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मैं बेपनाह अंधेरों को सुबह कैसे कहूं

आज दिवाली भी है और चार नवम्बर भी।
1974 में आज के ही तानाशाही ने लोकतंत्र के सर पर लाठियां बरसाईं थी, जिसे 74 साल के एक बुढ़े ने अपने सर और कांधे पर रोक लिया था ‌। जैसा भी था हमारा जनतंत्र तानाशाही के काल कोठरी से बाहर आया।

यह बुढ़ा आदमी वही था जो जो अपनी जवानी में आज के ही दिन 1942 में हजारीबाग जेल की ऊंची दीवारों को फांद कर निकल आया था आजादी की रथ का जुआ अपने कांधों पर लेने को। तब कांग्रेस के सभी बड़े लीडरान गांधी, नेहरू, सरोजिनी नायडू, कस्तूरबा गांधी…..सभी जेल में बंद कर दिए गए थे।

कहते हैं जिसको जयप्रकाश वह नहीं मरण से डरता है
ज्वाला को बुझते देख कुंड में स्वयं कूद जो पड़ता है।
(दिनकर)
आज हमारा जनतंत्र उससे भी घनघोर तानाशाही ही नहीं फ़ासिज़्म के अंधियारे में घिरा है। देश को ‘धन-धान्य’ देने वाला किसान करीबन एक साल से सड़कों पर है, आम जन के हित में बोलने वाले दर्जनों कवि, लेखक, अध्यापक, वकिल, कार्यकर्त्ता सालों से बिन मुकदमा जेलों में ठूंस दिए गए हैं।

84 साल के बुजुर्ग फादर स्टेन स्वामी जेल से ही अंतिम यात्रा पर निकल गये।
इसी घनघोर अंधेरे में नन्हें से दीये का संकल्प:
लड़ेंगे साथी कि दूसरा रास्ता नहीं है।

बिहार में जहरीली शराब पीने से 21 लोगों की हुई मौत

बिहार में पिछले 72 घंटों के दौरान जहरीली शराब पीने से 21 लोगों की मौत हो गयी है और दो दर्जन से अधिक लोगों का इलाज चल रहा है ।मामला बेतिया और गोपालगंज जिला से जुड़ा हुआ है ।

बेतिया से खबर आ रही है कि जिले के नौतन थाना क्षेत्र के दक्षिणी तेलहुआ गांव में 5 लोगों की मौत हुई। परिजनों का कहना है कि बुधवार शाम को इन लोगों ने गांव में शराब पी थी। देर रात तबीयत बिगड़ने लगी तो इलाज कराने अस्पताल में भर्ती करवाया। इनमें से 8 लोगों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

घटना की सूचना के बाद बेतिया प्रशासन ने चुप्पी साध ली है पुलिस कप्तान का कहना है कि जब तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आ जाता है कहना मुश्किल है कि मौत की वजह जहरीली शराब है ।

वही DM कुंदन कुमार ने बताया कि 8 लोगों की मौत की सूचना मिली है। मामला संदिग्ध प्रतीत हो रहा है। मेडिकल टीम भेजकर जांच करवाई जा रही है।

ऐसी ही सूचना गोपालगंज से आ रही है जहां जहरीली शराब पीने से अभी तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है और एक दर्जन से बिमार लोगों का इलाज चल रहा है।गोपालगंज में सबसे अधिक प्रभावित थानों में बैकुंठपुर ,सिधवलियाऔर मोहम्मद थाने क्षेत्र का दो दर्जन से अधिक गांव प्रभावित है।

दरभंगा एम्स के निर्माण का रास्ता हुआ साफ राज्य सरकार 200 एकड़ जमीन दिया।

दरभंगा सांसद गोपाल जी ठाकुर ने मिथिला के केंद्र दरभंगा में बनने वाले एम्स हेतु 200 एकड़ की भूमि स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार को निःशुल्क हस्तांतरित करने हेतु कैबिनेट निर्णय किये जाने पर बिहार के लोकप्रिय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी व बिहार सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि दरभंगा एम्स के निर्माण को लेकर लगातार सभी स्तरों पर प्रयासरत हूं।

सांसद ने कहा कि बीते दिनों कुशेश्वरस्थान उपचुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के जनसभा के दौरान दरभंगा एम्स निर्माण की दिशा में गति प्रदान करते हुए, एम्स हेतु प्रस्तावित स्थल पर सभी मूलभूत कार्यों को पूर्ण करने का आग्रह किया था ताकि शिलान्यास हेतु प्रस्तावित स्थल को जल्द से जल्द तैयार किया जा सके। उन्होंने कहा कि पूर्व में दरभंगा एम्स के प्रस्तावित स्थल के लो लैंड पर मिट्टीकरण हेतु राशि भी स्वीकृत की जा चूँकि है। उन्होंने कहा कि मिट्टीकरण के साथ- साथ बाउंड्री वाल निर्माण का कार्य भी होगा।

दरभंगा सासंद गोपाल जी ठाकुर

सांसद श्री ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में एम्स निर्माण के साथ आठ करोड़ मिथिलवासियों को अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में 1264 करोड़ की लागत से 750 बेड वाले एम्स के निर्माण मिथिला के केंद्र दरभंगा में होगा। उन्होंने कहा कि इस अत्याधुनिक अस्पताल के बन जाने से निकट भविष्य में 8 करोड़ मिथिलवासी सहित पड़ोसी देश नेपाल और पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल के करोड़ों लोग दरभंगा एम्स से लाभन्वित होंगे। उन्होंने कहा कि कुल 10 करोड़ से ऊपर की आबादी दरभंगा एम्स से लाभान्वित होगी।

सांसद गोपाल जी ठाकुर ने दीपावली की पूर्व संध्या मिथिलवासियों को ऐतिहासिक सौगात देने हेतु बिहार के लोकप्रिय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी, उपमुख्यमंत्री द्वय तारकिशोर प्रसाद जी व रेणु देवी जी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय जी, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय और दरभंगा जिला के प्रभारी मंत्री सम्राट चौधरी जी के प्रति हृदय की गहराई से आभार व्यक्त किया।

हिंसा के बीच बिहार पंचायत चुनाव का छठा चरण सम्पन्न

बिहार पंचायत चुनाव का छठा चरण हिंसा के बीच सम्पन्न हो गयी मोतिहारी,औरंगाबाद,गोपालगंज में मतदाताओं ने जमकर बवाल काटा कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं एतियातन पुलिस को गोली चलानी पड़ी है।हालांकि हिंसा के बीच भी मतदाताओं ने जमकर वोटिंग किया है मतदान समाप्ति तक 61.07 प्रतिशत वोटिंग की खबर आ रही है हालांकि अभी भी कई मतदान केन्द्रों पर वोटिंग चल ही रही है ।

इसके साथ ही छठे चरण में  26 हजार 200 पद पर चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला ईवीएम मशीन में बंद हो गया, जिसमें ग्राम पंचायत के सदस्य के 11,592 पद हैं। मुखिया के 848 पद हैं, पंचायत समिति सदस्य के 1186, जिला परिषद सदस्य के 134, ग्राम कचहरी पंच के 11592 और सरपंच के 848 पद हैं।
छठे चरण के चुनाव में आज क्या खास रहा 

1–औरंगाबाद के गोह प्रखंड के मेहंदीपुर में पुलिस पर लोगों ने मतदान केंद्र पर पथराव किया है। भीड़ को हटाने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी है। हालांकि, विवाद की वजह का अभी खुलासा नहीं हुआ है।

2–मोतिहारी के पिपरा खेम में बूथ संख्या 273 पर जमकर बवाल हुआ है। ईवीएम के 4 कंट्रोल यूनिट को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। इस घटना में करीब आधा दर्जन पुलिस पदाधिकारी घायल हो गए हैं, जिसमें दो पुलिसकर्मी को गंभीर चोट आई है। पुलिस की कार्रवाई में कई लोगों को भी चोट आई है। एक महिला सिपाही प्रिया कुमारी ने बंदूक छीनने का भी आरोप लगाई है। महिला सिपाही का मोबाइल भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया है।

3—मोतिहारी के पिपरा खेम में बूथ संख्या 273 पर बवाल हुआ , कई पुलिसकर्मी जख्मी।

4—छपरा के कुरैया पंचायत की बूथ संख्या 105 पर मुखिया प्रत्याशी जमील अंसारी को निवर्तमान मुखिया के समर्थकों ने पीटा। इसके बाद बूथ पर हंगामा हो गया।

5–नवादा के साहोपुर गांव में मतदान केंद्र पर दो प्रत्याशियों के समर्थक आपस में भिड़ गए। इस विवाद में तीन लोग जख्मी हो गए हैं।

6–लखीसराय—-महिसोना पंचायत के पंचायत समिति पद के लिए वोटिंग रद्द, दूसरे पंचायत का ईवीएम रहने के कारण चुनाव रद्द। मतदान केंद्र संख्या 128 पर पंचायत समिति पद के लिए वोटिंग रद्द।

