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हाईकोर्ट ने हार्ईवे निर्माण के दौरान पेड़ों की कटाई पर लगायी रोक

पटना हाई कोर्ट ने नारायणपुर – मनहारी- पूर्णिया हाईवे के निर्माण के दौरान पेड़ों की कटाई को रोकने के लिये दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए फिलहाल किसी भी पेड़ की कटाई पर रोक लगा दिया। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने अधिवक्ता शाश्वत की याचिक पर सुनवाई करते हुए एन एच ए आई को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है।

याचिकाकर्ता ने बताया कि कोर्ट में सुनवाई के दौरान एनएचएआई की ओर से हाईवे निर्माण में पेड़ की कटाई करने के बजाए पेड़ को हटाकर दूसरे स्थान पर लगाने को लेकर सहमति प्रदान कर दी गई है। याचिकाकर्ता ने इस मामले में विकास व निर्माण के दौरान पेड़ो की कटाई पर रोक को लेकर 26 जुलाई, 19 को राज्य सरकार के पर्यावरण, वन व मौसम विभाग द्वारा जारी कार्यालय आदेश का भी जानकारी कोर्ट को दिया है।

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका के जरिये संबंधित विभागों से विस्तृत योजना रिपोर्ट , क्लेरेन्स सर्टिफिकेट, योजना पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर रिपोर्ट उपलब्ध करवाने को लेकर भी अनुरोध किया है। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका के जरिये काटे जाने वाले पेड़ों की संख्या, पेड़ों की उम्र, इसका पर्यावरण के लिए महत्व व पेड़ो की कटाई से आसपास के पशु- पक्षियों पर पड़ने वाले प्रभाव के आकलन करने को लेकर विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाने का भी मांग की हैं।

याचिका में इस प्रकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट व पटना हाई कोर्ट द्वारा पूर्व में दिये गए आदेशो का भी जिक्र किया गया है। याचिका में राज्य सरकार, नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया, राज्य सरकार के परिवहन विभाग, राज्य के पर्यावरण, वन व मौसम मंत्रालय, बिहार अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड व बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पार्टी बनाया गया है।
इस मामले पर आगे सुनवाई की जाएगी।

बिहार की राजनीतिक मिजाज जिस दिशा की और बढ़ चला है आने वाले समय में वह मांडल देश के लिए नजीर साबित हो सकता है ।

हालांकि बिहार विधानसभा उपचुनाव दो सीटों पर ही हो रही है लेकिन जिस तरीके से बिहार की राजनीति बदल रही है ऐसे में आने वाले समय में बिहार राजनीति के क्षेत्र में देश के सामने एक नजीर पेश कर दे कोई बड़ी बात नहीं होगी।

इस बार दो जगह पर उपचुनाव हो रहा है दोनों इलाकों का मिजाज अलग अलग है एक अंग प्रदेश से जुड़ा हुआ इलाका है तारापुर और दूसरा मिथिलांचल से जुड़ा हुआ इलाका है कुशेश्वर स्थान दोनों के मिजाज में भी बहुत बड़ा फर्क है लेकिन दोनों विधानसभा क्षेत्र में एक खास तरह की राजनीति चल रही है ।

बात पहले कुशेश्वर स्थान की करते हैं यह सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है 1995 से अभी तक इस सीट से राजद चुनाव नहीं लड़ा है यह इलाका पहले सिंघिया विधानसभा क्षेत्र में आता था और 2008 के परिसीमन के बाद यह कुशेश्वर स्थान विधानसभा क्षेत्र हो गया । बिहार में कांग्रेस और राजद के बीच गठबंधन था और यहां से कांग्रेस के कद्दावर नेता अशोक राम चुनाव लड़ते रहे हैं ऐसे में माना जा रहा था कि यह सीट कांग्रेस के खाते में ही जायेगा लेकिन राजद यहां कुछ अलग प्रयोग करना चाहता था।इसलिए राजद कांग्रेस से इस सीट को लेकर बातचीत भी नहीं किया और सीधे उम्मीदवार के नामों की घोषणा कर दिया।

राजद का कहना था कि गणेश भारती मुसहर जाति से आते हैं और कुशेश्वर स्थान विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक वोटर होने के बावजूद भी आज तक मुसहर जाति को कभी प्रतिनिधित्व नहीं मिला है इसलिए पार्टी ने गणेश भारती को टिकट देना का फैसला लिया है ।लेकिन इस फैसले के पीछे की सोच पर आप गौर करेंगे तो पता चलेगा कि जिस राजनीति के सहारे नीतीश कुमार 2005 से बिहार में राज कर रहे हैं अब उसी राजनीति को राजद आगे बढ़ा रहा है ।

जी है जो काम नीतीश कुमार जहानाबाद ,बेगूसराय जैसे सवर्ण बाहुल्य लोकसभा क्षेत्रों का सामाजिक और जातीय समीकरण बदल कर किये थे ठीक वही काम अब राजद कर रहा है। उस दौर में सवर्ण के सामने लालू के चेहरा था चाह कर के भी वो राजद के साथ नहीं जा सकता था इस मानसिकता का नीतीश कुमार ने लाभ उठाया और एक अलग तरह की राजनीति की शुरुआत बिहार में हुई।

राजद कुशेश्वर स्थान में नीतीश कुमार की उसी राजनीति तो एक कदम आगे बढ़ाया है यादव और मुसलमान साथ है ही बस मुसहर का वोट साथ ले आयेंगे तो चुनाव जीत जायेंगे ।नीतीश इस जातिये गठबंधन को रोकने के लिए जीतन राम मांझी सहित मुसहर जाति से जुड़े नेताओं को वहां कैंप तक करवा दिया, साथ ही बाढ़ और अन्य योजनाओं का जो लाभ नहीं मिला था वो रातो रात मुसहर जाति के घर पहुंच गया फिर भी बहुसंख्यक वोट राजद के साथ खड़ा दिख रहा है।और कही सवर्ण चुप हो गया तो यह सीट भी जदयू कही हार जाये तो कोई बड़ी बात नहीं होगी

अब बात तारापुर विधानसभा की करते हैं यहां 1990 से कोयरी विधायक बन रहा है इस इलाके की दूसरी जाति यादव के गुंडई की वजह से राजद से जुड़ नहीं पा रहा था और इस वजह से राजद यहां से लगातार चुनाव हार रहा था। लेकिन इस बार राजद बनिया को टिकट दे दिया है ताकी बनिया ,मुसलमान और यादव का एक नया गठजोड़ बन जाये जिसका काट चुनाव प्रचार के खत्म होने के बावजूद एनडीए नहीं निकाल पाया है, जबकि बनिया ट्रेडिशनल भाजपा और एनडीए का वोटर रहा है ।

राजद के इस चुनावी गणित को तोड़ने के लिए एनडीए से जुड़े राज्य के सभी बनिया नेता को पूरे चुनाव के दौरान तारापुर में कैंप करवा दिया , संजय जायसवाल और उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद गांव गांव में सभा किये इसके बावजूद बात नहीं बनी तो अंतिम दिन सुशील मोदी भी मैदान में उतर आये फिर भी बनिया वोटर राजद के साथ खड़ा है ।

