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जब हौसला बना लिया ऊँची उड़ान का, फिर देखना फिज़ूल है कद आसमान का, इसको सच किया है विवेक ने

इंसान के इरादे और हौसले ही उसकी ताकत हैं। कुछ करने का जज्बा हो, तो राह कांटो भरा ही क्यों ना हो आसान हो जाती है। जहानाबाद जिले के नोआवा गांव के ऑटो चालक के बेटे ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है। अपनी लगन और अथक प्रयास के बूते वे बिहार पुलिस में दारोगा बन गए हैं। पिता कई साल से घर चलाने के लिए ऑटो रिक्शा चला रहे हैं।

विवेक बताते हैं कि हमारी परवरिश अच्छी हो इसके लिए पिता ने जी जान से मेहनत की। बच्चों की खातिर उन्होंने जीवन में कई बलिदान किए। ऐसे में उनकी शुरुआत से ही यह ख्वाहिश थी कि कुछ ऐसा करूं जिससे हर कोई उनके पिता को सम्मान भरी नजरों से देखे। ऐसे में उन्होंने मेहनत जारी रखा और परिणाम सबके सामने है। कहते हैं कि वर्दी को जो सम्मान मिलता है उतना किसी और पेशे में नहीं है।

बेटे ने दूसरी नौकरियों के लिए भी क्वालीफाई किया है हालांकि अभी तक जॉइनिंग नहीं हुई है लेकिन बिहार पुलिस में दरोगा का रिजल्ट आने के बाद पूरे परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई है। मां ग्रहणी है बोलते बोलते गला रूंध जाता है। लेकिन पिता कहते हैं कि बेटे ने उनका सिर फख्र से ऊंचा कर दिया है।वह अपने बेटे की सफलता पर गर्व महसूस करते हैं।

सफलता हर किसी के जीवन का लक्ष्य है। जीवन चुनौतियों और अवसरों से भरा है लेकिन केवल उन्हीं लोगों के लिए जो वास्तव में अवसरों को प्राप्त करने और चुनौतियों का सामना करने के लिए संघर्ष करते हैं। कड़ी मेहनत और समर्पण सफलता की यात्रा का एकमात्र मंत्र हैं। उत्साह और कड़ी मेहनत के बिना कोई भी सफलता हासिल नहीं कर सकता। ऑटो चालक के बेटे विवेक ने यह करके दिखाया है।

ऊँची उड़ान
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