जमीन का भुगतान नहीं किए जाने को लेकर शिकायत की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को जांचकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
मधुबनी जिले से आए एक युवक ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि लोक सेवा अधिकार काउंटर पर कार्यरत कर्मचारी बिना पैसे का काम नहीं करते हैं, इसको लेकर कई बार शिकायत भी की गई। मुख्यमंत्री के जनता दरबार कार्यक्रम में आवेदन करने की बात पर कहा गया कि मुख्यमंत्री तक भी जाने से कुछ नहीं होगा। युवक की समस्या सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने मामले की जांच कर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
गया सदर के एक व्यक्ति ने सब्जी उत्पादकों को उचित मूल्य दिलाने के लिए परैया प्रखंड में सब्जी मंडी बनाए जाने की मांग की। वहीं समस्तीपुर के एक व्यक्ति ने बाढ़ के कारण प्रभावित खरीफ फसलों की क्षति के बदले अभी तक अनुदान नहीं मिलने की शिकायत की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
कौवाकोल, नवादा के एक व्यक्ति ने शिकायत करते हुए कहा कि अंबा मोड़ से अफरडीह ग्राम तक पक्की सड़क का निर्माण अभी तक नहीं किया गया है, जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानी होती है। वहीं कैमूर के नुआंव से आए एक व्यक्ति ने शिकायत करते हुए कहा कि जिस सड़क का शिलान्यास मुख्यमंत्री जी ने जल-जीवन-हरियाली के दौरान किया था, वहां सड़क निर्माण हुआ लेकिन गांव के लोगों की मांग के बाद भी वहां वृक्षारोपण नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को यथोचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
फुलवारीशरीफ की एक महिला ने राशन कार्ड नहीं बनाए जाने की शिकायत की। वहीं फुलवारीशरीफ से ही आए एक व्यक्ति ने कहा कि वह पटना नगर निगम के अंतर्गत टैक्स भुगतान करता है लेकिन उसके इलाके में आज तक सड़क और नाली का निर्माण नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को शीघ्र कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
कुटुंबा, औरंगाबाद के एक व्यक्ति ने बिजली बिल में अनियमितता के संबंध में शिकायत की। वहीं शेखपुरा, बरबीघा के एक व्यक्ति ने निजी जमीन पर सरकारी नलकूप लगा देने के बाद बाकी खेत में जलजमाव की स्थिति बने रहने की शिकायत की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
करगहर, रोहतास के एक व्यक्ति ने जन वितरण प्रणाली विक्रेता की अनुज्ञप्ति में अनियमितता के संबंध में शिकायत करते हुए कहा कि प्रथम स्थान पर रहने के बावजूद पांचवे स्थान पर रहने वाले आवेदक को लाइसेंस दिया गया। वहीं रजौन, बांका की एक महिला काष्ठ आधारित लाईसेंस निर्गत करने की मुख्यमंत्री से आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने इस पर जांचकर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
सीतामढ़ी के बेलसंड प्रखंड से आए युवक ने कहा कि उनके गांव तक आज भी सड़क नहीं बनाया गया है। वहीं भागलपुर के एक व्यक्ति ने चौर विकास योजना के अंतर्गत सड़क निर्माण एवं बिजली आपूर्ति में हो रही बाधा के संबंध में अपनी शिकायत की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को मामले की जांचकर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।