इन सबके बावजूद जदयू प्रत्याशी का हालत पतला इसलिए है कि इन क्षेत्रों के जो सवर्ण मतदाता है पूरी कोशिश के बावजूद एनडीए के साथ नहीं जुड़े पाये हैं ऐसे में यह सीट जदयू हार जाये तो कोई बड़ी बात नहीं होगी ।राजनीतिक दल भले ही जाति का यह प्रयोग चुनाव जीतने के लिए कर रहा है लेकिन इसका प्रभाव कितनी दूर तलक पड़ा है इसको महसूस करना है तो आप गांव में जायें तो पता चलेगा कि किस तरह गांव की पूरी सामाजिक ताना बाना टूट चुकी है ।एक नया बिहार का उदय हो रहा है इसका एहसास आपको होगा ।

जी है याद करिए 1990 से पहले बिहार में कैसे चुनाव होता था और 1990 के बाद जब से मंडल का दौर आया किस तरीके से बिहार की राजनीति पूरी तौर पर बदल गयी ,और पिछड़ा राजनीति का ऐसा ध्रुवीकरण करण हुआ कि सवर्ण राजनीति हाशिए पर चली गयी और बिहार में मुख्यमंत्री और मंत्री की कुर्सी से लेकर गांव के चौपाल तक में एक नये शासक वर्ग का उदय हुआ जिसका नेतृत्व यादव कोयरी, कुर्मी और पासवान के हाथों में था ।

नीतीश कुमार इस राजनीति को और नीचे ले रहे पिछड़ा अति पिछड़ा में बट गया दलित महादलित में बट गया और देखते देखते यादव,कुर्मी और कोइरी हाशिए पर चले गये और एक नये राजनीतिक वर्ग का उदय हुआ है जिसमें साहनी, ठाकुर,चंद्रवंशी ,मंडल ,कामत चौरसिया,जैसी छोटी छोटी जातियों के हाथों सत्ता पहुंच गई, इसी तरह दलित की राजनीति पासवान और राम से आगे निकल कर सदा ,रजक और डोम के हाथों पहुंच गई है।

मतलब जाति आधारित राजनीति जो सवर्ण के हाथों से दबंग पिछड़ी और दलित जाति के हाथों में पहुंच गया वह अब पिछड़ी जाति में जो पिछड़ा है उसके हाथों में जा रहा है ,इसी तरह दलित राजनीति भी पासवान के हाथों से निकल कर सदा ,मांझी,रजक,डोम के हाथों में चला गया है।राजद को इसकी समझ 2021 के विधानसभा चुनाव के दौराना बनी और पहली बार ऐसे सीटों पर जहां यादव और मुसलमान की अच्छी आबादी है वहां तीसरी ऐसी जाति के उम्मीदवारों को टिकट दिया जो राजद का परंपरागत वोटर नहीं रहा है और इसका असर यह हुआ कि ऐसे 30 से अधिक ऐसी सीट है जहां राजद इस तरह का प्रयोग करके चुनाव जीता है।

मतलब जाति आधारित राजनीति का जो चक्र है वह अब अंतिम दौर में पहुंच चुका है क्यों कि जदयू और भाजपा द्वारा जो प्रयोग शुरू किया गया था वो अब व्यस्क हो गया है और उनके परम्परागत वोटर साथ छोड़ने लगे हैं क्यों कि एनडीए के साथ जो जाति परंपरागत रूप से जुड़ी है उसमें बनिया और सवर्ण सत्ता की चाहत रखने वाली जाति है इसलिए सत्ता में भागीदारी जो भी दल देने को तैयार हो रहा है वो उसके साथ हो जा रहे हैं ।

ऐसा नहीं है आने वाले समय में राजद का भी एमवाई समीकरण टूटेगा नहीं क्यों कि यादव सत्ता से ज्यादा दिनों तक दूर नहीं रह सकता है जैसे सवर्ण नहीं रह सकता है। इसलिए तरह का प्रयोग ज्यादा दिनों तक चलने वाला नहीं है । देखिए आगे आगे होता है क्या लेकिन इतना तय है कि आने वाले कुछ दशक के बाद जब जाति आधारित राजनीति की सर्किल पूरी हो जायेगी तो फिर बिहार में एक नयी तरह की राजनीति सामने आएगी यह दिखाई देने लगा है ।

बिक्रम मोडल हाईवे ट्रामा सेंटर शुरू करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई

पटना हाई कोर्ट ने पटना के बिक्रम में मोडल हाईवे ट्रामा सेंटर शुरू करने को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई की।चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए नोएडा स्थित हॉस्पिटल सर्विसेज कंसल्टेंसी कॉर्पोरेशन (इंडिया) लिमिटेड के प्रबंध निदेशक को नोटिस जारी किया है।

याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि वर्ष 2002 में ही ट्रामा सेंटर बन कर तैयार हो गया था।इसमें जेनरल सर्जन, ऑर्थोपेडिक सर्जन, जनरल मेडिकल डॉक्टरों, रेडियोग्राफर, प्रशिक्षित लैब टेक्नीशियन व नर्सिंग स्टाफ समेत अन्य आवश्यक मेडिकल व पैरामेडिकल स्टाफ के पदों को भरने को लेकर आदेश देने का अनुरोध किया है।

याचिकाकर्ता का कहना था कि सड़क दुर्घटना में पीड़ित व्यक्ति को तत्काल मेडिकल राहत और उपचार की जरूरत होती है। तत्काल मेडिकल उपचार मुहैया नहीं किये जाने की वजह से लोगों की जान चली जाती है, जिसे रोका जा सकता है ।साथ ही इससे मृत्यु दर में कमी आयेगी।

इतना ही नहीं मेडिकल सुविधा समय पर उपलब्ध नहीं दिए जाने की वजह से लोग विकलांगता के शिकार हो जाते हैं। ट्रामा सेंटर एक रेफ़रल अस्पताल के तौर पर भी काम करता है।

इस ट्रामा सेंटर का उद्घाटन 3 नवंबर, 2001 को तत्कालीन केंद्रीय मंत्री सी पी ठाकुर द्वारा किया गया था। इसी मुद्दे को लेकर एक जनहित याचिका पटना हाई कोर्ट में वर्ष 2004 में भी दायर की गई थी।

इस मामले पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने पटना के सिविल सर्जन को डॉक्टरों की तैनाती व पोस्टिंग किये जाने को लेकर 9 अगस्त, 2004 को ही आदेश दिया था। इसके बावजूद फिलहाल ट्रामा सेंटर तो काम नहीं कर रहा है, लेकिन ट्रामा सेंटर के परिसर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चल रहा है।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता चंदन कुमार ने बताया कि इस ट्रामा सेंटर को चालू करने को लेकर याचिकाकर्ता ने 7 जून, 2020 को प्रधानमंत्री को एक पत्र भी लिखा है। ट्रामा सेंटर को बहाल करने को लेकर राज्य सभा के सांसद विवेक ठाकुर द्वारा राज्य सभा के सत्र में 23 मार्च , 2021 को प्रश्न भी उठाया गया।

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका के जरिये यह आरोप लगाया है की राज्य सरकार की लापरवाही की वजह से इस ट्रामा सेंटर को शुरू नहीं किया जा सका है, जोकि भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है।