7—छपरा- दिघवारा प्रखण्ड के बस्ती जलाल पंचायत के मध्य विद्यालय बस्ती जलाल में बोगस वोटिंग का विरोध कर रहे लोगों को पुलिस ने बूथ से खदेड़ा। एसपी संतोष कुमार बूथ पर पहुँचे। मृत व्यक्ति के नाम पर हुई वोटिंग की ग्रामीणों ने की शिकायत।

8—सहरसा के सोनबरसा प्रखंड के बसनही थाना क्षेत्र के पचलख गांव में गोली चली है. चुनावी रंजिश के कारण गोलीबारी की गई. तीन युवकों को गोली लगी है. एक युवक पंकज कामत की हालत गंभीर है. जख्मी मंगल यादव और राज कुमार ठाकुर खतरे से बाहर है. इन दोनों को गोली हाथ और पांव में लगी है. घटना का कारण पंचायत चुनाव बताया जा रहा है ।

9–वैशाली — राजापाकर प्रखंड के फरीदपुर में बूथ संख्या 147 पर जमकर हुआ हंगामा। उपद्रवियों ने ईवीएम तोड़ दी है। लोग प्रशासन पर गड़बड़ी करने का आरोप लगा रहे हैं।


10—गोपालगंज के उचकागांव प्रखंड के इटावा धाम गांव में पुलिस पर रोड़ेबाजी हुई है। एसडीएम और डीएसपी की गाड़ियों के काफिले पर पथराव हुआ है। जिससे गाड़ियों के शीशे टूटे हैं। पथराव में कई जख्मी हुए हैं। करीब 24 लोगों को हिरासत में लिया गया है।

बिहार पंचायत चुनाव के छठे चरण में 61,07 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है

उप चुनाव में जीत को लेकर जदयू कार्यालय में जश्न का माहौल सीएम ने जनता को दी बधाई

जदयू के लिए उप चुनाव में जीत कितना महत्वपूर्ण था इसका आज एसहास मुख्यमंत्री पार्टी दफ्तर में पहुंच कर रहा दिया पहली बार नीतीश कुमार के पहुंचने पर फूल की बारिश हुई पार्टी कार्यकर्ता इतना उत्साहित थे जैसे बिहार जीत लिया हो,जबकि ये दोनों सीट 2020 के विधानसभा चुनाव में भी जदयू के खाते में ही गया था

जद ज१न वाली खबर में सीएम का यह बाइट लगाना है

जीत की खुशी सीएम के चेहरे पर साफ झलक रही थी। इस दौरान उन्‍होंने जीत की बधाई दी साथ ही इशारों-इशारों में विपक्ष और खासकर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद पर खूब तंज कसा। कहा कि हमारे लिए जनता मालिक है। लेकिन उनके लिए कोई खुद मालिक हैं। हमारी दिलचस्‍पी काम करने में है। जब तक जनता चाहेगी काम करते रहेंगे।

छिटपुट घटना को छोड़कर शांति पूर्वक चल रहा है पंचायत चुनाव

छिटपुट घटनाओं को छोड़ दे तो पंचायत चुनाव के 6वें चरण के लिए 37 जिलों के 57 प्रखंडों में मतदान जारी है।हलांकि दिपावली का असर महिला वोटर पर देखने को मिल रहा है फिर भी मतदाताओं में उत्साह कोई कमी नहीं है गोपालगंज से बड़ी घटना की खबर आ रही है जहां प्रशासन पर चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए उचकागांव प्रखंड की बंकीखाल पंचायत में चुनाव के दौरान ग्रामीणों ने एसडीएम और डीएसपी के वाहन पर पथराव किया। पथराव में दोनों वाहनों के शीशे टूट गए। मामले में पुलिस ने दो दर्जन लोगों को हिरासत में लिया है।
वैशाली से ईवीएम तोड़ने की खबर आ रही है। दिन के एक बजे तक 30 से 35 प्रतिशत वोटिंग हुई है ।

पंचायत चुनाव में क्या खास है
1-दिन के एक बजे तक 30 से 35 प्रतिशत वोटिंग हुई है ।

2– सहरसा के सोनबर्षा प्रखंड के बसनही थाना क्षेत्र के पचलख गांव में गोली चली है. चुनावी रंजिश के कारण गोलीबारी की गई. तीन युवकों को गोली लगी है. एक युवक पंकज कामत की हालत गंभीर है. जख्मी मंगल यादव और राज कुमार ठाकुर खतरे से बाहर है. इन दोनों को गोली हाथ और पांव में लगी है. घटना का कारण पंचायत चुनाव बताया जा रहा है ।

3–वैशाली — राजापाकर प्रखंड के फरीदपुर में बूथ संख्या 147 पर जमकर हुआ हंगामा। उपद्रवियों ने ईवीएम तोड़ दी है। लोग प्रशासन पर गड़बड़ी करने का आरोप लगा रहे हैं।

4—गोपालगंज के उचकागांव प्रखंड के इटवा धाम गांव में पुलिस पर रोड़ेबाजी हुई है। एसडीएम और डीएसपी की गाड़ियों के काफिल पर पथराव हुआ है। जिससे गाड़ियों के शीशे टूटे हैं। पथराव में कई जख्मी हुए हैं। करीब 24 लोगों को हिरासत में लिया गया है।

5—दिपावली का असर चुनाव पर दिख रहा है महिलाए कम पहुंची है बूथ पर

6–जमुई के चकाई में नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के बाद भी सुबह 6 बजे से ही मतदाताओं की लंबी लंबी कतारें लगने लगी।

7—मुजफ्फरपुर के विशनपुर कल्याण मतदान केंद्र संख्या-171 पर दो गुटों में झड़प।

8–सीतामढ़ी के मेजरगंज प्रखंड क्षेत्र के इलाकों को छूने वाली भारत-नेपाल सीमा सील।

9—कटिहार के बरारी के बूथ संख्या 272 पर सेमापुर ओपी अध्यक्ष विजेंद्र कुमार ने पीवन जुनेर आलम को थप्पड़ जड़ दिया। बताया जाता है कि एक पीठासीन पदाधिकारी के पास मोबाइल देखकर ओपी अध्यक्ष ने थप्पड़ मार दिया। घटना के विरोध में मतदानकर्मियों ने मतदान को ठप कर दिया।

10–पूर्णिया की हरदा पंचायत के बूथ नंबर एक पर मतदाताओं और पुलिस के बीच झड़प हुई है। घटना के कुछ देर बाद स्थिति नियंत्रण में कर ली गई। फिलहाल, वहां सबकुछ सामान्‍य है।

जनता बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव चाहती है

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 और 2021 के उपचुनाव के परिणाम का संकेत साफ है कि जनता बदलाव चाहती है और इसके लिए बिहार के राजनीतिक दलों को वो लगातार संदेश भी दे रही है की नयी सोच के साथ जनता के बीच आये लेकिन बिहार की राजनीतिक दल उस संदेश को या तो समझ नहीं रही हैं या समझने को तैयार नहीं है, चाहे वो भाजपा हो ,जदयू हो या फिर राजद हो ।2010 में बिहार की जनता ने एनडीए गठबंधन को दो तिहाई बहुमत दिया था और 2015 में एक नया गठबंधन बना उसको भी जनता ने दो तिहाई बहुमत के करीब पहुंचा दिया था लेकिन दोनों चुनाव में जनता ने जिस गठबंधन पर भरोसा दिलाया था वो गठबंधन बीच में ही टूट गया इस वजह से जनता छला हुआ महसूस करने लगा । 

 2020 के विधानसभा चुनाव में जनता अपना हिसाब चुकता कर लिया और एक ऐसी पार्टी को वोट किया जिसके बारे में पता था कि वो जदयू को चुनाव हराने के लिए खड़ा है। चिराग जिस तरीके से जदयू के खिलाफ उम्मीदवार खड़ा किया था उसी तरीके से बीजेपी के खिलाफ भी उम्मीदवार खड़ा करता तो आज बिहार की राजनीति ही कुछ और हो गयी रहती क्यों कि दोनों पार्टियां 2005 से 2020 के बीच जितने भी चुनाव हुए उन चुनावों पर गौर करेंगे तो एक बात साफ है सोशल इंजीनियरिंग के नाम पर बहुत सारे ऐसे निर्णय लिये गये जिससे मतदाताओं का एक बड़ा वर्ग नाराज हो गया उसी तरह 2005 से 2020 के बीच जिस अंदाज में सरकार चलायी गयी उससे भी लोगों में खासा आक्रोश था फिर भी बिहार की जनता राजद को गले नहीं लगाया।

