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कश्मीर में हुए आतंकी हमले में एक सप्ताह के अंदर दो बिहारी की हुई मौत

कश्मीर के श्रीनगर के ईदगाह में शनिवार को हुए आतंकी हमले में बिहार के बांका जिले के बाराहाट निवासी अरविंद कुमार साव की भी मौत हो गई है।10 वर्ष से अरविंद कश्मीर में गोलगप्पा बेच रहा था और उससे जो आमदनी होती थी उससे बिहार में उसके परिवार का खर्च चला रहा था। घटना के बाद घर वालों का हाल बेहाल हो गया है। बूढ़े मां-बाप के साथ परिवार के अन्य सदस्यों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।

छीन लिया बड़ा सहारा
बांका के बाराहाट थाना क्षेत्र के लखपुरा परघड़ी गांव के देंवेद्र साव और उनकी पत्नी सुनैना देवी को 5 बेटे और एक बेटी है। इसमें दो बेटों की मौत हो चुकी है। बड़ा बेटे बबलू साव की अभी 5 माह पहले ही गांव में मौत हो गई है। एक बेटे की मौत पहले हो चुकी है। दो बेटों की मौत से देवेंद्र और सुनैना पहले ही टूट गए थे। अरविंद ही घर का बड़ा सहारा था।

कश्मीर में मारे गये अरविंद कुमार शाह का पिता क्या कह रहे हैं

एक माह पहले तय हुई थी शादी
अरविंद कुमार साव की शादी एक माह पहले तय हुई थी। शादी की डेट अभी फाइनल नहीं हुई थी लेकिन घर में तैयारी चल रही थी। घर वालों का कहना है कि अगले अग्न में घर वाले अरविंद की शादी को लेकर पूरी तरह से तैयारी कर चुके थे। अब घर वालों का यही कहकर रोना है कि वह बेटे की शादी भी नहीं देख पा और आतंकियों ने उसे मौत के घाट उतार दिया।

अरविन्द शाह की मां कह रही है मेरा पूरा परिवार उजड़ गया

गांव के 10 लोग कश्मीर में लगाते थे दुकान
परघड़ी गांव के 10 लोग कश्मीर के श्रीनगर में रहकर फुचका (गोलगप्पा ) व अन्य खाद्य पदार्थों की दुकान लगाते थे। अरविंद साव 10 साल से श्रीनगर में था और गांव के सभी लोग एक साथ ही रहते थे। बड़े भाई बबलू साव की मौत के बाद अरविंद गांव आया था। भाई क्रिया कर्म के बाद वह 3 माह पहले बिहार से श्रीनगर गया था।

अरविन्द की हत्या की खबर से गाँव वाले आहत हैं

बड़े भाई की मौत के बाद परिवार की स्थिति को देखते हुए वह अपने भाई मंटू को भी साथ ले गया था। मंटू भी अरविंद के साथ गोलगप्पे का ठेला लगाता था। दोनों भाई के ठेला लगाने से परिवार की आर्थिक स्थिति सुधर रही थी, लेकिन आतंकी हमले में परिवार का बड़ा सहारा छीन लिया है।

इस बीच सुशील कुमार मोदी सांसद (राज्य सभा) एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री, बिहार ने बिहार के अरविन्द कुमार साह की श्रीनगर में आतंकवादियों द्वारा निर्मम हत्या पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ने इस सम्बन्ध में जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर श्री मनोज सिन्हा से दूरभाष पर बातचीत की, सुशील कुमार मोदी को लेफ्टिनेंट गवर्नर श्री मनोज सिन्हा ने बताया कि स्वर्गीय साह के पार्थिव शरीर को बिहार भेजने की व्यवस्था की जा रही है एवं उनके परिजनों को तत्काल 11 लाख रुपए की मदद की घोषणा की गई है।

वही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इस घटना की निंदा करते हुए तत्तकाल दो लाख रुपया देने की घोषणा की है ।
पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी इन हत्याओं की निंदा की है. उन्होंने ट्वीट किया, “आज श्रीनगर में रेहड़ी लगाने वाले अरविंद कुमार की आतंकी हमले में मौत की कड़ी निंदा करता हूं. यह आम नागरिकों को निशाना बनाने का एक और मामला है. अरविंद कुमार श्रीनगर कमाई और अवसर की तलाश में आए थे और यह अफसोसनाक है कि उनकी हत्या कर दी गई.”

एक सप्ताह के अंदर कश्मीर में हुए आंतकी हमले में ये दूसरा बिहारी है जिसकी हत्या हुई है इससे पहले भागलपुर के वीरेंद्र पासवान को आतंकी ने गोली मार कर हत्या कर दिया था वो भी वहां गोलगप्पा बेचने का काम करता था ।

आरटीआई कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल हत्याकांड मामले में पुलिस की भूमिका से आहत परिजन ने आत्म हत्या की कोशिश

मोतिहारी के आरटीआई कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल की हत्या मामले में आज उसकी पत्नी थाने पहुंच कर आत्महत्या करने कि कोशिश की है विधवा मोनिका ने पुलिस पर इस घटना में शामिल बीजेपी के बड़े नेता को बचाने का आरोप लगाते हुए अपनी हाथ का नस काट ली है । इस खबर के बाद एक बार फिर लोग भड़क गये हैं।

RTI कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल के हत्यारे के साथ खड़े हैं एसपी परिवार वालो ने लगाया आरोप

वैसे एसपी साहब आदतन अपराधियों पर कारवाई करने से बचते रहते हैं यह पूरा सूबा जानता है और यह मामला तो सत्ता से जुड़ा है ,ऐसे में आपसे उम्मीद की वजह नहीं है फिर भी सूबे को लोगों को लगा था कि विपिन अग्रवाल अपने लिए नहीं सरकार के लिए लड़ रहा है ऐसे में जिस तरीके से सरेआम सीओ कार्यालय के सामने उसकी हत्या हुई, शायद का आपका जमीर जग जाये,आप जब रात को घटना स्थल पर पहुंचे थे और जिस तरीके से मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे लगा जैसे आप कुछ करने का मन बना रहे हैं।

लेकिन एक बार फिर आपने बिहार की 12 करोड़ आबादी का भरोसा तोड़ है। पता नहीं जिस दिन आपने वर्दी पहनी होगी उस दिन किस बात का शपथ लिया था ।लेकिन जिस तरीके से विपिन अग्रवाल का हत्यारा सड़को पर घूम रहा उससे तो यही लगता है कि आपने वर्दी अपराध और अपराधियों के संरक्षण के लिए ही पहनी थी जरा आप भी सुनिए प्रत्यक्षदर्शी और घटना के दिन और जिस दिन दो शूटर गिरफ्तार हुआ था एसपी साहब क्या कह रहा हैं ।

RTI कार्यकर्ता विपिन की हत्या पर एसपी का बयान


अब जरा मामला क्या है इसको समझ लीजिए मोतिहारी जिले के हरसिद्धि प्रखंड में सरकार की सैकड़ों एकड़ जमीन पर भूमाफिया की नजर है उस जमीन पर कब्जा करने वाले माफिया का विपिन विरोध करता रहता था उसमें मोतिहारी जिले के पूर्व जिला अध्यक्ष से इसकी कई बार विवाद हो चुकी है बीजेपी नेता के अवैध पेट्रोल पंम्प को विपिन अग्रवाल ने बंद करवा दिया था और जमीन पर अवैध कब्जा को लेकर विपिन से एक याचिका हाईकोर्ट में दायर कर दिया था ।

RTI कार्यकर्ता हत्याकांड मामले में मीडिया से बात करते एसीपी

बिपिन अग्रवाल को 24 सितंबर को हरसिद्धि ब्लॉक कार्यालय के गेट पर दिनदहाड़े गोलियों से भून दिया गया था।इस मामले में दो सूटर की गिरफ्तारी हुई और एसपी के अनुसार हत्या सुपारी देकर की गयी है जमीन कब्जा से ही जुड़ा मामला है लेकिन शूटर के गिरफ्तारी के 10 दिनों के बाद भी अभी तक साजिशकर्ता तक पुलिस नहीं पहुंच पायी है बिपिन के परिजन का आरोप है कि एसपी बीजेपी नेता को बचा रहे हैं ।

RTI कार्यकर्ता की हत्या पर राजद नेत्री रितु जायसवाल एसपी पर बड़ा आरोप

हलाकि एसपी साहब लाख सफाई दे लेकिन मोतिहारी पुलिस जिस तरीके से काम कर रही है उससे तो यही लगता है कि पुलिस पूरे दबाव में है और बीजेपी नेता पर हाथ डालने से बच रही है जबकि परिवार वाले चीख चीख कर घटना के पीछे का सच बता रहा है ।

लालू प्रसाद के बिहार आने पर अभी भी संशय बरकरार तेजस्वी कहा देखिए लालू जी को इक्छा तो बहुत है

दिल्ली से पटना पहुंचने के बाद मीडिया से बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि लालू जी को बिहार आने की प्रबल इच्छा है लेकिन डॉक्टर इसके लिए तैयार नहीं है । बात उपचुनाव की तो 17 तारीख से चुनाव प्रचार पर निकल रहे हैं और हमारी पार्टी दोनों सीटे जीतेंगी ।

अपराधियों ने सरकार को दी खुली चुनौती 48 घंटों के दौरान एक दर्जन से अधिक हत्या, लूट और रेप की घटी है घटना