इस मामले में कोर्ट को सहयोग करने के लिए कोर्ट ने अधिवक्ता पुरुषोत्तम कुमार दास को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है। इस मामले पर आगे की सुनवाई 13 दिसंबर, 2021 को होगी।

उपचुनाव के आखिरी दिन नीतीश पर जमकर बरसे चिराग कहाँ नीतीश के हटाये बगैर बिहार का विकास सभंव नहीं

बिहार विधानसभा उपचुनाव के प्रचार अभियान के आखिरी दिन सभी राजनीतिक दल पूरी ताकत झोंक दिया इसी कड़ी में आज लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जमुई  सांसद चिराग पासवान जी ने कुशेश्वरस्थान विधानसभा उपचुनाव में अकबरपुर बेंक परती, बिरौल में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए अपनी पार्टी के  उम्मीदवार श्रीमती अंजू देवी के समर्थन में वोट मांगा । 

अपने संबोधन में चिराग पासवान ने नीतीश कुमार को आड़े हाथों लेते हुए  कहा कि कुशेश्वरस्थान मे मूल- भूत सुविधाओं का घोर आभाव है। जजर्र सड़क, पलायन और पंगु शिक्षा व्यवस्था ने इस विधान सभा के नागरिकों का बुरा हाल कर रखा है ।
आगे , उन्होंने  पूछा कि नीतीश कुमार अपने को ‘विकास पुरुष’ कहते है लेकिन प्रदेश में क्राइम, भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है । 16 वर्षो से बिहार की  जनता को सिर्फ बेवकूफ बनाया गया है । जब भी जनता नौकरी, शिक्षा, स्वास्थ्य  की मांग करती है तब उनको 15 साल की कहानी सुनाई जाती है ।

चिराग पासवान ने नीतीश कुमार पर जमकर साधा निशाना

 चिराग ने मौजूदा सरकार से , प्रवासी बिहारियों की हत्या और उनके स्वाभिमान पर आघात का जवाब मांगा । बिहार सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए नीतीश कुमार के विकास के नियत पर सवाल किया और पूछा कि क्या विगत चुनाव में जनता ने उनको सरकार बनाने का मैंडेट दिया था ?  सरकार का ‘ सात निश्चय’   भ्रष्टाचार से भरा है और समाज को बांटने का काम करता है ।
सभा मे मौजूद हज़ारों की संख्या में लोग ने चिराग पासवान की बातों को ध्यान से सुना और तालियों से उनका अभिवादन किया ।

सभा में मंच पर बिहार प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी जी,  बिहार संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष हुलास पांडेय जी , प्रधान महासचिव संजय पासवान जी, लोजपा (आर) प्रत्याशी अंजू देवी जी , राष्ट्रीय सचिव शंकर झा जी , प्रदेश प्रवक्ता प्रो. विनीत सिंह, ज़िला अध्यक्ष देवेंद्र झा जी , प्रखंड अध्यक्ष बालकृष्ण आचार्य जी,अल्पसंख्यक प्रकोष्ट के प्रदेश अध्यक्ष इमाम ग़ज़ाली , वरिष्ठ नेता सीमांत मृणाल जी , पूर्व प्रत्याशी संजय सिंह , श्रीमती विनीता सिंह, श्री विवेक आनंद जी  मौजूद थे ।

राजनीति के गब्बर सिंह हैं लालू, सभी वर्गों को डरा कर किया राज -सुशील कुमार मोदी

राजनीति के गब्बर सिंह हैं लालू, सभी वर्गों को डरा कर किया राज

  • सुशील कुमार मोदी
  • राबड़ी देवी ने मुखिया, प्रमुख के पदों पर बिना आरक्षण दिये कराये थे चुनाव
  • एनडीए ने खत्म किया दहशत का राज, आरक्षण का अधिकार लौटाया
  1. लालू प्रसाद राजनीति के गब्बर सिंह हैं। इनके नाम से अतिपिछड़ा, दलित और व्यवसायी काँपते हैं, क्योंकि उन्हें फिरौती के लिए अपहरण-हत्या, रंगदारी वसूली और नरसंहार की घटनाएँ नहीं भूली हैं।
    बिहार में सियासी गब्बर के डर से शाम होते दुकानों के शटर गिर जाते थे, सिनेमा के नाइट-शो बंद हो गए और रात की शादियों का चलन खत्म हो गया था।
  1. लालू प्रसाद ने “भूरा बाल साफ करो” का नारा देकर ऊँची जाति के लोगों को डराया और जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने इस वर्ग के गरीबों को 10 फीसद आरक्षण दिया, तब इसका विरोध किया।
    उन्होंने जनता को बाँट कर और डरा कर राज किया। लाठी में तेल पिलावन रैली डर पैदा करने के लिए ही की गई थी।
  2. लालू प्रसाद के लिए सारे दलित भकचोन्हर हैं, इसलिए उन्होंने इस वर्ग को सामाजिक न्याय से वंचित रखा।
    2003 में लालू-राबड़ी राज के दौरान मुखिया, प्रमुख, जिप अध्यक्ष जैसे एकल पदों पर दलितों-अतिपिछड़ों को अारक्षण दिये बिना ही चुनाव कराये गए थे।
  3. वर्ष 2008 में एनडीए सरकार ने पहली बार पंचायतों में एससी-एसटी को 17 फीसद और अतिपिछड़ों के 20 फीसद आरक्षण दिया।
    लालू प्रसाद ने जिन वर्गों के आरक्षण का अधिकार छीन लिया था, उन्हें एनडीए सरकार ने वापस दिलाया।

बेरोजगारी के मुद्दे पर तेजस्वी ने नीतीश पर साधा निशाना कहां गुमराह कर रहे हैं बिहार के युवाओं

तेजस्वी ने आज फिर नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा है मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहां कि नीतीश कुमार सिर्फ बोलते हैं रोजगार को लेकर चुनाव में बड़े बड़े वादे किये थे लेकिन एक भी वादा पूरा नहीं किये हैं उलटे इनसे जो रोजगार की बात कर रहे हैं उन्हें जेल भेजवाने का काम कर रहे हैं।

नीतीश कुमार पर तेजस्वी का बड़ा हमला इस बार विर्सजन तय है

मेरी पार्टी गांधी मैदान में बेरोजगारी को लेकर एक रैली आयोजित करने जा रही है जनवरी या फरवरी में रैला का होगा आयोजन होगा और उसमें नीतीश कुमार से हिसाब मांगा जाएगा ।

लालू प्रसाद और सोनिया गांधी के बीच नहीं हुई है बात बिहार कांग्रेस ने किया खारिज

सियासी दाव में माहिर लालू प्रसाद आज तारापुर की चुनावी रैली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से फोन पर बात होने की चर्चा करते हुए कहा कि सोनिया जी ने उनसे उनका हालचाल पूछा कि कहां और कैसे हैं। राजनीतिक मुद्दे पर भी बात हुई।

सोनिया गाँधी से बातचीत को लेकर क्या कहाँ लालू प्रसाद

सोनिया जी ने कहा कि समान विचारधारा वाले सभी दलों को राष्ट्रीय स्तर पर इकट्ठा करना है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खिलाफ एक होना है।