1—राजद की 2020 की सफलता के पीछे चिराग फैक्टर महत्वपूर्ण था  2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम पर गौर करेंगे तो प्रथम और दूसरे चरण के चुनाव में राजद की सफलता के पीछे बड़ी वजह चिराग की पार्टी रही दिनारा ,सासाराम सहित 40 के करीब ऐसी सीटें हैं जहां चिराग फैक्टर ना होता तो राजद के लिए जीत आसान नहीं होता।    एक और बात चिराग को जो लोग वोट कर रहे थे उनको पता था कि चिराग को वोट देने का मतलब है कि जदयू चुनाव हार जाएगा और हो सकता है राजद गठबंधन की सरकार भी बन जाये यह समझते हुए भी प्रथम और दूसरे चरण के मतदान के दौरान जनता चिराग को वोट दिया। मतलब नीतीश कुमार की राजनीति और सरकार चलाने की शैली से जनता इतना आक्रोशित था कि वो इस तरह का निर्णय लेने को मजबूर हो गया ।दूसरी वजह ये भी रही कि राजद एमवाई समीकरण में कुछ नये वोट को जोड़ने में कामयाब रहा था उससे भी राजद को फायदा हुआ लेकिन संदेश क्या था बिहार वर्तमान राजनीति से ऊब चुकी और बदलाव चाह रही है ।

2–सीधी लड़ाई में राजद को अभी भी नुकसान हो रहा है 2020 के विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण और 2021 के उप चुनाव में जो परिणाम आया है वह संकेत है कि सीधी लड़ाई में अभी भी लोग राजद के खिलाफ गोलबंद हो जा रहे हैं और राजद अंतिम दौर में फिसल जा रहा है मतलब बिहार की जनता अभी भी राजद के जंगलराज से अपने आपको बाहर नहीं निकाल पा रही है जबकि राजद लगातार नये वोटर को जोड़ने की कोशिश में लगा हुआ है फिर भी उन्हें सफलता नहीं मिल रही है ।

3–राजद में अभी भी बड़े बदलाव की जरूरत है 2015 के विधानसभा चुनाव के परिणाम पर गौर करिए महागठबंधन बीजेपी गठबंधन को पूरी तरह जमींदोज करने में इसलिए कामयाब रहा कि जनता को यह भरोसा था कि नीतीश के रहते हुए लालू का जंगलराज लौट नहीं सकता है और इसी भरोसा ने बीजेपी की सारी तैयारी की हवा निकाल दी। 

जिस दिन कांग्रेस,चिराग और वामपंथी बिहार की जनता को यह भरोसा दिलाने में कामयाब हो जायेगा कि राजद के नेतृत्व में सरकार भी बनेगी तो यादव और मुसलमानों की  गुंडागर्दी  नहीं चलेगा उसी दिन बिहार में एनडीए गठबंधन का खेला खत्म हो जायेगा और इसके लिए तेजस्वी को कड़े फैसले लेने पड़ेगे तेज प्रताप से रिश्ता खत्म करना होगा । 

यादव और मुसलमानों में जो अपराधी छवि के लोग हैं उससे साफ दूरी बढ़ानी पड़ेगी तभी राजद के साथ नये लोग जुड़ पायेंगे ।कांग्रेस का जनाधार हो या ना हो कांग्रेस को सम्मान जनक सीट देनी पड़ेगी और इसके लिए कांग्रेस आलाकमान को भी बिहार में कांग्रेस किस तरह की राजनीति करे इसको लेकर नये सिरे से विचार करनी होगी क्यों कि कांग्रेस का जो परंपरागत वोटर रहा है वो बीजेपी और जदयू दोनों में असहज महसूस कर रहा है और ऐसे में जैसे ही लगेगा कि कांग्रेस बदलाव के मूड में है बहुत कुछ बदल सकता है और इसके लिए कांग्रेस को चिराग से नजदीकी बढ़ानी चाहिए साथ ही कांग्रेस ऐसे लोगों को शामिल करे जो मजबूती के साथ सुशासन बनी रही इसके लिए तेजस्वी के सामने वो झुके नहीं । 

वैसे भी राजद की अब वो हैसियत नहीं है कि पुराने अंदाज में राजनीति और सरकार चला ले उन्हें सत्ता में गैर यादव और गैर मुस्लिम को मजबूत भागीदारी देनी पड़ेगी तभी कुछ बदलाव की बात सोची जा सकती है और इसके लिए दिल्ली नहीं बिहार के गांव में रात गुजारनी होगी साथ ही चुनाव के समय नहीं उससे पहले से नये वोटर कैसे जुड़े इस पर काम करने कि जरूरत है कागज पर जोड़ घटाव से काम नहीं चलने वाला है ।

4—-बीजेपी के लिए भी संदेश सही नहीं है जनता के मूड को बीजेपी भी समझने को तैयार नहीं है बीजेपी को मंथन करना चाहिए कि बिहार में यादव को लेकर जो प्रयोग 20 वर्षो से कर रहा है उस प्रयोग का प्रतिफल क्या सामने आया है बिहार में  बीजेपी 2005 से लगभग सत्ता पर काबिज है इस दौरान बीजेपी किसी एक नये वोटर को अपने साथ जोड़ने में कामयाब नहीं रहा है उलटे बनिया और सवर्ण जो इसका कोड़ वोटर रहा है वो साथ छोड़ता जा रहा है,बिहार में भी बीजेपी वही काम कर रही है जो काम राजद और जदयू कर रहा है नये नेतृत्व को उभरने नहीं देना है और हमेशा वैशाखी के सहारे सरकार में बने रहना है कभी नीतीश ,कभी उपेन्द्र कुशवाहा तो कभी रामविलास पासवान के सहारे ।जबकि 1995 से लेकर 2021 का समय काफी था अति पिछड़ा और महादलित की राजनीति में सेंधमारी करने के लिए लेकिन इस दौरान ये प्रयोग क्या करते रहे यादव को तोड़ो यादव को तोड़ो हश्र क्या हुआ 2015 के विधानसभा चुनाव में मतलब बिहार बीजेपी ने यथा स्थितिवादी को स्वीकार कर लिया ऐसे में बिहार बीजेपी आने वाले समय में इसकी ताकत और छिन होगी ये साफ दिख रही है ।

5–नीतीश कुमार की लव कुश के सहारे वापसी संभव नहीं है आज नीतीश कुमार जदयू को वही समता पार्टी वाली राजनीति के दौर में पहुंचा दिया है जहां पार्टी लव कुश से आगे बढ़ नहीं पायी थी, हाल के दिनों में नीतीश कुमार के तमाम राजनीतिक फैसले इसी और संकेत दे रहा है कि वो लवकुश समीकरण को मजबूत करना चाहता है ताकि आने वाले समय में कम से कम इन वोट के सहारे बिहार की राजनीति में बारगेनिंग करने कि स्थिति में बने रहे वैसे बिहार विधानसभा उप चुनाव के जो परिणाम आये हैं उससे नीतीश सीख लेते हुए अपनी राजनीति और सरकार चलाने के तरीके में बदलाव लाते हैं तो  तो थोड़ी स्थिति बदल सकती है  ।

पंचायत चुनाव के छठे चरण का मतदान शुरु

बिहार पंचायत चुनाव के छठे चरण का मतदान शुरु हो गया है आज 37 जिलों के 57 प्रखंडों में वोट डाले जा रहे हैं। 850 पंचायतों में हो रहे इस चुनाव में 11 हजार 959 बूथ बनाए गए हैं। मतदाताओं की कुल संख्या 67 लाख 577 है। पुरूष मतदाता 35 लाख 24 हजार 285 है तो महिला मतदाता 31 लाख 76 हजार 80 है। बूथ पर सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम हैं। मतदाता गुलाबी ठंड में अपने मतदान करने पहुंच गए हैं।छठे चरण में पदों की कुल संख्या 26 हजार 200 है, जिसमें ग्राम पंचायत के सदस्य के 11,592 पद हैं। मुखिया के 848 पद हैं, पंचायत समिति सदस्य के 1186, जिला परिषद् सदस्य के 134, और सरपंच के 848 पद हैं।

सुबह से ही मतदान केन्द्रों पर लम्बी कतारे देखी जा रही है

नीतीश का तीर लगा निशाने पर राजद की लालटेन गयी बुझ

बिहार विधानसभा उपचुनाव का जो परिणाम सामने आये हैं उससे यह संकेत साफ है कि बिहार अभी भी एमवाई समीकरण की आक्रामकता को स्वीकार करने को तैयार नहीं है ,दूसरा संदेश यह भी है कि बिहार की राजनीति में लालू अब प्रासंगिक नहीं रहे और तीसरा संदेश है बिहार की राजनीति में बनिया जाति बीजेपी का अब बपौती नहीं रहा और चौथा संदेश नीतीश की राजनीति में अब वो धार नहीं रही ।

1–एमवाई समीकरण की आक्रामकता राजद के हार की वजह बनी 
बात कुशेश्वरस्थान विधानसभा क्षेत्र के परिणाम से करते हैं 2020 में जदयू के शशिभूषण हजारी और कांग्रेस से डॉ अशोक राम चुनाव लड़े थे ।2020 के विधानसभा चुनाव में शशि भूषण हजारी को 53,980 वोट मिला था और डॉक्टर अशोक कुमार 46,758 मिला था ।