पिछले 48 घंटों के दौरान राज्य में जिस तरीके से अपराधी सर चढ़ कर ताडंव किया है उससे एक बार फिर से राज्य में कानून के राज पर सवाल खड़े होने लगे हैं ।उस वक्त जब पूरे राज्य में दुर्गा पूजा को लेकर अर्लट घोषित है और पुलिस मुख्यालय से लेकर थाने स्तर तक राज्य मुख्यालय से मॉनिटरिंग हो रही है।

उस दौरान एक दर्जन से अधिक लोगों की हत्या हुई है , चार चार गैग रेप की घटना घटी है। पूजा के दौरान एक दर्जन से अधिक हिंसक घटनाये घटी है और दो दर्जन से अधिक दर्घटनाए हुई है जिसमें 10 से अधिक लोगों की मौत हुई है।वही पूजा के दौरान गया और सिवान से सम्प्रदायिक माहौल बिगड़ने की भी खबर है।

क———-मंदिर पर हमला

1–दरभंगा–राज किला परिसर स्थित कंकाली मंदिर के पुजारी की अपराधियों ने गोली मार कर हत्या कर दी। एक अन्य पुजारी गोली लगने से घायल हो गया। प्रत्यदर्शी की माने तो कार से आए चार अपराधियों ने वारदात को अंजाम दिया है। लोगों ने एक अपराधी को पीट-पीटकर मार डाला दो को बूरी तरह घायल कर दिया है ।

2—सिवान— जिले के दरौंदा के पकवलिया- ढेबर गांव की है। गांव के मंदिर के पुजारी का पानी में शव मिला है। शव मिलने का स्थान मंदिर के पास हीं है। शव पर चोट के गम्भीर निशान है । बताया गया है कि तीन दिन पहले पुजारी का कुछ मनचलों से विवाद हआ था। उन लोगों ने पुजारी के साथ मारपीट भी की थी।

3—अररिया में एक युवक की हत्या कर दी गई। घटना कुर्साकांटा के कुआड़ी ओपी क्षेत्र के अंतर्गत मधुबनी गांव में मंदिर की है। शुक्रवार देर रात 25 साल युवक मंदिर के बरामदे पर सोया हुआ था, तभी अपराधियों ने तलवार से वारकर उसकी हत्या कर दी। वह मूर्ति विसर्जन कर लौटा था। परिजन में युवक के साथ में सो रहे युवक पर हत्या की आशंका जता रहे हैं। शनिवार सुबह युवक की हत्या की खबर से इलाके में हड़कंप मच गया। आसपास के लोगों की भीड़ लग गई।

ख—दर्गा पूजा के दौरान हिंसा —

4—गया —जिले के डुमरिया प्रखंड के मुख्य बाजार में मां दुर्गा की प्रतिमा का दर्शन करने गए लोगों पर अपराधियों ने अंधाधुंध गोलीबारी कर दिया । शुक्रवार की रात हुई गोलीबारी में कई लोग जख्मी हो गए हैं वजह लड़की के साथ छेड़छाड़ का विरोध करने पर यह घटना घटी है गोलीबारी के बाद मेला में भगदड़ मच गई।

5—पटना के पालीगंज इलाके में शुक्रवार की देर शाम थाना के नजदीक दुर्गा पूजा की लगी मेला में जमकर गोलीबारी हुई। इस गोलीबारी में 2 लोग घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए पालीगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भेजा गया। इलाज के दौरान डॉक्टरों ने इन्हें बेहतर इलाज के लिए पटना के पीएमसीएच रेफर कर दिया है।मामला यहां भी लड़कियों के साथ छेड़छाड़ का विरोध करना ही बताया जा रहा है ।

6—-सीतामढ़ी जिले में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान शुक्रवार रात पुलिस और पब्लिक के बीच झड़प हो गई। इस भिड़ंत में 4 लोग घायल हो गए। घायलों का इलाज स्थानीय अस्पताल में किया जा रहा है। घटनास्थल पर बड़ी संख्या में पुलिस मौजूद है। छापेमारी के बाद करीब छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

7—नवादा :- जिले के वारिसलीगंज में दशहरा मेला के दौरान शुक्रवार की देर रात बलबापर गांव के कुछ बदमाश युवकों एवं स्टेशन रोड पूजा समिति के सदस्यों के बीच छेड़छाड़ को लेकर विवाद हो गया। बाद में ईंट पत्थर एवं गोलीबारी की सूचना है।
बताया गया कि मेला के दौरान रात को बलबापर गांव के करीब एक दर्जन युवकों द्वारा मेले में घूम रही लड़कियों के साथ स्टेशन रोड स्थित पूजा पंडाल के पास छेड़छाड़ किया जाने लगा, जिसका पूजा समिति के सदस्यों ने विरोध किया बाद में इसकी सूचना जब गांव वालो को मिली तो फिर बीच- बचाब करने पहुंची पुलिस टीम पर नाराज गाँव वालों ने हमला कर दिया, वहीं इस हमले में कई पुलिसकर्मी बुरी तरह से घायल हो गए है।

इतना हीन नहीं नाराज हमलावरों ने रेल थाना के वाहन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। घटना के बाद अफरातफरी मच गया, इस घटना में कई पुलिसकर्मियों की जख्मी होने की सूचना है । जख्मी पुलिस कर्मियों ने बताया कि उग्र ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव तो किया हीं, कई चक्र गोलियां भी चलाया । लेकिन गोली तो किसी भी पुलिसकर्मियों को नहीं लगा लेकिन रेल थाना पुलिस एवं वारिसलीगंज थाना के एसआई समेत कई पुलिस कर्मी जख्मी है ।

8—बेगूसराय में विजय दशमी की रात बेखौफ बाइक सवार अपराधियों ने मिठाई दुकान में लूटपाट किया। लूट का विरोध करने पर बदमाशों ने दुकान तोड़फोड़ भी की। इस दौरान बदमाशों ने दूकान से लगभग 22 हजार नगद रुपए लूटकर फरार हो गया। घटना नगर थाना क्षेत्र के विश्वनाथ नगर मोहल्ले की है।

9—समस्तीपुर के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के धुरलख गांव स्थित पुरानी दुर्गा स्थान में शुक्रवार की रात मारपीट हुई। इस घटना में तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी घायलों को इलाज के लिए समस्तीपुर सदर अस्पताल ले जाया गया। मारपीट की सूचना पर मुफस्सिल थानाध्यक्ष प्रवीण कुमार मिश्र, एएसआई नवल किशोर पुलिस बल के साथ पूजास्थल पर पहुंचे। पुलिस जांच में जुट गई है।

10—मधेपुरा में बीते देर रात मेला देख कर घर लौट रहे एक युवक की अज्ञात अपराधियों ने हत्या कर शव को भर्राही और मधुवन के बीच सड़क किनारे फैंक कर हुआ फरार. मामला भर्राही सहायक थाना क्षेत्र के मधुवन गाँव की है

11–लखीसराय—अमहरा ओपी के पतनेर-झाखर सड़क किनारे एक युवक का शव मिलते ही इलाके में सनसनी फैल गई। शव की शिनाख्त नही हो पायी है। मृतक के चेहरे पर गहरे जख्म का निशान है। जिससे लोग हत्या की आशंका जता रहे है।घटना की सूचना मिलते ही नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस मृतक के शिनाख्त में जुट गई है।

12–अररिया— फारबिसगंज में जनता डिस्ट्रिक्ट इलेक्ट्रॉनिक दुकान के मालिक के आवास में लूट,बीती रात एक दर्जन लोगों ने दिया घटना को अंजाम, पुलिस मौके पर पहुंच मामले की जांच में जुटी। घटना के संदर्भ में व्यवसाई ने बताया की बीती रात एक दर्जन लोगों ने घर पर धावा बोल मारपीट की घटना को अंजाम दिया और घर वालों को एक कमरा में बंद कर लूटपाट की घटना को अंजाम दिया। घटना में लगभग 12 लाख नगदी समेत लगभग 8 लाख रुपए की जेवरात की लूट की बात कही जा रही है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

13—-मुंगेर— PDS डीलर कृष्णा पासवान के बेटे राजा कुमार (23) की गला रेत कर हत्या कर दी गई। पिता ने बताया- ‘बेटा घर के बगल में ही गोदाम में सोया था। तभी अपराधियों ने गला रेत दिया। वह 20 अक्टूबर को रेलवे में जॉयनिंग के लिए मैसूर जाने वाला था। हमारी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी।

14—नवादा— जिले में मर्डर की वारदात को अंजाम दिया गया है।गोविंदपुर थाना क्षेत्र में एक युवक की गुरुवार की देर रात घर में घुसकर गांव के ही दबंगों ने गड़ासा से हमला कर हत्या कर दी है। इस हत्या के पीछे जमीनी विवाद को कारण बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक कृष्ण यादव के 30 वर्षीय पुत्र रंजय यादव की उनके गांव के ही दबंग व्यक्ति भुट्टू यादव और माना यादव ने घर में घुसकर हत्या कर दी। हत्या की इस घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई है।

15—सीवान में बेखौफ अपराधियों ने एक कारोबारी को गोली मार दी और उससे 60 हजार रुपये लूट लिए। घटना बड़हरिया थाना के बड़हरिया- बहादुरपुर मुख्य मार्ग पर शिवराजपुर गांव में स्थित एक बगीचे के पास की है। घायल कारोबारी की पहचान हो गयी है। वह जिले के कागजी मोहल्ला का रहने वाला विशाल कुमार (22 वर्ष) है।