लालू के मुताबिक सोनिया चाहती हैं कि उपचुनाव के नतीजे के बाद सबकी बैठक बुलाकर आगे की रणनीति तय की जाए।हलाकि कांग्रेस से लालू प्रसाद के इस बयान को खारिज करते हुए कहा कि लालू जी झूठ बोल रहे हैं सोनिया जी से उनकी कोई बात नहीं हुई है ।

कांग्रेस विधायक शकील अहमद लालू प्रसाद की सोनिया गाँधी से बातचीत की बात को अफवाह बताया ।

राजनीति के जानकार बता रहे हैं कि लालू प्रसाद को पता है कि कांग्रेस और राजद में जो कुछ भी चल रहा है उस वजह से मुस्लिम वोट में बिखराव हो सकता है ।

बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास ने लालू और सोनिया के बीच बातचीत को नकारा

इसलिए रणनीति के तहत तारापुर के ईदगाह मैदान में आयोजित रैली के दौरान लालू प्रसाद ने सोनिया गांधी से बात होने कि बात कि है ताकि मुस्लिम वोट में बिखराव ना हो। क्यों कि कन्हैया और कांग्रेस से जुड़े मुस्लिम नेता के आने से मुस्लिम वोट में बिखराव बड़ी तेजी से होने लगा है ।

तंबाकू नियंत्रण के लिए सामाजिक आंदोलन जरूरीः मंगल पांडेय

तंबाकू नियंत्रण के लिए सामाजिक आंदोलन जरूरीः मंगल पांडेय
समाज को तंबाकू से दूरी बनाने के लिए किया जा रहा प्रेरित

पटना। स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने कहा कि स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत अभियान को धरातल पर उतारने के लिए स्वास्थ्य विभाग हर कदम उठा रहा है। अभियान के तहत सार्वजनिक भवनों को स्वच्छ एवं साफ रखा जाना है। इसी उद्देश्य को ध्यान रखते हुए बिहार राज्य के सभी सरकारी कार्यालय, संस्थान एवं शिक्षण संस्थान आदि परिसर को तम्बाकू मुक्त क्षेत्र घोषित किया गया है।

स्वास्थ्य विभाग ने निर्णय लिया है कि सभी सरकारी परिसर एवं स्वास्थ्य संस्थानों में तम्बाकू मुक्त परिसर का बोर्ड, होर्डिंग अथवा साइनेज लगाया जाएगा। इस निर्णय का जिलों में अनुपालन होता भी दिख रहा है। तंबाकू नियंत्रण के लिए सभी को एकजुट होकर प्रयास करने की जरूरत है, जिससे समाज को तंबाकू से दूरी बनाने के लिए प्रेरित किया जा सके। तंबाकू चबाने या धुम्रपान से होने वाली सभी परेशानियों और स्वास्थ्य जटिलताओं से लोगों को जागरूक करने के लिए बैनर, पोस्टर, होर्डिंग आदि लगाया जा रहा है।

श्री पांडेय ने कहा कि तंबाकू का सेवन जन स्वास्थ्य के लिए बड़े खतरों में से एक है। सार्वजनिक स्थानों पर थूकना स्वास्थ्य के लिए खतरा है और संचारी रोग के फैलने का एक प्रमुख कारण है। तंबाकू सेवन करने वाले की प्रवृति यत्र-तत्र थूकने की होती है। थूकने के कारण कई गंभीर बीमारी तथा कोरोना, इंसेफलाइटिस, यक्ष्मा, स्वाइन फ्लू आदि का संक्रमण फैलने की आशंका रहती है।

पर्यावरण को लेकर दो दिवसीय प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला का आयोजन किया है।

वन उत्पादकता संस्थान, रांची ने भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तत्वावधान में “राज्य REDD+ के विकास के लिए राज्य वन विभागों की क्षमता निर्माण” पर बिहार के राज्य वन विभाग के अधिकारियों के लिए 27 और 28 अक्टूबर 2021 को संस्थान में दो दिवसीय प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला का आयोजन किया है।

इस अवसर के मुख्य अतिथि श्री. अरविंदर सिंह, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने सभा को संबोधित करते हुए कार्यशाला में भाग लेने वाले अधिकारियों से पुरे कार्यक्रम के दौरान गहरी रुचि लेने और प्रशिक्षण कार्यक्रम की सफलता में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने के लिए जोर दिया और REDD+ कार्यक्रम के महत्व के बारे में बात की जो कि है वनों की कटाई और वन क्षरण, वनों के संरक्षण, वनों के सतत प्रबंधन और वन कार्बन स्टॉक में वृद्धि से उत्सर्जन को कम करने के लिए विकासशील देशों में जलवायु परिवर्तन शमन विकल्पों में से एक है। अंत में, उन्होंने सभी को शुभकामनाएं दीं और औपचारिक रूप से कार्यशाला का उद्घाटन किया।

डॉ. नितिन कुलकर्णी, निदेशक ने इस अवसर पर सभी गणमान्य व्यक्तियों, बिहार के राज्य वन विभाग के अधिकारियों, वैज्ञानिकों और तकनीकी अधिकारियों का औपचारिक रूप से स्वागत किया। उन्होंने जलवायु परिवर्तन, वनों की कटाई और वन क्षरण से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करना (REDD+), प्रशिक्षण कार्यक्रम और कार्यशाला की गतिविधियों के संचालन में समूह अभ्यासों के महत्व के बारे में एक परिचय दिया।

विशिष्ट अतिथि श्री. एके द्विवेदी, क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक ने प्रतिभागियों से कार्यशाला में सक्रिय साझेदारी की अपेक्षा जाहिर किया ताकि राज्य REDD+ कार्य योजना समय पर तैयार हो सके। बिहार के राज्य वन विभाग के अधिकारियों के संक्षिप्त परिचय के पश्चात डॉ शंभू नाथ मिश्रा, नोडल अधिकारी, वन उत्पादकता संस्थान, रांची ने उद्घाटन सत्र के लिए धन्यवाद प्रस्ताव दिया।

कार्यशाला के बाद तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया जिसमें देहरादून से REDD+ विशेषज्ञ श्री. वीआरएस रावत और डॉ. आरएस रावत ने REDD+ और राष्ट्रीय REDD+ रणनीति और एसआरएपी प्रक्रियाओं का अवलोकन’ पर व्याख्यान दिया।
प्रशिक्षण सत्र का संचालन नोडल अधिकारी श्री संजीव कुमार और डॉ. एस.एन. मिश्रा, द्वारा किया गया। राज्य वन विभाग, बिहार के अधिकारियों ने सभी गतिविधियों और चर्चा में सक्रिय रूप से भाग लिया।

इन कारकों को दूर करने के लिए आगे के समाधान और हस्तक्षेप पैकेज बिहार के संदर्भ मे मानकीकृत किए गए। सत्र की मध्यस्ता डॉ ब्लेसिंग रॉय सुचियांग, डॉ अंशुमान दास, श्री राजीव रंजन और श्री. अरविंद कुमार द्वारा किया गया। । श्री संजीव कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक के कार्बन स्टॉक में वृद्धि पर समापन टिप्पणी के बाद डॉ ब्लेसिंग रॉय सुचियांग द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने छठ घाट का लिया जायजा

मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार आज छठ पर्व के घाटों की तैयारी का जायजा लेने खुद निकले उनके साथ उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद (Deputy CM Tara Kishor Prasad)पूर्व मुख्‍य सचिव दीपक कुमार, आनंद किशोर, कमिश्नर संजय अग्रवाल, डीएम चंद्रशेखर सिंह मौजूद थे ।

दानापुर से लेकर पटना सिटी के बीच जीतने भी घाट आये सबका निरीक्षण किये और इस दौरान संपर्क पथ, सुरक्षा समेत अन्‍य बिंदुओं पर जरूरी निर्देश दिए। गांधी घाट से स्‍टीमर पर सवार होकर सीएम निकले। गंगा के बढ़े जलस्‍तर को लेकर अधिकारियों से उन्‍होंने बात की। उन्‍होंने कहा कि तीन नवंबर को एक बार फिर वे तैयारियों का जायजा लेंगे।

घाटों का निरीक्षण करने के बाद सीएम ने बताया कि पिछले साल कोरोना के कारण सबकुछ पर रोक लग गई थी। उसको छोड़कर पिछले सभी वर्षों में समय पूर्व तैयारी का जायजा लेने निकलते हैं। इस बार पानी का असर ज्‍यादा रहा है।

पानी का बहाव भी तेज है ऐसी स्थिति में विशेष सतर्कता बरतने कि जरुरत है गंगा तट पर स्थित घाट के अलावे शहर के अलग अलग मुहल्ले में भी छठ पर्व करने के लिए घाट का निर्माण करने का निर्देश है। सीएम ने कहा कि तीन नवंबर को वे फिर यहीं से शुरुआत करेंगे और कार्य की प्रगति का जायजा लेंगे।

गांधी मैदान ब्लास्ट मामले में 9 आरोपी दोषी एक साक्ष्य के अभाव में हुआ बरी

गांधी मैदान सीरियल ब्‍लास्‍ट मामले में एनआईए के विशेष जज गुरुविंदर सिंह मल्होत्रा ने इस मामले में 9 आरोपियों को दोषी करार दिया है। जबकि एक को बरी कर दिया है। कोर्ट ने इस मामले में सजा सुनाने के लिए एक नवम्‍बर की तारीख तय किया है।

अभियुक्त पक्ष के वकील वकील असगर अली

आज सुबह से ही पटना सिविल कोर्ट परिसर में गहमागहमी थी। आठ साल बाद गांधी मैदान ब्‍लास्‍ट मामले में क्‍या इंसाफ होता है, यह हर कोई जानना चाहता था। इस कांड में 10 लोगों की मौत हुई थी जबकि 89 लोग बुरी तरह घायल हो गए थे। बुधवार को आए फैसले से उनके परिवारों ने थोड़ी राहत महसूस की है। फैसले के लिए सुनवाई शुरू होने से पहले बुधवार की सुबह बेऊर जेल से सभी आरोपियों को कोर्ट लाया गया। इसके बाद कोर्ट में सजा के बिंदुओं पर सुनवाई शुरू हुई।

इस कांड में एनआईए की टीम ने अनुसंधान के बाद 21 अगस्त 2014 को हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी, नोमान अंसारी, मो. मुजिबुल्लाह अंसारी, मो. इम्तियाज आलम, अहमद हुसैन, फकरुद्दीन, मो. फिरोज असलम, इम्तियाज अंसारी, मो. इफ्तिकार आलम, अजहरुद्दीन कुरैसी और एक नाबालिग के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। कोर्ट ने फकरुद्दीदी को छोड़कर अन्‍य सभी नौ आरोपियों को दोषी करार दिया है।

एनआईए के वकील ललन कुमार

पांच दोषी बोधगया ब्लास्ट मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है
गांधी मैदान ब्‍लास्‍ट केस में बेऊर जेल में बंद 10 में से पांच आरोपियों को बोधगया ब्लास्ट मामले में भी उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है। गांधी मैदान ब्लास्ट मामले में सभी 187 लोगों की गवाही के बाद एनआईए कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है यह संयोग ही है कि कोर्ट ने गांधी ब्‍लास्‍ट मामले में इंसाफ के लिए उसी तारीख को चुना जिस तारीख को आठ वर्ष पूर्व धमाका किया गया था।

एक आरोपित को जुवेनाइल कोर्ट ने दी थी 3 साल की सजा
इस कांड का मुख्य आरोपी व साजिशकर्ता हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी समेत दस के खिलाफ एनआईए कोर्ट में चार्जशीट दायर की गई थी। सभी आरोपितों को बेउर जेल में कड़ी सुरक्षा में रखा गया है।

इस कांड में एनआईए की टीम ने अनुसंधान के बाद 21 अगस्त 2014 को हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी, नोमान अंसारी, मो. मुजिबुल्लाह अंसारी, मो. इम्तियाज आलम, अहमद हुसैन, फकरुद्दीन, मो. फिरोज असलम, इम्तियाज अंसारी, मो. इफ्तिकार आलम, अजहरुद्दीन कुरैसी और एक नाबालिग के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। अभी 10 आरोपितों के मामले की सुनवाई पूरी हुई है। ब्लास्ट मामले में जुवेनाइल बोर्ड द्वारा एक आरोपित को तीन वर्ष की कैद की सजा पहले ही सुनायी जा चुकी है।

चौराहे पर खड़ा है बिहार तय नहीं कर रहा है किस ओर जाये

बिहार विधानसभा उपचुनाव के प्रचार अभियान का आज आखिरी दिन है छह वर्ष बाद लालू प्रसाद किसी चुनावी जनसभा को संबोधित किये हैं, वही चुनाव के आखिरी दिन सुशील मोदी भी प्रचार अभियान के लिए घर से बाहर निकले, मतलब इन दो सीटों को लेकर सभी राजनीतिक दल अपना सब कुछ झोंक दिया है ।

लेकिन बिहार की सियासत 2005 में जिस जंगल राज के नैरेटिव से शुरू हुआ था आज भी वो नैरेटिव चुनावी राजनीति में बनी हुई है 2020 के विधानसभा चुनाव के तीसरे और चौथे चरण के दौरान पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार भी अंत में जंगलराज और अपहरण राज पर आकर ठहर गये थे और उसका लाभ भी मिला ।

इस उप चुनाव में भी एनडीए उस जंगलराज और अपहरण राज के नैरेटिव को भूलने नहीं दिया है नीतीश कुमार इस उप चुनाव में चार चुनावी सभा को संबोधित किये चारों सभा में वो अपने 15 वर्षो के शासन काल के दौरान किये गये कार्यों पर चर्चा करने के बाद मिया बीबी के शासन काल को याद दिलाने से भूले नहीं हैं। मतलब बिहार की जनता के अंदर उस भय को जिंदा रखना चाहते जिसमें एक नैरेटिव बनाया गया है कि लालू परिवार आयेगा तो फिर से एक बार जंगलराज लौट आयेगा।