 इस बार के चुनाव में जदयू के  अमन भूषण हजारी को 59,882 और राजद के गणेश भारती 47184 वोट आया है मतलब पिछले चुनाव की तुलना में जदयू को लगभग 5902 हजार वोट अधिक मिला वही राजद उम्मीदवार को कांग्रेस से मात्र 426 वोट अधिक मिला है, संदेश क्या है पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जो स्वर्ण का वोट मिला था वो वोट पूरी तौर पर जदयू के साथ हो गया, वहीं मुसहर जाति को टिकट देकर  राजद ने जो प्रयोग किया था वह प्रयोग पूरी तौर पर विफल रहा ।उसकी वजह यह रही कि कुशेश्वरस्थान में मुसहर और यादव के बीच वर्चस्व को लेकर लड़ाई रही है इस हकीकत को राजद ने नजर अंदाज कर दिया ।

वहीं वर्षो बाद राजद का लालटेन देख कर जिस तरीके से यादव और मुस्लिम वोटर मिजाज में आ गये थे और इसका असर यह हुआ कि कुशेश्वरस्थान में सारी जाति एक साथ गोलबंद हो गये और पिछले चुनाव से लगभग 5 प्रतिशत वोट कम पड़ने के बावजूद जदयू 12 हजार से अधिक वोट से चुनाव जीत गया।

2–बिहार की राजनीति में लालू अब प्रासंगिक नहीं रहे  उप चुनाव के परिणाम ने तय कर दिया कि बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद अब प्रासंगिक नहीं रहे उनकी सभा से या फिर राजनीति शैली से भले ही यादव और मुसलमान वोटर आक्रमक हो जाते हैं वही दूसरी और अन्य वोटर राजद से अलग भी हो जाता है ।

कुशेश्वर स्थान में लालू का ही साइड इफेक्ट रहा कि सवर्ण कांग्रेस प्रत्याशी का साथ छोड़ दिया पिछले चुनाव में तारापुर से निर्दलीय चुनाव लड़े कांग्रेस प्रत्याशी को 12 हजार से अधिक वोट आया था, लेकिन इस बार 4 हजार से भी कम वोट आया यही हाल लोजपा प्रत्याशी का भी रहा कुशेश्वरस्थान में पिछले चुनाव में 12 हजार से अधिक वोट आया था और इस बार 5 हजार में सिमट कर रह गया तारापुर में भी यही स्थिति रही यहां भी पिछले चुनाव से लगभग तीन हजार वोट कम आया लोजपा को।जैसे ही गोलबंदी शुरु हुई राजपूत और ब्राह्रमण मतदाता के जाति के उम्मीदवार होने के बावजूद लोग वोट नहीं किये ।

3—बिहार की राजनीति में बनिया जाति बीजेपी का अब बपौती नहीं  रहा 2020 के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी के लाख कोशिश के बावजूद बनिया वोट में सेंधमारी करने में राजद कामयाब रहा था उस चुनाव में पांच विधायक बनिया समाज से राजद के टिकट पर चुनाव जीत कर आये , इस बार फिर तारापुर में बीजेपी के तमाम बनिया नेता के मैदान में उतरने के बावजूद बनिया वोटर में बड़ा बिखराव हुआ ,कुशेश्वर स्थान में भले ही जदयू को बड़ी जीत मिली है लेकिन यहां भी बनिया वोटर में बिखराव दिखा है भले ही  स्थानीय मुद्दा ही क्यों ना हो ।

2020 के विधानसभा चुनाव की बात करे तो जदयू को 64 हजार 199 वोट आया था और राजद को 56943 वोट आया था और जदयू 7 हजार 225 वोट से जीता था और इस बार जेडीयू – 78966 वोट प्राप्त हुआ  वही राजद को आरजेडी – 75145 आया और जदयू 3821 मतों से चुनाव जीत गया । 

मतलब इस बार के चुनाव में जदयू को पिछले चुनाव की तुलना में 14,199 वोट ज्यादा आया वही राजद को 18,202 वोट ज्यादा मिला फिर भी राजद 3821 वोट से चुनाव हार गया, बनिया का वोट राजद के साथ जुड़ा लेकिन पिछले चुनाव में लोजपा और निर्दलीय उम्मीदवार को (इस बार कांग्रेस से चुनाव लड़ रहे थे)वोट मिला वो सारा वोट जदयू में सिफ्ट कर गया मतलब सीधी लड़ाई हुई तो राजद एमवाई के अतिरिक्त वोट जोड़ने के बावजूद चुनाव हार गया ।

4–नीतीश की राजनीति में अब वो धार नहीं रही दोनों चुनाव जीतने के बावजूद ये कहना कि नीतीश कुमार की राजनीति में अब वो धार नहीं रही तोड़ अटपटा लगता है लेकिन कुशेश्वर स्थान में भी जहां जदयू जबरदस्त जीत हासिल की है वहां भी नीतीश कुमार के समीकरण वाला वोट जदयू को कैसे मिला है मंत्री संजय झा बेहतर बता सकते हैं तारापुर में भी यही स्थिति रही मतलब जदयू लव कुश और अति पिछड़ा के बदौलत राजद की तरह ही अंतिम चरण तक फाइट में बने रह सकते हैं लेकिन जीतने के लिए उन्हें सवर्ण वोटर का जबरदस्त सहयोग चाहिए यह साफ इस चुनाव में दिख रहा था कुशेश्वर स्थान और तारापुर में भी लव कुश और अति पिछड़ा और महादलित का वोटर कम नहीं है लेकिन सच्चाई यही है कि सवर्ण थोड़ा सा भी मुख मोड़ लेता तो हार निश्चित था,

 ऐसे में आने वाले चुनाव में सवर्ण और बनिया जिसके साथ खड़ा होगा उसकी सरकार बनेगी क्यों कि  बिहार की राजनीति में राजद जो प्रयोग कर रहा है वह प्रयोग उसे नीतीश के बराबरी में लाकर खड़ा कर दिया है।

तीन लोकसभाऔर बिहार के दो विधानसभा सहित 29 विधानसभा उप चुनाव सीटों पर वोटों की गिनती शुरु

आज 3 लोकसभा और 13 राज्यों की 29 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे आज आएंगे। सुबह 8 बजे सभी सीटों पर वोटों की गिनती शुरू हो गई है। इन सीटों पर 30 अक्टूबर को वोटिंग हुई थी।

29 विधानसभा सीटों में से भाजपा और जदयू के पास एक दर्जन से अधिक सीटें थी कांग्रेस के पास नौ सीटें थीं, जबकि बाकी क्षेत्रीय पार्टियों के पास थीं। जिन सीटों पर लोकसभा उपचुनाव हुए उनमें दादरा और नगर हवेली, हिमाचल प्रदेश की मंडी और मध्यप्रदेश में खंडवा शामिल हैं।

तीनों लोकसभा क्षेत्रों में मौजूदा सदस्यों के निधन के बाद वोटिंग हुई है। मार्च में भाजपा के रामस्वरूप शर्मा के निधन के बाद हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट खाली हुई थी। मध्यप्रदेश की खंडवा संसदीय सीट भाजपा सदस्य नंद कुमार सिंह चौहान के निधन से खाली हुई थी, जबकि दादरा और नगर हवेली सीट पर निर्दलीय मोहन डेलकर के निधन के कारण दोबारा वोटिंग हुई है।

राजस्थान: भाजपा-कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबला
राजस्थान में वल्लभनगर से कांग्रेस विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत और धारियावाड़ से भाजपा विधायक गौतम लाल मीणा के निधन के कारण उपचुनाव कराना पड़ा। वल्लभनगर में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने गजेंद्र सिंह शक्तावत की पत्नी प्रीति शक्तावत को टिकट दिया है, जबकि भाजपा ने हिम्मत सिंह झाला को मैदान में उतारा है।

कांग्रेस ने धारियावाड़ से नागराज मीणा को भाजपा प्रत्याशी खेत सिंह मीणा के खिलाफ मैदान में उतारा है।
मध्यप्रदेश: भाजपा-कांग्रेस के बीच जोरदार टक्कर
मध्यप्रदेश में खंडवा लोकसभा और तीन विधानसभा सीट जोबट, पृथ्वीपुर और रैगांव के नतीजे आएंगे।
बिहार: दोनों सीटों का नतीजा आना है

बिहार की दो विधानसभा सीट तारापुर और कुशेश्वर स्थान उपचुनाव हुआ है यह दोनों सीट जदयू के खाते में था । NDA ने तारापुर से जेडीयू राजीव कुमार सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है। RJD ने अरुण साव को कैंडिडेट घोषित किया है। कांग्रेस ने राजेश मिश्रा और LJP (रामविलास) ने चंदन कुमार को प्रत्याशी बनाया है।