16—गोपालगंज – 11 वर्षीय नाबालिग का अपहरण कर युवको ने किया सामूहिक दुष्कर्म। शौच करने के दौरान हुआ अपहरण पीड़िता के पिता के बयान पर तीन युवकों के खिलाफ हुआ मामला दर्ज। विशंभरपुर थाना क्षेत्र का है मामला।

17—बेगूसराय में नवरात्रा के दौरान एक 14 वर्षीय नाबालिग लड़की का अपहरण कर गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया। महिला थाना में पीड़िता के आवेदन पर मामला दर्ज किया गया। पूरी घटना भगवानपुर थाना क्षेत्र के एक गांव की है बताया जाता है।

18— सिवान—जिले के बड़हरिया के लकड़ी दरगाह में असामाजिक तत्वों तोड़फोड़ कर दिया है इसके विरोध में दूसरे पक्ष ने सड़क जाम कर दिया। बाजार की दुकानें बंद कर दी। उनका कहना है कि जब तक उपद्रवियों को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा तब तक लकड़ी दरगाह की दुकानें बंद रहेगी और मूर्ति का विसर्जन नहीं किया जाएगा। गांव में तनाव की स्थिति को देखते हुए पुलिस कैंप कर रही है। दोनों पक्षों को समझाने-बुझाने का प्रयास किया जा रहा है। लोगों का कहना है कि पुलिस की लापरवाही से पूरी घटना हुई है।

ग—-दर्घटना

19—खगड़िया–ऑटो ने खाई पलटी एक महिला सहित तीन की हुई मौत 8 यात्री हुए घायल।मरने वाले में एक महिला, एक युवक और एक 6 साल का बच्चा शामिल।मरने वाले तीनों एक ही परिवार के थे।मेला देखकर अपने घर को लौट रहे थे। उसी दौरा तेज गति से आ रहे ट्रक के ने सीधे धक्का मार दिया ऑटो पलटी।महेशखूंट थाना इलाके के हरंगी टोला की घटना ।

20—टिकारी (गया)। टिकारी-कुर्था मुख्य मार्ग में चितौखर टोला नौघड़ा पर गांव की एक वृद्ध महिला की मौत ऑटो की टक्कर से हो गई। उक्त घटना शुक्रवार की देर शाम की है। ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार, स्थानीय निवासी महेंद्र यादव की 70 वर्षीय मां जीरा देवी शौच के लिए सड़क की ओर जा रही थी। इसी क्रम में तेज रफ्तार में उक्त मार्ग से गुजर रही एक ऑटो ने जोरदार टक्कर मार दी। इसमें महिला सड़क पर फेंका गई और गंभीर रूप से चोट लगने के कारण मौके पर ही मौत हो गई।

21—-सिवान–सड़क दुर्घटना में दो लोगों के मौत की खबर है। जिले के दरौंदा के कोडारी और बसंतपुर के कन्हौली गांव के निकट हुई अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं में दो लोगों की मौत की खबर है। पुलिस ने मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। उनका पहचान नही हो पाई है। उनकी पहचान के लिए पुलिस छानबीन कर रही है।

22—अररिया—पुरैनी से उदाकिशुनगंज जानेवाली स्टेट हाईवे 58 पर शुक्रवार की शाम को एक तेज गति से आ रहे ऑटो को बचाने में ट्रैक्टर पलट गया। इस हादसे में ट्रैक्टर पर सवार दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गयी और चार अन्य घायल हो गये‌। घटना के बाद करीब दो घंटे तक हाईवे पर परिचालन बाधित रहा।

23—बगहा — अनियंत्रित स्कॉर्पियो ने 4 लोगों को रौदा एक-एक कर दो बाइक पर सवार 3 लोगों को रौंद दिया चारों घायल का पास के अस्पताल में इलाज चल रहा है ।

24–बेगूसराय -मॉर्निंग वॉक के दौरान बाइक ने महिला को मारी ठोकर, महिला की हुई मौत। बाइक सवार भी घायल। वीरपुर थाना क्षेत्र के वीरपुर गांव की घटना ।

25—पटना—सचिवालय थाना के जू के पास स्कॉर्पियो ने फुलवारी के दो युवक को कुचला। मोहम्मद अरमान की मौत। जबकि मोहम्मद गोल्डन घायल। दोनों फुलवारी के मुर्गिया टोला का रहने वाला है। यह दोनों बाइक से देर रात पटना जा रहे थे।

26—अररिया:– फारबिसगंज में सड़क हादसे में तीन लोग गंभीर रूप से घायल,इलाज के क्रम में दो की मौत, पुलिस मौके पर पहुंची।

27—-पटना–रोडरेज में एक की मौत चार घायल
मोकामा थाना क्षेत्र के सुल्तानपुर गांव में स्कार्पियो ने 4 लोगों को कुचलते हुए निकल गया है इस दौरान एक की मौत हो गयी है और 3 लोग घायल।

28–मधेपुरा जिला के उदाकिशुनगंज अनुमंडल अंतर्गत पुरैनी में दुर्गा पूजा की खुशी कई परिवारों के लिए मातम में बदल गया। चौसा-योगिराज पथ पर दुर्गा पूजा का मेला देख कर लौट रहे लोगों से भरा ट्रैक्टर पलट गया। इस सड़क हादसे में शुक्रवार की शाम दो लोगों की मौत हो गई। जबकि, दो लोग घायल हो गए हैं।

29—कैमूर –देवरिया के पास एनएत 2 पर ट्रक और कार की हुई टक्कर में दो युवक बूरी तरह घायल। अनुमंडल अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए किया गया रेफर। दोनों युवक उत्तराखंड निवासी बताए जा रहे।

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के कार्यशैली पर उठने लगा है सवाल

अडानी गुजरात पोर्ट से ड्रग्स की जो भारी मात्रा पकड़ी गई उसका क्या हुआ? क्या कोई जांच हो रही है?

उस स्मगलिंग में शामिल लोग कौन हैं? इतना बड़ा काम करने वाले क्या सिर्फ साधारण लोग हैं? क्या कुछ विशिष्ट लोग भी शामिल हैं? क्या उनका संबंध पोर्ट के मालिक से संबंधित लोगों से भी है? क्या उनका संबंध पोर्ट के मालिक और अडानी से भी है? क्या इतनी बड़ी स्मगलिंग का संबंध केंद्र के सत्ताधारियों से भी है? इन सारे प्रश्नों को सिर्फ एक समाचार से दबा दिया गया कि एक मुसलमान खान का मुसलमान बेटा आर्यन, एक क्रूज़ पर जो मुंबई से गोवा जा रहा था ड्रग्स का आनंद लेते पकड़ा गया।

जिनके पास ड्रक्स मिले वे गिरफ्तार कर लिए गए। इस बेटे के पास ड्रग्स की थोड़ी बहुत मात्रा भी नहीं मिली, फिर भी इसकी गिरफ्तारी कर ली गई। गिरफ्तारी के कई दिनों बाद नए आरोप लगाए गए। आर्यन का संबंध अंतरराष्ट्रीय गिरोह के साथ है जो गिरोह, हो सकता है ड्रग्स का व्यापार करता हो। ऐसी काल्पनिक संभावना को आधार बनाकर आर्यन को गिरफ्तारी में रखा जा रहा है।

गुजरात में अडानी पोर्ट पर जो काला व्यापार रंगे हाथों पकड़ा गया उसकी जांच पर कोई चर्चा नहीं हो रही? क्यों? क्या केंद्रीय सत्ता का इसमें कुछ हाथ है? क्या इसलिए इस मामले की जांच को जनता से छुपाया जा रहा है?

लेखक –कुमार शुभमूर्ती ( जेपी आंदोलन के नायक रहे है )

रामविलास पासवान की पत्नी ने पारस पर किया बड़ा हमला कहा मंत्री बनने के लिए परिवार को तोड़ा ।

रामविलास पासवान की पत्नी रीना पासवान के बयान से एक बार फिर बिहार की राजनीति गरमा गयी है हलांकि रामविलास पासवान की पहली पत्नी पशुपति पारस को लेकर कहा था कि रामविलास जी बेटा की तरह पारस को प्यार करते थे लेकिन गद्दी के लिए परिवार को तोड़ दिये आज उससे एक कदम आगे बढ़ते हुए रामविलास पासवान की पत्नी रीना पासवान ने कहा है कि केवल मंत्री बनने के लिए पारस ने पार्टी को तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि 44 साल तक परिवार के साथ रहने के बाद अब मुझे पति के साथ क्या संबंध था ये बताना पड़ रहा है।

रीना ने कहा कि आज जिस सीट से पारस सांसद हैं रामविलास मुझे देना चाहते थे। उन्होंने बताया कि रामविलास पासवान की इच्छा थी कि हाजीपुर सीट से मैं चुनाव लड़ूं। रामविलास ने मुझे मनाने की काफी कोशिश की पर मैं नहीं मानी, तब पशुपति कुमार पारस हाजीपुर से चुनाव लड़े और जीते। रीना ने कहा कि मैं कभी राजनीति में नहीं आना चाहती, लेकिन पारस के मन में केंद्र में जाने की महात्वाकांक्षा थी तो उन्हें बताना चाहिए।