कल लालू प्रसाद नीतीश कुमार को लेकर जो बयान दिया कि नीतीश कुमार का विसर्जन करने आये हैं उस बयान पर नीतीश कुमार कि जो प्रतिक्रिया आयी है लालू उन्हें गोली मरवा सकते हैं।लालू यादव चाहें तो गोली मरवा सकते हैं। बाकी वो कुछ नहीं कर सकते हैं। नीतीश कुमार लालू प्रसाद के इस सामान्य से बयान को भी उसी जंगलराज वाले नैरेटिव की ओर मोड़ने कि कोशिश किये है ताकि राज्य में एक बार फिर से भय का माहौल बने।

नीतीश कुमार का यह बयान आना था कि एनडीए के सभी नेता एक साथ लालू के उस बयान को लेकर मोर्चा खोल दिये
जीतन राम मांझी आज सुबह सुबह ट्वीट करके लालू प्रसाद से सवाल किया कि
आज भ्रष्टाचार,जंगलराज,दलित नरसंहार सहित कई मामलों पर आदरणीय .@laluprasadrjd जी भाषण देंगें।
और यह बताएंगे कि,
दलित नरसंहार की जरूरत क्यों पडी।

15 साल का जंगलराज बिहार के लिए क्यों जरूरी था।

इसी तरह सुशील मोदी ने ट्वीट करके लालू प्रसाद से सवाल किया कि
लालू प्रसाद बताएं कि उनके राज में सड़कें जर्जर क्यों थीं और विकास ठप क्यों था?
अपराधियों के डर से बाजार शाम के बाद बंद होते थे, उन्हें एनडीए सरकार के विकास पर सवाल उठाने से पहले अपने चौपट भकचोंधर राज का हिसाब देना चाहिए।

जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार का बयान आया है दोनों सीटों पर चुनाव की थकान मिटेगी, रंगारंग हास्य ठहाकेदार कार्यक्रम होने जा रहा है…जमूरा और चेला के साथ 15 साल जंगल राज के सुल्तान आ रहे हैं..
इस तरह एक बार फिर 2005 में जिस नैरेटिव के सहारे बिहार में सत्ता बदला था उस नैरेटिव को अभी भी एनडीए बनाये रखना चाहता है क्यों कि इसका लाभ एनडीए को आज भी मिल रहा है।

लेकिन एक बड़ा सवाल है कि इस भय के सहारे कब तक बिहार की जनता अपने मूल समस्याओं से मुख मोड़ता रहेगा 2005 में शिक्षा,स्वास्थ्य,रोजगार ,कृषि ,वाणिज्य और व्यापार में देश में बिहार की क्या स्थिति थी और आज बिहार कहां खड़ा है।
इसी तरह 2005 से पहले असंगठित क्षेत्रों में काम करने के लिए जिस संख्या में बिहार के युवा गांव छोड़ रहे थे आज उसमें कोई बदलाव आया है की नही, इसी तरह प्रति व्यक्ति आय ,बाढ़ और सुखाड़ जैसी समस्याओं के समाधान के क्षेत्रों में बिहार कहां तक पहुंचा है।

राज्य में कानून व्यवस्था में सुधार हुआ तो निवेश आना चाहिए ना 2005 के बाद कितने का निवेश हुआ है निवेश के क्षेत्र में बिहार देश के सामने कहां खड़ा है। वही लालू राज में जो व्यापारी बिहार छोड़ कर चले गये थे उनमें कितने व्यापारी लौट कर बिहार आये कई ऐसे सवाल हैं जिसके सहारे राज्य के वास्तविक राजनीति को समझा जा सकता है क्यों कि इस नैरेटिव की वजह से बिहार एक मुहाने पर आकर ठहर सा गया है बात करिए तो सवाल आप ही से होगा विकल्प क्या है। लेकिन इस विकल्पहिनता की जिम्मेवारी जनता की है इस पर कोई बता करने को तैयार नहीं है ऐसे में जरता वाली स्थिति उत्पन्न होना स्वभाविक है ,सिस्टम का करपस्ट होना स्वभाविक है,समाज के अंदर विवेक शून्यता आना स्वभाविक है मतलब हमलोग चौहारे पर खड़े है लेकिन किस और जाना है तय नहीं कर पा रहे हैं ऐसे में दुर्घटना ही होता है ना ।

गांधी मैदान ब्लास्ट मामले में आज आएगा फैसला पूरे बिहार में हाई अर्लट

आज गांधी मैदान ब्लास्ट मामले में एनआईए के विशेष जज गुरुविंदर सिंह मल्होत्रा फैसला सुनाएगे आज ही दिन आठ वर्ष पहले 27 अक्टूबर, 2013 को भाजपा की हुंकार रैली के दौरान गांधी मैदान व पटना रेलवे जंक्शन पर सिलसिलेवार बम विस्फोट किया गया था. इसमें 10 लोगों की मौत हो गयी थी और 89 लोग लोग घायल हो गये थे।इस मामले को एनआईए देख रही है एनआईए ने 11 लोगों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दायर किया था जिसमें एक आरोपी नाबालिग है ।

ब्लास्ट की शुरुआत पटना रेलवे स्टेशन से होनी थी लेकिन ब्लास्ट टीम में शामिल आतंकी बम लगाने में चुक कर दिया और लगाने के दौरान ही ब्लास्ट हो गया बाद में ब्लास्ट में घायल आतंकी से पूछताछ करने के बाद पूरे मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया जिन पर गांधी मैदान में बम ब्लास्ट करने का आरोप है ।मामले की सुनवाई पूरे 8 वर्षों तक चली।

और 6 अक्टूबर 2021 को मामले में अंतिम बहस की सुनवाई पूरी करने के बाद विशेष न्यायाधीश ने अपना निर्णय सुनाने के लिए आज की तिथि निश्चित की थी।


इस मामले में हैदर अली, मुजीब उल्लाह, अंसारी नुमान, अंसारी उमर सिद्दीकी , अजहर उद्दीन कुरेशी, फखरुद्दीन, अहमद हुसैन, इम्तियाज अंसारी, इफ्तेखार आलम और फिरोज असलम के खिलाफ एनआईए ने वर्ष 2014 में आरोप पत्र समर्पित किया था।

मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन ने अपना मुकदमा साबित करने के लिए कुल 187 गवाहों को पेश किया था।अधिकांश आरोपी झारखंड का रहने वाला है ।

आभासी दुनिया से सावधान रहे

सोशल मीडिया वाला प्रेम !