कुशेश्वरस्थान से JDU ने दिवंगत नेता और पूर्व विधायक शशिभूषण हजारी के पुत्र अमन भूषण को प्रत्याशी बनाया है। RJD ने मुसहर जाति से ताल्लुक रखने वाले गणेश भारती को टिकट दिया है। कांग्रेस ने अतिरेक कुमार को मुकाले में उतारा है। LJP (रामविलास) ने अंजू देवी को प्रत्याशी बनाया है।

हरियाणा: अभय चौटाला के खिलाफ भाजपा के गोविंद कांडा
हरियाणा में केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) के नेता अभय चौटाला के विधायक पद से इस्तीफा देने के कारण ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र के लिए उपचुनाव हुए। इनेलो प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला के बेटे अभय चौटाला कांग्रेस उम्मीदवार पवन बेनीवाल और भाजपा-जेपी उम्मीदवार गोबिंद कांडा के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं, जो हरियाणा लोकहित पार्टी के प्रमुख और विधायक गोपाल कांडा के भाई हैं।

चौटाला के लिए यह एक अहम मुकाबला है क्योंकि अभय चौटाला ने ऐलनाबाद से 2010 का उपचुनाव जीता था जब ओम प्रकाश चौटाला ने सीट खाली कर दी थी और फिर 2014 में और 2019 के विधानसभा चुनावों में भी इसे बरकरार रखा था।
हिमाचल में विधानसभा की 3 सीटें दांव पर

लालू का दावा दोनों विधानसभा जीतेंगे


हिमाचल प्रदेश में मंडी लोकसभा और अर्की, फतेहपुर और जुब्बल-कोटखाई विधानसभा सीटों पर वोटों की गिनती होगी। मंडी संसदीय सीट पर BJP के ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर का मुकाबला कांग्रेस की प्रतिभा सिंह के साथ है। फतेहपुर से कांग्रेस ने पूर्व मंत्री स्व. सुजान सिंह पठानिया के बेटे भवानी सिंह पठानिया का मुकाबला बीजेपी के बलदेव ठाकुर के साथ है।
अर्की विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने पीसीसी महासचिव संजय अवस्थी की टक्कर बीजेपी के रतन सिंह पाल के साथ है। वहीं, जुब्बल-कोटखाई विधानसभा सीट पर कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक रोहित ठाकुर की बीजेपी की पूर्व जिला परिषद सदस्य नीलम सरकइक के साथ टक्कर है।

पश्चिम बंगाल: क्या फिर चलेगा ममता बनर्जी का खेला
पश्चिम बंगाल में चार विधानसभा सीटों गोसाबा, खरदाहा, दिनहाटा, शांतिपुर में उपचुनाव के लिए मतदान हुए हैं। TMC के विधायकों के निधन के बाद खरदाहा और गोसाबा में उपचुनाव होना है। उधर, बीजेपी के सांसद निसिथ प्रमाणिक के केंद्रीय मंत्री बनने के बाद यह सीट खाली हुई थी। वहीं, शांतिपुर से भाजपा विधायक जगन्नाथ सरकार के TMC में शामिल होने के बाद चुनाव हो रहा है।

सबसे ज्यादा असम की 5 सीटों पर मतदान
असम की पांच विधानसभा सीटों गुसाईंगांव, भबानीपुर, तामुलपुर, मरियानी और थोवरा सीटों पर उपचुनाव हुए। गुसाईंगांव और तामुलपुर के विधायकों के निधन के बाद वहां उपचुनाव की जरूरत पड़ी। वहीं भबानीपुर, मरियानी और थोवरा के विधायकों ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के लिए विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।
कर्नाटक, आंध्र, महराष्ट्र और मिजोरम का हाल
कर्नाटक की सिंदगी सीट जद (एस) विधायक एमसी मनागुली और हंगल सीट से विधायक सीएम उदासी के निधन के बाद दोनों सीटों पर वोट डाले गए हैं। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के लिए यह पहली चुनावी परीक्षा होगी, जिन्होंने बीएस येदियुरप्पा की जगह ली थी। इसके साथ ही आंध्र प्रदेश की बडवेल सीट (पहले YSRC के पास) महाराष्ट्र में देगलुर ( कांग्रेस के पास थी) और मिजोरम में तुइरियाल विधानसभा सीटों पर भी गिनती होगी।

तेलंगाना में भाजपा और TRS के बीच सीधी टक्कर
तेलंगाना के हुजूराबाद विधानसभा क्षेत्र में सत्तारूढ़ TRS, विपक्षी भाजपा और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। जमीन हथियाने के आरोपों में राज्य मंत्रिमंडल से हटाए जाने के बाद जून में एटाला राजेंदर के इस्तीफे की वजह से उपचुनाव हुआ था। आरोपों को खारिज करने वाले राजेंद्र ने TRS छोड़ दी थी। अब वे भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। परिणाम भाजपा के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका उद्देश्य 2023 के विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ TRS के विकल्प के रूप में उभरना है।
दादरा और नगर हवेली में शिवसेना के खिलाफ भाजपा
दादरा और नगर हवेली लोकसभा क्षेत्र में सात बार के निर्दलीय सांसद मोहन देलकर की पत्नी कलाबेन देलकर, भाजपा के महेश गावित और कांग्रेस के महेश धोड़ी के खिलाफ शिवसेना उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रही हैं।

ट्रांसजेंडर को पंचायत चुनाव में आरक्षण का मिलेगा लाभ

पटना हाईकोर्ट ने राज्य के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ट्रांसजेंडर अर्थात किन्नर को भी पर्याप्त आरक्षण मुहैया कराने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। वीरा यादव द्वारा दायर जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीपक कुमार सिंह ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में स्पष्टीकरण को लेकर राज्य सरकार के अधिकारियों ने चुनाव आयोग को लिखा है। याचिका के जरिये मुखिया, सरपंच, ग्राम पंचायत के सदस्य, ग्राम कचहरी के पंच सदस्यों, पंचायत समिति के सदस्यों व जिला परिषद के सदस्यों के पद पर निर्वाचन में आरक्षण की माँग की गई।

याचिका में यह भी अनुरोध किया गया है कि इस याचिका के लंबित रहने तक वर्तमान प्रावधानों के तहत उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप नहीं दिया जाए। उक्त मामले में पंचायत राज विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को 5 फरवरी, 2021 को एक पत्र भी लिखा गया था।
याचिका में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि राज्य सरकार के गृह विभाग ने कांस्टेबल / सब इंस्पेक्टर के प्रत्येक 500 पदों पर 2011 की जनगणना के मुताबिक ट्रांसजेंडर समुदाय को आरक्षण दिया जाएगा।

राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा
26 फरवरी, 2021 को त्रिस्तरीय पंचायत को लेकर अधिसूचना जारी की गई थी। इस मामले पर आगे भी सुनवाई की जाएगी।

मतगणना में हेराफेरी बर्दास्त नही –तेजस्वी

तारापुर और कुशेश्वरस्थान उपचुनाव की मतगणना को लेकर बिहार में राजनीति तेज हो गई है। इस बार RJD मतगणना के दौरान गड़बड़ी ना हो इसके लिए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी दरभंगा में और RJD के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के नेतृत्व में एक टीम तारापुर विधानसभा उपचुनाव की काउंटिंग के लिए मुंगेर में कैम्प करेंगे ।JDU उपाध्यक्ष संजय सिंह ने राजद के इस निर्णय पर पलटवार करते हुए कहा है कि RJD उपचुनाव में होने वाली हार से डर गई है।

तेजस्वी ने नीतीश को दी नसीहत कहां जनमत का सम्मान करना सीखे

बिहार विधानसभा के उपचुनाव में जिन दो सीटों पर चुनाव हुआ है वहां कल मतगणना होना है राजद शुरु से ही चुनाव के दौरान प्रशासन द्वारा हेराफेरी का आरोप लगाते रहा है चुनाव के दौरान जदयू द्वारा साड़ी और शराब बांट जाने का आरोप लगाते हुए कहा था कि जदयू चुनाव जीतने के लिए सारे हदे पार कर दिया है।

उप चुनाव में नीतीश कुमार चुनाव जीतने के लिए हदे पार कर दी है
उपचुनाव में मतगणना को लेकर राजद अर्लट मैं खुद दरभंगा में कैम्प करेंगे

हालांकि सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग के कार्यशैली पर सवाल उठाना समझ से पड़े हैं वैसे जनता का जो फैसला होगा स्वीकार करना चाहिए ।

मतगणना को लेकर आयोग अभी भी एकमत नहीं है

होईकोर्ट थैलेसीमिया के रोगियों को खून, आवश्यक दवाएं व रेफ़रल सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर संतोष जाहिर किया