केवल मंत्री बनने के लिए उन्होंने चोरों की तरह रातों रात पार्टी तोड़ दी।रीना ने कहा कि रामविलास के अस्पताल में रहने के समय से ही पारस ने हमसे दूरी बनानी शुरू कर दी थी। पार्टी और परिवार के खिलाफ उधर-उधर बोलने का कारण अस्पताल से फोनकर रामविलास ने पारस से पूछा था।

रीना ने बताया कि रामविलास पारस से जानना चाहते थे कि उनके मन में चल क्या रहा है। रीना ने कहा कि रामविलास के निधन के बाद मेरा फोन तक नहीं उठाए जाते हैं। मैंने अपनी देवरानी से भी बात करने की काफी कोशिश की पर उन्होेंने भी हमसे संपर्क करना ठीक न समझा।

लखीमपुर खीरी घटना को लेकर माओवादियों ने 17 अक्तूबर को बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में बंद का ऐलान किया

लखीमपुर खीरी घटना को नरसंघार मानते हुए भाकपा माओवादियों ने 17 अक्तूबर को बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में बंद का ऐलान किया है इसको देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने नक्सली प्रभावित 11 जिलों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है ।

बंदी को लेकर माओवादियों ने गया औरंगाबाद ,जमुई ,बांका जैसे जिलों में पोस्टर लगाया है जिसमें लिखा है कि आंदोलनरत किसानों पर वाहन दौड़ा देना नरसंहार की श्रेणी में आता है। इस नरसंहार में मारे गए किसानों के प्रति सरकार संवेदनहीन बनी हुई है। मुआवजे के अलावा सरकारी नौकरी देने की घोषणा की गई, पर अब तक नौकरी मुहैया नहीं कराई गई है।

माओवादी के बंद को देखते हु नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात अर्धसैनिक बल के जवानों को विशेष तौर पर बंदी से निपटने का निर्देश जारी किया गया है साथ ही जिन जिन जिलों में एएसपी अभियान की तैनाती है उन्हें आज से ही विशेष ऑपरेशन चलाने का निर्देश केंद्रीय गृह मंत्रालय दिया जारी किया गया है साथ ही बिहार पुलिस मुख्यालय ने आईजी ऑपरेशन को निर्देश दिया है कि एसटीएफ को नक्सल प्रभावित जिलों में मूवमेंट तेज कर दे वही दूसरी और पंचायत चुनाव के बहिष्कार को लेकर माओवादियों ने जो आदेश जारी किया है उसको देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग और पुलिस मुख्यालय के बीच जल्द ही बैठक होने वाली है जिसमें नक्सल प्रभावित जिलों में कैसे शांतिपूर्वक चुनाव सम्पन्न हो सके इस पर लाइन ऑफ एक्शन तैयार किया जायेगा ।

माओवादियों का मानना है- ‘पंचायत चुनाव से जात-पात, भाई-भतीजावाद, गोतिया व परिवार के बीच वैमनस्य और भी गहरा होता है और वह खूनी संघर्ष का रूप ले लेता है। साथ ही राजनीतिक हिंसा भी बढ़ती है।’

जमीन माफिया से लेन देन की वजह से पुजारी की हुई है हत्या पुलिस इस बिन्दू पर शुरु की जांच

मीडिया वाले और कसाई पर अब कोर्ई फर्क नहीं रह गया है – दरभंगा के ऐतिहासिक कंकाली मंदिर में आज सुबह जिस तरीके से अंधाधुध फायरिंग करके मुख्य पुजारी की हत्या कर दी गयी उससे पूरा मिथिलांचल हतप्रभ है। क्यों कि दुर्गा पूजा के दौरान पूरे मिथिलांचल में एक अलग तरह का भक्तिमय माहौल रहता है उपवास और पूजा पाठ में घर के सभी सदस्य लगे रहते हैं।

ऐसे में आस्था के केन्द्र माने जाने वाले कंकाली मंदिर के मुख्य पुजारी जिनके बारे में कहां जाता है कि वो पूरे दुर्गा पूजा के दौरान सिर्फ पानी पीकर रहते हैं उनके साथ इस तरह की घटना महज मोबाइल विवाद को लेकर घटित हो जाये किसी को भी भरोसा नहीं हो रहा है।

परिवार वाले मोबाइल विवाद को ही वजह बता रहे हैं हलांकि जिन चार अपराधियों ने इस घटना को अंजाम दिया है उसमें से तीन अपराधियों को मंदिर के पास मौजूद लोगों ने पकड़ लिया और जमकर पिटाई शुरु कर दिया जिस दौरान एक अपराधी पुलकित कुमार सिंह की घटना स्थल पर ही मौत हो गयी ।

पुलकित कुमार सिंह के पिता विश्वविधालय में कर्मचारी है और ये चकिया मोतिहारी का रहने वाला है घटना स्थल से जो कार बरामद हुआ है वो कार पुलकित कुमार सिंह के पिता के नाम पर ही है ।दो और अपराधी जिसका इलाज चल रहा है अभिजित श्रीवास्तवऔर अभिषेक राज दरभंगा का ही रहने वाला है चौथा जो अपराधी भाग गया वो अंशु ठाकुर है जो कटरा मुजफ्फरपुर का रहने वाला है।

पुजारी की हत्या पर दरभंगा एसएसपी क्या कह रहे हैं जरा आप भी सुनिए

इन चारों अपराधी को मुख्य पुजारी के परिवार वाले पहचान रहे हैं और उनकी माने तो इन्हीं लोगों से विवाद हुआ था हलाकि पुलिस के रिकार्ड में इन लोगों के खिलाफ कोई अपराधिक मामला दर्ज नहीं है लेकिन पर्दे के पीछे जो तथ्य सामने आ रहा है वह पूरा मामला मंदिर के करोड़ो के जमीन से जुड़ा हुआ है जिसका डील ये चारों कर रहा था और इन चारों का सम्बन्ध संतोष झा गैग से रहा है हलाकि पुलिस फिलहाल कुछ भी बोलने से बच रहा लेकिन इस घटना दूसरा पहलु इस घटना से भी घिनौना है ।

पुजारी की हत्या पर उनके पड़ोसी का क्या कहना है

मीडियाकर्मी और राजनीतिज्ञ इस घटना में सांप्रदायिक एंगल ढूढ़ते दिखे

जैसे ही यह खबर सोशल मीडिया पर ब्रेक हुआ पांच मिनट के अंदर दिल्ली और पटना से जुड़े मीडियाकर्मियों और राजनीतिज्ञों का फोन आना शुरु हो गया कैसे हुआ संतोष जी क्या मामला है, मेरी संगति राइट और लेफ्ट दोनों से है और दोनों की सियासत को भी समझते हैं ।

फोन की घंटी से ही समझ जाते थे कि इस खबर में जबाव ढूंढ क्या रहे हैं, मंदिर में पुजारी की कैसे हत्या हुई उसको लेकर को गम्भीर नहीं थे बल्कि हत्यारा कौन है ये जानने के लिए ज्यादा उत्साहित थे ।

चलिए राजनीतिज्ञों की तो आज कल इसी से दुकान चल रही है लेकिन मीडिया वाले हमारे बंधु का व्यवहार हैरान करने वाला था। राजनीतिज्ञ तो थोड़ा धैर्य से घटना क्यों हुई वो सून भी रहे थे हमारे मीडिया वाले भाइयों का सीधा सवाल था मिया मारा है क्या,मैंने कहां नहीं तो उसके बाद ऐसा लगा जैसे वो बेहोश हो कर गिर गया उसके आवाज में जो खनक थी वो समाप्त हो गयी ठीक है संतोष रखते हैं।

एक बंधु इतना उत्साहित थे कि संतोष कुछ तो इनसाइड स्टोरी रहा होगा दरभंगा है वहां इस तरह का खेल पर्दे के पीछे चलता रहता है ,जरा पता करो ना मोबाइल के लिए इस तरह हत्या नहीं हो सकती है मैंने कहां ठीक है पता करते हैं वैसे एक स्टोरी है दरभंगा एसएसपी को लेकर मंदिर में जाने से रोक रहे थे एसएसपी दलित है कुछ एंगल बना सकते हैं तो बना लीजिए ये भी बिकने वाला एंगल है ,बाईट मिलेगा संतोष मैं तो पटना हूं दरभंगा आपके चैनल का भी स्ट्रिगर होगा ही मंगवा लीजिए देने में कोई दिक्कत नहीं होगा वैसे कोई नहीं कोई मिलेगा तो माले वाला है ही ।

दरभंगा के प्रसिद्द कंकाली मंदिर में घूस कर अपराधियों ने मुख्य पूजारी को गोली से छलनी कर दिया।

दरभंगा – राज किला परिसर स्थित कंकाली मंदिर के पुजारी की अपराधियों ने गोली मार कर हत्या कर दी। यह घटना अहले सुबह घटित हुई। गोली लगने से पुजारी की मौत घटनास्थल पर ही हो गयी, जबकि एक अन्य पुजारी गोली लगने से घायल हो गया। प्रत्यदर्शी की माने तो कार से आए चार अपराधियों ने वारदात को अंजाम दिया है। लोगों ने एक अपराधी को पीट-पीटकर मार डाला। मौके पर पुलिस पहुंच गई।

मुख्य पुजारी राजीव झा की हत्या के खबर से लोगों में खासा आक्रोश है खबर ये भी आ रही है तीन और अपराधी को लोगों ने पकड़ लिया है जिसके साथ भी आक्रोशित लोगों ने जमकर मारपीट किया है।फिलहाल स्थिति काफी तनाव पूर्ण और स्थानीय पुलिस के खिलाफ लोगों में खासा आक्रोश है ।

