बक्सर । बिहार के बक्सर में बुधवार को चौसा पावर प्लांट के लिए भूमि अधिग्रहण के मुआवजे को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों का एक समूह हिंसक हो गया था । भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया था । आरोप था कि किसानों के घर घुसकर पुलिस ने टॉर्चर किया था , जिसके बाद आक्रोशित किसान ने कई गाड़ियों को जला दिया था ।
बिहार पुलिस ने बुधवार को बक्सर में आगजनी और हिंसा के सिलसिले में 1,159 अज्ञात और 66 नामजद लोगों के खिलाफ पांच प्राथमिकी दर्ज की है।
इस बीच, एक किसान ने बक्सर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में 2009 बैच के तत्कालीन थाना प्रभारी (SHO)-सह-उप-निरीक्षक अमित कुमार, उप-निरीक्षक चंद्रशेखर आजाद, अंचल अधिकारी सहित चार नामजद लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
ADG (मुख्यालय) जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है और इलाके में मजिस्ट्रेट और अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। उन्होंने कहा, “स्थिति नियंत्रण में है और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी दिन-प्रतिदिन के घटनाक्रम पर कड़ी नजर रख रहे हैं।”
री बात ये है की, चौसा पॉवर प्लांट के लिए किसानों की जमीन सरकार ने अधिग्रहित की है। किसान अपनी जमीनों का बेहतर दाम चाहते हैं। किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, उन्हीं किसानों को पुलिस ने कथित तौर पर टॉर्चर किया है, जिसके बाद बवाल भड़का है।
चौसा प्लांट शुरू से विवादों के केंद्र में रहा है। किसानों की उचित मुआवजे की मांग पूरी करने के लिए शांतिपूर्ण वार्ता के बजाय पुलिस-प्रशासन द्वारा किसानों पर दमनकारी नीति अपनाई गई। मांगों को लेकर पिछले 17 अक्टूबर से स्थानीय किसान शांतिपूर्ण तरीके से धरना दे रहे थे। मंगलवार को पावर प्लांट का मुख्य गेट बंद कर काम रोक दिए जाने से पुलिस और प्रशासन का पारा गरम हो गया।
मंगलवार को काफी संख्या में पुलिस बल रात 11 बजे के बाद बनारपुर गांव में पहुंच कर किसानों के घर में घुसकर जुल्म ढाना शुरू कर दिया। इस क्रम में पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में ले लिया है। लोगों का कहना है कि पुलिस ने घरों में घुसकर महिलाओं और बच्चों तक को नहीं छोड़ा और कई लोगों की पिटाई कर दी है। लोगों ने बताया कि पुलिस की इस कार्रवाई में महिला पुलिस साथ में नहीं थी।
इस घटना के बाद ग्रामीण आक्रोशित हैं। बुधवार सुबह किसानों ने पावर प्लांट में तोड़फोड़ कर वाहनों में आग लगा दी। मौके पर हालात बेकाबू हो गए हैं।
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