पटना से कोई 50 किलोमीटर दूर वैशाली जिले में एक गांव है अकबरपुर मलाही इस गांव के पुरुष और महिलाओं ने अपने हुनर के बल पर देश के नक्शे में अपने गांव का नाम शामिल कराने में कामायाब रहा है ।
दरअसल इस गाँव के आधा से अधिक आबादी तार के पेड़ का छड़ी और बैसाखी बना कर पूरे देश मे सप्लाई कर रहा है।गांव के हर घर मे तार के पेड़ का छड़ी बनता है। यह छड़ी बुजुर्ग और दिव्यांगों के लिए वरदान साबित हो रहा है । गाँव के इंदु शर्मा नामक महिला ने इस तार के छड़ी बनाने का काम शुरू किया था और देखते ही देखते पूरा गांव इस धंधा में जुड़ गया। गाँव के लोगो की बात मने तो भारत देश मे यह छड़ी सिर्फ अकबरपुर मलाही गाँव में बनता है।ऐसे तो लकड़ी का छड़ी हर जगह बनता होगा मगर तार के पेड़ का छड़ी सिर्फ अकबरपुर मलाही गाँव मे बनता है।।।
तार के पेड़ के छड़ी कई नामो से जाना जाता है,नबाब की छड़ी इसमें काफी खूबसूरत होता है।इसके दाम भी ज्यादा है।ऐसे एक छड़ी डेढ़ सौ से लेकर ढाई सौ के बीच बिकता है। छड़ी बनाने का कारोबार में पिछले कई सालों कर रहे अभय शर्मा ने बताया सरकार के तरफ से कोई मदद नही मिलता है।छोटे मोटे प्राईवेट फाइनेंस कर्मी से लोन पर पैसा लेकर यह धंधा को कर रहे है।अगर सरकार मदद करती तो इस उधोग को आगे और बढ़ाया जा सकता है।
इस तार की छड़ी में खास यह है कि यह छड़ी काफी मजबूत होता है और उसकी पकड़ काफी मजबूत होती है वही दूसरे लकड़ी से बना छड़ी पानी बर्दाश्त नहीं करता है वहीं तार से बना यह छड़ी पानी के साथ साथ घुन से भी बचाता है ।