कोरोना का टीका लेने से छूटे हुए लोगों के लिए विशेष टीकाकरण 22 अक्टूबर को

छूटे हुए लाभाथिर्यों का विशेष टीकाकरण 22 अक्टूबर कोः मंगल पांडेय
आशा एवं आंगनबाड़ी सेविका को इस कार्ययोजना में लगाया गया

पटना। स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य में छूटे हुए लाभाथिर्यों का विशेष टीकाकरण 22 अक्टूबर को होगा। स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना से बचाव के लिए चल रहे टीकाकरण अभियान को और गति देते हुए निर्णय लिया है कि राज्य में जिन लोगों ने अब तक टीकाकरण नहीं करवाया है, उनका अब आशा व आंगनबाड़ी वर्कर्स घर-घर जाकर सर्वे करेंगी और इससे संबंधित रिपोर्ट सौंपेगी। उस आधार पर विभाग उनके लिए विशेष अभियान के तहत उनका टीकाकरण सुनिश्चित करवाएगी।

श्री पांडेय ने कहा कि जिन लोगों ने अब तक टीका नहीं लिया है, उनका सर्वे वोटर लिस्ट के आधार पर पूरे राज्य के अलग-अलग पंचायत व वार्डों में 18 से 20 अक्टूबर तक करवाया जायेगा। यह कार्य संबंधित क्षेत्र के आशा फैसिलिटेटर एवं बीसीएम की देख-रेख में किया जाएगा।

इसके साथ ही इस कार्य में सभी संबंधित सहयोगी संस्थाओं का अनिवार्य रुप से सहयोग लेना सुनिश्चित किया गया है। सर्वे के उपरांत प्रखंड द्वारा आशा से प्राप्त लाभार्थी सूची के अनुसार टीकाकरण सत्र स्थल, टीकाकरण कर्मी एवं संबंधित सामग्री आदि को सूक्ष्म कार्ययोजना में समाहित कर जिला को उपलब्ध कराया जाएगा।

श्री पांडेय ने ये भी कहा कि टीकाकरण की सफलता के लिए दुर्गापूजा के अवसर पर सभी पूजा पंडालों में कोविड -19 टीकाकरण से संबंधित प्रचार-प्रसार सामग्रियों को प्रदर्शित करने का निर्देश दिया गया है, ताकि टीकाकरण के प्रति जागरुकता में और तेजी आ सके।

पाकिस्तानी आतंकी का तार बिहार से जोड़े जाने को लेकर उठने लगे सवाल है

दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के हत्थे चढ़े पाकिस्तानी आतंकी अशरफ की गिरफ्तारी मामले में जिस तरीके से बिहार से तार जोड़ा जा रहा है उसको लेकर बिहार पुलिस के आलधिकारियों ने गहरी नराजगी व्यक्त किया है ।

दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल द्वारा जो मीडिया को बताया गया है उसको लेकर अभी तक दिल्ली पुलिस ने बिहार पुलिस मुख्यालय के किसी भी अधिकारी से इस संदर्भ में बात नहीं किया है और ना ही किशनगंज एसपी से।

दिल्ली पुलिस के हवाले से जो मीडिया रिपोर्ट आयी है उसके अनुसार आतंकी अशरफ ने पुल‍िस को पूछताछ के दौरान बताया क‍ि पहली बार साल 2004 में पाकिस्तान से बांग्लादेश और कोलकाता होते हुए भारत में दाखिल हुआ था और उसके बाद वह सीधे अजमेर शरीफ गया।

अजमेर शरीफ में उसकी मुलाकात बिहार के कुछ लोगों से हुई, और उन्हीं लोगों के साथ बिहार चला गया । बिहार में जाकर उसने एक गांव में शरण ली और वहां पर कुछ समय रहकर सरपंच का विश्वास जीता और सरपंच से कागज में लिखवाकर गांव का निवासी होने की आइडेंटिटी बनवाई.
कथ‍ित आतंकी अशरफ ने पुल‍िस को पूछताछ के दौरान बताया क‍ि बाद में वह दिल्ली आया और उसी आईडी के सहारे दिल्ली में पहले राशनकार्ड बनवाया और फिर वोटर आईडी कार्ड और उसके बाद 2014 में पासपोर्ट बनवा लिया ।

राशन कार्ड कैसे बनता है —
राशन कार्ड बनाने की एक पूरी प्रक्रिया है जिसमें पंचायत से लेकर प्रखंड स्तर तक पूरा महकमा शामिल होता है बिहार में सरपंच या मुखिया को ये अधिकार नहीं है किसी के नागरिक होने का प्रमाण पत्र दे, इतना ही नहीं सरपंच और मुखिया अगर ऐसा कोई प्रमाण देता भी है तो उसके आधार पर राशन कार्ड बन ही नहीं सकता है क्यों कि इसके साथ वोटर आईडी कार्ड के अलावा कई और दस्तावेज चाहिए तभी आपको राशन कार्ड बन सकता है ।

इसलिए ये जांच का विषय है कि बिहार के किसी सरपंच के पत्र के आधार पर दिल्ली या यूपी में कैसे राशन कार्ड बन गया जाचं तो यहां से शुरु होनी चाहिए कि इस खेल में कौन लोग शामिल है

कैसे बनता है पासपोर्ट–
पासपोर्ट बनाने के लिए आपको मौजूदा एड्रेस प्रूफ के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स पानी का बिल टेलीफोन/मोबाइल का बिल बिजली का बिल इनकम टैक्स असेसमेंट ऑर्डर आईडी-कार्ड के साथ साथ जहां आपका स्थायी पता है उसकी भी जानकारी देनी पड़ती है ।

दोनों जगह पुलिस सत्यापन करती है उसके बाद ही पासपोर्ट बन सकता है ।इतना ही नहीं जन्मतिथि के लिए जरूरी प्रमाण-पत्र नगर निगम की ओर से मिला जन्म प्रमाण-पत्र स्कूल लिविंग या ट्रांसफर लेटर की कॉपी पॉलिसी बॉन्ड या फिर पैन कार्ड होना अनिवार्य है ।

ऐसे में अशरफ का पासपोर्ट कैसे बन गया। जन्म प्रमाण पत्र से जुड़े कागजात किस संस्थान द्वारा निर्गत किया गया है कई ऐसे सवाल हैं जो दिल्ली पुलिस के कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रहा है क्यों कि 2004 में वो भारत में आता है मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 2011 में दिल्ली हाईकोर्ट के सामने हुए ब्लास्ट से पहले रेकी की थी और उस रेकी में वह कई बार वहां पर आया था, लेकिन उसने बम धमाके में शामिल होने से इनकार कर दिया है.

पुलिस ने धमाकों की साजिश में शामिल एक शख्स की फोटो उसे दिखाई है, जिसके बाद उसने उसे पहचाना लेकिन सही कहा कि उसने सिर्फ रेकी की थी धमाका किसी और ने किया था. स्पेशल सेल अब उसके इस दावे को वेरिफाई करेगी.

कथ‍ित आतंकी अशरफ के जम्मू कश्मीर में भी बम धमाके और हथियार सप्लाई करने का खुलासा हुआ है. सूत्रों के मुताबिक वह काफी समय जम्मू कश्मीर में रहा है, जिसके बाद बुधवार को एनआईए, जम्‍मू कश्‍मीर पुलिस और आर्मी इंटेलिजेंस स्पेशल सेल के दफ्तर में आतंकी से पूछताछ करने आएंगी और उसके जम्मू कश्मीर में जाने के साथ ही वहां पर साजिश का पता लगाएगी.

इस तरह के वारदात में वो शामिल रहा है वह भी दिल्ला में रहते हुए ऐसे में ये सवाल तो बनता ही है कि दिल्ली में राशन कार्ड बनवाने में से लेकर पासपोर्ट बनवाने तक में किसने सहयोग किया इस संदर्भ में बिहार के एक पूर्व सीनियर पुलिस अधिकारी का कहना है कि दिल्ली और मुबंई पुलिस अक्सर इस तरह का दाव खेलते रहती है ताकि उसके सिस्टम के फेलियर पर लोगों का ध्यान ना जाये ।

सीएम नीतीश कुमार ने की माँ दुर्गा की पूजा

सीएम नीतीश कुमार आज माँ दुर्गा का दर्शन किया और मीडिया से बात करते हुए कहां कि आज का दिन मॉ का दिन है माँ से बस एक ही आर्शीवाद चाहिए ।राज्य खुशहाली रहे समृद्धि रहे।

बच्चों के संदर्भ में कोरोना को लेकर देश का स्वास्थ्य व्यवस्था निपटने में सक्षम।

“बच्चों के संदर्भ में प्रतिकूल परिस्थितियों से निपटने में देश की मौजूदा निगरानी व्यवस्था से काफी मदद मिली”
डॉ. एन के अरोड़ा राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) के कोविड-19 कार्यकारी समूह के अध्यक्ष

कोविड-19 टास्क फोर्स के प्रमुख सदस्य डॉ. एन के अरोड़ा ने कोविड-19 वैक्सीन की अब तक की यात्रा और भारत के लिए वर्तमान तथा भविष्य में इसके मायने पर बातचीत की।