पटना हाईकोर्ट ने पूर्णियां व मुजफ्फरपुर जिले समेत राज्य के अन्य जिलों में थैलेसीमिया के रोगियों को खून, आवश्यक दवाएं व रेफ़रल सुविधा उपलब्ध कराने के मामले राज्य सरकार की कार्रवाई पर संतोष जाहिर किया।चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने अमित कुमार अग्रवाल व अन्य की जनहित याचिका पर सुनवाई करने के बाद निष्पादित कर दिया।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीपक कुमार सिंह का कहना था कि करोना के संक्रमण के दौरान इन जिलों में थैलेसीमिया की वजह से मृत्यु व बीमारी की रिपोर्ट मिली है।अतः उन्हें तत्काल चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने की जरूरत थी।

याचिकाकर्ता का आगे यह भी कहना था कि राज्य भर के जिला अस्पतालों में इस बीमारी की दवाएं उपलब्ध करवाई जानी चाहिए, ताकि लोगों को इसके लिए पटना नहीं आना पड़े। ब्लड व उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं के वर्तमान स्थिति का आकलन करने को लेकर एक कमेटी बनाने की माँग किया गया था।
इसमें सीनियर मेडिकल ऑफिसर व सिविल सोसाइटी के सदस्यों को भी शामिल किया जाना चाहिए।

राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के हेल्थ सर्विसेज के एडिशनल डायरेक्टर द्वारा पटना हाई कोर्ट में दाखिल हलफनामा में बताया गया है कि राज्य सरकार सक्रिय रूप से मामले को देख रही है।ऐसे मामलों से निपटने को लेकर बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाया जा रहा है। इसको लेकर विद्यालयों व समाज में जागरूकता भी चलाया जा रहा है।
लैब की स्थापना भी की जा रही है। प्रैग्नेंट महिलाओं व उनके पतियों का स्क्रीनिंग भी किया जा रहा है ,ताकि थैलेसीमिया मेजर और सिकल सेल से प्रभावित बच्चों के जन्म होने से रोका जा सके।

गांधी मैदान ब्लास्ट मामले में चार को फांसी और दो को आजीवन कारावास की सजा सुनाई

गांधी मैदान में हुए सीरियल बम ब्लास्ट मामले में NIA कोर्ट ने 9 आतंकियों को सजा का ऐलान कर दिया है। विशेष NIA कोर्ट के जज गुरविंदर सिंह ने चार आतंकियों को फांसी की सुनाई है, जबकि दो को उम्र कैद की सजा दी गई है। दो दोषियों को 10 साल और एक को सात साल की सजा सुनाई है और एक अभियुक्त को पहले ही दोष मुक्त कर चुका है। इन चार आतंकियों को मिली फांसी की सजा

गाँधी मैदान ब्लास्ट मामले में चार को मिला मृत्युदंड


NIA कोर्ट ने इस कांड का मास्टर माइड हैदर अली उर्फ अब्दुल्लाह उर्फ ब्लैक ब्यूटी नोमान अंसारी,मो. मोजिबुल्लाह अंसारी और इम्तियाज अंसारी उर्फ आलम को फांसी की सजा दी है। साथ ही उमर सिद्दीकी और अजहरूद्दीन को उम्र कैद की सजा दी है। यह सभी छह आतंकी IPC का सेक्शन 302, 120B और UAPA एक्ट जैसे गंभीर धाराओं में दोषी करार दिए गए थे। NIA के स्पेशल PP ललित प्रसाद सिन्हा ने इन सभी के लिए फांसी की मांग की थी। इनके अलावा कोर्ट ने अहमद हुसैन और फिरोज आलम उर्फ पप्पू को 10 साल और इफ्तिखार आलम को सात साल की सजा सुनाई है। खास बात है कि इफ्तिखार की सजा 7 साल पूरी हो गई है।

https://youtu.be/V2TBT-8_Um8
बचाव पंक्ष का वकील ने कहा फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जायेंगे


कोर्ट ने कहा है कि अगर किसी आतंकी को इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करनी है तो वो 30 दिनों के अंदर कर लें, वरना सजा का यह आदेश कन्टीन्यू किया जाएगा।
गंभीर धाराओं में दोषी 6 आतंकवादियों की जानकारी
उमर सिद्दीकी – 120B/302 IPC
अजहरुद्दीन – 121/121A IPC, 18,19,20 UAPA ACT
नोमान अंसारी – 302/34 IPC
हैदर अली उर्फ अब्दुल्लाह उर्फ ब्लैक ब्यूटी – 120B/302 IPC

आतंकवाद और नक्सली हिंसा पर लगाम एनडीए सरकार की बड़ी उपलब्धि

आतंकवाद और नक्सली हिंसा पर लगाम एनडीए सरकार की बड़ी उपलब्धि

  • सुशील कुमार मोदी

-गांधी मैदान ब्लास्ट के दोषियों को सजा सुरक्षा एजेंसियों का मनोबल बढ़ाने वाला

  • पीएम मोदी ने साहस न दिखाया होता, तो भगदड़ में जाती जानें
  1. यूपीए सरकार के दस साल में आतंकियों का दुस्साहस इतना बढ़ गया था कि आये दिन न केवल देश के किसी न किसी शहर में सीरियल ब्लाट होते थे, निर्दोष लोगों की जान जाती थी, बल्कि 2013 में प्रधानमंत्री-पद के उम्मीदवार और भाजपा के वरिष्ठ नेता नरेंद्र भाई मोदी को पटना की सभा में निशाना बनाने की कोशिश की गई थी।
    एनडीए सरकार को आतंकवाद और नक्सली हिंसा पर रोक लगाने में बड़ी सफलता मिली।
  2. सात साल में जम्मू-कश्मीर को छोड़ कर देश में कहीं भी आतंकवाद को सर उठाने की हिम्मत नहीं।
    आंतरिक सुरक्षा के मुद्दे पर यह मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धि है कि आज देशवासी सुरक्षित होकर हर त्योहार मना सकते हैं।
  3. एनआइए कोर्ट ने पटना सीरियल धमाके में दोषी पाए गए 9 में से 4 को फांसी और 2 को उम्र कैद की सजा सुना कर आतंकवाद के विरुद्ध कड़ा संदेश दिया है।
    यह जांच और सुरक्षा एजेंसियों का मनोबल बढ़ाने वाला फैसला है।
  4. आठ साल पहले गांधी मैदान धमाके के समय सभास्थल पर मौजूद नरेंद्र भाई ने उस दिन अदम्य साहस और सूझबूझ का परिचय दिया था।
    उन्होंने धमके की खुफिया सूचना के बावजूद कार्यक्रम स्थगित नहीं किया और विस्फोट के बीच भाषण जारी रखते हुए जनता को एहसास नहीं होने दिया कि कोई आतंकी हमला हुआ था।
    यदि विस्फोट की बात से भगदड़ मचती, तो बड़ी संख्या में जानें जा सकती थीं।

बिहार में शराब बंदी जारी रहेंगा

नीतीश कुमार के जनता दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के दौरान आज गृह, पुलिस, सामान्य प्रशासन और जमीन जुड़े मामले की सुनवाई हुई ।इस बार भी सबसे अधिक मामला पुलिस द्वारा कारवाई नहीं किये जाने से ही जुड़ा हुआ था । इसमें एक बुजुर्ग अचानक रोने लगा। CM ने जब रोने का कारण पूछा तो बुजुर्ग ने कहा कि साहब, मेरे बेटे को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। अब मेरा कोई सहारा नहीं है।

जयप्रभा मेदांता अस्पताल बिहार के स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए मिल का पत्थर साबित होगा

इस पर CM ने वृद्ध फरियादी को DGP के पास भेजा और कहा कि DGP इस मामले को देखेंगे।जेपी सेनानी पेंशन नहीं मिलने की शिकायत लेकर पहुंचे। कहा कि 1974 में जेल गए थे। लेकिन पेंशन नहीं मिल रही। सीएम ने कहा कि अब तक कहां थे। फरियादी बेतिया जिले से आए थे।

मंहगाई के सवाल पर नीतीश ने साधी चुप्पी पूरे कहां पूरे देश का मामला इसमें मैं क्या राय दू

उन्‍हें संबंधित विभाग के अधिकारी के पास भेज दिया गया। एक बुजुर्ग आते ही रोने लगे। कहा कि जमीन के विवाद में पुलिस उनके ही बेटे को गिरफ्तार कर ले गई। एक महिला ने बताया पति की हत्‍या हो गई लेकिन न तो आज तक कोई कार्रवाई हुई न मुआवजा मिला।

कोरोना को लेकर अलर्ट सीएम ने कहां सतर्कता हटी दुर्घटना घटी इसलिए सावधान रहना है

वहीं, एक व्यक्ति ने CM से कहा कि गांव के दबंग भू-माफिया ने परेशान कर रखा है। जमीन हमारी है, वो पैसा मांगता है। मेरी पत्नी DIG से शिकायत करने पहुंची तो भू-माफिया ने चौराहे पर इज्जत लूटने की धमकी दी। सर कुछ करिए…। इस पर मुख्यमंत्री ने युवक को DGP के पास भेज दिया।