मैसेंजर और व्हाट्सएप सोशल मीडिया की सबसे असुरक्षित और खतरनाक जगहों में तब्दील होते जा रहे हैं। बहुत कम लोग हैं जो इनका इस्तेमाल सार्थक और रचनात्मक संवाद के लिए करते हैं। आमतौर पर यहां लोग टाइमपास अथवा मजे के लिए शिकार की तलाश में भटकते देखे जाते हैं।

औरतें यहां धोखे और ब्लैकमेलिंग की सबसे ज्यादा शिकार होती हैं। वे ऐसी औरतें हैं जो चैटिंग के दौरान भावुकता के कमज़ोर पलों में नितांत निजी बातों या कभी-कभी क्षणिक यौन संतुष्टि के लिए कामुक संवादों अथवा तस्वीरों का आदान-प्रदान कर जाती हैं।

मैं नहीं कहता कि हमारे-आपके इनबॉक्स में या व्हाट्सएप पर आने वाले तमाम लोग गलत होते हैं, लेकिन हम व्यक्तिगत रूप से जिन्हें जानते नहीं, उनपर भरोसा कर उनके साथ अपनी व्यक्तिगत बातें कैसे शेयर कर सकते हैं ? शायद मेरी पुलिसिया पृष्ठभूमि की वजह से हर महीने ब्लैकमेल की शिकार दो-चार महिला मित्र मुझसे सलाह मांगती ही रहती हैं।

कभी-कभी तो मर्द भी। ज्यादातर मामले अश्लील वसंवादों या तस्वीरों को सार्वजनिक करने की धमकी देकर पैसे वसूलने या अकेली मिलने के लिए बाध्य करने के होते हैं।

आभासी दुनिया प्रेम की तलाश की सही जगह नहीं है। बहुत कम भाग्यशाली लोगों की तलाश यहां पूरी होती है। इस मंच ने बहुत लोगों को ठगा और छला है और कुछ को तो आत्महत्या तक के लिए मज़बूर कर दिया है। अपवादों की बात अलग है, लेकिन प्रेम अगर आपको मिलेगा तो वास्तविक जीवन में ही मिलेगा। आभासी दुनिया के आभासी प्रेम से सावधान रहें !

लेखक –ध्रुव गुप्ता पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं

सांसद राजीव प्रताप रुडी के सांसद निधि से खरीदी गयी एम्बुलेंस मामले में हाईकोर्ट ने छपरा डीएम का दिया जांच का आदेश

पटना हाई कोर्ट ने भाजपा के वरिष्ठ नेता राजीव प्रताप रूडी के एमपी लोकल एरिया फण्ड से खरीदे गए एम्बुलेंस के दुरुपयोग की जांच सीबीआई या एसआईटी से करवाने के दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की।वेटरन फोरम फॉर ट्रांसपेरेंसी इन पब्लिक लाइफ की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को उक्त मामले को सारण के जिलाधिकारी के समक्ष आवेदन देने को कहा है।

इसके साथ ही हाई कोर्ट ने सारण के जिलाधिकारी को चार सप्ताह में याचिकाकर्ता द्वारा दाखिल किये जाने वाले अभ्यावेदन पर आदेश पारित करने को कहा है।

इस मामले में राजीव प्रताप रूडी, सारण के तत्कालीन जिलाधिकारी व सारण के सिविल सर्जन की भूमिका की भी जांच की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि याचिका के माध्यम से 64 एम्बुलेंस की खरीदारी में बरती गई कथित धांधली की भी जांच का आग्रह किया गया था। इनका उपयोग कोविड – 19 संक्रमण के दौरान नहीं हो सका और बड़ी संख्या में पार्क किया गया एम्बुलेंस सारण जिला के अमनोर शहर में एक एकांत स्थान पर पाया गया था।

याचिकाकर्ता का कहना था कि क्या एम्बुलेंस की खरीदारी में इस्तेमाल किये गए फण्ड कि वसूली बिहार व उड़ीसा पुब्लिक डिमांड रिकवरी एक्ट , 1917 के तहत नहीं कि जानी चाहिए ? याचिका में एक दैनिक अखबार में 16 सितंबर, 2021 को छपी इस खबर का भी जिक्र किया गया है, जिसमें राजीव प्रताप रूढ़ि के एम पी फण्ड से खरीदी गई एम्बुलेंस से शराब जब्त की बात कही गई है। याचिकाकर्ता का कहना था कि सारण जिला के लोगों को पब्लिक मनी से खरीदी गई, इन एम्बुलेंस का लाभ आम जनता को नहीं मिल सका।

सुशील मोदी ने लालू पर साधा निशाना कहां सभी मोर्चे पर फेल लालू विकास का हिसाब मांग रहा है

पूर्व उप मुख्यमंत्री और बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने लालू प्रसाद पर एक बार फिर साधा निशाना कहा

पहले सड़कें थीं जर्जर, हास्पीटल बेड पर सोते थे कुत्ते, गांव अँधेरे में

लालू प्रसाद 15 साल के भकचोंधर राज का हिसाब दें

  • सुशील कुमार मोदी
  1. लालू प्रसाद बतायें कि उनके राज में सड़कें जर्जर क्यों थीं और विकास ठप क्यों था?
    उनके मंत्री क्या ‘भकचोंधर’ थे कि कोई बिना सड़क बनवाये अलकतरा घोटाला कर खजाना लूट रहा था, तो कोई बीएड डिग्री घोटाला कर रहा था?
  1. राजद बताये कि उसके समय सरकारी अस्पतालों में गरीबों को डाक्टर-दवाई क्यों नहीं मिलते थे और मरीज के बेड पर कुत्ते क्यों सोते थे?
    लालू-राबड़ी सरकार कितने मेडिकल कालेज, प्रबंधन संस्थान खोलवा पायी और कितने डाक्टरों-नर्सों को नौकरी मिली?
  2. जिनके राज में शहरों को पूरी बिजली नहीं मिलती थी, गांव लालटेन-ढिबरी युग के अँधेरे में डूबे थे और अपराधियों के डर से बाजार शाम के बाद बंद होते थे, उन्हें एनडीए सरकार के विकास पर सवाल उठाने से पहले अपने चौपट भकचोंधर राज का हिसाब देना चाहिए।

बिहार विधानसभा उपचुनाव में प्रचार अभियान जोड़ पकड़ा गांव गांव घूम रहे हैं नेता

बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने आज तारापुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत असरगंज, रहमतपुर मकवा पंचायत के कोई गांव और टोलों में घर-घर जाकर जनसंपर्क अभियान चलाया। इस दौरान लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी।
जनसंपर्क अभियान के दौरान उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार सरकार ने हर वर्ग के कल्याण एवं उत्थान का प्रबंध किया है।

बिहार के सर्वांगीण विकास और आत्मनिर्भर बिहार बनाने हेतु राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार संकल्पित है। उन्होंने कहा कि बिहार की प्रगति के लिए युवा शक्ति के विकास की योजनाओं पर काम चल रहा है। युवाओं को उच्च शिक्षा में प्रोत्साहन और सुविधा प्रदान करने के लिए बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के माध्यम से 4 लाख रुपए तक की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।

नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं को 1000 रुपये प्रति माह स्वयं सहायता भत्ता दिया जा रहा है। बेहतर नौकरी प्राप्त करने में सुविधा हेतु युवाओं को संवाद कौशल, व्यवहार कौशल और कंप्यूटर ज्ञान के प्रशिक्षण की व्यवस्था कौशल विकास केंद्रों के माध्यम से की गयी है। इसके लिए सभी जिले में जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र स्थापित किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए हर जिला में मेगा स्किल सेंटर और प्रत्येक प्रमंडल के स्तर पर टूल रूम और ट्रेनिंग सेंटर की व्यवस्था सुनिश्चित की गई। उन्होंने कहा कि खेल और खिलाड़ियों के संवर्धन और विकास के लिए बिहार सरकार ने अलग से राजगीर में खेल विश्वविद्यालय के निर्माण की स्वीकृति दी है।