देश ने 10 महीने से भी कम समय में 100 करोड़ टीकाकरण की उपलब्धि हासिल कर ली है। यह देश में महामारी की स्थिति में क्या बदलाव लाएगा?
यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। वैक्सीन आत्मनिर्भरता ने इस रिकॉर्ड को हासिल करने में सबसे अधिक सहायता की है। हम इतनी बड़ी आबादी का टीकाकरण कर पाए, क्योंकि हम देश में वैक्सीन का विकास और उत्पादन करने में सफल रहे।
यह उपलब्धि रातोंरात हासिल नहीं की गयी है; यह डेढ़ साल की रणनीतिक सोच, इसके कार्यान्वयन और कड़ी मेहनत का परिणाम है।

हमारे देश में, 94 करोड़ से अधिक वयस्क हैं, जो टीकाकरण के पात्र हैं। कई राज्यों में, 100 प्रतिशत वयस्क आबादी को वैक्सीन की पहली खुराक दी जा चुकी है। भारत की वर्तमान वैक्सीन वितरण क्षमता, वैक्सीन उत्पादन और उपलब्धता की स्थिति को देखते हुए हम अगले तीन महीनों में वैक्सीन की 70 से 80 करोड़ खुराकें और दे सकते हैं।

भविष्य में हमारे देश में महामारी की स्थिति पांच बातों पर निर्भर रहेगी। एक, लोग कितने प्रभावी ढंग से कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करते हैं? दूसरा, वैक्सीन की उपलब्धता। तीसरा, महामारी की दूसरी लहर के दौरान प्राकृतिक रूप से संक्रमित होने वाली आबादी का प्रतिशत। चौथा, आने वाले सप्ताहों और महीनों में वायरस के किसी नए रूप (वैरिएंट) का सामने आना और पांचवां, भविष्य में मामलों में वृद्धि के निदान के लिए स्वास्थ्य व्यवस्था की तैयारी।

दूसरी लहर के दौरान, देश भर में 70 से 85 प्रतिशत लोग संक्रमित हुए। इसके अलावा, पिछले चार महीनों में कोई नया रूप (वैरिएंट) सामने नहीं आया है। सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से आईसीयू बेड की संख्या, ऑक्सीजन की आपूर्ति व जीवन रक्षक दवाओं की उपलब्धता को बढ़ाने और नैदानिक सुविधाओं को मजबूत करने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास किए गए हैं। अब, यह देशवासियों पर निर्भर है कि वे कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन, विशेष रूप से आने वाले त्योहारों के दौरान भी जारी रखें। मुझे दृढ़ विश्वास है कि कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने और अनुशासन बनाए रखने से मामलों को कम रखने तथा सामान्य स्थिति की ओर लौटने में काफी मदद मिलेगी।

हालांकि भारत बच्चों की वैक्सीन (टीका) का सबसे बड़ा उत्पादक रहा है, लेकिन इसे वैक्‍सीन (टीका) विकसित करने के लिए नहीं जाना जाता था। महामारी के दौरान, हालांकि इसने अनेक वैक्सीन विकसित की। ऐसा कैसे संभव हुआ?
पिछले दो दशकों में, देश ने आधारभूत विज्ञान अनुसंधान के लिए बुनियादी ढांचा विकसित करने के क्षेत्र में बड़ी उन्‍नति की है।

वास्तविक बदलाव तब शुरू हुआ जब पिछले साल नए टीकों के बुनियादी अनुसंधान और विकास को उत्प्रेरित करने एवं प्रोत्साहित करने का निर्णय किया गया। मार्च 2020 में, बड़ी धनराशि का निवेश किया गया, और एक अनुकूल वातावरण तैयार किया गया। इसने वैज्ञानिकों के साथ-साथ उद्यमियों को भी नए टीकों के विकास के लिए सहयोग करने और एक जगह पर आने के लिए प्रोत्साहित किया। अंतरराष्ट्रीय भागीदारों, स्थानीय निर्माताओं, वैज्ञानिकों और विभिन्न विज्ञान प्रयोगशालाओं के बीच सहयोग के परिणामस्वरूप नई प्रौद्योगिकी का विकास और हस्तांतरण हुआ।

इसके परिणामस्‍वरूप, भारत महामारी की शुरुआत के 10 महीने से भी कम समय में अपना राष्ट्रव्यापी टीकाकरण कार्यक्रम शुरू कर सका। आज, इसके पास कोविड टीकों की एक मजबूत पाइपलाइन-निष्क्रिय वैक्सीन, सब-यूनिट वैक्सीन, वेक्टर्ड वैक्सीन, डीएनए वैक्सीन, आरएनए वैक्सीन है- जो वयस्कों के साथ-साथ देश के और अनेक अन्‍य देशों के बच्चों के लिए उपलब्ध होगी।

इन टीकों को बहुत कम समय में विकसित किया गया और इन्हें आपातकालीन उपयोग का अधिकार दिया गया, जिसका अर्थ है कि उनके दीर्घकालिक प्रभाव का अध्ययन करने से पहले उन्हें लोगों के लिए उपलब्ध कराया गया। उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या अन्‍य उपाय किए गए?

जून-जुलाई, 2020 के महीनों से ही, दुनिया भर के वैज्ञानिकों ने टीकों के संभावित प्रभावों और दुष्प्रभावों पर चर्चा शुरू कर दी थी। सितम्‍बर-अक्टूबर तक, भारत में, एक विस्तारित विशेषज्ञ पैनल स्थापित किया गया जो वयस्क टीकाकरण के कारण उत्पन्न हो सकने वाली समस्याओं के समाधान के लिए राष्ट्रीय स्तर से लेकर जिला स्तर तक टीकाकरण के बाद प्रतिकूल स्थिति (एईएफआई) पर नजर रख सके। इस पैनल में अन्‍य लोगों के अलावा सामान्य चिकित्सक, पल्मोनोलॉजिस्ट, कार्डियोलॉजिस्ट, न्यूरोलॉजिस्ट, हेपेटोलॉजिस्ट शामिल थे। एईएफआई सदस्यों के लिए देश भर में जांच, कारण और प्रभाव प्रशिक्षण अक्टूबर-नवम्‍बर में आयोजित किया गया था और दिसम्‍बर तक उनमें से अधिकांश को प्रशिक्षित किया जा चुका था।

देश ने उन नैदानिक स्थितियों को शामिल करने के लिए एक सूची तैयार की जिनकी परम्‍परागत रूप से प्रतिकूल घटनाओं के रूप में जानकारी दी जा रही थी, लेकिन अतिरिक्त स्थितियों को सूची में जोड़ा गया जो सैद्धांतिक रूप से किसी भी नए टीके के साथ उत्‍पन्‍न हो सकती हैं – इन्हें एईएसआई भी कहा जाता है, यानी विशेष रुचि की प्रतिकूल घटनाएं।

आसपास के अस्पतालों या जिला अस्पतालों में कार्यरत टीके लगाने वालों, नर्सों और डॉक्टरों को इस बारे में जागरूक किया गया कि कैसे किसी भी साधारण प्रतिक्रिया से होने वाली प्रतिकूल घटना, जहां अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता है, उसे प्रबंधित और रिपोर्ट किया जा सकता है।

बच्चों के मामले में प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं से निपटने में देश के मौजूदा निगरानी अनुभव ने काफी मदद की।
डब्‍ल्‍यूएचओ ने इस कार्य को सुगम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके राष्ट्रीय कार्यालय में एक वैक्सीन-सुरक्षा प्रभाग है जो तकनीकी सहायता के साथ-साथ लॉजिस्टिक सहयोग प्रदान करता है।

प्रत्येक टीकाकरण केन्‍द्र में टीकाकरण के बाद 30 मिनट निगरानी रखने के लिए बैठने के स्‍थान की व्‍यवस्‍था है। इसका उद्देश्य किसी भी गंभीर प्रतिक्रिया जैसे कि एनाफिलेक्सिस को तुरंत प्रबंधित करना और फिर उन्हें निकटतम स्वास्थ्य सुविधा में भेजना है। इस दृष्टिकोण ने कई सौ लोगों की जान बचाई है। टीके की एक खुराक देने के 28 दिन के भीतर होने वाली किसी भी नैदानिक घटना या बीमारी को आगे जांच और यह निर्धारित करने के लिए कि क्या यह टीके और टीकाकरण से संबंधित है, इसकी जानकारी एईएफआई के रूप में दी जानी चाहिए। नियमित पूरक निगरानी की जानकारी के लिए देश भर में 20 से 25 स्‍थानों पर अस्पतालों और सामुदायिक स्थलों पर सक्रिय निगरानी स्थापित की गई। इससे हमें टीकों के किसी भी संभावित दीर्घकालिक प्रभाव को खारिज करने में भी मदद मिलेगी।

टीके की सुरक्षा के बारे में लोगों को समझाना कितना मुश्किल था?
पोलियो उन्मूलन के लिए चलाए गए एक लंबे अभियान, जिसने टीके को लेकर संदेह को दूर किया, की वजह से देश कोविड-19 टीकों के बारे में गलत सूचनाओं, अफवाहों से निपटने के लिए पहले से ही तैयार था। सरकार ने टीकाकरण अभियान शुरू होने से पहले ही पिछले साल अक्टूबर में सामाजिक जागरुकता कार्यक्रम शुरू कर दिया था। इस प्रणाली ने टेलीविजन चैनलों, प्रिंट मीडिया, वेबिनार, रेडियो कार्यक्रमों, आमने-सामने के संवाद के माध्यम से तथ्य-आधारित, वैज्ञानिक जानकारी के प्रसार के लिए समग्र दृष्टिकोण को अपनाया। इसके अलावा, कई प्रतिष्ठित व्यक्ति, धार्मिक नेता, सामुदायिक नेता जागरूकता कार्यक्रमों में शामिल थे क्योंकि उनका जनता के साथ एक मजबूत जुड़ाव है।