उपचुनाव के परिणाम को लेकर सीएम ने कहा जनता मालिक है उनके फैसले का सम्मान करेंगे

बेतिया से आए एक युवक ने CM के सामने कहा कि हमारे पिता पुलिस में थे। सर्विस के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। मौत के बाद हमें अनुकंपा पर नौकरी नहीं दी जा रही। पुलिस विभाग की तरफ से जानकारी दी गई कि आपके 2-2 भाई नौकरी में हैं, इसीलिए आपको अनुकंपा पर नौकरी नहीं दी जा सकती। इस पर मुख्यमंत्री ने DGP को फोन लगाकर कहा कि जब अनुकंपा पर नौकरी दी जाती है तो इस युवक को नौकरी क्यों नहीं मिली? अगर कोई तकनीकी बाधा है तो देखिए।

पुलिस ने इतना मारा कि दिव्यांग हो गए

शराबबंदी के साथ पूरा राज्य खड़ा है इसलिए शराबबंदी वापस लेने का सवाल ही नहीं

एक दिव्यांग व्यक्ति ने पुलिस की शिकायत करते हुए कहा कि कोलकाता में काम करता था। गांव आया था। एक न्योता में बाइक से गया। जब गांव लौट रहा था तो पुलिस ने पकड़ लिया। लाइसेंस मांगा तो नहीं था। इस पर पुलिस ने एक हजार रुपए मांगे। उसके पास रुपए नहीं थे। फिर पुलिस वालों ने उसे खूब मारा। वो बेहोश हो गए। बाद में पुलिस वाले ही उसे अस्पताल ले गए। जब युवक पुलिस थाने में गया तो उसका केस दर्ज नहीं किया जा रहा है। युवक ह्वील चेयर के सहारे जनता दरबार में पहुंचा था।

जनता दरबार में एक लड़की ने CM से कहा कि मेरे पापा का एक साल पहले अपहरण हो गया। भू-माफिया ने जमीन हड़प ली, अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। CM नीतीश कुमार ने तुरंत DGP को फोन कर मामले को गंभीरता से देखने को कहा।

जनता दरबार खत्म होने के बाद मीडिया के सवालों का जबाव देते हुआ कहां कि बिहार विधानसभा उपचुनाव ,शराब बंदी और कोरोना से जुड़े सवालों का जबाव दिए ।

कोरोना और सांप्रदायिकता तनाव को देखते हुए पूरे राज्य में जारी हुआ अलर्ट

दीपावली और छठ को देखते हुए राज्य सरकार ने पूरे राज्य में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है और पुलिस अधिकारियों के साथ साथ प्रशासनिक अधिकारी और मेडिकल फील्ड से जुड़े कर्मियों की छुट्टी अगले आदेश तक के लिए रद्द कर दिया गया है ।

कोरोना और सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील जिलों पर विशेष नजर रखने का निर्देश जारी किया गया है और इसके लिए रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट पर दो लेयर में सुरक्षा और स्वास्थ्य कर्मियों को तैनात किया गया है ताकि कोरोना से जुड़े प्रोटोकॉल का पूरी तौर पर पालन हो सके ।

पुलिस मुख्यालय ने इसको लेकर एक निर्देश जारी किया है डीजीपी एसके सिंघल के आदेश पर एडीजी विधि-व्यवस्था विनय कुमार ने छुट्टी पर रोक लगाने से संबंधित पत्र जारी कर दिया है। आदेश के तहत दिवाली, काली पूजा और छठ महापर्व पर विधि-व्यवस्था व सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए 12 दिनों तक पुलिसकर्मियों के सभी प्रकार के अवकाश पर रोक लगाई गई है।

हालांकि विशेष परिस्थितियों में बहुत जरूरी होने पर अवकाश दिया जा सकता है। इसकी मंजूरी जिला, रेल और अन्य इकाइयों के वरीय पुलिस अधिकारी से लेनी होगी। आदेश की कॉपी सभी जिलों के एसएसपी-एसपी के अलावा इकाइयों और बिहार विशेष सशस्त्रत्त् पुलिस के कमांडेंट को भेज दी गई है।

इसी तरह स्वास्थ्य विभाग की और से भी सभी सिविल सर्जन और डीएम को निर्देश जारी किया है जिसके तहत कोरोना प्रोटोकॉल का अनुपालन शत प्रतिशत हो इसके लिए रेलवे स्टेशन ,बस स्टेंड और एयरपोर्ट पर विशेष जांच व्यवस्था कराने का निर्देश जारी किया है ।

बिहार विधानसभा उपचुनाव का परिणाम चौकाने वाला हो सकता है!

बिहार विधानसभा उपचुनाव का परिणाम जो भी हो लेकिन चुनाव का दूरगामी प्रभाव पड़ेगा यह साफ दिख रहा है, वोटिंग ट्रेंड एनडीए के पक्ष में नहीं है ,महिला वोटर 2005 के चुनाव बाद पहली बार घर से बाहर नहीं निकली है जैसे पहले निकलती थी। वही वोटिंग प्रतिशत की बात करे तो दोनों जगह लगभग 5 प्रतिशत कम वोटिंग हुई है, अगर जदयू चुनाव हारती है तो जदयू और भाजपा के बीच दूरियां बढ़ सकती है क्यों कि इस चुनाव में भी साफ दिख रहा था कि बीजेपी का कार्यकर्ता उदासीन ही नहीं था जदयू चुनाव हार जाये इस तरह खुलकर बात भी कर रहा था दिल की सुनो उसी और इशारा था एक और बात जो पूरे मतदान के दौरान चर्चा में रहा वह था सरसों तेल की कीमत (मिथिलांचल में करुआ तेल कहते हैं) इसको लेकर महिला मतदाता चर्चा कर रही थी ,इसका कितना असर वोट पर पड़ा यह फिलहाल कहना मुश्किल है, वैसे इस बार जदयू प्रशासनिक और मीडिया प्रबंधन में बाजीगर रहा , फिर भी परिणाम क्या होगा कहना मुश्किल है क्यों कि तारापुर विधानसभा में यादव और मुसलमान भी वोट देने के लिए उस तरीके से बाहर नहीं आया जैसे आते रहे हैं ।1—मतदान का प्रतिशत कम रहा इस बार कुशेश्वरस्थान में 49% तो तारापुर में 50.04 % वोटिंग हुई है। आम चुनाव 2020 की तुलना में दोनों सीटों पर मतदान का प्रतिशत कम रहा है। 2020 के विधानसभा चुनाव में तारापुर में 54.43%, जबकि कुशेश्वरस्थान में 55.8 फीसदी वोटिंग हुई थी।बात महिला वोटर कि करे तो कुशेश्वर स्थान 49,6 प्रतिशत वोटिंग हुई है जिसमें 48,3 प्रतिशत पुरुष और 50.9%महिला वोट की है वहीं तारापुर की बात करे पुरुष की तुलना में मात्र पांच हजार अधिक वोट महिला की है ।फिर भी किसके सिर ताज बंधेगा कहना मुश्किल है

मुख्यमंत्री ने जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का किया विधिवत उद्घाटन

मुख्यमंत्री ने जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का किया विधिवत उद्घाटन

पटना, 30 अक्टूबर 2021 मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज पटना के कंकड़बाग में नवनिर्मित जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का मंत्रोच्चार एवं शंख ध्वनि के बीच फीता काटकर तथा नारियल फोड़कर विधिवत उद्घाटन किया। इसके साथ ही अब जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में इन पेशेंट-सर्विस की शुरुआत हो गई, अब मरीज यहां भर्ती होकर अपना इलाज करा सकेंगे। मुख्यमंत्री ने अस्पताल के एम०आर०आई०, रेडियेशन रुम, हार्ट कमांड सेंटर, नर्सिंग स्टेशन, आइसोलेशन यूनिट, ऑपरेशन थियेटर, इंटेंसिव केयर यूनिट, कैथ लैब्स सहित विभिन्न विभागों एवं वार्डो का मुआयना किया। मुख्यमंत्री को जयप्रभा मेदांता अस्पताल के सी०ई०ओ० डॉ० पंकज साहनी ने अस्पताल भ्रमण के दौरान अस्पताल से संबंधित विस्तृत जानकारी दी।

जयप्रभा मेदांता अस्पताल का सीएम ने किया उद्धाटन

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद, स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडे, उद्योग मंत्री श्री शाहनवाज हुसैन, पटना नगर निगम की मेयर श्रीमती सीता साहू मेदांता के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक डॉ० नरेश त्रेहान, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, जिलाधिकारी श्री चन्द्रशेखर सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक श्री उपेन्द्र शर्मा, जयप्रभा मेदांता अस्पताल के सी०ई०ओ० डॉ० पंकज साहनी सहित जयप्रभा मेदांता अस्पताल के अन्य चिकित्सकगण / कर्मी अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