क्षेत्रीय प्रशासन में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित कराने के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है, वहीं महिलाओं को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से इंटर पास महिलाओं को 25000 रुपये एवं स्नातक पास महिलाओं को 50000 रुपये की राशि मुहैया कराई जा रही है। शिक्षा विभाग के माध्यम से इसके लिए 600 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि अब शहरों की तरह गांव भी सोलर स्ट्रीट लाइट से रौशन होंगे। इसके लिए पंचायती राज विभाग के माध्यम से 150 करोड़ रुपए का बजटीय प्रावधान किया गया है। शहरी गरीबों के लिए बहुमंजिला भवन बनाकर आवासन की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने के लिए विशेष योजना पर काम चल रहा है।

इस संबंध में प्राथमिक सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है। हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने हेतु 550 करोड रुपए का बजटीय प्रावधान सरकार ने किया है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने के लिए तत्परता एवं प्रतिबद्धता के साथ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार काम कर रही है।

उन्होंने आगामी 30 अक्टूबर को होने वाले तारापुर विधानसभा के उपचुनाव में मतदाताओं से अपील करते हुए कहा कि आप भारी मतों से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार को विजयी बनावें। तारापुर की जनता के आशीर्वाद से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन और मजबूत होगा। बिहार के एक-एक परिवार के हितों की रक्षा सरकार करेगी।

जनसंपर्क अभियान के दौरान विधायक श्री अरुण शंकर प्रसाद, जदयू के वरिष्ठ नेता एवं विधान पार्षद श्री लल्लन सर्राफ, पूर्व विधान पार्षद् श्री सुमन कुमार महासेठ, पूर्व जिला पार्षद् श्री लोरिक पूर्वे, भाजपा के सुजीत कुमार ललन, मुंगेर के जिला प्रभारी श्री प्रकाश भगत, व्यवसायी प्रकोष्ठ के श्री प्रवीर महासेठ, निवर्तमान मुखिया ज्योति वैद्य, जिला परिषद् के निवर्तमान सदस्य श्री अनिल वैद्य, ब्रह्मदेव पंजियार, प्रणय कुमार, श्री शशि शेखर, श्री आलोक पंजियार, श्री राजीव कुमार, श्री सच्चिदानंद, श्री दिलीप रंजन, श्री वकील प्रसाद सिंह सहित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के कई कार्यकर्तागण एवं भारी संख्या में स्थानीय नागरिक साथ रहे।

नीतीश ने कहा लालू प्रसाद और कुछ या ना करे मेरी हत्या जरुर करवा सकते हैं

बिहार विधानसभा उच्च चुनाव के दौरान नेताओं के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है आज सुबह मीडिया से बात करते हुए लालू प्रसाद ने कहा था कि मैं बिहार इसलिए आया हूं कि इस बार नीतीश का विसर्जन करवा देना है इस पर प्रतिक्रिया व्यक्ति करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि वो कुछ करे चाहे नहीं करे मेरी हत्या जरुर करवा सकते हैं नीतीश कुमार के इस बनाय से बिहार की राजनीति गरमा गयी है ।

तेजस्वी यादव ने नीतीश पर साधा निशाना कहां देश के सबसे सरे मुख्यमंत्री है नीतीश कुमार

प्रचार अभियान से लौटने बात मीडिया से बात करते हुए तेजस्वी प्रसाद ने कहा कि कल लालू प्रसाद यादव की कुशेश्वरस्थान और तारापुर में 6 साल के बाद किसी जनसभा को संबोधित करेंगे और यह जनसभा ऐतिहासिक होगी।और हम लोग दोनों सीट बड़े बहुमत से जीत रहे हैं ।

तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार देश के सबसे सरे हुए मुख्यमंत्री हैं जो ना तो महंगाई पर बात करते हैं ना भ्रष्टाचार पर बात करते हैं।उन्होंने कहा कि हम निश्चिंत हैं और दोनों स्थानों पर जनता का भारी प्यार मिल रहा है है यह लोग तो हवा मार्ग से जा रहे हैं कम से कम इनको कुशेश्वरस्थान में सड़क पर चलनी चाहिए और देखनी चाहिए।

तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि आज तक मुख्यमंत्री ने हमारी एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया विधानसभा में मैंने कई सवाल उठाए थे लेकिन आज तक मुख्यमंत्री ने किसी सवाल का जवाब नहीं दिया

बिहार में शिशु मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से भी हुयी कम: मंगल पाण्डेय

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में भी नवजात शिशु को सुरक्षित रखने में बिहार ने उपलब्धि हासिल की है। अब राज्य की शिशु मृत्यु दर देश की शिशु मृत्यु दर से एक अंक कम हो गयी है। सैंपल रजिस्ट्रेशन सर्वे ने इस साल के अक्टूबर माह में नया बुलेटिन जारी किया है। इसके अनुसार 2019 में बिहार की शिशु मृत्यु दर घटकर 29 प्रति एक हजार जीवित जन्म हो गयी है।

जबकि देश की शिशु मृत्यु दर अभी भी 30 है। पिछले वर्ष के मई माह में सैंपल रजिस्ट्रेशन सर्वे ने जो आंकडें जारी किये थे, उसके मुताबिक 2017 में बिहार की शिशु मृत्य दर 35 थी, जो वर्ष 2018 में घटाकर 32 हुयी थी। बिहार में 10 सालों में शिशु मृत्यु दर में 23 अंकों की कमी आई है। वर्ष 2009 में बिहार की शिशु मृत्यु दर 52 थी, जो वर्ष 2019 में घटकर 29 हो गयी है।


श्री पांडेय ने बताया कि स्वास्थ्य सूचकांकों को बेहतर करने में शिशु मृत्यु दर में कमी लाना जरुरी होता है। कोरोना संक्रमण की कई चुनौतियों के बाद भी बिहार सरकार ने शिशु स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण सफलता दर्ज की है। बिहार की इस उपलब्धि पर नेता प्रतिपक्ष भी विशेष ध्यान दें एवं इस सफ़लता पर हर्ष जाताने से परहेज न करें।

बिहार सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं में नित्य नए सुधार कर रही है। नेता प्रतिपक्ष को ऐसी उपलब्धि की प्रशंसा जरुर करनी चाहिए, ताकि बिहार के स्वास्थ्यकर्मी भी प्रेरित हो सकें।


श्री पांडेय ने कहा कि कोरोना काल की चुनौतियों के बीच नवजात शिशुओं की सुरक्षा के लिए उनके संपूर्ण टीकाकरण एवं नियमित स्तनपान तथा पोषण जैसे कारक महत्वपूर्ण साबित हुए हैं। स्वास्थ्य संस्थानों में प्रसव संबंधी विभिन्न प्रकार की सुविधाओं की मौजूदगी नवजात शिशु मृत्यु दर को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस दिशा में किये गये विभिन्न प्रयासों के परिणामस्वरूप राज्य में यह स्थिति बन सकी है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाये जा रहे गृह आधारित नवजात देखभाल एवं कमजोर नवजात देखभाल कार्यक्रम, संस्थागत प्रसव, स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट सहित आवश्यक नवजात देखभाल कार्यक्रम भी काफी प्रभावी साबित हुए हैं।