पहली बार, सोशल मीडिया स्कैनिंग एक व्यवस्थित तरीके से की जा रही है ताकि अफवाहों और गलत सूचनाओं पर बहुत बारीकी से नजर रखी जा सके, उनकी निगरानी की जा सके, उनका विश्लेषण किया जा सके और व्यवस्थित तरीके से उनका मुकाबला किया जा सके। मेरा यह मानना है कि टीके (वैक्सीन) को लेकर शंका भी एक संक्रामक बीमारी की तरह है, यह तेजी से एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्रों में फैलती है यदि इसे खत्म करने के लिए त्वरित कार्रवाई नहीं की जाती है।

आपको क्या लगता है कि देश के लिए बाकी आबादी का टीकाकरण करना कितना आसान या मुश्किल होगा?
भारत में 94 करोड़ वयस्क हैं और इस आबादी को पूरी तरह से प्रतिरक्षित करने के लिए लगभग 190 करोड़ खुराक की आवश्यकता है। जहां तक टीके की आपूर्ति और स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे का सवाल है, हमें पूरा भरोसा है। वास्तव में, हम अभी लोगों में टीका लगवाने को लेकर उत्साह का माहौल देख रहे हैं, उनमें अब टीके को लेकर कोई शंका नहीं है। आगे मुश्किलें आ सकती हैं, लेकिन मेरा दृढ़ विश्वास है कि प्रासंगिक कारणों को दूर करने के ठोस प्रयासों से देश को पूर्ण टीकाकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

ये बिहार पुलिस का मानवीय चेहरा है जिसके सहारे सरकार कानून का राज स्थापित करने की दावा करती है

पुलिस यूपी की हो या दिल्ली की या फिर बिहार की मिजाज एक ही रहता है यह तस्वीर बिहार की राजधानी पटना की है जहां अतिक्रमण हटाने के दौरान पुलिस के लाठीचार्ज में घायल युवक की मौत हो गयी ,इस घटना के विरोध में जब लोग सड़क पर उतरे तो फिर पुलिस पुरुष क्या क्या महिला देखिए किस तरीके से मार रहा है ।

हलाकि इस मामले में पटना एसएसपी से सवाल किया गया गया कहां कि वीडिओ की जांच करवाते हैं जो भी दोषी होगा उस पर कारवाई होगी लेकिन सवाल कारवाई का नहीं है जिस तरीके से पुलिस को ट्रेनिंग दी जाती है उसमें पुलिस को इसी तरह की कारवाई करना सिखाया ही जाता है ।

दिल्ली में गिरफ्तार आतंकी का तार बिहार से जुड़ा

2013 के बाद पहली बार बिहार का किसी बड़े आतंकी से तार जुड़ा है जिसका रिश्ता ISI हो, जी है 2013 में बिहार पुलिस की टीम ने इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादी यासीन भटकल व अब्दुल असगर उर्फ हड्डी को नेपाल की सीमा से गिरफ्तार किया था । पूछताछ के दौरान बिहार में  उसके नेटवर्क का भी खुलासा हुआ था उस पर काफी कुछ काम बिहार पुलिस और केंद्रीय एजेंसी ने किया था ,हालांकि भटकल की गिरफ्तारी के बाद देश स्तर पर कोई बड़ी आतंकी घटना नहीं घटी है ।

 लेकिन हाल के दिनों में दरभंगा में ट्रेन ब्लास्ट की साजिश रचने के मामले में NIA ने यूपी और हैदराबाद में बड़ी कारवाई किया है फिर भी ऐसा कुछ भी NIA को हाथ नहीं लगा जिसके सहारे कहां जा सके कि दरभंगा  मॉड्यूल एक बार फिर  सक्रिय हो गया है ।

दिल्ली में जिस आतंकी की गिरफ्तारी हुई है उसके बारे में दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस प्रमोद कुशवाहा का कहना है कि असरफ को सोमवार रात 9.20 बजे अरेस्ट किया गया। शुरुआती जांच में पता चला है कि असरफ स्लीपर सेल की तरह काम करके कोई बड़ी साजिश रच रहा था।

वह दिल्ली में रहकर अपनी पहचान पीर मौलाना के तौर पर बना रहा था।उसने जाली दस्तावेजों के जरिए भारतीय पहचान पत्र हासिल किया था जो बिहार में बनवाया गया था। अशरफ के पास कई फर्जी आईडी मिले हैं। इनमें से एक अहमद नूरी नाम से बनवाया गया था। दस्तावेज के लिए उसने गाजियाबाद की महिला से शादी भी की थी।

पुलिस ने उसके पास से एक AK-47 राइफल, इसकी एक मैगजीन, एक हैंड ग्रेनेड और 50 राउंड गोलियों के साथ दो पिस्टल बरामद किया है । वह करीब 15 साल से भारतीय नागरिक के तौर पर रह रहा था।दिल्ली और उसके आसपास अपनी साजिश को अंजाम देने के लिए वह ‘पीर मौलाना’ का वेश भी बना रहा था।उसने अली अहमद नूरी के नाम से शास्त्री नगर का एक फर्जी आईडी कार्ड बनवा लिया था।

उसके पास से पुलिस ने फर्जी आईडी, बैग और दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं।तुर्कमान गेट इलाके से एक भारतीय पासपोर्ट भी उसने बरामद करवाया है। वो पासपोर्ट  2014 में बिहार के किशनगंज से बनवाया था।

सरफ पहली बार बांग्लादेश के रास्ते सिलीगुड़ी बॉर्डर से भारत आया था। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने उसे ट्रेनिंग दी है। इसके बाद से वह पाकिस्तान के हैंडलर के संपर्क में था। उसे भर्ती करने वाले हैंडलर का कोड नेम नासिर था। नासिर ही अशरफ को निर्देश दे रहा था।

हालांकि इस सम्बन्ध में पुलिस मुख्यालय में बैठे आलाधिकारी ,एटीएस चीफ और किशनगंज एसपी फिलहाल कुछ भी बोलने से बच रहे हैं लेकिन जो खबर आ रही है उसके अनुसार बिहार पुलिस किशनगंज और उत्तर बिहार से जुड़े नेपाल पर चौकसी बढ़ा दी  है ।

एस एस बी की बड़ी कारवाई हथियार के साथ तस्कर गिरफ्तार

गुप्त सूचना के आधार पर विशेष गस्ती करते हुए एस एस बी जवानों ने 02 हथियारों के साथ 03 कारोबारी और एक मोटर साइकल को किया जब्त

सोमवार की संध्यकालीन बेला मे एस एस बी 45वी बटालियन बीरपुर की सीमा चौकी नरपटपट्टी ने गुप्त सूचना के आधार पर विशेष गस्ती करते हुए एक 09 इंच लंबा सिक्सर, 7.65 एम एम की पाँच जिंदा कारतूस और एक 09 इंच की एयरगन , एक मोटर साइकल (हीरो स्प्लेंदर संख्या BR 11 K 4424) 03 मोबाइल फोन को जब्त करते हुए तीन कारोबारी को गिरफ्तार किया है।

भारत-नेपाल सीमा स्तम्भ संख्या 220 के समीप छोतही अंसारी टोला, वार्ड संख्या 10, जिला अररिया मे कुछ आपराधिक तत्वों द्वारा अवैध हथियारों का मामला संज्ञान मे आया था। कार्यवाही को अंजाम देते हुए सीमा चौकी नरपटपट्टी से सब इंस्पेक्टर सुदर्शन भट्ट के नेतृत्व मे चिन्हित स्थान के लिए विशेष गस्ती दल को भेजा गया। चिन्हित स्थान पर पहुँचकर भारतीय प्रभाग मे छोतही अंसारी टोला, वार्ड संख्या 10 के समीप सूचना के आधार पर जाने पर देखा गया कि तीन व्यक्ति बैठे हुए हैं और गस्ती दल को देखते हुए भागने लगे ।

जिसे दौड़ते हुए गस्ती दल द्वारा घेर लिया गया और पकड़ लिया गया। जब उनसे पूछताछ के दौरान तीनों की तलाशी ली गई तो उन तीनों मे एक व्यक्ति के समीप से 02 कट्टे और कारतूस बरामद बरामद हुए जिसे जब्त कर तीनों कारोबारी को गिरफ्तार कर लिया गया। तीनों के पास से एक एक मोबाइल भी बरामद हुई। दोनों हथियार, बरामद कारतूस, एक बाइक के साथ कारोबारी को भापटियाही थाना के सुपुर्द किया गया। वहीं कारोबारी की पहचान मो अफ़रोज, मो असलम जो थाना नरपतगंज जिला अररिया का निवासी है और अन्य एक अरविंद कुमार मेहता जो थाना भापटियाही जिला सुपौल का निवासी है।

ध्वस्त हो चुकी है बिहार की नौकरशाही

क्या ये मान लिया जाये कि बिहार में नौकरशाही पूरी तरह से ध्वस्त हो गया या फिर नौकरशाही में आने की जो प्रक्रिया है उस प्रक्रिया में बड़े बदलाव की जरूरत है । यह सवाल आज मैं इसलिए कर रहा हूं कि पांच वर्ष बाद एक बार फिर शुरू हुए जनता के दरबार में सीएम कार्यक्रम के दौरान जिस तरीके की शिकायत आ रही हैं उससे तो यही अनुमान लगाया जा सकता है कि बिहार की नौकरशाही पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है । 

 जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम 2007 से  2014 के दौरान शायद ही ऐसा कोई दरबार रहा हो जिसमें मैं एक पत्रकार के रूप में शामिल नहीं हुआ हूं।उस कानून का भी मैं साक्षी हूं जिसके आधार पर जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया था । जी है मैं बात कर रहा हूं राइट टू सर्विस एक्ट की जिसका रोजाना आज भी सूचना भवन में 50 से अधिक कर्मचारी हर शिकायत और उसके फैसले पर नजर रखते हैं ।

लेकिन यहां भी समस्या वहीं है जनता की शिकायत पर अधिकारी जो फैसला सुनाते हैं उन फैसलों को लागू करने वाले अधिकारी लागू नहीं कराते हैं ऐसे लाखों आदेश की कॉपी पंचायत से लेकर प्रखंड और जिला के दफ्तर में धूल फांक रहा है यह एक्ट भी नौकरशाही का भेट चढ़ गया ।

 इस बार जब से जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम का आयोजन किया गया है देखिए किस तरह की शिकायत आ रही है ।   कल अल्पसंख्यक कल्याण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी, कला संस्कृति एवं युवा, वित्त, श्रम संसाधन व सामान्य प्रशासन पिछड़ा एवं अति पिछड़ा कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण के साथ मुख्य रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य व समाज कल्याण विभाग से जुड़े 147 मामलों आया हुआ था जिसमें   समस्तीपुर से आये एक छात्र ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि वर्ष 2017 में ही मैट्रिक की परीक्षा पास की लेकिन 10 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि नहीं दी गई है।

इसी तरह पिछले दरबार में  नवादा से चलकर आई 17 वर्षीय ईशु कुमारी कहती हैं, “हम मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन राशि को लेकर यहां आए हैं. हम साल 2019 में मैट्रिक और साल 2021 में इंटर फर्स्ट डिविजन से पास किए लेकिन प्रोत्साहन राशि नहीं मिली।प्रोत्साहन राशि का पैसा हर जिले में उपलब्ध है लेकिन सरकार के इस योजना का लाभ बच्चों को नहीं मिल रहा है।     इसी तरह शिवहर से आए एक युवक ने मुख्यमंत्री से फरियाद करते हुए कहा कि मैंने वर्ष 2016 में मैट्रिक की परीक्षा पास की लेकिन मेरे सर्टिफिकेट पर मेरी तस्वीर की बजाए एक लड़की की तस्वीर लगा दी गई है।

सर्टिफिकेट पर फोटाे सुधार के लिए बिहार बोर्ड में आवेदन भी किया, लेकिन अबतक सुधार नहीं हुआ जिस वजह से इसकी पढ़ाई बाधित हो गयी है।अंक पत्र में सुधार ,नाम में सुधार जैसी समस्या आम है लेकिन इसमें सुधार हो इसके लिए आपको वर्षो बोर्ड के दफ्तर का चक्कर लगाना पड़ेगा ।हर जिला में आंगनबाड़ी केंद्र में काम करने वाली सेविका और सहायिका के मानदेय के लिए राशि उपलब्ध है लेकिन दो वर्ष से मानदेय नहीं मिल रहा है ।

पीडीएस से अनाज नहीं मिल रहा है ,डॉक्टर अस्पताल नहीं आ रहे हैं  इसी तरह सीएम नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘सात निश्चय योजना में काम की गुणवत्ता और सात निश्चय योजना का काम पूरा नहीं होने साथ ही ‘स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ मिलने वाले छात्रों को बैंक द्वारा परेशान किये जाना और प्रधानमंत्री आवास योजना के निर्माण में गड़बड़ी और आवंटन को लेकर हेराफेरी, उद्योग विभाग से अनुदान समय पर नहीं मिल रहा है, बिजली बिल में सुधार नहीं हो रहा है जैसे मामले आ रहे हैं ,जमीन और पुलिस से जुड़े से जुड़े मामले पर चर्चा करना ही बेमानी है वहां तो और स्थिति खराब है हर दिन नये प्रयोग हो रहे हैं और उस प्रयोग का पलीता लगाने के लिए पूरा सिस्टम मानो इन्तजार करता रहता है।

   ये ऐसी समस्या है जिसका समाधान ऑन स्पॉट हो सकता है  लेकिन इसके लिए लोगों को सीएम से मिलना पड़ रहा। मतलब सिस्टम गैर जवाबदेह है किसकी क्या जिम्मेदारी है या तो तय नहीं है या फिर तय है तो उसका कोई हिसाब लेने वाला नहीं है । इस विफलता को आप क्या कहेंगे जबकि सबको पता है कि बीमारी क्या है, ऐसे में आने वाले समय में भारतीय लोकतंत्र का स्वरूप क्या होगा कहना मुश्किल है क्यों कि पब्लिक अब पहले से ज्यादा सजग हो गया है अधिकार क्या है ये समझ में आने लगा है, अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने की ताकत बढ़ती जा रही है । बस समस्या यह है कि हम अपना प्रतिनिधि कैसे चुने इसको लेकर समझ अभी भी 20वीं सदी वाला ही है ।

जेपी के सम्पूर्ण क्रांति के सपने को मैं हमेशा याद रखता हूं – नीतीश कुमार

श्री नीतीश कुमार लोक नायक जयप्रकाश नारायण जी की जीवनी पर अधारित पुस्तक “द ड्रीम ऑफ़ रेवोल्यूशन ” का विमोचन करते हुए कहा कि जेपी में गांधी और लोहिया दोनों के विचार को साथ लेकर चलते थे उनके सम्पर्ण क्रांति के उदघोष को देखते हुए ही मैंने दिल्ली से पटना आने वाली ट्रेन का नाम सम्पूर्ण क्रांति दिया था ताकि लोग जान सके कि सम्पूर्ण क्रांति नाम के पीछे वजह क्या है।

इसी तरह नीतीश ने कहा कि मैं जो भी काम करता हूं उसके पीछे जेपी का दर्शन होता है जेपी ने गांधी के बाद देश को आन्दोलन करने कि ताकत दी ।

जेपी के याद में जुटे जेपी सेनानी

जेपी के सपनों का देश बना रहे हैं पीएम मोदी, सिताबदियारा में जेपी की मूर्ति पर किया माल्यार्पण – सुशील मोदी

पटना 11.10.2021
पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जेपी के सपनों का बिहार और देश बना रहे हैं। राष्ट्रीय फलक पर भ्रष्टाचार मुक्त देश की दुनिया भर में सराहना हो रही है।

श्री मोदी आज लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जन्मस्थली सिताब दियारा में उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण किया। श्री मोदी ने कहा कि जेपी का नारा था भ्रष्टाचार मिटायेंगे, नया बिहार बनायेंगे। लेकिन अपने को जेपी का वारिस कहने वाले राजद के मुखिया लालू प्रसाद यादव आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे रहे और जेल की हवा खाई। यही नहीं चार घोटाला, अलकतरा सहित कई घोटाले के मामलों में इनके कई मंत्रियों को जेल जाना पड़ा।

श्री मोदी ने जेपी के प्रति अपनी श्रद्धा निवेदित करते हुए कहा कि बिहार और देश में एनडीए की सरकार बनने के बाद से अब तक किसी पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा। पीएम मोदी पर तो उंगली तक नहीं उठी।

आज पूरी दुनिया में पीएम मोदी के विकास का डंका बज रहा है। लेकिन जेपी के साथ विश्वासघात करने वाले राजद के लोगों द्वारा किये गए भ्रष्टाचार को देश की जनता कभी माफ करने वाली नहीं।

जनता दरबार में बच्चे अपना शैक्षणिक प्रमाण पत्र ठीक कराने आ रहा है ।

जनता दरबार में बिहार के मुख्यमंत्री कार्यक्रम के दौरान आज अल्पसंख्यक कल्याण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौधोगिकी, कला संस्कृति एवं युवा, वित्त, श्रम संसाधन व सामान्य प्रशासन पिछड़ा एवं अति पिछड़ा कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण के साथ मुख्य रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य व समाज कल्याण विभाग से जुड़े 147 मामलों को मुख्यमंत्री ने सुना।

इस दौरान बिहार विधालय परीक्षा समिति के कारनामे से परेशान शिवहर के एक युवक ने कहा कि वह पुरुष है और उसके मैट्रिक के सर्टिफिकेट में लड़की की तस्वीर लगा दी गई।

युवक नीतीश से बोला सर इसकी वजह से मुझे काफी परेशानी हो रही है, कृपया समस्या का समाधान करें तीन वर्ष से बोर्ड का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन इसका समाधान नहीं निकल पाया है सीएम तत्तकाल बोर्ड के अध्यक्ष को समाधान निकालने का निर्देश दिया ।

कैमूर से आए एक युवक ने जब अपना नाम नीतीश कुमार बताया तो मुख्यमंत्री मुस्कुरा दिए। सीएम ने कहा कि आप भी मेरा नाम रख लिए। युवक ने भी जवाब दिया, सर मैंने नहीं माता-पिता ने मेरा नाम नीतीश कुमार रखा था। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज कल नीतीश नाम पड़ा लोग रख रहे हैं। बाद में सीएम ने युवक की समस्या सुनी और अधिकारियों से निदान करवाया।