जयप्रभा मेदांता अस्पताल बिहार के स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए मिल का पत्थर साबित होगा

इस अवसर पर पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बेहद खुशी की बात है कि आज पटना में जयप्रभा मेदांता अस्पताल का विधिवत उद्घाटन हुआ है। इसके लिए काफी पहले से प्रयास जारी था। जयप्रभा अस्पताल खोलने की शुरुआत वर्ष 1979 में की गई थी। श्रद्धेय लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी की इच्छा थी कि पटना में कैंसर का अस्पताल बनना चाहिए। वर्ष 2005 में जब हमलोगों को काम करने का मौका मिला तो हमलोगों ने इसका लेकर काफी विचार-विमर्श किया। अस्पताल चलाने वाले कई लोगों से वार्ता की गई लेकिन कोई तैयार नहीं हुआ। हमलोगों को खुशी है कि मेदांता के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक डॉ० नरेश त्रेहान पटना में अस्पताल चलाने को तैयार हुये। वर्ष 2006 में जयप्रभा मेदांता अस्पताल का शिलान्यास किया गया था। पिछले वर्ष अस्पताल के ओ०पी०डी० सेवा की शुरुआतक मरीज यहां आकर डॉक्टरों से इलाज करा सकें। हमलोगों की शुरु से इच्छा थी कि जल्द से जल्द अस्पताल पूरी तरह से शुरु हो जाय।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने श्री नरेश त्रेहान साहब से कहा है कि जल्द से जल्द कैंसर का इलाज भी यहां शुरु करा दीजिए क्योंकि लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी की इच्छा थी कि यहां कैंसर का अस्पताल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाकी सब बीमारियों का इलाज यहां शुरु हो गया है। इस अस्पताल का हमने मुआयना किया है। यह अस्पताल काफी अच्छा है। उन्होंने कहा कि जयप्रभा मेदांता अस्पताल में गरीब गुरबा लोगों के लिए 25 प्रतिशत बेड आरक्षित किया गया है। गरीब गुरबा लोगों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर जो निर्धारित शुल्क हैं उसी शुल्क पर यहां उनका इलाज किया जायेगा। सरकारी कर्मचारियों का भी यहां इलाज नॉर्मल रेट पर होगा। इस अस्पताल के शुरु हो जाने से बिहार के लोगों को काफी सुविधा होगी। प्राइवेट अस्पताल के रूप में मेदांता अस्पताल का देश में काफी नाम है। देश के कई जगहों पर मेदांता अस्पताल खोला गया है। पटना में भी मेदांता अस्पताल की शुरुआत हुई है यह काफी खुशी की बात है। बिहारवासियों को अब इस अस्पताल में इलाज की बेहतर सुविधा मिलेगी।

प्रदेश के सभी कामगारों का ई – श्रम पोर्टल पर होगा निबंधन:

ई-श्रम निबंधन और कार्ड वितरण समारोह संपन्न:
सामाजिक सुरक्षा के तहत श्रमिकों को मिलेगा सभी प्रकार का लाभ:
प्रदेश के सभी कामगारों का ई – श्रम पोर्टल पर होगा निबंधन:
सर्वाधिक निबंधन करने वाले तीन सामान्य सेवा केंद्र संचालक किये गए पुरस्कृत:

आज दिनांक-30.10.2021 को ई-श्रम पोर्टल (eshram.gov.in) पर निबंधित बिहार के असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के बीच ई-श्रम कार्ड का निबंधन एवं वितरण समारोह का आयोजन श्रम संसाधन विभाग, बिहार के द्वारा ‘‘दशरथ मांझी श्रम एवं नियोजन अध्ययन संस्थान, पटना’’ में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में श्री रामेश्वर तेली, माननीय केन्द्रीय राज्य मंत्री, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार रहे, अध्यक्षता श्री जिवेश कुमार, माननीय मंत्री, श्रम संसाधन विभाग द्वारा की गयी| श्री तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री, श्री रामकृपाल यादव, पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री -सह- माननीय सांसद (पाटलिपुत्र) विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

कार्यक्रम में श्रीमती वन्दना किनी, अपर मुख्य सचिव, श्रम संसाधन विभाग, श्री आलोक कुमार, विशेष सचिव, श्रम संसाधन विभाग, सुश्री रंजिता, श्रमायुक्त, बिहार, एवं विभाग के अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलन के साथ किया गया।

कार्यक्रम में ई-श्रम पोर्टल पर निबंधित बिहार के असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के बीच श्री रामेश्वर तेली, माननीय केन्द्रीय राज्य मंत्री, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा ई-श्रम कार्ड का वितरण किया गया। उन्होंने ई-श्रम पोर्टल पर बिहार के असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के निबंधन की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया गया। उन्होंने ई-श्रम पोर्टल को असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने हेतु एक अत्यंत महत्वपूर्ण कदम बताया गया।

श्री जिवेश कुमार, माननीय मंत्री, श्रम संसाधन विभाग, बिहार के द्वारा बताया गया कि देश भर में असंगठित कामगारों के सम्पूर्ण विवरण सहित एक डाटा बेस की आवश्यकता विगत कुछ वर्षों से महसूस की जा रही थी। इसी परिप्रेक्ष्य में श्रम एवं नियोजन मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा हाल के दिनों में लाँच किया गया ई-श्रम पोर्टल के दिशा में उठाया गया एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण कदम है, जिसका प्रासंगिकता लम्बे समय तक बनी रहेगी। उनके द्वारा यह भी बताया गया कि ई-श्रम पोर्टल पर निबंधित असंगठित श्रमिकों को न सिर्फ विभिन्न प्रकार की केन्द्र एवं राज्यों की कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा जा सकेगा साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर एक डाटा बेस तैयार होगा जिससे असंगठित श्रमिकों को Portability of Scheme का भी फायदा मिलेगा। साथ ही प्रवासी श्रमिकों की ट्रेकिंग भी इस पोर्टल के माध्यम सुलभ हो जायेगा। तत्काल ई-श्रम पोर्टल पर निबंधित श्रमिकों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अन्तर्गत 2 लाख रूपये का दुर्घटना कवर दिया जाएगा।

अवगत हुआ जा सकता है कि श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा देश भर के लगभग 38 करोड़ असंगठित श्रमिकों को इस पोर्टल के माध्यम से निबंधित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इनमें से बिहार के लिए कुल 3.49 करोड़ असंगठित श्रमिकों को निबंधित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। आज के तारीख में लगभग 75 लाख बिहार के असंगठित श्रमिकों का इस पोर्टल पर निबंधन किया जा चुका है।

राष्ट्रीय ई-श्रम पोर्टल पर निबंधन निरंतर जारी है, पंचायत चुनाव को लेकर भी इसपर कोई प्रभाव नहीं पड़ रह है| श्रमिक अपनी सुविधानुसार प्रातः या देर शाम निबंधन कार्य करा सकते हैं| साथ ही केद्र सरकार द्वारा प्रायोजित, श्रम योगी मानधन योजना के अंतर्गत निबंधन श्रमिकों के द्वारा कराया जा सकता है|

श्रम संसाधन विभाग, बिहार सरकार द्वारा राज्य में राष्ट्रीय ई – श्रम पोर्टल पर सर्वाधिक निबंधन करने वाले श्रेष्ठ तीन सामान्य सेवा केंद्र संचालकों (VLE) को प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया| जिसमें विभाग द्वारा प्रथम पुरस्कार के रूप में 21 हजार रूपये, द्वितीय पुरस्कार के लिए 15 हजार रूपये और तृतीय के लिए 11 हजार रूपये की राशि पुरस्कार स्वरूप दिया गया| यह प्रतिस्पर्धा प्रति माह सामान्य सेवा केंद्र संचालकों (VLE) के बीच कराया जायेगा, जिससे राज्य के सभी कामगारों का निबंधन ससमय पूरा किया जा सके और निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति की जा सके|

कार्यक्रम के दौरान ‘‘प्रयास’’ कार्यक्रम के तहत् कर्मचारी राज्य भविष्य निधि संगठन द्वारा ‘‘कर्मचारी भविष्य निधि पेंशन योजना, 1995’’ अन्तर्गत निबंधित सदस्यों को उनके सेवानिवृति के फलस्वरूप PPO (Pension Payment Oder) दिया गया।

कर्मचारी राज्य बीमा निगम के द्वारा ‘‘कोविड-19 राहत् योजना’’ अन्तर्गत बीमित व्यक्तियों के कोविड-19 के फलस्वरूप मृत्यु की स्थिति में उनके वैध आश्रितों को लाभ दिया गया।

कार्यक्रम का समापन भाषण एव धन्यवाद ज्ञापन श्रमायुक्त, बिहार द्वारा दिया गया।