तीन सूत्री मांगों को लेकर ग्रामीणों का अनिश्चितकालीन धरना 100वें दिन भी जारी रहा। शुक्रवार को सौवें दिन धरना में दर्जनों महिलाएं भी शामिल होकर सड़क और अस्पताल के लिए अपनी आवाज बुलंद की।
लोगों ने कहा कि 100 दिन हो गए हालांकि दो मांगें पूरी हुई हैं। ग्रामिणों ने कहा कि सड़क और अस्पताल के बिना हमलोगों को जिदगी बड़ी मुश्किल में कट रही है। किसी महिला को प्रसव पीड़ा होने पर सड़क के अभाव में अस्पताल तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है।
बरसात में तो आवागमन पूरी तरह बंद हो जाता है। ऐसे में प्रसूताओं को जहानाबाद या मखदुमपुर में रिश्तेदारों के यहां शरण लेना पड़ता है। सड़क के अभाव में हमारी बेटियों उच्च शिक्षा के लिए गांव से बाहर नहीं जा पातीं।