Press "Enter" to skip to content

‘दलित विरोधी है बिहार सरकार’ आनंद मोहन की रिहाई के पहले नीतीश सरकार के फैसले पर भड़कीं मायावती

पटना । बिहार में पिछले कुछ दिनों से लगातार सुर्खियों में चर्चित पूर्व बाहुबली सांसद आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ अब आवाज उठने लगे हैं। देशभर के दलित नेताओं के साथ अब मायावती ने भी ट्वीट कर नीतीश कुमार को दलित विरोधी करार दे दिया है।

पूर्व बाहुबली सांसद आनंद मोहन गोपालगंज के तत्कालीन आईएएस अधिकारी जी. कृष्णैया की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे। अभी आनंद मोहन बेटे चेतन आनंद की शादी को लेकर पैरोल पर बाहर हैं।

आनंद मोहन के समर्थकों की मांग को देखते हुए नीतीश सरकार ने आनंद मोहन की रिहाई के लिए नियम में फेरबदल किया है। सरकार ने बीते 10 अप्रैल को जेल मैनुअल में जरूरी बदलाव किया है। जिसके बाद आनंद मोहन की जेल से रिहाई का रास्ता साफ हो सकता है।

BSP चीफ मायावती ने रविवार को आनंद मोहन मामले में दो ट्वीट किए। इसमें उन्होंने कहा, ‘बिहार की नीतीश सरकार द्वारा, आंध्र प्रदेश (अब तेलंगाना) महबूबनगर के रहने वाले गरीब दलित समाज से आईएएस बने बेहद ईमानदार जी. कृष्णैया की निर्दयता से की गई हत्या मामले में आनंद मोहन को नियम बदल कर रिहा करने की तैयारी देशभर में दलित विरोधी निगेटिव कारणों से काफी चर्चाओं में है।’

मायावती ने दूसरे ट्वीट में लिखा ‘आनंद मोहन बिहार में कई सरकारों की मजबूरी रहे हैं, लेकिन गोपालगंज के तत्कालीन डीएम श्री कृष्णैया की हत्या मामले को लेकर नीतीश सरकार का यह दलित विरोधी और अपराध समर्थक कार्य से देश भर के दलित समाज में काफी रोष है। चाहे कुछ मजबूरी हो किंतु बिहार सरकार इस पर जरूर पुनर्विचार करे।’

बिहार में लोकसभा चुनाव 2024 और विधानसभा चुनाव 2025 के पहले बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन को जेल से रिहा किए जाने के लिए बिहार सरकार के निर्णय पर सवाल उठ रहे हैं । लोगों का कहना है कि आनंद मोहन पर एक दलित आईएएस की हत्या के आरोप में वो जेल में हैं और सरकार यदि उन्हें रिहा करती है तो इससे साफ है बिहार सरकार दलित विरोधी है।

More from खबर बिहार कीMore posts in खबर बिहार की »
More from बड़ी खबरMore posts in बड़ी खबर »
More from बिहार ब्रेकिंग न्यूज़More posts in बिहार ब्रेकिंग न्यूज़ »
More from सियासी संग्रामMore posts in सियासी संग्राम »