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हिन्दुत्व के रास्ते पर बिहार

बीजेपी देश को हिन्दुत्व के एजेंडे पर आगे बढ़ाने में लगी है
बिहार विधानसभा के स्थापना दिवस के अवसर पर विधानसभा और विधान परिषद के सदस्यों के लिए कल प्रबोधन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।प्रथम सत्र के समापन पर मंच से घोषणा किया गया कि सभी लोग खड़े हो जाये राष्ट्रगीत गाया जाएगा और फिर शुरू हुआ

वन्दे मातरम् गीत
बिहार विधानसभा में पहले यह परम्परा कभी नहीं रही है हां इस बार बीजेपी और जदयू की जो सरकार बनी है उसके बाद से बिहार विधानसभा के पहले सत्र के समापन के दौरान पहली बार राष्ट्र गीत के साथ सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया था। बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह के याद में बिहार विधानसभा के मुख्य द्वार के सामने एकस्तम्भ बन रहा है कल उस स्तम्भ का स्वरूप क्या होगा इसका लोकार्पण लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिड़ला ने किया इस स्तम्भ का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी करेंगे ।

आजादी के बाद देश का यह पहला ऐसा स्तम्भ होगा जिसमें अशोक चक्र नहीं है अशोक चक्र की जगह स्वस्तिक चिन्ह को लगाया है संदेश साफ है देश की जो धर्मनिरपेक्षता वाली छवि रही है उस छवि से देश को बाहर निकालने कि कोशिश शुरु हो गयी है ।

इसी तरह दिल्ली पुलिस के लोगों पर अब अशोक स्तम्भ की जगह पर इंडियागेट रहेंगा साथ ही दिल्ली पुलिस लोगो के बीचों बीच लिखा गया संदेश ‘शांति, सेवा न्याय’ को हटा कर ‘फॉर द नेशन कैपिटल’ लिखा गया है ।

इससे पहले दिल्ली में जो नया संसद भवन बना है उस भवन में भी आजादी के साथ जिस परम्परा की शुरुआत की गयी थी कि महत्वपूर्ण पद पर आसीन व्यक्ति के पीछे अशोक स्तम्भ रहेगा उस परंपरा को भी खत्म कर दिया गया है अब नये संसद भवन में लोकसभा अध्यक्ष के पीछे अशोक स्तम्भ की जगह तिरंगा लहरेगा इस तरह के बदलाव का सिलसिला कहां जाकर रुकेगा कहना मुश्किल है क्यों कि संघ भारतीय संस्कृति,शासन व्यवस्था,अर्थनीति और सामाजिक मूल्यों को लेकर क्या सोचती है उसका कोई स्पष्ट रुप रेखा नहीं है।

संघ के अधिकृत विचार की बात करे तो उनकी एक मात्र अधिकृत विचार है एकात्म मानववाद जिसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मार्गदर्शक या दर्शन कहा जाता है। इस दर्शन को भारतीय जनसंघ ने 1965 के विजयवाड़ा अधिवेशन में उपस्थित सभी प्रतिनिधियों ने करतल ध्वनि से इस दर्शन को स्वीकार किया था और वचन लिया था कि जब भी हमारी सरकार बनेगी तो एकात्म मानववाद में जो विचार लिखे गये हैं उसका अनुपालन करेंगे ।

हालांकि इस पुस्तक में ऐसा कुछ भी नहीं है जो आज बीजेपी शासित राज्यों में हो रहा है या फिर जो मोदी कर रहे हैं हां यह जरूर है कि समय समय पर हिन्दूवादी सोच से जुड़े लेखक भारतीय चिंतन और सामाजिक मूल्यों को लेकर समय समय पर जो लिखा गया है संघ बीजेपी के सहारे हिन्दुत्व को थोपने कि कोशिश जरूर कर रही है हाल ही में पूर्व आईएएस अधिकारी दया प्रकाश सिन्हा द्वारा लिखी गयी पुस्तक में सम्राट अशोक की तुलना औरंगजेब से करने के मामले में भले ही बीजेपी पल्ला झाड़ लिया लेकिन सम्राट अशोक को लेकर जो चल रहा है वो दया प्रकाश सिन्हा की सोच के अनुसार ही आगे बढ़ाया जा रहा है

1–लव जिहाद और हिजाब तो बहना है निशाने पर तो बहुसंख्यक हिन्दू लड़की है
संघ और बीजेपी जिस सोच की तरफ बढ़ रहा है उस सोच के पीछे वही हिन्दुत्व का वो तालिबानी चेहरा है जिससे ज्योतिबा फुले ,राजा राम मोहन राय ,विवेकानंद,गांधी और भगत सिंह लड़े थे जी है विरोध लव जेहाद को लेकर नहीं है विरोध प्रेम विवाह से है ,विरोध हिजाब से नहीं है विरोध हिन्दू लड़कियों के जीन्स और टॉप पहने से हैं विरोध लड़कियों के आधुनिक सोच है ,क्यों कि आज भी संघ मानती है कि हिंदुत्व मेरा सर्वश्रेष्ठ है वो दिन दूर नहीं है जब आपको विज्ञान की जगह वेद और उपनिषद पढ़ने पर मजबूर किया जायेगा वो दिन दूर नहीं है जब आपको जेनुउ और भगवा ड्रेस पहनना होगा लड़कियों को साड़ी पहन कर स्कूल जाना होगा ।

2—संघ आजादी की सारी मान्यताओं को बदलना चाहता है जी है संघ भारत के आजादी को लेकर जो मान्यता रही है उसको बदलना चाहता है तिरंगा की जगह राष्ट्र ध्वज भगवा चाहता हैं,संघ देश के वर्तमान शिक्षा व्यवस्था के बदले पुरानी व्यवस्था चाहता है ,संघ वर्ण व्यवस्था को फिर से लागू करना चाहता है ,संघ जातीय आरक्षण को खत्म करना चाहता है संघ, भारत के संघीय ढांचा के खिलाफ है,संघ महिलाओं को लेकर पुरातन सोच रखता है और ये सब जो देश में चल रहा है इसके पीछे संघ का यही सोच है ।

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