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बिहार विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से पहले राजद के नेताओं के घर छापेमारी, दबिश देने पहुंची ईडी और आईटी की टीम

बिहार में केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई और ईडी की छापेमारी जारी है. बताया जा रहा है कि सीबीआई ने जॉब के बदले जमीन मामले में पटना में राजद एमएलसी सुनील सिंह और राज्यसभा सांसद अशफाक करीम के यहां भी छापेमारी चल रही है.

बिहार में राजद नेता यहां सीबीआई की छापेमारी ऐसे वक्त पर हुई, जब आज विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होना है. आरजेडी एमएलसी सुनील सिंह ने कहा, यह जानबूझकर किया जा रहा है. इसका कोई मतलब नहीं है. वे यह सोचकर जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करा रहे हैं कि डर के मारे विधायक उनके पक्ष में आ जाएंगे.

बिहार में आज सुबह से ही राजद के एमएलसी और सांसदों के ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है. इस कड़ी मे अब तक एमएलसी सुनील सिंह और राज्यसभा सांसद अशफाक करीम के ठिकाने पर छापेमारी की बात सामने आ रही थी. अब इसमें तीसरा नाम कुछ माह पहले राजद कोटे से राज्यसभा पहुंचे सांसद फैयाज अहमद और राजद नेता सुबोध राय का भी नाम सामने आ गया है.बताया जा रहा है अवैध खनन को लेकर फैयाज अहमद के मधुबनी स्थित ठिकानों पर सुबह से ही सीबीआई की टीम छापेमारी कर रही है. फैयाज अहमद को हाल में लालू प्रसाद की बड़ी बेटी मीसा भारती के साथ राज्यसभा सांसद बनने का मौका मिला था.

वहीं दूसरी तरफ पटना में राजद के पूर्व एमएलसी सुबोध राय के ठिकानों पर भी छापेमारी की बात कही जा रही है. जानकारी के अनुसार सुबोध राय के ठिकाने पर भी सीबीआई की टीम कार्रवाई करने के लिए पहुंची है. आरोप है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते जॉब लगवाने के बदले में जमीन और प्लॉट लिए गए थे. सीबीआई ने इसी मामले में जांच के बाद पिछले दिनों लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा यादव, हेमा यादव और कुछ ऐसे उम्मीदवारों पर केस दर्ज किया है, जिन्हें प्लॉट या प्रॉपर्टी के बदले जॉब दी गई.

इससे पहले सीबीआई ने मई में इस मामले में लालू यादव से जुड़ीं 17 जगहों पर छापेमारी की थी. सीबीआई की यह कार्रवाई करीब 14 घंटे तक चली थी. ये छापे लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती के पटना, गोपालगंज और दिल्ली स्थित जगहों पर ये छापेमारी की गई थी.इस मामेल में सीबीआई ने जुलाई में बड़ी कार्रवाई करते हुए लालू यादव के पूर्व ओएसडी भोला यादव को गिरफ्तार किया था.

इस दौरान सीबीआई ने बिहार के पटना और दरभंगा में चार ठिकानों पर छापे भी मारे हैं. भोला यादव 2004 से 2009 तक लालू यादव के ओएसडी रहे. लालू यादव उस वक्त केंद्रीय रेल मंत्री थे. उसी समय रेलवे में भर्ती घोटाला हुआ था. आरोप है कि भोला यादव ही घोटाले का कथित सरगना है

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