“तमाशबीन हूँ मैं “
ऐसी कौन सी ताकत है जो बिहार को दहलाने की साजिश रच रहा है । दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आए दो ISI एजेंट से प्राप्त इनपुट के आधार पर रेलवे सुरक्षा बल के मंडल सुरक्षा आयुक्त ए.के लाल ने आतंकी कार्रवाई को लेकर बिहार के 13 जिलों के SP सहित रेल पुलिस को अलर्ट रहने का आदेश दिया है।
RPF के मंडल सुरक्षा आयुक्त ने समस्तीपुर, दरभंगा, सीतामढ़ी, सुपौल, मोतिहारी, बेतिया, मुजफ्फरपुर, खगड़िया, मधुबनी, बेगूसराय, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया SP सहित रेल पुलिस अधीक्षक मुजफ्फरपुर व कटिहार को पत्र जारी कर भेजा है।
दूसरी खबर बेगूसराय से है जहां विधायक के भाई के गांड़ी चालक के घर से पहले यह खबर आयी थी की दो एके47 राइफल और 200 गोली के साथ साथ 6 लाख रुपया कैस बरामद हुआ है ।अब बेगूसराय पुलिस एक एके 47 राइफल के बरामद होने की दबी जुबान से स्वीकार कर रही है। आज एसपी मीडिया से इस मसले पर बात कर सकते हैं लेकिन बड़ा सवाल यह है कि एके 47 जैसा खतरनाक हथियार 200गोली और 6 लाख कैस किस बात की तैयारी के लिए जमा किया गया था क्यों कि इस तैयारी के साथ अपराधी किसी भी बड़ी घटना को अंजाम दे सकता है ।
बेगूसराय और उसके आसपास के अपराध पर नजर रखने वाले पूर्व और वर्तमान पुलिस अधिकारी के साथ साथ अपराध जगत पर नजर रखने वाले विशेषज्ञ भी इस बरामदगी को लेकर हैरान है क्यों कि इस समय बेगूसराय में ना तो उस तरह का कोई गैंगवार चल रहा है और ना ही पंचायत चुनाव को लेकर ऐसी कोई गोलबंदी चल रही है जिसको लेकर इतनी बड़ी तैयारी कि जाये तो फिर ये जखीरा किसके लिए जुटाया गया था एक बड़ा सवाल है ।
क्यों कि बेगूसराय पुलिस जिस दबाव में है उससे लग रहा है कि यह मामला साधारण नहीं है कही ना कही इसके पीछे बड़ी साजिश है ।देखिए आगे आगे होता है क्या लेकिन एक यक्ष सवाल है बिहार जहां अभी भी स्टेट थोड़ा सोफ्ट है ऐसे में ISI बिहार को निशाने पर क्यों लेगा ।बड़ा सवाल है क्यों कि बिहार में छुपने या फिर नेपाल जाने का सबसे सहज मार्ग है ऐसे में कोई भी आंतकी संगठन अमूनन इस तरह के इलाके में आतंकी घटना को अंजाम देने से बचता है यह साधारण फर्मूला है ऐसे में कुछ दिन पूर्व दरभंगा स्टेशन के पार्सल से विस्फोटक मिलना ।
रेलवे आयुक्त द्वारा बिहार के 13 जिलों को अर्लट भेजना यह क्या दर्शाता है ।जबकि बीते कई वर्षो से आतंकवादियों के पनाह देने या फिर आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने कि बात पहले जैसे सामने नहीं आयी है जब की एक दौड़ ऐसा भी था जब पूरे देश में दरभंगा मॉड्यूल एक बड़ी आतंकी गैंग और सोच के रुप में उभरा था ।भटकल के गिरफ्तारी के बाद कोई गतिविधि देखने को नहीं मिल रही है ।
ऐसे में इस तरह का अलर्ट और फिर एके 47 जैसा हथिहार का मिलना सवाल तो खड़ा करता है कि कोई है जो बिहार को दहलाना चाह रहा है कोई जो है बिहार के शांति में खलल डालना चाह रहा है ।
क्यों कि गाँधी मैदान ब्लास्ट के पीछे किसने साजिश रची थी यह सवाल आज भी अनुत्तरित है ।